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  • सोना ₹497 बढ़कर ₹78,163 पर पहुंचा:चांदी ₹861 चढ़कर ₹93,561 प्रति किलो बिक रही, कैरेट के हिसाब से देखें गोल्ड की कीमत
    on 12/12/2024 at 7:09 AM

    सोने-चांदी के दाम में आज यानी 12 दिसंबर को बढ़त है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड का भाव 497 रुपए बढ़कर 78,163 रुपए पर पहुंच गया है। इससे पहले सोने की कीमत 77,666 रुपए प्रति दस ग्राम थी। चांदी भी आज 861 रुपए बढ़कर 93,561 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है। इससे पहले चांदी 92,700 रुपए पर थी। वहीं, 23 अक्टूबर को चांदी ने 99,151 रुपए का और 30 अक्टूबर को सोने ने 79,681 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था। 4 महानगरों और भोपाल में सोने की कीमत जून तक 85 हजार रुपए तक जा सकता है सोना केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि एक बड़ी रैली के बाद सोने में गिरावट आनी थी, वह आ चुकी है। अमेरिका के बाद UK ने ब्याज दरों में कटौती की है। इससे गोल्ड ETF की खरीदारी बढ़ेगी। ऐसे में अगले साल 30 जून तक सोना 85 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

  • नवंबर में रिटेल महंगाई घटकर 5.6% पर आ सकती है:अक्टूबर में ये 14 महीने के उच्चतम स्तर पर थी, आज जारी होंगे आंकड़े
    on 12/12/2024 at 5:54 AM

    नवंबर महीने में रिटेल महंगाई घटकर 5.6% पर आ सकती है। इससे पहले अक्टूबर में खाने-पीने की चीजें महंगी होने से रिटेल महंगाई 6.21% पर पहुंच गई थी। ये महंगाई का 14 महीनों का उच्चतम स्तर था। आज शाम 05.30 बजे नवंबर के रिटेल महंगाई दर के आंकडे जारी होंगे। महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। अक्टूबर में इसकी महंगाई महीने-दर-महीने आधार पर 9.24% से बढ़कर 10.87% हो गई। वहीं ग्रामीण महंगाई 5.87% से बढ़कर 6.68% और शहरी महंगाई 5.05% से बढ़कर 5.62% हो गई। महंगाई कैसे प्रभावित करती है? महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी। महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मेन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।

  • मस्क 400 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ वाले पहले व्यक्ति:टेस्ला के स्टॉक्स में तेजी से बढ़ी नेटवर्थ, दूसरे नंबर पर जेफ बेजोस
    on 12/12/2024 at 4:58 AM

    ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, स्पेसएक्स के फाउंडर और टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क 400 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ तक पहुंचने वाले इतिहास के पहले व्यक्ति बन गए हैं। स्पेसएक्स में हाल ही में हुई इंटरनल शेयर सेल और टेस्ला के शेयरों में तेजी से मस्क की नेटवर्थ बढ़ी है। शेयर सेल में एम्प्लॉइज और इनसाइडर्स से 1.25 बिलियन डॉलर मूल्य के शेयर खरीदना शामिल है। इस ट्रांजैक्शन से उनकी नेटवर्थ में लगभग 50 बिलियन डॉलर बढ़ी है। वहीं स्पेसएक्स का टोटल वैल्यूएशन लगभग 350 बिलियन डॉलर हो गया। यह वैल्यूएशन दुनिया की सबसे वैल्यूएबल प्राइवेट कंपनी के रूप में स्पेसएक्स की पोजीशन को मजबूत करता है। मस्क की वेल्थ स्पेसएक्स और टेस्ला तक ही सीमित नहीं है। उनकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी, xAI ने भी अपने वैल्यूएशन में तेजी देखी है। कंपनी की वैल्यूएशन मई में अपने आखिरी फंडिंग राउंड के बाद से दोगुना होकर 50 बिलियन डॉलर हो गई है। 6 महीने में 140% चढ़ा टेस्ला का शेयर टेस्ला का शेयर बुधवार को 5.93% की तेजी के साथ 424 डॉलर पर बंद हुआ। बीते एक महीने में शेयर में करीब 30% की तेजी आई है। वहीं बीते 6 महीने में शेयर 140% चढ़ा है। डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद मस्क की नेटवर्थ तेजी से बढ़ी अमेरिकी चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद उनके सबसे बड़े सपोर्टर इलॉन मस्क की नेटवर्थ काफी तेजी से बढ़ी है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, इलेक्शन रिजल्ट के तुरंत बाद मस्क की नेटवर्थ 26.5 बिलियन डॉलर बढ़कर 290 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई थी। ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन में मस्क ने 119 बिलियन डॉलर (करीब 10 लाख करोड़ रुपए) खर्च किया और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके सपोर्ट में कैंपेन और प्रमोशन किया। दिवालिया होने के कगार पर थी टेस्ला, मस्क ने उबारा 2004 में मस्क ने इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की स्थापना की थी। 2008 में ऐसा दौर भी आया था, जब टेस्ला दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी। हालांकि, मस्क ने कंपनी को इस बुरे दौर से उबारा और आज ये बहुत ही ज्यादा सक्सेसफुल कंपनी है। मस्क इन कंपनियों के अलावा न्यूरालिंक, बोरिंग कंपनी और स्टारलिंक के भी मालिक हैं। मस्क किन-किन कंपनियों के मालिक है? इलॉन मस्क इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और स्पेस कंपनी स्पेसएक्स के अलावा भी कई कंपनियों के मालिक हैं। न्यूरालिंक, बोरिंग कंपनी और स्टारलिंक में भी मस्क की हिस्सेदारी है। इलॉन मस्‍क की ह्यूमन कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी न्यूरालिंक ऐसे प्लान पर लंबे समय से काम कर रही है, जिसके सहारे लोगों के दिमाग में एक न्यूरल चिप इंप्लांट की जाए। इस चिप से इंसान किसी भी मशीन को बिना हिले-डुले सिर्फ सोचने भर से कंट्रोल कर सकेगा। इसके जरिए मस्क पैरालिसिस, हियरिंग, ब्लाइंडनेस जैसी समस्या को सॉल्व करना चाहते हैं। मस्क ने 17 दिसंबर 2016 को द बोरिंग कंपनी बनाई थी। ये कंपनी सड़क पर लगने वाले जाम, बारिश और तूफान से निपटने के लिए सुरंग बनाने का काम करती है। द बोरिंग कंपनी आने वाले सालों में शहरी यातायात के लिए एक हाई-स्पीड हाइपरलूप बना रही है। हाइपरलूप की मदद से एक शहर से दूसरे शहर का सफर बिना किसी झंझट के तेज गति से किया जा सकेगा। वहीं मस्क की एक और कंपनी स्टारलिंक सैटेलाइट कम्यूनिकेशन यानी Satcom हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करती है। इंटरनेट की ये सर्विस सीधे सैटेलाइट से आपके घर पहुंचती है। —————————————– ये खबर भी पढें… टेस्ला को दिल्ली में शोरूम के लिए जगह की तलाश: 5,000 स्क्वायर फीट एरिया चाहती है कंपनी, पहले भारत में एंट्री करने की योजना कैसिंल किया था इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने नई दिल्ली में शोरूम के लिए जगह की तलाश फिर से शुरू कर दी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। यह इस बात का संकेत है कि कंपनी इस साल की शुरुआत में अपनी निवेश की योजनाओं को रोकने के बाद भारतीय बाजार में एंट्री करने के लिए फिर से विचार कर रही है। इससे पहले टेस्ला ने भारत में एंट्री करने की योजना को कैंसिल कर दिया था और मस्क ने भी अप्रैल में होने वाली अपनी यात्रा को भी रद्द कर दिया था। तब उम्मीद जताई जा रही थी कि यात्रा के दौरान मस्क भारत में 2-3 बिलियन डॉलर का निवेश करने के प्लान की घोषणा कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… मस्क ने 3 पार्टनर, 11 बच्चों के लिए घर बनाया: कीमत 294 करोड़; अरबपति बोले- सब साथ रहेंगे तो उनसे आसानी से मिल सकूंगा टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क अपने 11 बच्चों और उनकी 3 मांओं को एक छत के नीचे रखने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने टेक्सास के ऑस्टिन में 14 हजार 400 स्क्वायर फुट का एक बंगला खरीदा है। इसके ठीक बगल में मस्क ने 6 बेडरूम वाला एक और घर भी खरीदा है। इन दोनों प्रॉपर्टीज की कीमत करीब 294 करोड़ रुपए है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक यह बंगला मस्क के टेक्सास वाले घर से सिर्फ 10 मिनट की दूरी पर है। मस्क का मानना है कि अगर सभी बच्चे एक साथ रहेंगे तो उन्हें एक-दूसरे को जानने का मौका मिलेगा। साथ ही वह खुद भी उनसे अलग-अलग समय पर ज्यादा आसानी से मिल सकेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

