न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर लू विंसेंट ने कहा है कि वे भारत में फिक्सिंग की दुनिया में दाखिल हुए और उन्हें फंसाया गया। पूर्व बल्लेबाज ने बताया कि इंडियन क्रिकेट लीग में खेलने के दौरान वे कैसे मैच फिक्सिंग की दुनिया में आ गए थे। उन्होंने बताया कि उस समय एक गिरोह का हिस्सा होने से उन्हें अपनेपन का एहसास हुआ, क्योंकि वे अवसाद से जूझ रहे थे। 46 साल के विंसेंट को 2014 में ECB ने मैच फिक्सिंग के लिए 11 बार आजीवन प्रतिबंध लगाया था, हालांकि पिछले साल प्रतिबंध को संशोधित कर उन्हें घरेलू क्रिकेट में शामिल होने की अनुमति दे दी गई। विंसेंट ने 2000 के दशक में ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में शतक लगाकर अपने करियर की शुरुआत की थी। डिप्रेशन और मैच फिक्सिंग में शामिल होने के कारण उनका इंटरनेशनल करियर 29 साल की उम्र में समय से पहले ही समाप्त हो गया था। द टेलीग्राफ को दिए विंसेंट के इंटरव्यू के कुछ अंश… विसेंट की बात… मेरे अंदर प्रोफेशनल खिलाड़ी बनने की मानसिक क्षमता नहीं थी, इसलिए मैं 28 साल की उम्र में डिप्रेशन में चला गया। फिर मैं भारत चला गया और वहां मुझे फिक्सिंग की दुनिया में घसीटा गया। मैं खुद को गैंग का हिस्सा समझता था। विंसेंट की मुख्य बातें… 2014 में लगा था लाइफ टाइम बैन
ECB ने 2014 में विंसेंट पर लाइफ टाइम बैन लगाया था। उसी साल फरवरी में विंसेंट ने कहा था कि बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) के दौरान बुकीज ने उनसे संपर्क किया। हालांकि, तब उन्होंने मैच फिक्सिंग की बात नहीं स्वीकार थी। उन पर दिसंबर 2013 में मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे। एक बार उन्होंने कहा था- ‘माई नेम इज लू विंसेंट एंड आई एम ए चीट’। विंसेंट ने आगे कहा कि मैंने अपने पोजीशन का गलत इस्तेमाल किया और मैच फिक्सिंग के लिए पैसा लिया। ————————————– क्रिकेट से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… साउथ अफ्रीका ने पहले टी-20 में पाकिस्तान को हराया साउथ अफ्रीका ने पहले टी-20 में पाकिस्तान को 11 रन से हरा दिया। टीम 3 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। पाकिस्तान की टीम साउथ अफ्रीका दौरे पर है, जहां दोनों टीमों के बीच 3 टी-20, 3 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेले जाने हैं। पढ़ें पूरी खबर
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