यूनीमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आज यानी 23 दिसंबर को ओपन होगा। निवेशक इस इश्यू के लिए 26 दिसंबर तक बिडिंग कर सकेंगे। 31 दिसंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। इस इश्यू के जरिए कंपनी टोटल ₹500 करोड़ जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी के मौजूदा निवेशक ₹ 250 करोड़ के 31,84,712 शेयर बेच रहे हैं। इसके साथ ही कंपनी ₹250 करोड़ के 31,84,712 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
यूनीमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग ने IPO का प्राइस बैंड ₹745-₹785 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 19 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹785 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,915 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 247 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,93,895 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। साल 2016 में इनकॉर्पोरेट हुई यूनिटेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग
यूनिटेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग साल 2016 में इनकॉर्पोरेट हुई है। कंपनी मैकेनिकल असेंबली, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम और एयरोइंजन और एयरफ्रेम प्रोडक्शन के लिए कंपोनेंट जैसे कॉम्प्लेक्स टूल्स की मैन्युफैक्चरिंग का काम करती है। यूनिमेक एयरोस्पेस एंड मैन्युफैक्चरिंग ग्लोबल एयरोस्पेस, सेमी-कंडक्टर, एनर्जी OEM और उनके लाइसेंसधारियों के लिए एयरो टूलिंग, ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सब-असेंबली और अन्य इंजीनियर कंपोनेंट जैसे अहम पार्ट्स की सप्लाई के लिए ग्लोबल सप्लाई चेन में एक अहम कड़ी है। इसके प्रमुख क्लाइंट्स में टॉप ग्लोबल एयरफ्रेम और एयरो-इंजन OEM और उनके अप्रुव्ड लाइसेंसी शामिल हैं। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।
DEI is like a woke IED for the left’s war against our military. We must defuse it
A war is being waged against American society. The goal? To disrupt it, break it down and remake it in a completely different way. This sort of assault falls under…
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