  • सेंसेक्स 236 अंक गिरकर 81,289 पर बंद:निफ्टी भी 93 अंक फिसला, एनर्जी और FMCG शेयर्स फिसले; 4 IPO में निवेश का मौका
    on 12/12/2024 at 3:53 AM

    शेयर बाजार में आज यानी 12 दिसंबर को गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स 236 अंक की गिरावट के साथ 81,289 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में भी 93 अंक की गिरावट रही, ये 24,548 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 18 में गिरावट और 12 में तेजी देखने को मिली है। निफ्टी के 50 शेयरों में से 35 में गिरावट रही। आज एनर्जी, FMCG और ऑटो शेयर्स में ज्यादा गिरावट रही। वहीं IT और बैंकिंग शेयर्स में बढ़त देखने को मिली है। विशाल मेगा मार्ट लिमिटेड, वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड और साई लाइफ साइंसेज लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO का आज दूसरा दिन है। वहीं इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आज ओपन हो गया है। एशियाई बाजारों में आज तेजी इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस का IPO आज से ओपन हुआ इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आज ओपन हो गया है। निवेशक इस इश्यू के लिए 16 दिसंबर तक बिडिंग कर सकेंगे। 19 दिसंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। पूरी खबर पढ़ें ट्रैवल फूड सर्विसेज ने IPO के लिए DRHP फाइल किया ट्रैवल क्विक सर्विस रेस्टॉरेंट और एयरपोर्ट लाउंज ऑपरेट करने वाली कंपनी ट्रैवल फूड सर्विसेज ने IPO लाने के लिए सेबी के पास डॉक्यूमेंट्स (DRHP) जमा कराए हैं। सेबी के पास जमा किए गए डॉक्यूमेंट्स के अनुसार ट्रैवल फूड सर्विसेज अपने इस IPO से 2000 करोड़ रुपए जुटाना चाहता है। ट्रैवल फूड सर्विसेज, 30 जून, 2024 तक देशभर के 14 एयरपोर्ट पर अपनी सेवाएं दे रहा था। इनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इसके साथ ही, मुंबई की ये कंपनी मलेशिया में 3 एयरपोर्ट पर भी सेवाएं दे रही है। कल बाजार में रहा था फ्लैट कारोबार इससे पहले कल यानी 11 दिसंबर को शेयर बाजार में फ्लैट कारोबार देखने को मिला था। सेंसेक्स 16 अंक की तेजी के साथ 81,526 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में भी 31 अंक की तेजी रही, ये 24,641 के स्तर पर बंद हुआ था।

  • इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस का IPO आज से ओपन हुआ:16 दिसंबर तक बोली लगा सकेंगे निवेशक, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14,619
    on 11/12/2024 at 11:30 PM

    इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस लिमिटेड का IPO आज यानी 12 दिसंबर से ओपन हो गया है। निवेशक इस इश्यू के लिए 16 दिसंबर तक बिडिंग कर सकेंगे। 19 दिसंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹2,497.92 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी के मौजूदा निवेशक पूरे ₹2,497.92 करोड़ के 18,795,510 शेयर बेच रहे हैं। इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस IPO के लिए एक भी फ्रेश शेयर इश्यू नहीं कर रही है। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस ने IPO का प्राइस बैंड ₹1265-₹1329 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 11 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹1329 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,619 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 143 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹190,047 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। 2006 में स्थापित हुई थी इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस लिमिटेड (IKS हेल्थ) साल 2006 में स्थापित हुई थी। कंपनी हेल्थकेयर इंटरप्राइजेज को प्रशासनिक काम संभालने की सर्विस प्रोवाइड करती है। इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस डॉक्टर्स और अन्य हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स को उनके कागजी काम और प्रशासनिक कामों को संभालने में मदद करती है। इसके साथ ही IKS हेल्थ क्लिनिकल सपोर्ट, मेडिकल डॉक्यूमेंटेशन मैनेजमेंट और वर्चुअल मेडिकल स्क्राइबिंग के साथ ही कई अन्य सर्विस भी प्रोवाइड करती है। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

  • भारत की GDP-ग्रोथ का अनुमान FY25 के लिए 7% से:सोना 491 रुपए बढ़कर ₹77666 पर पहुंचा, न्यू जनरेशन टोयोटा कैमरी भारत में लॉन्च
    on 11/12/2024 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर GDP से जुड़ी रही। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने बुधवार को वित्त वर्ष 25 के लिए भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 6.5% कर दिया है। इससे पहले ADB ने यह अनुमान 7% बताया था। वहीं, सोने के दाम में बुधवार यानी 11 दिसंबर को बढ़ोतरी देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड का भाव 491 रुपए बढ़कर 77,666 रुपए पर पहुंच गया है। इससे पहले सोने की कीमत 77,175 रुपए प्रति दस ग्राम थी। कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भारत की GDP-ग्रोथ का अनुमान घटाया : वित्त वर्ष 25 के लिए 7% से 6.5% किया, जुलाई-सितंबर के बीच GDP ग्रोथ घटकर 5.4% हुई एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने बुधवार को वित्त वर्ष 25 के लिए भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 6.5% कर दिया है। इससे पहले ADB ने यह अनुमान 7% बताया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. सोना 491 रुपए बढ़कर 77666 रुपए पर पहुंचा : चांदी 92700 रुपए प्रति किलो बिक रही, कैरेट के हिसाब से देखें गोल्ड की कीमत सोने के दाम में बुधवार यानी 11 दिसंबर को बढ़त है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड का भाव 491 रुपए बढ़कर 77,666 रुपए पर पहुंच गया है। इससे पहले सोने की कीमत 77,175 रुपए प्रति दस ग्राम थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. RBI गवर्नर बोले- बैंकिंग सिस्टम मजबूत बनाना मेरी प्राथमिकता : अभी आर्थिक स्थिति और ग्रोथ रेट से संबंधित पहलुओं की स्टडी करूंगा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पदभार संभालने के बाद कहा कि देश की आर्थिक स्थिति, ग्रोथ रेट और इन्फ्लेशन से संबंधित सभी पहलुओं की डीटेल्ड स्टडी करूंगा। मेरी प्रायोरिटी बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाना और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनाए रखना है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. म्यूचुअल फंड एक स्कैम, इसमें इन्वेस्टमेंट बबल बन रहा : राधिका गुप्ता बोलीं – ऐसा कहने वाले बहुत ही गैरजिम्मेदार लोग, पढ़ें पूरा इंटरव्यू म्यूचुअल फंड के प्रति लोगों के बढ़ते विश्वास के साथ ही सोशल मीडिया पर कुछ लोग दावा करते हैं कि म्यूचुअल फंड एक स्कैम है और इसमें एक इन्वेस्टमेंट बबल बन रहा है। इस पर एडलवाइस म्यूचुअल फंड की मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO राधिका गुप्ता कहती हैं कि ऐसा कहने वाले बहुत ही गैरजिम्मेदार लोग हैं, जो एक रेगुलेटेड इंडस्ट्री पर इस तरह का आरोप लगा रहे हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. पैन 2.0 सबको बनवाना जरूरी नहीं : पुराने पैन कार्ड भी रहेंगे वैध, यहां जानें इससे जुडे़ अपने सभी सवालों के जवाब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। मकसद पैन के इस्तेमाल को और सुरक्षित बनाना है। इसके जरिए ऑथेंटिकेशन आसान होगा। नए पैन 2.0 में एक क्यूआर कोड है जिसे स्कैन करके आसानी से वेरिफिकेशन किया जा सकेगा। पैन 2.0 को लेकर लोगों के मन में तमाम सवाल हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 6. न्यू जनरेशन टोयोटा कैमरी भारत में लॉन्च, कीमत ₹48 लाख : अपडेटेड सेडान में 25kmpl का माइलेज और ADAS फीचर, स्कोडा सुपर्ब से मुकाबला टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने बुधवार (11 दिसंबर) को अपनी पॉपुलर सेडान कैमरी का फैसलिफ्ट मॉडल लॉन्च कर दिया है। न्यू जनरेशन टोयोटा कैमरी को सिर्फ एक फीचर लोडेड वैरिएंट में पेश किया गया है और इसकी कीमत 48 लाख रुपए (इंट्रोडक्ट्री एक्स-शोरूम, पैन-इंडिया) रखी गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 7. टेस्ला को दिल्ली में शोरूम के लिए जगह की तलाश : 5,000 स्क्वायर फीट जगह चाहती है कंपनी, पहले भारत में एंट्री करने की योजना कैसिंल किया था इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने नई दिल्ली में शोरूम के लिए जगह की तलाश फिर से शुरू कर दी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। यह इस बात का संकेत है कि कंपनी इस साल की शुरुआत में अपनी निवेश की योजनाओं को रोकने के बाद भारतीय बाजार में एंट्री करने के लिए फिर से विचार कर रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… अब आपके जरूरत की खबर पढ़ें लेट-फीस के साथ 31 दिसंबर तक फाइल करें ITR : रिटर्न फाइल न करने पर नोटिस भेज सकता है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, जानें क्या हैं नियम वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई निकल चुकी है। लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो ITR नहीं भर पाए हैं। अगर आपने भी अभी तक नहीं भरा है तो लेट फीस के साथ 31 दिसंबर 2024 तक ITR भर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोने-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • दुनियाभर में इंस्टाग्राम, फेसबुक 3 घंटे डाउन रहा:वॉट्सएप ने भी काम नहीं किया, 2024 में पहले भी दो बार मेटा सर्विस डाउन हो चुकी
    on 11/12/2024 at 6:39 PM

