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बिजनेस | दैनिक भास्कर Business News in Hindi, मनी भास्कर समाचार, Latest Business Hindi News, मनी भास्कर न्यूज़

  • आज सोने में गिरावट, चांदी महंगी हुई:सोना ₹408 गिरकर ₹99,549 प्रति 10 ग्राम पर आया, चांदी ₹1.14 लाख प्रति किलो बिक रही
    on 12/08/2025 at 6:39 AM

    सोने के दाम में आज यानी 12 अगस्त को गिरावट है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 24 कैरेट सोना का दाम 408 रुपए गिरकर 99,549 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। इससे पहले सोना 99,957 रुपए पर था। वहीं 8 अगस्त को सोने ने 1,01,406 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था। वहीं चांदी की कीमत 92 रुपए बढ़कर 1,13,593 रुपए प्रति किलो हो गई है। इससे पहले चांदी 1,13,501 रुपए पर थी। वहीं 23 जुलाई को चांदी ने 1,15,850 रुपए ऑल टाइम हाई बनाया था। भोपाल सहित 4 महानगरों में 10 ग्राम सोने की कीमत सोना इस साल अब तक ₹23,387 महंगा हुआ इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 23,387 रुपए बढ़कर 99,549 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 27,576 रुपए बढ़कर 1,13,593 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं पिछले साल यानी 2024 में सोना 12,810 रुपए महंगा हुआ था। सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

  • RBI गवर्नर बोले- मिनिमम बैलेंस तय करना बैंकों की आजादी:ICICI बैंक के नए सेविंग अकाउंट्स में कम से कम ₹50 हजार रखना जरूरी
    on 12/08/2025 at 6:17 AM

    RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि सेविंग अकाउंट में कम से कम कितना पैसा रखना है, इसका फैसला बैंक करते हैं, RBI की इसमें कोई भागीदारी नहीं होती है। ICICI बैंक द्वारा नए सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस को 10 हजार से 50 हजार कर दिया है। गुजरात में फाइनेंशियल इन्क्लूजन से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने ये बात कही। ICICI बैंक अकाउंट में मिनिमम ₹50,000 बैलेंस जरूरी ICICI बैंक के खाताधारकों को अब अपने अकाउंट में 50 हजार रुपए का मिनिमम बैंलेंस मेंटेन करना होगा। इससे कम बैलेंस होने पर ग्राहकों को पेनल्टी देनी पड़ सकती है। नया नियम 1 अगस्त 2025 के बाद खोले गए नए खातों पर लागू होगा। खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की सीमा शहरों गावों और मेट्रो सिटीज में अलग-अलग है, बैंक ने सभी में इजाफा किया है। मेट्रो और शहरी इलाकों में अब कम से कम 50,000 रुपए, सेमी-अर्बन (अर्ध-शहरी) इलाकों में 25,000 रुपए और गांवों में खुले खातों के लिए यह लिमिट अब 10,000 रुपए हो गई है। 2015 के बाद पहली बार बैंक ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट बढ़ाई इससे पहले मेट्रो और शहरी इलाके में कम से कम 10 हजार रुपए, सेमी-अर्बन में 5000 रुपए और गांवों के ब्रांच में कम से कम 2500 रुपए का औसतन मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत पड़ती थी। मिनिमम अकाउंट बैलेंस की लिमिट में इस बढ़ोतरी के साथ घरेलू बैंकों में सबसे ज्यादा मिनिमम अकाउंट बैलेंस (MAB) रखने की लिमिट अब ICICI का हो गया है। बैंक ने 10 साल बाद मिनिमम बैलेंस लिमिट में बदलाव किया है। देश 11 सरकारी बैंकों ने बीते 5 साल में सेविंग अकाउंट में ​मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर ग्राहकों से करीब 9,000 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूली है… देश के टॉप बैंकों में मिनिमम बैलेंस और पेनल्टी के नियम अगर आपके खाते में लगातार एक महीने तक तय मिनिमम बैलेंस से कम पैसा रहा तो आपको कमी का 6% चार्ज या 500 रुपए (जो कम हो) देना होगा। मान लीजिए, आपके खाते के लिए तय मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपए है। लेकिन किसी महीने आपने केवल 8000 मेंटेन किया यानी लिमिट से 2000 रुपए कम तो आपको कमी यानी ₹2000 का 6% यानी 120 रुपए पेनल्टी देना होगा। हालांकि, भारतीय बैंकों में सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस की मेंटेन करने की जरूरतें अलग-अलग हैं। ये नियम बैंक, अकाउंट का टाइप, और खाता कहां किस जगह पर है (मेट्रो, शहरी, अर्ध-शहरी, ग्रामीण) के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। 1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 2. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 3. HDFC बैंक: 4. एक्सिस बैंक: 5. बैंक ऑफ बड़ौदा ——————————— ये खबर भी पढें… ICICI बैंक का मुनाफा 15% बढ़कर ₹12,768 करोड़: पहली तिमाही में कमाई ₹51,452 करोड़ रही, बैंक का शेयर एक साल में 14% चढ़ा ICICI बैंक ने पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2026) में कुल ₹51,452 करोड़ की कमाई की है। इस कमाई में से बैंक ने 32,706 करोड़ रुपए कर्मचारियों की सैलरी, बिजली बिल, डिपॉजिट जैसे कामों में खर्च किए। इसके बाद बैंक के पास 12,768 करोड़ रुपए मुनाफा के रूप में बचा। एक साल पहले की समान अवधि में बैंक को 11,059 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। सालाना आधार यह 15.45% बढ़ा है। पूरी खबर पढ़ें…

