भारतीय ऑफ स्पिनर अश्विन के पिता रविचंद्रन ने कहा कि उनका बेटा प्लेइंग-11 में नहीं चुने जाने से नाराज था। उसे विदेश में युवा ऑफ स्पिनर से रिप्लेस होना अपमान की तरह लग रहा था। इसी अपमान के चलते शायद अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर होने का फैसला किया। 18 दिसंबर को ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट ड्रॉ हो गया था। अश्विन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिटायरमेंट का ऐलान किया। एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, अश्विन ने रोहित से कह दिया था कि अगर प्लेइंग-11 में उनकी जगह नहीं बनती तो बेहतर होगा, वह टीम के साथ ट्रैवल भी न करें। पिता को नहीं थी रिटायरमेंट की जानकारी
रविचंद्रन ने न्यूज-18 को बताया, ‘मुझे भी संन्यास के बारे में बुधवार को ही पता चला। रिटायर होना उसका निजी फैसला है, मैं उसे रोकना नहीं चाहता, लेकिन जिस तरीके से वह रिटायर हुआ, इसके कई कारण हो सकते हैं। यह सिर्फ अश्विन जानता है।’ इमोशनल हो गया था परिवार
रविचंद्रन ने कहा, ‘परिवार के लिए बहुत इमोशनल मोमेंट है, क्योंकि वह 14-15 साल तक फील्ड पर ही रहा। अचानक संन्यास लेने से परिवार को चौंक गया। हमें पिछले दिनों से लग ही रहा था कि ऑस्ट्रेलिया में वह अपमानित महसूस कर रहा है। आखिर कितने दिनों तक वह इसे झेलता। इसलिए उसने रिटायर होने का फैसला कर लिया होगा।’ अश्विन को थोड़ा और खेलते देखना चाहते थे पिता
रविचंद्रन ने कहा, ‘मुझे नहीं पता उसके दिमाग में क्या चल रहा था। उसने बस अनाउंस कर दिया। मैंने इसे स्वीकार किया। मैं इस बात का विरोध नहीं करना चाहता, लेकिन जिस तरीके से उसने रिटायरमेंट लिया, मेरे अंदर का एक हिस्सा नाराज है। मुझे अब भी लगता है कि उसे भारत के लिए थोड़ा और खेलना चाहिए था।’ रिटायरमेंट के बाद भारत लौटे अश्विन
अश्विन ने बुधवार को ब्रिस्बेन टेस्ट के बाद रिटायरमेंट अनाउंस किया। टीम मेंबर्स ने उनके लिए केक काटा, यहां अश्विन ने टीम से जुड़ीं यादें शेयर कीं। रिटायरमेंट के बाद वह गुरुवार को भारत लौट आए और सीधे परिवार के पास पहुंचे। BGT में एक ही मैच खेल सके अश्विन
आर अश्विन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज के एक ही मैच में खेलने का मौका मिला। पर्थ टेस्ट की प्लेइंग-11 में इकलौते स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर रहे, वहीं एडिलेड के डे-नाइट टेस्ट में अश्विन शामिल किए गए। जबकि ब्रिस्बेन टेस्ट में अश्विन की जगह रवींद्र जडेजा को मौका मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अश्विन को लगा कि वह अब टीम के फर्स्ट चॉइस ऑफ स्पिनर नहीं रहे। इसलिए उन्होंने पर्थ टेस्ट के बाद ही रिटायरमेंट का प्लान बना लिया था। हालांकि, रोहित जब ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो उन्होंने अश्विन को एक और टेस्ट खेलने के लिए मना लिया। अश्विन ने एडिलेड टेस्ट खेला, वह ब्रिस्बेन में बेंच पर बैठे रहे और फिर रिटायर हो गए। ————————————————— अश्विन के रिटायरमेंट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया:287 मैच में 765 विकेट लिए रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने तीनों फॉर्मेट मिलाकर 287 मैच खेले और 765 विकेट लिए। अश्विन भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उनसे आगे सिर्फ अनिल कुंबले हैं, जिन्होंने 953 विकेट लिए हैं। अश्विन ने गाबा टेस्ट खत्म होते ही रिटायरमेंट का ऐलान किया। उनके रिटायरमेंट का BCCI ने भी ट्वीट किया। पढे़ं पूरी खबर… 4 क्वालिटी जिनकी बदौलत हमेशा याद किए जाएंगे अश्विन इंटरनेशनल क्रिकेट 147 सालों से खेला जा रहा है। अब तक 7334 खिलाड़ी अलग-अलग देशों की टीम के लिए खेल चुके हैं और इनमें से 5000 से ज्यादा खिलाड़ी रिटायर हुए। क्या हम उन सभी 5000 खिलाड़ियों को याद रखते हैं। नहीं? रिटायरमेंट के बाद वैसे सितारे याद रखे जाते हैं, जो खेल पर अपनी छाप छोड़कर जाते हैं। जैसे डॉन ब्रैडमैन, सचिन तेंदुलकर, शेन वार्न, मुथैया मुरलीधरन… इस फेहरिस्त में एक और लेजेंड का नाम जुड़ गया है। रविचंद्रन अश्विन का। पढ़ें पूरी खबर अश्विन के रिटायरमेंट की इनसाइड स्टोरी भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कप्तान रोहित शर्मा को अपने चौकाने वाले रिटायरमेंट के फैसले से पहले कहा था। उन्होंने कहा था कि अगर अभी सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है तो बेहतर होगा कि मैं खेल को अलविदा कह दूं। पढ़ें पूरी खबर
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