    दुनिया भर में मेटा प्लेटफॉर्म के सभी एप इंस्टाग्राम, फेसबुक, वॉट्सएप और थ्रेड्स मैसेजिंग एप करीब 3 घंटे डाउन रहे। डाउनडिटेक्टर डॉट कॉम के अनुसार, दुनिया भर में हजारों यूजर्स ने इसकी शिकायत की थी। आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट के अनुसार, करीब 50,000 से ज्यादा यूजर्स के फोन में फेसबुक काम नहीं कर रहा था। वहीं 23,000 से अधिक यूजर्स ने इंस्टाग्राम डाउन होने की शिकायत की। यूजर्स को मैसेज भेजने, कोई पोस्ट करने या स्टेटस लगाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कई यूजर्स के एप्लिकेशन में यह पूरी तरह से काम नहीं कर रहा। कुछ यूजर्स में स्लो चल रहा है। रात 10:58 बजे से सर्विस डाउन, कंपनी बोली- जल्द ठीक करेंगे 11 दिसंबर की रात 10:58 बजे के आसपास सर्विस डाउन की बात सामने आई थी। तब फेसबुक यूजर्स को लॉग इन करने और पोस्ट अपलोड करने में परेशानी हो रही थी। मौजूदा पोस्ट भी अपडेट नहीं हो पा रहे थे। जिसके बाद यूजर्स ने सोशल मीडिया X पर इसकी शिकायत की। इसी तरह इंस्टाग्राम को भी ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ा। यूजर्स को पोस्ट एक्सेस करने या कंटेंट अपडेट करने में दिक्कत हो रही। ऐप भी बार-बार क्रैश हो रहा था। वॉट्सएप का भी यही हाल रहा। बाद में करीब 12 दिसंबर की सुबह 2 बजे सर्विस ठीक हो गई। कंपनी बोली- जल्द से जल्द आउटेज को ठीक करेंगे मेटा की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। कंपनी ने कहा- हमें पता है कि तकनीकी समस्या के कारण कुछ यूजर्स के एप्लीकेशन में समस्या आ रही है। हम जल्द से जल्द इसे ठीक करने पर काम कर रहे हैं। जिन लोगों को समस्या हो रही, उनसे माफी मांगते हैं। 2024 में पहले भी दो बार मेटा सर्विस डाउन हो चुकी सोशल मीडिया ऐप फेसबुक और इंस्टाग्राम 15 मई को दुनियाभर में कई यूजर्स के लिए डाउन हो गए थे। डाउन डिटेक्टर पर सैकड़ों यूजर्स ने इन ऐप्स से जुड़ी समस्याओं को रिपोर्ट किया था। आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट डाउनडिटेक्टर के डेटा से पता चला था कि सुबह करीब 4 बजे से यूजर्स ने आउटेज को रिपोर्ट करना शुरू किया था। सुबह 07.30 बजे सबसे ज्यादा यूजर्स ने परेशानी रिपोर्ट की। हालांकि, इसके बाद आउटेज रिपोर्ट कम हो गई। 5 मार्च की रात भी इंस्टाग्राम-फेसबुक डाउन हो गए थे इससे पहले 5 मार्च की रात मेटा कंपनी के दोनों प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स को लॉगिन और फीड रिफ्रेश करने में दिक्कत आई थी। फेसबुक पर यूजर्स के अकाउंट ऑटोमैटिक लॉगआउट हो गए थे, जबकि इंस्टाग्राम पर यूजर्स नई फीड्स को रीफ्रेश नहीं कर पा रहे थे। 2 साल पहले 6 घंटे बंद रहे थे फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप 4 अक्टूबर 2021 को फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप प्लेटफॉर्म करीब 6 घंटे तक पूरी दुनिया में बंद रहे थे। जिसके चलते अरबों यूजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह समस्या रात करीब 9.15 बजे सामने आई थी। इस आउटेज का असर अमेरिकी बाजार में फेसबुक के शेयरों पर भी दिखा था। कंपनी के शेयर 6% तक गिर गए थे। 5 साल पहले साढ़े 9 घंटे डाउन रहे थे 3 जुलाई 2019 को रात आठ बजे भारत, अमेरिका समेत कई देशों में फेसबुक, वॉट्सएप और इंस्टाग्राम डाउन रहे। करीब साढ़े 9 घंटे डाउन रहने के बाद 4 जुलाई 2019 को इन्हें ठीक कर लिया गया है। टेक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… माइक्रोसॉफ्ट में फिर ऑउटेज, कई सर्विसेस 6 घंटे ठप रहीं: भारत सहित दुनियाभर के यूजर्स परेशान हुए दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाले हजारों लोगों को 10 दिसंबर को फिर आउटेज का सामना करना पड़ा था। दुनियाभर के यूजर्स माइक्रोसॉफ्ट 365 के आउटलुक, वनड्राइव और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स जैसी प्रमुख सर्विसेस का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे। पढ़ें पूरी खबर…

  • HCCB में 40% हिस्सेदारी खरीद रही भरतिया फैमिली:कोका कोला के लिए बोतल बनाती है कंपनी, ₹10,000 करोड़ में होगी डील
    on 11/12/2024 at 1:31 PM