  • जुलाई में रिटेल महंगाई 2% से कम रहने की उम्मीद:खाने-पीने का सामान सस्ता होने से घट सकती है महंगाई, जून में 2.10% रही थी
    on 12/08/2025 at 5:31 AM

    भारत की रिटेल महंगाई जुलाई में 2% से कम रहने की उम्मीद है। आज यानी 12 अगस्त को जुलाई महीने के रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार इसमें खाने-पीने के सामान की कीमतों में लगातार नरमी के कारण इसमें गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं जून महीने में रिटेल महंगाई घटकर 2.10% पर आ गई थी। ये 77 महीने का निचला स्तर है। इससे पहले जनवरी 2019 में ये 2.05% रही थी। वहीं मई 2025 में ये 2.82% और अप्रैल 2025 में रिटेल महंगाई 3.16% पर थी। रिटेल महंगाई फरवरी से RBI के लक्ष्य 4% से नीचे है। RBI ने महंगाई का अनुमान घटाया इससे पहले 4 से 6 अगस्त तक हुई RBI मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में भी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया है। RBI ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 3.4% से घटाकर 2.1% कर दिया। महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है।

  • सेंसेक्स 100 अंक ऊपर 80,700 पर कारोबार कर रहा:निफ्टी भी 50 अंक चढ़ा; NSE के रियल्टी और बैंकिंग इंडेक्स फिसले
    on 12/08/2025 at 3:56 AM

    हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन आज यानी मंगलवार, 12 जुलाई को शेयर बाजार में काफी-उतार चढ़ाव है। सेंसेक्स 100 अंक ऊपर 80,700 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 50 अंकों की तेजी है, ये 24,640 के स्तर पर है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 18 में तेजी और 12 में गिरावट है। MM, TCS और बजाज फाइनेंस के शेयर्स चढ़े हैं। ICICI बैंक, BEL और HDFC बैंक में गिरावट है। निफ्टी के 50 शेयरों में से 30 में तेजी और 20 में गिरावट है। NSE के रियल्टी, बैंकिंग, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में गिरावट है। मीडिया, IT, ऑटो, मेटल और फार्मा इंडेक्स में तेजी है। एशियाई बाजारों में तेजी, अमेरिकी गिरे 11 अगस्त को DIIs ने ₹6,000 ​​​​करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे ब्लूस्टोन ज्वेलरी के IPO में निवेश का आज दूसरा दिन ब्लूस्टोन’ ब्रांड नाम से मॉडर्न स्टाइल ज्वेलरी बनाने वाली कंपनी ब्लूस्टोन ज्वेलरी एंड लाइफस्टाइल लिमिटेड (BJLL) का IPO कल यानी 11 अगस्त से ओपन हो गया है। निवेशक इस इश्यू के लिए 13 अगस्त तक बोली लगा सकेंगे। 19 अगस्त को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। कंपनी इस IPO के जरिए 1,540.65 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। कल 746 अंक चढ़ा था शेयर बाजार हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 11 अगस्त को सेंसेक्स 746 अंक चढ़कर 80,604 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 222 अंक की तेजी रही, ये 24,585 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 26 में तेजी और 4 में गिरावट रही। टाटा मोटर्स, ट्रेंट, जोमैट और SBI के शेयरों में 3.2% तक चढ़े। ICICI बैंक, एयरटेल और BEL में मामूली गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 44 में तेजी और 6 में गिरावट रही। NSE के PSU बैंकिंग इंडेक्स में सबसे ज्यादा 2.2% की तेजी रही। इसके अलावा, रियल्टी में 1.86%, हेल्थकेयर में 1.17%, ऑटो में 1.06%, फार्मा में 0.95% और प्राइवेट बैंक में 0.81% भी तेजी रही। ————————— ये खबर भी पढ़ें… 1. शेयर बाजार में ट्रेडर्स के लिए 12 अगस्त अहम: अलर्ट पर रहने की सलाह, बड़ा मोमेंटम दिख सकता है; 5 अहम फैक्टर्स तय करेंगे चाल शेयर बाजार के लिए 12 अगस्त की तारीख अहम है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक इस दिन ट्रेडर्स को अलर्ट रहना चाहिए। बाजार में बड़ा मोमेंटम दिख सकता है। इसके अलावा 11 जुलाई से शुरू होने वाली हफ्ते में महंगाई दर का डेटा, ट्रम्प-पुतिन की मीटिंग से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। पढ़ें पूरी एनालिसिस… 2. FPI ने अगस्त में बाजार से अब-तक ₹18,000 करोड़ निकाले: इस साल टोटल ₹1.13 लाख करोड़ की निकासी की, जानें FPI क्यों कर रहे बिकवाली फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) ने अगस्त 2025 में भारतीय शेयर बाजार से अब तक करीब 18,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल FPI ने इंडियन शेयर मार्केट से अब तक टोटल 1.13 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है। आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने (8 अगस्त तक) FPI ने 17,924 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे हैं। जुलाई में विदेशी निवेशकों ने नेट बेसिस पर 17,741 करोड़ रुपए निकाले थे। पूरी खबर पढ़ें…

