विराट के साथ पहुंची अनुष्का ने प्रेमानंदजी से मांगी भक्ति:ऑस्ट्रेलिया में सीरीज हारने के बाद मथुरा पहुंचे, पूछा- असफलता में कैसे रहें

ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज हारने के बाद क्रिकेटर विराट कोहली पत्नी अनुष्का शर्मा और बच्चों के साथ मथुरा में प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे। दोनों ने दंडवत होकर उनका आशीर्वाद लिया। करीब आधे घंटे तक आध्यात्मिक चर्चा की। विराट-अनुष्का के साथ उनके दोनों बच्चे भी थे। अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज से भक्ति का आशीर्वाद मांगा। प्रेमानंद महाराज ने कहा- अभ्यास जारी रखें, जीत निश्चित है। अपने अभ्यास को निरंतर और नियंत्रण में रखते हुए आगे बढ़ें। जैसे मेरे लिए नाम जप एक साधना है, वैसे ही विराट के लिए क्रिकेट ही साधना है। बस बीच-बीच में भगवान का नाम लेते रहें। विजय के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है। एक अभ्यास और दूसरा प्रारब्ध। यदि प्रारब्ध नहीं है, सिर्फ अभ्यास है, तब जीत मुश्किल हो जाती है। इसके लिए प्रभु के ज्ञान के साथ-साथ उनका नाम जपना आवश्यक है। इससे पहले 4 जनवरी, 2023 को विराट और अनुष्का प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे थे। पहले देखिए 3 तस्वीरें… अब पढ़िए प्रेमानंद महाराज और विराट-अनुष्का के बीच क्या बातचीत हुई… विराट और अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज को दंडवत प्रणाम किया। प्रेमानंद महाराज ने विराट से पूछा- ठीक हो आप, मन प्रसन्न है। अनुष्का ने पूछा- पिछली बार जब हम आए थे तो मन में कुछ सवाल थे। लेकिन मैं पूछ नहीं पाई। मैं आपसे मन ही मन बात कर रही थी। मेरे मन में जो सवाल थे, उसे कोई न कोई पूछ लेता था। प्रेमानंद महाराज बोले- श्रीजी वो व्यवस्था कर देती हैं। सबसे बड़ी बात, हम साधना देकर लोगों को प्रसन्नता दे रहे हैं। और ये पूरे भारत को प्रसन्नता एक खेल में देते हैं। अगर ये विजयी हुए तो हमारे पूरे भारत में पटाखे छूटते हैं। पूरे भारत में आनंद मनाया जाता है। क्या ये इनकी साधना नहीं है? ये भी तो उनकी साधना है। इनके साथ पूरा भारत जुड़ा हुआ है। अगर ये विजयी हुए तो बच्चा-बच्चा आनंदित हो जाता है। तो ये भी एक साधना है। प्रेमानंद महाराज बोले- विराट के लिए खेल ही साधना
प्रेमानंद महाराज ने कहा, ये अपने अभ्यास में रहें, इनका यही भजन है। इनका यही भजन है कि अपने अभ्यास को पुष्ट करें। भले ही वो खेल है, लेकिन पूरे भारत को आनंद प्राप्त होता है इनके विजयी होने पर। हमारे अभ्यास में कमी नहीं होने चाहिए। और बीच-बीच में नाम स्मरण कर लेना चाहिए। इनके लिए यही साधना है। अपने-अपने लक्ष्य को अगर हम दृढ़ता के साथ निभाएं, तो हम अपनी जगह उन्नति को प्राप्त होंगे और ये अपनी जगह उन्नति को प्राप्त होंगे और दोनों एक ही जगह पहुंचेंगे। क्योंकि ये परमात्मा के इस विश्व में इस भाव से रह रहे और हम इस भाव से रह रहे। तो सेवा ये भी है और सेवा वो भी है। ऐसा नहीं है कि केवल परमात्मा की चंवर डुलाना ही सेवा होती है, अलग-अलग सेवाएं होती हैं। इनको भगवान ने खेल सेवा दी है। अगर इस सेवा से संसार को सुख पहुंचा रहे हैं, और नाम जप कर रहे हैं तो ये सेवा ही कर रहे हैं। बेहद गोपनीय रखा कार्यक्रम
मथुरा के वृंदावन आए क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने अपना कार्यक्रम बेहद गोपनीय रखा। वह शुक्रवार तड़के संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम केली कुंज पहुंचे। यहां दोनों अपने चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे। इस दौरान उनके साथ दोनों बच्चे भी थे। विराट 12 साल बाद टॉप रैंकिंग से बाहर
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत ने 3-1 से टेस्ट सीरीज गंवा दी। विराट कोहली का प्रदर्शन खराब रहा। उन्होंने इस सीरीज में 23.75 की औसत से केवल 190 रन बनाए। 2012 के बाद विराट कोहली ICC रैंकिंग में टॉप 25 से बाहर हो गए हैं। अब अब जानिए कौन हैं प्रेमानंद महाराज… प्रेमानंद महाराज की पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं तक
प्रेमानंद महाराज के संत बनने की कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से शुरू होती है। यहां एक तहसील है नरवल, जिसके अखरी गांव में प्रेमानंद का जन्म हुआ। उनके पिता शंभू नारायण पांडेय और मां रामा देवी हैं। वह 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था। पिता शंभू पुरोहित का काम करते थे। अनिरुद्ध भी बचपन से ही आध्यात्मिक थे। बचपन में पूरा परिवार रोजाना एक साथ बैठकर पूजा-पाठ करता था। अनिरुद्ध यह सब बड़े ध्यान से देखा-सुना करते थे। आज जिन प्रेमानंद महाराज के भक्तों में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक शुमार हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं कक्षा तक हुई है। 9वीं में भास्करानंद विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया, लेकिन 4 महीने में ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। ———————- ये भी पढ़ें: गले में अजगर लपेटा, नरमुंड की माला पहनी:महाकुंभ में नया उदासीन अखाड़े की पेशवाई, शिव आराधना के साथ गुरुबाणी का कर रहे पाठ प्रयागराज महाकुंभ में श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की पेशवाई (छावनी प्रवेश) भव्यता के साथ निकाली जा रही है। झांकी में शिव के रूप में कलाकार ने गले में अजगर लपेट रखा है। नरमुंड की माला पहन रखी है। इसमें 500 से ज्यादा साधु-संत शामिल हैं। जो शिव आराधना के साथ गुरुबाणी का पाठ करते हुए चल रहे हैं….(पढ़ें पूरी खबर)

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