    जुबिलेंट भरतिया ग्रुप की प्रमोटर भरतिया फैमिली कोका-कोला इंडिया के लिए बोतल बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज (HSBC) में 40% हिस्सेदारी खरीद लिया है। भरतिया फैमिली का यह अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। कंपनी ने अपनी ओर से डील के अमाउंट को डिस्क्लोज नहीं किया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह डील 10,000 करोड़ रुपए की है। कोका-कोला इंडिया के प्रेसिडेंट संकेत रे ने कहा कि अलग-अलग सेक्टर्स में एक्सपीरियंस के साथ जुबिलेंट ने अपना दशकों का समृद्ध अनुभव लेकर आया है। यह कोका-कोला के सिस्टम को गति देने में मदद करेगा। डील को इक्विटी और डेट के जरिए फंड किया जाएगा रिपोर्ट्स से मुताबिक, इस डील को इक्विटी और डेट (लोन) के जरिए फंड किया जाएगा। जुबिलेंट ग्रुप के श्याम और हरि भरतिया के नेतृत्व में भरतिया परिवार 5,000 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रिब्यूशन दे रहा है। जबकि शेष राशि गोल्डमैन सैक्स की ओर से दी जाएगी। गोल्डमैन सैक्स इस डील के लिए स्पेशल परचेज व्हीकल (SPV) के तहत फंड दे रही है। भारत ग्लोबल स्तर पर कोका कोला का पांचवा सबसे बड़ा बाजार भारत ग्लोबल स्तर पर कोका कोला का पांचवा सबसे बड़ा बाजार है। कंपनी अपनी असेट-लाइट स्ट्रैटेजी के तहत ग्लोबल स्तर पर बॉटलिंग ऑपरेशन को बेच रही है। भारत में कंपनी ने अपने बॉटलिंग ऑपरेशन को तीन मेजर मार्केट- राजस्थान, बिहार, नॉर्थ-इस्ट और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अपने मौजूदा बॉटलरों को फ्रैंचाइज किया था। कोका-कोला भारतीय बाजार में दो एंटिटी के साथ काम करती है- कोका-कोला इंडिया और हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड यह कंपनी की बोटलिंग आर्म है। ब्रांडिंग और अन्य बिजनेस देखने वाली कोका-कोला इंडिया ने वित्त वर्ष 2024 में 4,713.38 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया। इस दौरान इसका मुनाफा इसका लाभ 41.82% घटकर 420.29 करोड़ रुपए रहा। जबकि वित्त वर्ष 2024 में HCCBL ने 14,021.54 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। वित्त वर्ष 2023 के मुकाबले यह 10.10% ज्यादा थी। कंपनी का नेट प्रॉफिट तीन गुना बढ़कर 2,808.31 करोड़ रुपए रहा। HCCBL 7 अलग-अलग कैटेगरी में 60 प्रोडक्ट्स बनाती और बेचती है। इसके प्रोडक्ट्स में कोका-कोला, थम्स अप, स्प्राइट, मिनट मेड, माजा, स्मार्टवाटर, किनले, लिम्का, फैंटा जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं। कैसे नाम पड़ा कोका-कोला? पेंबरटन के बहीखाते की देखभाल करने वाले फ्रैंक मेसन रॉबिनसन ने इसका नाम रखा कोका-कोला (Coca-Cola)। वो इसलिए क्योंकि इसे बनाने में कोका के पत्ते और कोला के बीज का इस्तेमाल होता था। जैकब फार्मेसी ने इस ड्रिंक को 5 सेंट प्रति गिलास बेचना शुरू कर दिया। 29 मई 1886 को अटलांटा कॉन्स्टीट्यूशन अखबार में कोका-कोला का पहला विज्ञापन प्रकाशित हुआ। धीरे-धीरे अपने अलग टेस्ट की वजह से ये अटलांटा के लोगों में पॉपुलर होने लगा। 1892 में बनी ‘द कोका कोला कंपनी’ पहले साल कोका-कोला के रोजाना सिर्फ 9 गिलास ही बिक पाते थे, जिससे करीब 26 डॉलर का घाटा हुआ। 1887 में बिक्री बढ़ने से मुनाफे में आती उससे पहले ही पेंबरटन बीमार हो गए। कोका-कोला के ज्यादातर शेयर फार्मासिस्ट आसा ग्रिग्स कैंडलर ने खरीद लिए। 16 अगस्त 1888 को पेंबरटन का निधन हो गया। 29 जनवरी 1892 को कोका-कोला एक प्रोडक्ट से कंपनी बन गई, जिसका नाम था- द कोका कोला कंपनी। 5 सितंबर 1919 को आर्नेस्ट बुडरफ और कुछ निवेशकों ने मिलकर कोका-कोला कंपनी को 2.5 करोड़ डॉलर में खरीद लिया। इसके बाद इसे न्यूयॉर्क के स्टॉक मार्केट में लिस्ट कर दिया गया। ट्रेडमार्क बन गई कोका-कोला की बोतल कोका-कोला की बिक्री बढ़ी तो मिसिसिपी के थोक व्यापारी जोसेफ बाइडेनहार्न से इसे बोतलों में भरकर बेचना शुरू किया। 1915 तक सैकड़ों जगह बोतलबंद कोका कोला मिलने लगा। कई कंपनियों ने कोका कोला की नकल करने की भी कोशिश की। नकलचियों से बचने के लिए कंपनी ने कोका-कोला की बोतल का ऐसा डिजाइन तैयार करने का फैसला किया, जो सबसे अलग हो और अंधेरे में भी पहचानी जा सके। आखिरकार उस वक्त जो बोतल की डिजाइन तय की गई थी वही आज तक जारी है। 12 अप्रैल 1961 को कोका-कोला की बोतल को ट्रेडमार्क के रूप में मान्यता मिली।

बजट 2024 | दैनिक भास्कर Budget-2024 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2024 at Dainik Bhaskar.

  • VIDEO- बजट में इनकम टैक्स को लेकर कई बदलाव:न्यू टैक्स रिजीम में अब ज्यादा टैक्स छूट, एक्सपर्ट से जानें इस बार क्या मिला
    on 27/07/2024 at 6:15 AM

    इस बार के बजट में इनकम टैक्स को लेकर कई तरह की राहत दी गई हैं। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। वहीं सैलरीड पर्सन को मिलने वाले स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी ₹50 हजार से बढ़ाकर ₹75 हजार किया है। CA कार्तिक गुप्ता ये जानते हैं बजट में क्या खास…

  • बजट में NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम का ऐलान:10,000 की SIP में 63 लाख का फंड बनेगा; मुद्रा योजना में अब 20 लाख का लोन
    on 23/07/2024 at 11:37 PM

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम का ऐलान किया। प्राइवेट सेक्टर में एम्प्लॉयर्स के लिए NPS कॉन्ट्रीब्यूशन लिमिट एम्प्लॉई की बेसिक सैलरी के 10% से बढ़ाकर 14% भी कर दी है। इसके अलावा मुद्रा लोन की लिमिट 20 लाख हो गई है। 1. NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम, माता-पिता कर सकते हैं बच्चों की पेंशन का इंतजाम NPS वात्सल्य को बच्चों के बड़े होने पर उनकी फाइनेंशियल सिक्योरिटी एन्श्योर करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस स्कीम में माता-पिता बच्चों की ओर से निवेश कर सकते हैं। बालिग होने पर अकाउंट रेगुलर NPS में बदल जाएगा। बच्चे के 18 साल के होने पर इस स्कीम को नॉन-NPS स्कीम में भी बदला जा सकता है। रेगुलर NPS स्कीम रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद करती है। ज्यादा रिटर्न के लिए NPS कॉन्ट्रीब्यूशन को स्टॉक और बॉन्ड जैसे बाजार से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट किया जाता है। मान लीजिए कि आपका बच्चा 3 साल का है। इस स्कीम में अगर आप 10,000 रुपए की SIP करते हैं तो बच्चे के 18 साल का होने पर करीब 63 लाख रुपए का फंड जमा हो सकता है… 2004 में शुरू हुआ था NPS, इसमें रिटायरमेंट पर रेगुलर इनकम दो तरह के NPS अकाउंट, बैंक से ले सकते हैं NPS में दो तरह के अकाउंट मिलते हैं। टियर I अकाउंट में विड्रॉल पर प्रतिबंध है और मिनिमम इन्वेस्टमेंट 500 रुपए है। जबकि टियर II अकाउंट में लिक्विडिटी की सुविधा मिलती है। इसका मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन 1,000 रुपए है। इसे बैंक के जरिए लिया जा सकता है। NPS में एम्प्लॉयर्स कॉन्ट्रीब्यूशन लिमिट 10% से बढ़ाकर 14% की 2. मुद्रा लोन की लिमिट दोगुनी हुई, MSME को अब 10 लाख की जगह 20 लाख तक लोन बजट में मुद्रा लोन की लिमिट दोगुनी कर दी गई है। पहले इस स्कीम के तहत MSME के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन मिलत था, जो अब 20 लाख रुपए कर दिया गया है। हालांकि इसका फायदा केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो इस स्कीम में पहले लोन लेकर चुका चुके हैं। अभी इस योजना में 3 कैटेगरी में दिए जाते हैं लोन मुद्रा योजना में अभी अपने बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को तीन कैटेगरी में लोन दिया जाता है। पहली कैटेगरी है शिशु। इसमें 50,000 रुपए का लोन मिलता है। दूसरी कैटेगरी है किशोर जिसमें 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। तीसरी कैटेगरी है तरुण जिसमें 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। लोन लेने के लिए गारंटी की जरूरत नहीं 2015 में शुरू हुई इस योजना का मकसद रेहड़ी-पटरी वाले से लेकर छोटे कारोबारी को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराना है। कोई भी व्यक्ति जो अपना खुद का काम शुरू करना चाहता है, वह इस योजना के तहत लोन ले सकता है। इसके साथ ही अगर कोई अपने मौजूदा व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता है, तो भी उसे इस योजना के जरिए लोन मिल सकता है। लोन लेने के लिए बताना होगा बिजनेस प्लान सबसे पहले आवेदक को एक बिजनेस प्लान तैयार करना होगा। लोन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज भी तैयार करने होंगे। सामान्य दस्तावेजों के साथ बैंक आपसे आपका बिजनेस प्लान, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, भविष्य की आय के अनुमान संबंधी दस्तावेज भी मांगेगा। जिससे उसे आपकी जरूरत की जानकारी हो, साथ ही यह भी अंदाजा लग सके कि आपको फायदा कैसे होगा या फायदा कैसे बढ़ेगा। 10 से 12% की सालाना ब्याज दर पर लोन मुद्रा लोन में कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है। अलग-अलग बैंक लोन पर अलग-अलग दर से ब्याज वसूल सकते हैं। ब्याज दर कारोबार की प्रकृति और उससे जुड़े जोखिम के आधार पर तय होती है। आमतौर पर 10 से 12% सालाना ब्याज दर रहती है। 4 स्टेप में मुद्रा लोन अप्लाय करने की प्रोसेस बजट से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें

  • भास्कर एक्सप्लेनर- भारत बनाएगा चलता-फिरता न्यूक्लियर प्लांट:मिनटों में पूरे शहर को बिजली सप्लाई; वित्त मंत्री ने बजट में क्या बताया
    on 23/07/2024 at 11:35 PM

    मई 2020। समुद्र किनारे बसा रूस का पेवेक शहर। पहली बार समुद्र में तैरने वाला न्यूक्लियर प्लांट तैनात किया गया। इसके जरिए पूरे शहर को बिजली सप्लाई की जाने लगी। इसके बाद यहां कोयले से बिजली पैदा करने वाले प्लांट को बंद कर दिया गया। रूस की तरह अब भारत भी समुद्र में तैरने वाला स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर न्यूक्लियर प्लांट बनाएगा। 23 जुलाई को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान किया है। भास्कर एक्सप्लेनर में इस तैरते न्यूक्लियर प्लांट की पूरी कहानी जानेंगे, ये कैसे बिना कोयला और पानी के बिजली बनाएगा… सवाल 1: स्मॉल रिएक्टर या समुद्र में तैरने वाले न्यूक्लियर प्लांट बनाने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा है? जवाब: बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, विकसित भारत में न्यूक्लियर एनर्जी अहम रोल निभाएगा, इसको लेकर सरकार तीन अहम फैसले ले रही है… 1. प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर बनाने को लेकर काम करेगा। भारत को रूस जैसे देश स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए टेक्नोलॉजी शेयर कर रहे हैं। 2. सरकार न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। 3. परमाणु ऊर्जा के जरिए ज्यादा से ज्यादा बिजली तैयार करने के लक्ष्य पर सरकार काम करेगी। सवाल 2: स्मॉल न्यूक्लियर पावर प्लांट क्या है? जवाब: दुनियाभर में न्यूक्लियर पावर प्लांट आमतौर पर तीन तरह के होते हैं… स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर न्यूक्लियर प्लांट को सामान्य भाषा में फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट भी कहा जाता है, क्योंकि इसे आसानी से एक से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसमें लगने वाला मॉड्यूलर आमतौर पर बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट के मॉड्यूलर से काफी छोटे होता है। रूस के एग्जाम्पल से समझिए… सवाल 3: दुनिया के कितने देश ऐसा न्यूक्लियर प्लांट बना सके हैं? जवाब: दुनिया में सिर्फ दो देश ऐसे हैं, जहां इस तरह के न्यूक्लियर पावर प्लांट ऑपरेशनल हैं। पहला- रूस का लोमोनोसोव। दूसरा- चीन का HTR-PM न्यूक्लियर प्लांट। रूस का प्लांट 300 MW तो चीन का 210 MW तक बिजली रोजाना पैदा करता है। इसके अलावा अर्जेंटीना, साउथ कोरिया और अमेरिका ऐसे देश हैं, जहां इस टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा है। अमेरिका के एनर्जी डिपार्टमेंट के परमाणु नियामक आयोग विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसकी लाइसेंसिंग प्रोसेस पर काम हो रहा है। इस बात की पूरी संभावना है कि 2035 तक अमेरिका इस रिएक्टर को तैयार कर लेगा। सवाल 4: भारत में बनने वाला स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर पावर प्लांट क्यों खास होगा? जवाब: भारत में जिस स्मॉल न्यूक्लियर रिएक्टर को बनाने का ऐलान किया गया है, उसे बनाने की लागत बडे़ न्यूक्लियर रिएक्टर से करीब 8 गुना कम है। इसके साथ ही ये न्यूक्लियर पावर प्लांट 24 घंटे लगातार काम कर सकता है। इसे समुद्र के किनारे पहाड़ी इलाकों में भी तैनात कर सकते हैं। भारत के सबसे दक्षिणी हिस्से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के द्वीपों में आज भी जनरेटर से बिजली सप्लाई होती है। अंडमान में भारतीय सेना की इकलौती त्रिस्तरीय कमांड है। उसे भी बिजली के लिए जनरेटरों का सहारा लेना पड़ता है। इन जगहों पर बिजली के लिए इस तरह के पावर प्लांट काफी मददगार साबित होंगे। रूस जिस स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर का इस्तेमाल कर रहा है, उसमें छोटे-छोटे कई सारे माइक्रो रिएक्टर लगे होते हैं। भारत में बनाए जाने वाले स्मॉल रिएक्टर में भी कई सारे माइक्रो रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। सवाल 5: स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर पावर प्लांट में बिजली कैसे पैदा होगी? जवाब: अब तक भारत में बिजली पैदा करने के चार सबसे प्रमुख साधन हैं… 1. कोयला 2. पानी के बडे़-बड़े डैम 3. सौर ऊर्जा 4. पवन ऊर्जा इन सभी माध्यमों से बिजली पैदा करने की लागत काफी ज्यादा है। इस तरह से पैदा होने वाली बिजली से हमारे पर्यावरण में कार्बन भी ज्यादा निकलता है। स्मॉल न्यूक्लियर पावर प्लांट की खासियत ये है कि यूरेनियम का इस्तेमाल कर इसमें केमिकल प्रोसेस से बिजली पैदा की जाती है। इस तरह से बिजली पैदा करने में लागत कम और प्रोडक्शन ज्यादा है। यूरेनियम इतना ताकतवर होता है कि अगर पानी के किसी पाइप से गुजरे तो पाइप का पानी खौलने लगता है। पानी खौलने से जल वाष्प बनता है और इस जल वाष्प का इस्तेमाल ही बिजली पावर प्लांट के टर्बाइन को घुमाने के लिए किया जाता है। इस तरह बिजली तैयार होती है। ऐसे प्लांट को 30 साल में एक बार रिफ्यूलिंग की जरूरत पड़ती है। सवाल 6: स्मॉल न्यूक्लियर पावर प्लांट से भारत सरकार को क्या फायदे हैं? जवाब: भारत 6 वजहों से बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट की तुलना में छोटे-छोटे न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाना चाहता है… सवाल 7: दुनिया में बड़े न्यूक्लियर रिएक्टर होने के बावजूद स्मॉल रिएक्टर वाले पावर प्लांट की जरूरत क्यों हुई? जवाब: आमतौर पर बड़े रिएक्टर वाले पावर प्लांट से ज्यादा रेडियोएक्टिव पदार्थ यूरेनियम निकलने की संभावना होती है। इसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। जबकि स्मॉल रिएक्टर के टेक्निकल खामियों को आसानी से दूर किया जाना संभव है। इसे आसानी से कंट्रोल भी किया जा सकता है। बड़े रिएक्टर वाले पावर प्लांट बेहद खतरनाक हो सकते हैं। इसे चेर्नोबिल की कहानी से समझ सकते हैं… 26 अप्रैल 1986 को चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में टेस्टिंग होनी थी। हादसे से पहले चेर्नोबिल पावर स्टेशन में चार न्यूक्लियर रिएक्टर थे। जब हादसा हुआ तब दो रिएक्टर्स पर काम चल रहा था। 26 अप्रैल की रात टेस्ट शुरू हुआ और रात करीब 1ः30 बजे टरबाइन को कंट्रोल करने वाले वाल्व को हटाया गया। रिएक्टर को आपात स्थिति में ठंडा रखने वाले सिस्टम और रिएक्टर के अंदर होने वाले न्यूक्लियर फ्यूजन को भी रोक दिया गया। अचानक रिएक्टर के अंदर न्यूक्लियर फ्यूजन की प्रक्रिया कंट्रोल से बाहर हो गई। रिएक्टर के सभी आठ कूलिंग पम्प कम पावर पर चलने लगे, जिससे रिएक्टर गर्म होने लगा और इससे न्यूक्लियर रिएक्शन और तेज हो गया। सोवियत संघ के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में हुआ हादसा दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक हादसों में से है। धमाके के बाद न्यूक्लियर प्लांट में अफरा-तफरी मच गई और रिएक्टर को बंद करने की कोशिशों के बीच ही उसमें जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि रिएक्टर की छत उड़ गई। उस हादसे में वहां कार्यरत 40 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके से निकला रेडियोएक्टिव रेडिएशन हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम से भी 400 गुना ज्यादा था। अगले कई दिनों तक चेर्नोबिल पावर प्लांट से रेडिएशन निकलता रहा, जो हवा के साथ उत्तरी और पूर्वी यूरोप में फैल गया। रेडिएशन फैलने से रूस, यूक्रेन, बेलारूस के 50 लाख लोग इसकी चपेट में आ गए। रेडिएशन फैलने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से 4 हजार लोगों की मौत हो गई। इस हादसे से 2.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। 2000 में चेर्नोबिल में काम कर रहे आखिरी रिएक्टर को भी बंद कर दिया गया।