  • दिल्ली में टेस्ला का दूसरा शोरूम खुला:अमेरिका को चीन में चिप बिक्री से 15% हिस्सा मिलेगा; सोना ₹985 सस्ता हुआ, ₹99,957 प्रति दस ग्राम पर पहुंचा
    on 11/08/2025 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर अमेरिका-चीन से जुड़ी रही। अमेरिका की दो बड़ी चिप बनाने वाली कंपनियां, एनवीडिया और AMD अब चीन में अपनी AI चिप की बिक्री से होने वाली कमाई का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देंगी। वहीं टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब दिल्ली से भी खरीद सकेंगे। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी ने भारत में अपना दूसरा शोरूम खोल दिया है। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. अमेरिका को चीन में चिप बिक्री से 15% हिस्सा मिलेगा: एनवीडिया-AMD की सरकार से डील; अप्रैल में AI चिप बेचने पर रोक लगाई थी अमेरिका की दो बड़ी चिप बनाने वाली कंपनियां, एनवीडिया और AMD अब चीन में अपनी AI चिप की बिक्री से होने वाली कमाई का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देंगी। इस तरह से रेवेन्यू का हिस्सा लेना बिल्कुल नया और अनोखा कदम है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में तीन लोगों के हवाले से ये जानकारी दी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. सोना ₹985 सस्ता हुआ, ₹99,957 प्रति दस ग्राम पर पहुंचा: इस साल ₹23,795 महंगा हुआ; चांदी ₹1,231 सस्ती होकर ₹1,13,501 प्रति किलो हुई सोने और चांदी की कीमतों में 11 अगस्त को गिरावट देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, सोमवार को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 985 रुपए घटकर 99,957 रुपए पर आ गया है। शुक्रवार को इसके दाम 1,00,942 रुपए प्रति दस ग्राम थे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. एअर इंडिया की दिल्ली-वॉशिंगटन फ्लाइट्स 1-सितंबर से बंद रहेंगी: एयरलाइन ने ऑपरेशन से जुड़ी चुनौतियों के कारण यह फैसला लिया एअर इंडिया ने सोमवार को घोषणा की है कि वह 1 सितंबर से दिल्ली और वॉशिंगटन DC के बीच अपनी फ्लाइट सर्विसेज बंद कर देगी। यह फैसला ऑपरेशन यानी परिचालन संबंधी चुनौतियों के कारण लिया गया है, ताकि एयरलाइन अपने ओवरऑल रूट नेटवर्क की विश्वसनीयता और क्वालिटी को बनाए रख सके। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. लिस्टिंग के बाद 60% चढ़ा NSDL: आज 10% की तेजी के बाद 2% गिरा शेयर; SBI ने ₹2 में खरीदा था, अब ₹1425 पहुंची कीमत नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी NSDL के शेयर लिस्टिंग के बाद से 60% से ज्यादा चढ़ चुके हैं। सोमवार को इसके शेयरों में करीब 10% की तेजी देखी गई। शेयर ने ₹1425 का हाई बनाया। हालांकि बाद में ये 2% की गिरावट के साथ 1,273 रुपए पर बंद हुआ। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. दिल्ली से भी खरीद सकेंगे टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारें: वर्ल्डमार्क कॉम्प्लेक्स में खुला कंपनी का दूसरा शोरूम, एक महीने का किराया ₹17.22 लाख टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब दिल्ली से भी खरीद सकेंगे। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी ने भारत में अपना दूसरा शोरूम दिल्ली में खोल दिया है। नया टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर, एयरोसिटी वर्ल्डमार्क 3 बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • एअर इंडिया की दिल्ली-वॉशिंगटन फ्लाइट्स 1-सितंबर से बंद रहेंगी:एयरलाइन ने ऑपरेशन से जुड़ी चुनौतियों के कारण यह फैसला लिया
    on 11/08/2025 at 3:31 PM

    एअर इंडिया ने सोमवार को घोषणा की है कि वह 1 सितंबर से दिल्ली और वॉशिंगटन DC के बीच अपनी फ्लाइट सर्विसेज बंद कर देगी। यह फैसला ऑपरेशन यानी परिचालन संबंधी चुनौतियों के कारण लिया गया है, ताकि एयरलाइन अपने ओवरऑल रूट नेटवर्क की विश्वसनीयता और क्वालिटी को बनाए रख सके। बैन का मुख्य कारण एयरक्राफ्ट फ्लीट में कमी इस बैन का मुख्य कारण एअर इंडिया के एयरक्राफ्ट फ्लीट यानी विमान बेड़े में कमी है। क्योंकि, एयरलाइन ने पिछले महीने अपने 26 बोइंग 787-8 विमानों के नवीनीकरण (रेट्रोफिटिंग) की प्रोसेस शुरू की है। यह रिन्यूअल प्रोग्राम पैसेंजर्स एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया है, लेकिन इसके कारण कई विमान 2026 के आखिरी तक अवेलेबल नहीं होंगे। इसके अलावा पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के बंद होने से लंबी दूरी की उड़ानों पर असर पड़ रहा है, जिसके कारण उड़ान मार्ग लंबे हो रहे हैं और ऑपरेशनल कॉम्प्लिकेशन बढ़ रही हैं। पैसेंजर्स को अल्टरनेटिव ट्रैवल अरेंजमेंट दिए जाएंगे एअर इंडिया ने कहा कि 1 सितंबर के बाद वॉशिंगटन डीसी से या वहां के लिए बुकिंग कराने वाले पैसेंजर्स से संपर्क किया जाएगा। उन्हें अल्टरनेटिव ट्रैवल अरेंजमेंट, जैसे अन्य फ्लाइट्स में री-बुकिंग या पूरा रिफंड, उनकी पसंद के अनुसार अवेलेबल कराया जाएगा। पैसेंजर्स अब भी न्यूयॉर्क (JFK), नेवार्क (EWR), शिकागो और सैन फ्रांसिस्को जैसे चार अमेरिकी गेटवे के जरिए एअर इंडिया की इंटरलाइन पार्टनर एयरलाइंस-अलास्का एयरलाइंस, यूनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एयर लाइंस के साथ वन-स्टॉप फ्लाइट्स के जरिए वॉशिंगटन डीसी की यात्रा कर सकेंगे। इन फ्लाइट्स में पैसेंजर्स एक ही टिकट पर यात्रा कर सकेंगे और उनका सामान फाइनल डेस्टिनेशन तक पहुंचाया जाएगा। एअर इंडिया भारत से उत्तरी अमेरिका के छह डेस्टिनेशन, जिनमें कनाडा के टोरंटो और वैंकूवर शामिल हैं। उनके बीच नॉन-स्टॉप फ्लाइट्स संचालित करना जारी रखेगी। ये खबर भी पढ़ें… तिरुवनंतपुरम-दिल्ली एअर इंडिया फ्लाइट की चेन्नई में लैंडिंग: कांग्रेस सांसद बोले- रनवे पर दूसरा प्लेन खड़ा था; DGCA बोला- मलबा होने की आशंका थी तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही एअर इंडिया फ्लाइट AI2455 की रविवार रात चेन्नई में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। एयरलाइंस ने तकनीकी गड़बड़ी और खराब मौसम को इसकी वजह बताया।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें… बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का अपग्रेडेशन शुरू: एअर इंडिया बोली- ₹3300 करोड़ खर्च कर ज्यादा भरोसेमंद बनाएंगे; अहमदाबाद में यही प्लेन क्रैश हुआ था​​​​​​​ एअर इंडिया ने अपने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमानों को अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है। 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ही क्रैश हुआ था, इस हादसे में 270 लोगों की जान गई थी।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

  • कमजोर तिमाही नतीजों के बावजूद टाटा-मोटर्स का शेयर 3% चढ़ा:Q1 में मुनाफा 30% घटकर ₹3,924 करोड़ रहा, शेयर एक साल में 40% गिरा
    on 11/08/2025 at 1:19 PM