  • बजट-2024 एनालिसिस:नीतीश-नायडू को साधता मोदी 3.0 का पहला बजट, आयकर में मामूली राहत से मिडिल क्लास को छोटा सा थैंक्यू
    on 23/07/2024 at 11:31 PM

    मोदी 3.0 का पहला बजट दिलचस्प होने के साथ-साथ काफी पेचीदा भी है। बजट में जो कहा गया है और वित्त विधेयक में जो आपको पढ़ने को मिलता है, उसमें एक बड़ा फर्क है। कुछ उम्मीदें, कुछ अपेक्षाएं जो बजट से थीं, उन अपेक्षाओं में कुछ राजनीतिक संकेत थे जो चुनावों से निकले थे, उन सबको समेटने की कोशिश की गई है। आमतौर पर बजट को समझने के लिए हम पार्ट-ए से पार्ट-बी की तरफ जाते हैं। मगर आज इस बजट को पार्ट-बी से शुरू करते हैं और पार्ट-ए तक जाते हैं। यानी बजट को उल्टा शुरू कर समझते हैं। बजट का आखिरी हिस्सा, जिसमें लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी होती है। प्रावधानों से पहले उन बड़े संकेतों को जानते हैं जिनसे भविष्य की दिशा तय होगी। माना जाता है कि बजट में मिडिल क्लास को सबसे ज्यादा इंतजार इनकम टैक्स से जुड़ी घोषणाओं का होता है। हालांकि, इनकम टैक्स मध्यम वर्ग नहीं है, भारत का मिडिल क्लास बहुत बड़ा है। वो सिर्फ 2 से 2.5 करोड़ टैक्स देने वाले लोगों तक सीमित नहीं है, पर फिर भी पूरे बजट की व्याखा इन लोगों पर ही केंद्रित हो जाती है। 2020 में जो न्यू टैक्स रिजीम लाया गया था, उसमें बचत को प्रोत्साहन देने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए कोई इंसेंटिव नहीं था। इस बार फिर बजट में वित्त मंत्री ने यही प्रतिबद्धता दोहराते हुए न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाया है, लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम को नहीं छुआ है। न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया गया, जिसका सैलरीड क्लास को लाभ होगा, 25 हजार रुपए का। स्लैब में थोड़ा चेंज किया गया 3 से 6 लाख की आय वाले स्लैब को 6 से 7 लाख रुपए कर दिया गया और यहां पर थोड़ी बचत होगी। यहां से वित्त मंत्री ने ये दर्शन स्पष्ट कर दिया कि बचत आपकी अपनी जिम्मेदारी है। सरकार टैक्स के रेट कम रखेगी और आपको रियायतें नहीं देगी और यही बात समझने वाली है। अब हम दूसरी तरफ चलते हैं जहां बहुत सारे लोगों की निगाहें थीं और उसको लेकर जबरदस्त उठा-पटक दिखी, यानी शेयर बाजार। जो बजट के बाद एकदम तेजी से गिरा, बेहद बेचैन हुआ और शेयर बाजार को बेचैन करने वाली कई चीजें इस बजट में हैं। जैसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) 10% से 12.5% कर दिया गया, जो FO (फ्यूचर एंड ऑप्शन्स) पर ट्रेडिंग करते थे उन पर STT की दर दोगुनी कर दी गई। प्रॉपर्टी में इंडेक्सेशन बेनेफिट को लेकर बदलाव किए गए और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के रेट भी बढ़ाए गए, जिसके बारे में आगे सूचना दी जाएगी। कुल मिलाकर ये सब निवेश के मिजाज के लिए ठीक नहीं था। बाजार ऐसा बजट नहीं चाह रहा था। बाजार को लग रहा था कि मिजाज ठीक नहीं है और इसलिए शेयर बाजार की दृष्टि से ये बजट कमजोर था, निवेशकों के लिहाज से कमजोर था। हां, अगर छोटे निवेशकों के हिसाब से देखें तो उन्हें एक साल में म्यूच्यूअल फंड्स से 1.15 लाख रुपए के कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं देना होगा। जैसा मैंने शुरुआत में कहा कि इनकम टैक्स को लेकर ये सरकार पिछले 10 साल से बहुत रिजर्व रही है। टैक्स स्लैब में जो भी बदलाव हुए हैं, वो बहुत मामूली हैं। एक तरह से वित्त मंत्री की ओर से थैंक्स गिविंग है कि आप हम को तीसरी बार सरकार में लाए, ये लीजिए 12 से 15 हजार की मदद। कुल मिलाकर कोई बड़ा चेंज नहीं हुआ जिससे कि ये इनकम टैक्स का ड्रीम बजट हो जाए। खासतौर पर जिस तरीके से महंगाई बढ़ी है और मिडिल क्लास की कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ी है, उसे देखते हुए टैक्स में ये रियायतें मामूली ही हैं। कस्टम ड्यूटी से जुड़ी एक घोषणा पर भी बात करना जरूरी है। सरकार पर इस बात का दबाव था कि वो विदेश से आने वाले मोबाइल और उसके पुर्जों पर ड्यूटी घटाए। इसलिए नहीं कि भारत में उसकी कीमतें कम हों, बल्कि इसलिए कि जो मोबाइल कंपनियां भारत से निर्यात कर रही हैं, उनकी कॉस्ट कम हो सके। इसका थोड़ा फायदा हमें भी मिलेगा और आपको भी मिलेगा। अगर मोबाइल कंपनियां कस्टम ड्यूटी की रियायतों को ग्राहकों तक पास-ऑन करती हैं तो मोबाइल सस्ते हो सकते हैं। अब बड़ी घोषणा पर आते हैं। बड़ी घोषणा में सुर्खी बनाने वाली एक घोषणा है और राजनीतिक घोषणा दूसरी है। अगर आप बजट की दो घोषणाओं को एक साथ मिलाकर तुलना करें तो बजट में रोजगार के लिए 2 लाख करोड़ की पांच स्कीमों का पैकेज घोषित किया गया है। ये संकेत है कि सरकार ने इस बात को स्वीकार किया कि चुनाव के दौरान जो बैकलैश आया बेरोजगारी को लेकर उसके लिए कुछ करना चाहिए। दूसरी तरफ आप देखें तो करीब एक लाख करोड़ रुपए की सीधी मदद दो गठबंधन दलों वाले राज्यों को दी गई। एक आंध्रप्रदेश और दूसरा बिहार। राजनीतिक चश्मे से देखें तो बजट के कई मायने हैं, लेकिन आर्थिक चश्मे से ढूंढें तो बजट में बहुत कुछ नहीं मिलता है। क्योंकि ये बजट अंतरिम बजट का पूर्ण बजट है। 6 महीने निकल चुके हैं, अगला बड़ा बजट साल के अंत से बनना शुरू हो जाएगा। इसलिए इस वक्त सरकार की सबसे बड़ी वरीयता यही थी कि इस बजट के बाद उसके गठबंधन घटक शांत रहे और साथ बने रहें। बाकी रेलवे, इंफ्रा के लिए छोटी-मोटी प्रतीकात्मक घोषणाएं ही हैं। इससे ये भी लगता है कि सरकार इस बजट के जरिए एक निरंतरता दिखाना चाहती है। कुछ छोटी-मोटी पहल हमें दिखती है। अलग-अलग तरीके की। उन पहल का असर कुल मिलाकर इकोनॉमी में ग्रोथ बढ़ाने में, जॉब बढ़ाने में, डिमांड बढ़ाने में उतना नहीं दिखाई देगा। तीसरा इसके बाद अगर आप बजट का कोई फोकस ढूंढना चाहें तो वो छोटे उद्योग हैं। हालांकि, छोटे उद्योगों के भी मामले में वो ही चलती हुई स्कीम्स हैं। उनमें आवंटन बढ़ाया गया और बैंकों के सहारे उन्हें और आसानी से कर्ज देने जैसे प्रावधान जोड़े गए। मोदी सरकार के पिछले बजट बड़ी स्कीमों की बात करते थे, मेगा स्कीमों की चर्चा करते थे। गठबंधन सरकार की चुनौतियां इस बजट पर साफतौर पर दिखाई दी। क्योंकि मेगा स्कीमों का रिफ्लेक्शन इस बजट पर नहीं दिखा। पूरे भाषण में हमने स्मार्ट सिटी नहीं सुना, गंगा मिशन नहीं सुना। बहुत सारी ऐसी बड़ी स्कीमें इस बार नहीं सुनाई दीं, लेकिन हां, बजट के दस्तावेजों में इन पर कई आवंटन जरूर हुए होंगे, छिपे हुए होंगे। इस बार वो फ्लैग बियरिंग स्कीमें नहीं रहीं। कुल मिलाकर सरकार का ये मध्यावधि बजट था। इस बजट को देखकर लगता है कि इस बजट के नतीजों के आधार पर वित्त मंत्री को आगे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े बदलाव करने होंगे। फरवरी, 2025 में हमें एक रियल रिफॉर्म बजट की उम्मीद करनी चाहिए। बजट से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें

  • ₹7.75 लाख तक की आय टैक्स फ्री:सोना-चांदी और मोबाइल सस्ता हो सकते हैं, इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स को 20% देना होगा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स
    on 23/07/2024 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर बजट से जुड़ी रही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 का बजट पेश किया। इस बार सरकार ने मोटे तौर पर 7 चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी है और 2 की ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे करीब 7 प्रोडक्ट सस्ते और 2 प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। इसे चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। वहीं, बजट में सरकार ने शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स में बदलाव किया है। इससे आज सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1,278 अंक गिरकर 79,224 पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में रिकवरी देखने को मिली ये 73 अंक की गिरावट के साथ 80,429 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी बजट स्पीच के दौरान 435 अंक गिरकर 24,074 पर पहुंच गया था। कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. सस्ता और महंगा- मोबाइल फोन सस्ते होंगे: सोना-चांदी पर भी ड्यूटी घटाई; एक साल में 300 रुपए घटे सिलेंडर के दाम बजट में इस बार सरकार ने मोटे तौर पर 7 चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी है और 2 की ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे करीब 7 प्रोडक्ट सस्ते और 2 प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। सस्ते होने वाले प्रोडक्ट में मोबाइल फोन और सोना-चांदी है। वहीं प्लास्टिक से जुड़े प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। हालांकि ये प्रोडक्ट कितने सस्ते होंगे या महंगे ये तय नहीं है। सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था, जिसके बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी बढ़ाई-घटाई जाती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. बजट में न्यू टैक्स रिजीम में राहत: ₹17,500 तक का सीधा फायदा, ओल्ड टैक्स रिजीम वाले घाटे में बजट में इनकम टैक्स को लेकर राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इन दोनों बदलावों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपए तक का फायदा होगा। हालांकि पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. लॉन्ग टर्म निवेश पर 25 हजार की टैक्स छूट: 1,278 अंक गिरने के बाद संभला मार्केट, निवेश पर टैक्स बढ़ाकर 20% तक करने का असर बजट में सरकार ने शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स में बदलाव किया है। इससे आज सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1,278 अंक गिरकर 79,224 पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में रिकवरी देखने को मिली ये 73 अंक की गिरावट के साथ 80,429 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी बजट स्पीच के दौरान 435 अंक गिरकर 24,074 पर पहुंच गया था। मार्केट बंद होने के पहले इसने भी रिकवरी कर ली और 30 अंक की गिरावट के साथ 24,479 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 शेयरों में से 20 में तेजी, 29 में गिरावट रही। एक में कोई बदलाव नहीं हुआ। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. 24 पॉइंट में 2024 का बजट: नई टैक्स रिजीम में 7.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री; मोबाइल फोन और सोना-चांदी सस्ते होंगे नई टैक्स रिजीम में बदलाव, 7.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। नई टैक्स रिजीम में अब 50 हजार की जगह 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. किसान बजट- एग्रीकल्चर के लिए ₹1.52 लाख करोड़: 32 फसलों की 109 नई किस्में लाएंगे; 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती कराएंगे सरकार ने एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए। पिछले साल 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 27 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया। हालांकि किसानों की लगातार मांग के बाद भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी, MSP को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं किसान सम्‍मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई, ये 6,000 रुपए ही रहेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 6. हेल्थ बजट- सरकार की 9 प्राथमिकताओं में सेहत नहीं: स्वास्थ्य सेवाओं को जितने की जरूरत उससे 73% कम अलॉटमेंट बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकसित भारत के लिए 9 प्राथमिकताओं की घोषणा की, लेकिन स्वास्थ्य को इनमें जगह नहीं मिली है। सरकार ने कैंसर की 3 अहम दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी है। अब इन दवाओं के आयात पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा। इसकी वजह से कैंसर का इलाज सस्ता होगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने नए मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल खोलने की भी बात कही है। इस बजट से आयुष्मान भारत योजना में बड़ी राहत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसी कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोने-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • न्यू रिजीम में 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री:नीतीश को 58 हजार 900 करोड़, नायडू को 15 हजार करोड़; समझिए पूरा बजट
    on 23/07/2024 at 6:32 PM