    पहली तिमाही के कमजोर नतीजों के बावजूद टाटा मोटर्स के शेयर में आज (सोमवार, 11 अगस्त) 3% से ज्यादा की तेजी रही। कारोबार खत्म होने पर कंपनी का शेयर 3.20% की तेजी के साथ 654 रुपए पर बदं हुआ। बीते 1 महीने में कंपनी का शेयर 4% और छह महीने में 3.5% गिरा है। वहीं एक साल में कंपनी का शेयर करीब 40% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 2.41 लाख करोड़ रुपए है। कंपनी के शेयर में क्यों आई तेजी कमजोर नतीजों के बावजूद कई मोर्चों पर कंपनी के लिए उम्मीद की किरण नजर आ रही है। इसके चलते स्टॉक में रिकवरी आई है। पहली तिमाही में JLR का EBIT मार्जिन 485 बेसिस प्वाइंट घटा है। लेकिन तिमाही आधार पर ये अनुमान से थोड़ा बेहतर रहा है। कमजोर पहली तिमाही के बाद भी JLR का वित्त वर्ष 2026 का EBIT मार्जिन गाइडेंस 5-7% पर बरकरार है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैरिफ की अनिश्चितता कम होने से सुधार होने की उम्मीद है। वहीं तिमाही आधार पर CV मार्केट शेयर में 50 बेसिस प्वाइंट सुधार होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 में EV ग्रोथ 13% से बढ़कर 17% रह सकती है। स्टॉक में आगे क्या होनी चाहिए स्ट्रेटेजी? ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के मुताबिक, टाटा मोटर्स के शेयरों में निकट भविष्य में कमजोरी रहने की संभावना है, जिसके कारण ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक के लिए अपने टारगेट प्राइस को घटाकर 550 रुपए प्रति शेयर कर दिया है। ब्रोकरेज ने बढ़ती प्रतिस्पर्धा, चीन में टैक्स, वारंटी लागत और जेएलआर के पुराने मॉडलों की वजह से दबाव की संभावना जताई है। साथ ही भारत के पैसेंजर वाहन सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी घटने और मार्जिन पर दबाव की भी बात कही है। ब्रोकरेज ने कमर्शियल वाहनों की कमजोर मांग और इवेको के अधिग्रहण को लेकर बनी चिंताओं का भी जिक्र किया है। इसके चलते वित्त वर्ष 2026-28 के ईपीएस अनुमानों में 8-15% की कटौती की है। मोतीलाल ने स्टॉक पर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी मोतीलाल ओसवाल ने जेएलआर के लिए कई चुनौतियों की बात कही। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपनी ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दोहराई है और 631 रुपए प्रति शेयर का टारगेट दिया। दूसरी ओर, घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने टाटा मोटर्स पर पॉजिटिव राय दी है और 750 रुपए के टारगेट के साथ इसे ‘BUY’ रेटिंग दी है। मुनाफा 30% घटकर ₹3,924 करोड़ रहा ऑटोमोबाईल कंपनी टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 3,924 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर यह 30% कम रहा है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 5,643 करोड़ रुपए था। अप्रैल-जून तिमाही में ऑपरेशन से कंपनी का रेवेन्यू 1.04 लाख करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में टाटा मोटर्स ने 1.07 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। सालाना आधार पर यह 2.51% घटा है। टाटा मोटर्स की टोटल इनकम 2.47% घटी पहली तिमाही में टाटा मोटर्स की टोटल इनकम सालाना आधार पर 2.47% घटकर 1.06 लाख करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी की टोटल इनकम 1.09 लाख करोड़ रुपए रही थी।

  • अमेरिका को चीन में चिप बिक्री से 15% हिस्सा मिलेगा:एनवीडिया-AMD की सरकार से डील; अप्रैल में AI चिप बेचने पर रोक लगाई थी
    on 11/08/2025 at 9:38 AM

    अमेरिका की दो बड़ी चिप बनाने वाली कंपनियां, एनवीडिया और AMD अब चीन में अपनी AI चिप की बिक्री से होने वाली कमाई का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देंगी। इस तरह से रेवेन्यू का हिस्सा लेना बिल्कुल नया और अनोखा कदम है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में तीन लोगों के हवाले से ये जानकारी दी है। 15% रेवेन्यू शेयरिंग डील के बाद दिया चिप बेचने का लाइसेंस पिछले महीने ट्रम्प प्रशासन ने एनवीडिया को चीन में अपनी H20 एआई चिप बेचने की इजाजत देने की बात कही थी, लेकिन लाइसेंस नहीं दिए गए थे। फिर बुधवार को एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की और इस 15% रेवेन्यू शेयरिंग की डील पक्की की। इसके दो दिन बाद ही अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने इन चिप्स की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करना शुरू कर दिया। यानी, अमेरिकी सरकार अब एनवीडिया के चीन में बिजनेस की एक तरह से पार्टनर बन गई है। AMD की MI308 चिप भी इस डील का हिस्सा है। अप्रैल में ट्रम्प प्रशासन ने इस चिप की चीन में बिक्री पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब इस सौदे के तहत बिक्री की इजाजत मिल गई है। पहले भी अंतरराष्ट्रीय सौदों में दखल दे चुका है ट्रम्प प्रशासन ट्रम्प प्रशासन पहले भी अमेरिकी कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय सौदों में दखल दे चुका है। जैसे, जून में जापान की निप्पॉन स्टील को यूएस स्टील में निवेश की मंजूरी दी गई। इसमें सरकार ने कंपनी में तथाकथित गोल्डन शेयर लिया। गोल्डन शेयर किसी कंपनी में सरकार या किसी खास निवेशक को मिलता है। इसके जरिए वो कंपनी के बड़े फैसलों पर खास कंट्रोल रख सकते हैं, भले ही उनकी हिस्सेदारी कम हो। डील से सरकार को करीब ₹17,000 करोड़ मिलेंगे बर्न्सटीन रिसर्च के मुताबिक, इस डील से सरकार को 2 बिलियन डॉलर (करीब ₹17,000 करोड़) मिल सकते हैं। एनवीडिया इस साल के अंत तक चीन में करीब ₹1.31 लाख करोड़ की अपनी H20 चिप बेच सकती है। AMD की बिक्री ₹7 हजार करोड़ तक हो सकती है। एआई चिप्स बेचना अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा क्यों बदला ट्रम्प प्रशासन का रुख? अप्रैल में ट्रम्प प्रशासन ने इन चिप्स की बिक्री पर रोक लगा दी थी, क्योंकि इन्हें चीन की एआई तकनीक को मजबूत करने वाला माना गया था। लेकिन जेन्सन हुआंग ने ट्रम्प को समझाया कि अगर अमेरिकी कंपनियों को चीन में बिक्री की इजाजत नहीं मिली, तो चीन की कंपनी हुवावे वहां के बाजार में हिस्सेदारी बढ़ा लेगी। हुआंग का कहना था कि इससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होगा, जबकि चीन अपनी रिसर्च और डेवलपमेंट में और पैसा लगाएगा। हुआंग ने कहा, “अमेरिकी टेक्नोलॉजी को ग्लोबल स्टैंडर्ड होना चाहिए, जैसे अमेरिकी डॉलर है।” H20 चिप एनवीडिया की सबसे बेहतरीन चिप नहीं वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने पिछले महीने सीएनबीसी पर कहा था कि H20 चिप एनवीडिया की सबसे बेहतरीन चिप नहीं है, बल्कि यह उनकी “चौथी सबसे अच्छी” चिप है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का लक्ष्य है कि वह चीन से हमेशा एक कदम आगे रहे, और इसलिए चीन को सबसे अच्छी चिप्स नहीं बेची जाएंगी। GPU को डिजाइन और मैन्युफैक्चर करती है कंपनी एनवीडिया एक टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) के डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए जानी जाती है। 1993 में जेन्सेन हुआंग, कर्टिस प्रीम और क्रिस मालाचोव्स्की ने इसकी स्थापना की थी। इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में है। एनवीडिया गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग और प्रोफेशनल एप्लिकेशन्स के लिए चिप को डिजाइन और मैन्युफैक्चर करती है। इसके साथ-साथ व्हीकल्स, रोबोटिक्स और अन्य उपकरणों में भी उसके चिप सिस्टम का इस्तेमाल होता है। ————————————- ये खबर भी पढ़े… अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले- चीन पर टैरिफ लगाना मुश्किल:राष्ट्रपति ट्रम्प अभी भी सोच रहे; US-चीन टैरिफ डेडलाइन में सिर्फ 1 दिन बाकी अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाने के सवाल पर कहा कि ऐसा कदम उठाना ज्यादा मुश्किल और नुकसानदेह हो सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में वेंस ने कहा कि चीन पर टैरिफ लगाने का विचार चल रहा है, लेकिन अभी कोई पक्का फैसला नहीं हुआ है। पूरी खबर पढ़े…

बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

  • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
    on 02/02/2025 at 10:54 PM

    भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

  • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
    on 01/02/2025 at 11:46 PM

    2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

  • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
    on 01/02/2025 at 11:44 PM

    वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

  • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
    on 01/02/2025 at 11:30 PM

    इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

  • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
    on 01/02/2025 at 11:28 PM

    सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

  • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
    on 01/02/2025 at 11:25 PM

    बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।

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