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया। 1 घंटे 23 मिनट के भाषण में उन्होंने शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर फोकस करने की बात कही। बजट में न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। यानी उन्हें 17 हजार 500 रुपए का फायदा हुआ है। वित्त मंत्री ने नीतीश कुमार के बिहार को 58 हजार 900 करोड़ और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ के पैकेज दिए। केंद्र में नीतीश की JDU के 12 और नायडू की TDP 16 सांसद हैं। पहली नौकरी वाले जिनकी सैलरी 1 लाख रुपए से कम होगी, उन्हें सरकार अधिकतम 15 हजार रुपए तीन किश्तों में देगी। केंद्र सरकार ने 500 टॉप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने की घोषणा की है। इस दौरान इंटर्न को 5 हजार रुपए हर महीने स्टाइपैंड और 6 हजार रुपए वन टाइम सपोर्ट दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने MSMEs के लिए मुद्रा लोन की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी है। अब देखिए बजट में किसे क्या मिला: 1. टैक्सपेयर्स: न्यू रिजीम से इनकम टैक्स में ₹17.5 हजार का फायदा न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के बाकी स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इन दोनों बदलावों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपए तक का फायदा होगा। पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2. शिक्षा, ट्रेनिंग, रोजगार: एजुकेशन लोन, पेड इंटर्नशिप, EPF में पैसा शिक्षा के लिए ₹1.48 लाख करोड़ दिए गए हैं। पिछले बजट से यह 32% ज्यादा है। नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी 6 स्कीम्‍स का ऐलान किया गया है। 3. युवा कारोबारी: मुद्रा लोन ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख मुद्रा योजना के तहत अपने बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को 3 कैटेगरी में लोन दिया जाता है। इनकी 3 कैटेगरी हैं, शिशु, किशोर और तरुण। तीसरी कैटेगरी में लोन की रकम दोगुनी कर दी गई है। 4. एग्रीकल्चर: 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड, सम्मान निधि नहीं बढ़ी एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए। पिछले साल 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 27 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया। हालांकि किसानों की लगातार मांग के बाद भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी, MSP को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं किसान सम्‍मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई, ये 6,000 रुपए ही रहेगी। हालांकि 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने का ऐलान किया गया। 5. स्वास्थ्य: कैंसर की 3 दवाएं कस्टम ड्यूटी फ्री, आयुष्मान पर नया ऐलान नहीं सरकार ने जिन 9 प्राथमिकताओं का जिक्र किया, उनमें हेल्थ शामिल नहीं है। बजट से आयुष्मान भारत योजना से जुड़े बड़े ऐलान का अनुमान था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने कैंसर की 3 दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी है यानी इनके आयात पर टैक्स नहीं लगेगा। इससे कैंसर का इलाज कुछ सस्ता हो सकता है। वित्त मंत्री ने नए मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल खोलने की बात कही है, लेकिन इसके लिए फंड का अलोकेशन नहीं बताया है। 6. डिफेंस: बजट ₹400 करोड़ बढ़ा, ज्यादातर बढ़ोतरी सैलरी-पेंशन में सेना को खर्च के लिए 6,21,940 करोड़ रुपए मिले हैं, जो अंतरिम बजट से महज 400 करोड़ रुपए यानी, 0.064% ज्यादा है। इसमें हथियारों की खरीद और सैलरी-पेंशन को मिलने वाला बजट जस का तस है। 400 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी रक्षा मंत्रालय के हिस्से गई है। लगातार तीसरे साल कैपिटल बजट यानी, हथियारों की खरीद और सेना के मॉडर्नाइजेशन पर होने वाले खर्च में कटौती की गई है। डिफेंस बजट का 67.7% हिस्सा रेवेन्यू और पेंशन बजट को मिला है, जिसका ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन बांटने में खर्च होता है। 7. इन्फ्रास्ट्रक्चर: सड़क, इंडस्ट्रीयल एरिया और 5 राज्यों में इन्फ्रा प्रोजेक्ट बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इनमें सड़कें, औद्योगिक क्षेत्र और पूर्वोदय स्कीम के तहत बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश किए जाने वाले इन्फ्रा प्रोजेक्ट शामिल हैं। 8. बिहार को 58,900 और आंध्र को 15,000 करोड़ मोदी सरकार 3.0 बिहार के CM नीतीश कुमार की JDU और आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू की TDP के भरोसे केंद्र में सत्ता चला रही है। वित्त मंत्री ने बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की। 9. सस्ता-महंगा: मोबाइल फोन, सोना-चांदी सस्ते; प्लास्टिक का सामान महंगा मोटे तौर पर 7 चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटी है और 2 की ड्यूटी बढ़ाई है। इससे करीब 7 प्रोडक्ट सस्ते और 2 प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। मोबाइल फोन, चार्जर और सोने-चांदी के गहनों पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6% कर दी गई है। वहीं प्लास्टिक पर यह ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इससे प्लास्टिक प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। हालांकि, ये प्रोडक्ट कितने सस्ते होंगे या महंगे, यह साफ नहीं है। 10. चीन समर्थक मालदीव की मदद घटी, श्रीलंका को ज्यादा सहायता मिलेगी विदेश मंत्रालय को 22 हजार 154 करोड़ रुपए दिए गए हैं। पिछले साल विदेश मंत्रालय को 29 हजार 121 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसमें 6,967 हजार करोड़ की कटौती की गई है। विदेश मंत्रालय के बजट में ‘नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर मिशन’ के तहत भारत के पड़ोसी और मित्र देशों को आर्थिक मदद के लिए राशि आवंटित की गई है। इनमें भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव समेत 10 देश शामिल हैं। सबसे ज्यादा भूटान के लिए 2 हजार 68 करोड़ का पैकेज रखा गया है। यह पिछले साल से करीब 400 करोड़ कम है। बजट में सबसे ज्यादा कटौती चीन समर्थक मालदीव के पैकेज में की गई है। 2023 में मालदीव के लिए आर्थिक मदद को 183 करोड़ से बढ़ाकर 770 करोड़ किया गया था। वहीं इस साल इसे 400 करोड़ कर दिया गया है। श्रीलंका और नेपाल के लिए बजट में बढ़ोतरी हुई है। इसमें श्रीलंका की मदद 60 करोड़ से 4 गुना से ज्यादा बढ़ाकर 245 करोड़ कर दी है। वहीं नेपाल में चीन समर्थक केपी ओली की सरकार बनने के बावजूद देश के लिए आर्थिक मदद को 650 करोड़ से बढ़ाकर 700 करोड़ किया गया है। 11. पेंशनर्स को अब 10 हजार रुपए ज्यादा टैक्स छूट का लाभ फैमिली पेंशनर्स के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने इस पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन 15 हजार रुपए सालाना से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी है। यानी इस पेंशन को पाने वाले लोग अब 25 हजार रुपए तक की टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। फैमिली पेंशन वह पेंशन होती है, जो सरकारी कर्मचारियों के परिवार को उनकी नौकरी में मौत होने के बाद दी जाती है। नई कर व्यवस्था में लगभग चार करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। अभी फैमिली पेंशन सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी की 30 फीसदी होती है, लेकिन किसी भी हाल में यह 3500 रुपए प्रति माह से कम नहीं हो सकती। 2004 तक के सरकारी नियमों के अनुसार, मृतक कर्मचारी की विधवा या विधुर को फैमिली पेंशन दी जाती है, जब तक उसकी दोबारा शादी नहीं हो जाती है। अगर मृत कर्मचारी की कोई विधवा या विधुर नहीं है, तो राशि उस कर्मचारी पर निर्भर उन बच्चों को दी जाती है, जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम होती है। 12. गरीबों से जुड़ी योजनाओं पर फोकस, सबसे ज्यादा गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए 2.05 लाख करोड़ रुपए सरकार ने बजट में गांवों और गरीबों से जुड़ी योजनाओं पर विशेष फोकस रखा है। सरकार अपनी टॉप 20 योजनाओं में कुल 10.76 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। इनमें सबसे ज्यादा अलोकेशन पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए किया गया है। इसके लिए बजट में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को 2.05 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके अंतर्गत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता है। इस योजना को सरकार ने 5 साल के लिए बढ़ा दिया था। वित्त मंत्री ने पेश किया 48.20 लाख करोड़ का बजट, पिछली बार से 6.58% ज्यादा 13. प्रॉपर्टी बेचने पर महंगाई का फायदा नहीं पहले इंडेक्सेशन (जिस कीमत पर घर खरीदा है, उसे महंगाई के हिसाब से जोड़कर टैक्स निकालते हैं) के साथ 20% टैक्स लगता था, अब इसे 12.5% कर दिया गया। असर ये होगा कि महंगाई के मुकाबले यदि घर ज्यादा महंगा हुआ तो नई व्यवस्था में लाभ है। अगर कम महंगा हुआ है तो आपको नुकसान होगा। यदि 30 लाख का घर 23 साल बाद 3 करोड़ में बेचा तो अभी 38.22 लाख रु. टैक्स लगता है, अब 33.75 लाख रु. लगेंगे। बजट की बाकी घोषणाएं: बजट से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें