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  • सोना ₹1.21 लाख पार, लगातार तीसरे दिन कीमत बढ़ी:इस साल अब तक ₹45,637 महंगा हुआ; चांदी भी ₹1.50 लाख के ऑलटाइम हाई पर
    on 08/10/2025 at 7:33 AM

    सोने-चांदी के दाम आज फिर (8 अक्टूबर) ऑलटाइम हाई पर पहुंच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने के दाम 1,858 रुपए बढ़कर 1,21,799 रुपए पर पहुंच गए हैं। इससे पहले मंगलवार को ये 1,19,941 रुपए पर था। वहीं, चांदी 2,342 रुपए महंगी होकर 1,50,783 रुपए प्रति किलो के भाव पर पहुंच गई है। कल ये 1,48,441 रुपए पर थी। इस साल सोना ₹45,637 और चांदी ₹64,766 महंगी हुई 1.55 लाख रुपए तक जा सकता है सोना गोल्डमैन सैक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने अगले साल तक सोने के लिए 5000 डॉलर प्रति औंस का टारगेट रखा है। मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से रुपए में यह लगभग 1,55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम होगा। ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा ने कहा कि सोना 1,44,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। 4 बड़े कारण, जिससे सोने में तेजी के आसार दिख रहे हैं… 1. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के बड़े बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। इसलिए वे अपने खजाने में सोने का हिस्सा लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। असर: जब बड़े बैंक लगातार खरीदते हैं तो बाजार में सोने की मांग बनी रहती है और कीमत ऊपर जाती है। 2. ‘ट्रम्प फैक्टर’ और नीति-अनिश्चितता: अमेरिका की नीतियों को लेकर अनिश्चितता है। फेडरल रिजर्व पर दखल की बातें डॉलर-बॉन्ड बाजार को कमजोर करती हैं। असर: निवेशक सुरक्षित निवेश ढूंढते हैं और सोने की ओर भागते हैं। इससे सोने की कीमतें बढ़ने लगती हैं। 3. क्रिप्टो से सोने की ओर रुख: क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव और सख्त नियमों के डर से निवेशक पैसा सोने में लगा रहे हैं। पिछले कुछ समय के दौरान भारत में शेयर बाजार से कम रिटर्न ने भी सोने को आकर्षक बना दिया। असर: सोने की मांग में तेजी से कीमतें चढ़ जाती हैं। 4. लॉन्ग-टर्म एसेट: सोना कभी भी पूरी तरह बेकार नहीं होता। यह नष्ट नहीं होता, सीमित मात्रा में है और महंगाई के समय अपनी कीमत बचा लेता है। असर: लंबे समय में सोना रखना ज्यादातर फायदेमंद है। सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान 1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। नए नियम के तहत एक अप्रैल से छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होगा। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव हो गया है कि कोई सोना कितने कैरेट का है। 2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आमतौर पर ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट या इससे कम कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है। कैरेट के हिसाब से ऐसे चेक करें कीमत मान लीजिए 24 कैरेट सोने का दाम 60 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम है। यानी एक ग्राम सोने की कीमत हुई 6000 रुपए। ऐसे में 1 कैरेट शुद्धता वाले 1 ग्राम सोने की कीमत हुई 6000/24 यानी 250 रुपए। अब मान लीजिए आपकी ज्वेलरी 18 कैरेट शुद्ध सोने से बनी है तो 18×250 यानी इसकी कीमत 4,500 रुपए प्रति ग्राम हुई। अब आपकी ज्वेलरी जितने भी ग्राम की है उसमें 4,500 रुपए का गुणा करके सोने की सही कीमत निकाली जा सकती है।

  • मोदी बोले- भारत कभी 2G के लिए जूझता था:आज सभी जिलों में 5G कनेक्टिविटी, 1GB डेटा की कीमत एक कप चाय से भी कम
    on 08/10/2025 at 4:50 AM

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली स्थित यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के 9वें एडिशन का उद्घाटन किया। यह एशिया का सबसे बड़ा टेलीकॉम, मीडिया और टेक्नोलॉजी इवेंट है। PM ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा- जब मैंने ‘मेक इन इंडिया’ की बात कही थी तो कुछ लोग इसका मजाक उड़ाते थे। उन्हें जवाब मिल गया है। जो देश कभी 2जी को लेकर स्ट्रगल करता था, आज उसी देश के सभी जिले में 5जी पहुंच गया है। आज भारत में 1GB वायरलेस डेटा की कीमत एक कप चाय से भी कम है। PM ने कहा- भारत ने मेड इन इंडिया 4G स्टैक लॉन्च किया है। अब भारत उन 5 देशों की लिस्ट में आ गया है, जिनके पास यह क्षमता है। पूरी दुनिया भारत की क्षमता को पहचान रही है। हमारे पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम और 5G मार्केट है। यह भारत में निवेश, नवाचार और निर्माण का सबसे सही समय है। PM मोदी के भाषण की 3 बड़ी बातें… सिंधिया बोले- टेक्नोलॉजी फॉलो करने वाला भारत आज सबसे आगे केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- आज हमारी दूरसंचार क्रांति चार ‘डी’ पर आधारित है – डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिजिटल फर्स्ट और डिलीवरी। 2014 में 1GB डेटा की कीमत ₹287 हुआ करती थी। आज उसी 1GB डेटा की कीमत केवल ₹9.11 है। सिंधिया ने कहा- यह सिर्फ दूरसंचार क्रांति नहीं है। यह विकसित भारत की क्रांति है। कौशल हमें शक्ति देता है, सुरक्षा हमें आत्मविश्वास देती है और संप्रभुता हमें आत्मनिर्भर बनाती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत दुनिया पर निर्भर देश से आत्मनिर्भर भारत में बदल रहा है। केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा- आज दुनियाभर के बीस देश भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) मॉडल को अपनाने के लिए चर्चा कर रहे हैं। दूसरे देशों से टेक्नोलॉजी लेने और फॉलो करने वाला भारत आज विश्व का डिजिटल ध्वजवाहक बन गया है। 150 से ज्यादा देशों से 1.5 लाख से ज्यादा स्पीकर्स शामिल होंगे इंडियन मोबाइल कांग्रेस 8 से 11 अक्टूबर तक चलेगी। इसमें देश-विदेश की कंपनियां, स्टार्टअप्स और विशेषज्ञ नई तकनीकों को पेश करेंगे। इसमें भारत, कनाडा, जापान, ब्रिटेन, रूस सहित 150 से ज्यादा देशों से 1.5 लाख से ज्यादा स्पीकर्स, 7000 से ज्यादा ग्लोबल डेलिगेट्स और 400 से ज्यादा कंपनियां भाग लेंगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि इस कार्यक्रम को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है। इस साल कार्यक्रम का थीम “इनोवेट टू ट्रांसफॉर्म” है। इवेंट में 6जी, AI और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा होगी इस बार इंडिया मोबाइल कांग्रेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन, सेमीकंडक्टर्स इन टेलीकॉम, क्वांटम कम्युनिकेशन, 6जी और फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर्स पर केंद्रित होगा, जो अगली पीढ़ी की कनेक्टिविटी, डिजिटल संप्रभुता, साइबर फ्रॉड की रोकथाम और ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडरशिप में भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। IMC 2025 में 1,600 से ज्यादा नई तकनीकी उपयोगिताएं पेश की जाएंगी, जो 5जी/6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट मोबिलिटी, क्वांटम कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों से जुड़ी होंगी। इस दौरान 100 से अधिक तकनीकी सत्र और 800 से ज्यादा वक्ता अपनी बात रखेंगे। ……………………… PM मोदी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… मोदी बोले- राहुल कांग्रेस के युवा नेताओं से घबराते हैं, परिवारवाद और असुरक्षा की वजह से उन्हें बोलने नहीं दिया जाता पीएम मोदी ने NDA गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक में कहा- विपक्ष, खासकर कांग्रेस में कई युवा और प्रतिभाशाली नेता हैं। लेकिन परिवारवाद और असुरक्षा के कारण उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता है।कांग्रेस के युवा नेताओं की मौजूदगी से राहुल गांधी असुरक्षित और घबराए हुए महसूस कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें…

  • दिन के ऊपरी स्तर से 500 अंक गिरा बाजार:सेंसेक्स 200 अंक नीचे 81,750 पर आया; बैंकिंग और रियल्टी शेयर्स टूटे
    on 08/10/2025 at 3:59 AM

    हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन आज यानी 8 अक्टूबर को शेयर बाजार में तेजी के बाद 200 अंक की गिरावट है। सेंसेक्स दिन के ऊपरी स्तर से 500 अंक गिरकर 81,750 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी तेजी के बाद गिरावट है, ये 80 अंक गिरकर 25,030 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसमें भी अपर लेवल से 150 अंक से ज्यादा की गिरावट है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में गिरावट है। टाइटन का शेयर 4% से ज्यादा चढ़ा है। इंफोसिस, टेक महिंद्रा और TCS में भी 2% तक की तेजी है। BEL, टाटा मोटर्स और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर्स गिरे हैं। निफ्टी के 50 में से 37 शेयर्स गिरे हैं। NSE के ऑटो, बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर में गिरावट है। अकेला IT इंडेक्स ऊपर है। ग्लोबल मार्केट में मिला-जुला कारोबार बजाज फिनसर्व ने बीमा कंपनियों के नाम बदले फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप बजाज फिनसर्व ने अपनी बीमा कंपनियों का नाम बदलकर बजाज जनरल इंश्योरेंस और बजाज लाइफ इंश्योरेंस कर दिया है। जिससे इन उपक्रमों में बजाज समूह का स्वामित्व 74% से बढ़कर 100% हो गया है। इसके साथ ही बजाज ग्रुप ने अपने इंश्योरेंस बिजनेस को ‘100% बजाज’ बना लिया है। 7 अक्टूबर को FII ने 1,441 करोड़ के शेयर्स खरीदे LG इलेक्ट्रॉनिक के IPO का आज दूसरा दिन दक्षिण कोरिया की कंपनी LG की भारतीय यूनिट LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड का IPO 7 अक्टूबर से ओपन है। इस ईश्यू में कंपनी के मौजूदा निवेशक 10.18 करोड़ शेयर्स बेच रहे हैं, जिसकी वैल्यू 15,000 करोड़ रुपए है। यह कंपनी की 15% हिस्सेदारी होगी। पूरी खबर पढ़ें… टाटा कैपिटल के IPO का आज आखिरी दिन टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विसेज आर्म टाटा कैपिटल का IPO सोमवार (6 अक्टूबर) से ओपन है। कंपनी का यह इश्यू आज यानी 8 अक्टूबर तक पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन रहेगा। IPO के जरिए टाटा कैपिटल 15,512 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान बना रही है। पूरी खबर पढ़ें… कल बाजार में 500 अंक से ज्यादा का उतार-चढ़ाव रहा हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार, 7 अक्टूबर को सेंसेक्स 137 अंक चढ़कर 81,927 पर बंद हुआ। निफ्टी में 31 अंक की बढ़त रही, ये 25,108 के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि दिनभर के कारोबार में इसमें 522 अंक का उतार-चढ़ाव रहा। सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयरों में तेजी देखने को मिली। एयरटेल, HCL टेक, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड में 1.5% तक की तेजी रही। वहीं, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, ट्रेंट, इंफोसिस, SBI और HUL में 2% तक गिरावट रही। निफ्टी के 50 में से 22 शेयरों में तेजी और 27 में गिरावट रही। NSE के ऑटो, फार्मा, रियल्टी और हेल्थकेयर सेक्टर में बढ़त देखने को मिली। वहीं, FMCG, IT, मीडिया, मेटल और प्राइवेट बैंकिंग शेयर्स गिरकर बंद हुए। ————————– ये खबर भी पढ़ें… 1. शेयर बाजार के लिए 9 अक्टूबर अहम: दूसरी तिमाही नतीजों से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स तय करेंगे चाल; जानें किस दिशा में जाएगा बाजार? इस हफ्ते शेयर बाजार में 9 अक्टूबर की तारीख अहम है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक इस दिन बाजार में बड़े मूव्स देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे, ग्लोबल मार्केट के संकेत, विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। पूरी एनालिसिस पढ़ें… 2. बिटकॉइन ऑलटाइम हाई पर, कीमत ₹1.10 करोड़ हुई: पिछले एक साल में करीब दोगुना बढ़ा; कभी 0 रुपए थी वैल्यू बिटकॉइन की कीमत पहली बार ₹1.10 करोड़ के पार पहुंच गई है। आज 5 अक्टूबर को इस क्रिप्टोकरेंसी ने ऑलटाइम हाई बनाया। 2009 में जब सतोशी नाकामोटो नाम के किसी व्यक्ति ने इसे बनाया था तब इसकी वैल्यू 0 के करीब थी। यानी, अगर उस समय आप बिटकॉइन में एक रुपए से भी कम का निवेश करते तो आज उसकी कीमत ₹1 करोड़ से ज्यादा होती। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

  • टाटा ट्रस्ट संकट-अमित शाह से मिले नोएल टाटा और चंद्रशेखरन:वित्तमंत्री सीतारमण भी मौजूद रहीं; शापूरजी पलोनजी से सुलह की तैयारी
    on 08/10/2025 at 2:01 AM

    टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष नोएल टाटा और टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। बोर्ड नियुक्तियों और प्रशासन संबंधी मुद्दों पर ट्रस्टियों के बीच चल रहे घमासान के बीच हुई मीटिंग में उपाध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन और ट्रस्टी डेरियस खंबाटा भी मौजूद रहे। टाटा ट्रस्ट में चल रहे विवाद से ₹15.9 लाख करोड़ रु. के ग्रुप पर असर पड़ने की आशंका के बीच मुलाकात अहम मानी जा रही है। इस बीच, टाटा समूह और शापूरजी पलोनजी ग्रुप के बीच विवाद खत्म करने की दिशा में बड़ी पहल हुई है। टाटा ट्रस्ट्स एसपी ग्रुप को टाटा सन्स में 4-6% हिस्सेदारी बेचने की पेशकश कर सकता है। यह कदम एसपी ग्रुप के लिए जरूरी है क्योंकि उसे 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। सरकार की चिंता यह है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण एसपी ग्रुप भारी कर्ज के चलते डिफॉल्ट न कर दे। नेतृत्व कमजोर करने का आरोप टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस की 66% हिस्सेदारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा के बाद चेयरमैन बने नोएल टाटा के एक पक्ष और मेहली मिस्त्री (एसपी ग्रुप) के नेतृत्व वाले दूसरे समूह के बीच फूट है। चार ट्रस्टी पर नोएल के नेतृत्व को कमजोर करने और ‘सुपर बोर्ड’ के रूप में काम करने का आरोप है। टाटा ट्रस्ट्स बोर्ड की 10 अक्टूबर को बैठक होने वाली है। क्या है टाटा ट्रस्ट में चल रही पावर कंट्रोवर्सी टाटा ट्रस्ट्स, नमक से लेकर सेमीकंडक्टर तक कारोबार करने वाले इस समूह की प्रवर्तक और होल्डिंग कंपनी, टाटा संस में अपनी लगभग 66% हिस्सेदारी के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालती है। टाटा ट्रस्ट्स में दो धड़े हैं, जिनमें से एक धड़ा नोएल टाटा के साथ जुड़ा है, जिन्हें रतन टाटा के निधन के बाद ट्रस्ट्स का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। चार ट्रस्टियों के दूसरे समूह का नेतृत्व मेहली मिस्त्री कर रहे हैं, जिनका संबंध विस्तारित शापूरजी पलोनजी परिवार से है, जिसके पास टाटा संस में लगभग 18.37% हिस्सेदारी है। मेहली को कथित तौर पर लगता है कि उन्हें महत्वपूर्ण मामलों से दूर रखा गया है। सूत्रों के अनुसार, विवाद का मुख्य कारण टाटा संस के बोर्ड में सीटें हैं, जो 156 साल पुराने समूह को नियंत्रित करती है, जिसमें 30 सूचीबद्ध फर्मों सहित लगभग 400 कंपनियां शामिल हैं। एक सूत्र ने कहा, “देश की अर्थव्यवस्था के लिए टाटा समूह की अहमियत को देखते हुए सरकार के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वह किसी एक व्यक्ति को इसका नियंत्रण सौंप सकती है। टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टियों के बीच चल रही अंदरूनी कलह का असर टाटा संस पर भी पड़ रहा है।” सितंबर में हुई बैठक के बाद बढ़ा विवाद नवल टाटा की दूसरी पत्नी के बेटे हैं नोएल नोएल नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन के बेटे हैं। वहीं रतन टाटा और जिम्मी टाटा नवल और उनकी पहली पत्नी सूनी की संतान हैं। नोएल ने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से पढ़ाई की है। नोएल ने टाटा इंटरनेशनल से अपने करियर की शुरुआत की। 1999 में वे ग्रुप की रिटेल शाखा ट्रेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गए। इसे उनकी मां सिमोन ने शुरू किया था। 2010-11 में उन्हें टाटा इंटरनेशनल का चेयरमैन बनाया गया। इसके बाद उनके ग्रुप के चेयरमैन बनाए जाने पर चर्चा शुरू हो गई। इस बीच सायरस मिस्त्री ने खुद टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाए जाने की बात कही। इसके बाद सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया और रतन टाटा ने ग्रुप की कमान संभाली। 2018 में उन्हें टाइटन का वाइस चेयरमैन बनाया गया और 2017 में उन्हें ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया। …………………….. टाटा ग्रुप से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… टाटा मोटर्स का बिजनेस दो हिस्सों में बंटा: शेयर 6% चढ़ा; कंपनी के शेयरहोल्डर को कॉमर्शियल व्हीकल कंपनी का एक शेयर मिलेगा टाटा मोटर्स का बिजनेस दो हिस्सों में बंट गया है। अब कंपनी का कॉमर्शियल व्हीकल बिजनेस (जैसे ट्रक, बस) अलग कंपनी TML कॉमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड में चला गया है और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस (जैसे कार, SUV) टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड के नाम से चलेगा। इस सेपरेशन से टाटा मोटर्स से मौजूदा शेयरधारकों को एक शेयर के बदले कॉमर्शियल व्हीकल कंपनी (TML) का एक शेयर मिलेगा। शेयरधारकों को 14 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट पर ये शेयर्स मिलेंगे। पूरी खबर पढ़ें…

  • कन्फर्म रेल टिकट में जर्नी डेट बदल सकेंगे:अब फेस और फिंगरप्रिंट से भी कर पाएंगे UPI पेमेंट, 10 ग्राम सोना ₹1.20 लाख पर पहुंचा
    on 07/10/2025 at 11:11 PM

    कल की बड़ी खबर रेल टिकट और UPI से जुड़ी रही। अब आप अपने कन्फर्म रेल टिकट में यात्रा तारीख बदलवा सकेंगे और इसके लिए आपको कोई कैंसिलेशन फीस या एक्स्ट्रा चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा। वहीं, UPI यूजर्स अब फेस और फिंगरप्रिंट के जरिए पेमेंट कर सकेंगे। UPI ऑपरेट करने वाली एजेंसी NPCI के नए बायोमेट्रिक फीचर्स को केंद्र सरकार ने आज यानी 7 अक्टूबर को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा, कल सोने-चांदी के दाम फिर ऑलटाइम हाई पर पहुंच गए। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 692 रुपए बढ़कर 1,19,941 रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले ये 1,19,249 रुपए पर था। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. कन्फर्म रेल टिकट में यात्रा की तारीख बदल सकेंगे: एक्स्ट्रा चार्ज भी नहीं लगेगा, दावा- जनवरी 2026 से नई व्यवस्था लागू होगी अब आप अपने कन्फर्म रेल टिकट में यात्रा तारीख बदलवा सकेंगे और इसके लिए आपको कोई कैंसिलेशन फीस या एक्स्ट्रा चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी 7 अक्टूबर को NDTV को दी। उन्होंने बताया कि जनवरी 2026 से यात्री कन्फर्म टिकट को आगे की डेट में चेंज करा सकेंगे। हालांकि इस प्रक्रिया में तारीख बदलने पर कन्फर्म टिकट की गारंटी नहीं होगी। सीट उपलब्धता के आधार पर ही मिलेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. अब फेस, फिंगरप्रिंट से भी करें UPI पेमेंट: सरकार ने नए फीचर्स को मंजूरी दी, अभी भुगतान के लिए PIN जरूरी था UPI यूजर्स अब फेस और फिंगरप्रिंट के जरिए पेमेंट कर सकेंगे। UPI ऑपरेट करने वाली एजेंसी NPCI के नए बायोमेट्रिक फीचर्स को केंद्र सरकार ने आज यानी 7 अक्टूबर को मंजूरी दे दी है। RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिन टेक इवेंट में नए फीचर्स को लॉन्च किया है, जल्द ही UPI एप्स इसे एड करेंगे। इसके बाद UPI पेमेंट करने के लिए पिन की जरूरत ऑप्शनल हो जाएगी। NPCI का कहना है कि यह नया तरीका UPI पेमेंट को ज्यादा आसान, सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली बनाएगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. EPFO की मिनिमम पेंशन बढ़कर ₹2500 होगी: 11 साल से ₹1000 महीने मिल रही, 10-11 अक्टूबर की मीटिंग में फैसला संभव एम्प्लॉयी पेंशन स्कीन के तहत मिलने वाली एक हजार रुपए महीने की मिनिमम पेंशन बढ़कर 2500 रुपए हो सकती है। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग में इस पर फैसला हो सकता है। ये मीटिंग 10-11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होनी है। अगर पेंशन बढ़ाने का प्रपोजल मीटिंग में पास हो गया, तो ये 11 साल में पहली बढ़ोतरी होगी। ₹1000 महीने की न्यूनतम पेंशन 2014 में तय की गई थी और तब से ये नहीं बढ़ी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को न्यूनतम पेंशन मिल रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. 10 ग्राम सोना ₹1.20 लाख पर पहुंचा, ₹692 महंगा हुआ: अगले साल तक ये ₹1.55 लाख तक जा सकता है, चांदी ₹1.49 लाख किलो हुई सोने-चांदी के दाम में मंगलवार (7 अक्टूबर) को ऑलटाइम हाई पर पहुंच गए। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 692 रुपए बढ़कर 1,19,941 रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले ये 1,19,249 रुपए पर था। वहीं, चांदी 608 रुपए महंगी होकर 1,49,441 रुपए पर पहुंच गई। कल यानी सोमवार को ये 1,48,833 रुपए पर थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. 2025 TVS रेडर 125 बाइक भारत में लॉन्च: सेफ्टी के लिए सिंगल-चैनल ABS के साथ डिस्क ब्रेक, शुरुआती कीमत ₹93,800 टीवीएस मोटर इंडिया ने अपनी पॉपुलर कंप्यूटर बाइक रेडर के दो नए अपडेटेड मॉडल भारतीय बाजार में लॉन्च किए हैं। इसमें TFT DD नया टॉप वैरिएंट है, जो SX वैरिएंट से ऊपर है, वहीं SXC DD को iGo वैरिएंट से ऊपर रखा गया है। इन्हें कई नए फीचर्स और बदलाव के साथ इसे पेश किया है। नए वैरिएंट्स में दोनों तरफ डिस्क ब्रेक सेटअप और सिंगल-चैनल ABS दिया गया है। TFT DD वैरिएंट की एक्स शोरूम कीमत 93,800 रुपए और SXC DD वैरिएंट की कीमत 95,600 रुपए रखी गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 6. 200MP मैन कैमरा वाला वीवो का पहला स्मार्टफोन V60e लॉन्च: AI फीचर्स के साथ 50 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा और 6500mAh बैटरी, शुरुआती कीमत ₹29,999 टेक कंपनी वीवो इंडिया ने आज (7 अक्टूबर) भारत में अपनी V सीरीज में नया स्मार्टफोन वीवो V60e को लॉन्च कर दिया है। यह कंपनी का पहला मोबाइल है, जिसमें 200MP मैन कैमरा दिया गया है। इसके अलावा, फोन में 50 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा, क्वाड कर्व्ड स्क्रीन और 6500mAh बैटरी के साथ 90W फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी मिलती है। भारत में यह पहला फोन है, जो डाइमेंसिटी 7630 टर्बो प्रोसेसर पर काम करता है। मोबाइल एडवांस AI फीचर्स के साथ ही गूगल जेमिनी भी सपोर्ट करता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… अब अपने जरूरत की खबर पढ़ें… दिवाली बोनस का सही इस्तेमाल कैसे करें:कितना हिस्सा शॉपिंग के लिए रखें; कितना म्यूचुअल फंड्स, रिटायरमेंट या कर्ज चुकाने में लगाएं दिवाली को महज 15 दिन बचे हैं। हर साल दिवाली पर ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को बोनस देती हैं। यह बोनस हमारे लिए खुशियों का तोहफा भी होता है, साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का मौका भी। हालांकि अक्सर होता यह है कि जैसे ही बोनस हाथ में आता है, हम शॉपिंग, नई चीजें खरीदने और शौक पूरे करने में पैसा खर्च कर देते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस पैसे का स्मार्ट उपयोग क्या हो सकता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन हैं यह भी देख लीजिए… मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल,डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • कन्फर्म रेल टिकट में यात्रा की तारीख बदल सकेंगे:एक्स्ट्रा चार्ज भी नहीं लगेगा, दावा- जनवरी 2026 से नई व्यवस्था लागू होगी
    on 07/10/2025 at 3:06 PM

    अब आप अपने कन्फर्म रेल टिकट में यात्रा तारीख बदलवा सकेंगे और इसके लिए आपको कोई कैंसिलेशन फीस या एक्स्ट्रा चार्ज भी नहीं देना पड़ेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी 7 अक्टूबर को NDTV को दी। उन्होंने बताया कि जनवरी 2026 से यात्री कन्फर्म टिकट को आगे की डेट में चेंज करा सकेंगे। हालांकि इस प्रक्रिया में तारीख बदलने पर कन्फर्म टिकट की गारंटी नहीं होगी। सीट उपलब्धता के आधार पर ही मिलेगी। टिकट की तारीख बदलवाने का नया सिस्टम इस उदाहरण से समझें… यदि आपके पास 20 नवंबर को दिल्ली से पटना जाने की कन्फर्म टिकट है और किसी वजह से प्लान चेंज होकर 5 दिन आगे बढ़ गया, तो 25 नवंबर के लिए आपको नया टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपने 20 नवंबर के कन्फर्म रेल टिकट में यात्रा की तारीख ऑनलाइन बदल सकेंगे और उसी टिकट से 25 नवंबर को पटना की यात्रा कर सकेंगे। खास बात ये है कि इस प्रोसेस के लिए आपका पैसा भी नहीं कटेगा। टिकट की तारीख बदलवाने के नए नियम 6 सवाल-जवाब में समझें… सवाल- 1: अभी क्या है नियम? जवाब: रेलवे की वर्तमान टिकट बुकिंग व्यवस्था में यात्रा की तारीख बदलने के लिए आपको पहले अपना टिकट कैंसिल कर अगली तारीख के लिए नए सिरे से टिकट बुक करना होता है। इसमें टिकट कैंसिल कराने की फीस भी ली जाती है। इसके साथ ही अगली तारीख के लिए कन्फर्म टिकट मिलेगी या नहीं, इसकी भी कोई गारंटी नहीं होती है। ऐसे में यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। सवाल- 2: नया सिस्टम कब से एक्टिव होगा? जवाब: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये सिस्टम यात्रियों के हित में है और जनवरी 2026 से IRCTC वेबसाइट या एप पर ये फीचर आ जाएगा। सवाल- 3: कन्फर्म टिकट की तारीख कैसे बदल सकेंगे? सवाल- 4: क्या टिकट काउंटर से भी तारीख बदलवा सकेंगे? जवाब: अभी ये सब IRCTC वेबसाइट या एप की मदद से ऑनलाइन होगा। ऑफलाइन ऑप्शन के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। रेलवे बाद में इस प्रोसेस को ऑफलाइन भी शुरू कर सकता है। सवाल- 5: क्या वेटिंग टिकट पर भी तारीख बदलवाने की सुविधा मिलेगी? जवाब: रेलवे का नया सिस्टम अभी कन्फर्म टिकट पर ही लागू होगा। वेटिंग टिकट की तारीख बदलवाने के लिए अभी कोई नया नियम नहीं आया है। सवाल- 6: क्या कन्फर्म टिकट के बदले कन्फर्म टिकट मिलेगा? कन्फर्म के बदले कन्फर्म टिकट मिलने की गारंटी नहीं होगी, इसमें सीट उपलब्धता के आधार पर टिकट मिलेगा। साथ ही, अगर किराए में अंतर है तो वह यात्री को देना होगा। इस बदलाव से उन लाखों यात्रियों को फायदा होगा जो अपने कन्फर्म रेलवे टिकट की यात्रा बदलना चाहते हैं, लेकिन इसके बदले रेलवे मोटी रकम काट लेता है।​​​ रेल टिकट बुकिंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जनरल रिजर्वेशन में कल से ई-आधार वेरिफिकेशन जरूरी: पहले 15 मिनट सिर्फ आधार OTP से बुक कर सकेंगे टिकट, कालाबाजारी कम होगी 1 अक्टूबर से तत्काल टिकट की तरह ही जनरल रिजर्वेशन (सामान्य आरक्षण) टिकट की बुकिंग करते वक्त भी ई-आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इंडियन रेलवे ने 14 सितंबर को इसकी घोषणा की थी। रेल मंत्रालय के अनुसार IRCTC वेबसाइट या एप पर जनरल रिजर्वेशन खुलने के पहले 15 मिनट में टिकट बुक करने के लिए आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इससे फर्जी आईडी, एजेंट्स की टिकटों की कालाबजारी और बॉट्स की बुकिंग पर लगाम लगेगी। पूरी खबर पढ़ें… आने-जाने का ट्रेन टिकट बुक करने पर 20% डिस्काउंट: रेलवे ने फेस्टिव सीजन में एक्सपेरिमेंटल बेस पर शुरू की स्कीम इंडियन रेलवे ने दिवाली और अन्य फेस्टिवल में घर जाने वालों के लिए एक एक्सपेरिमेंटल बेस पर एक स्कीम शुरू की है। इसमें अगर कोई आने और जाने का टिकट एकसाथ बुक करता है तो रिटर्न टिकट पर 20% का डिस्काउंट मिलेगा। इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा जो घर जाने और वापस आने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। रेलवे ने त्योहारों के समय टिकट के लिए भीड़ और लोगों की परेशानी को देखते हुए यह फैसला एक्सपेरिमेंटल बेस पर लिया है। पूरी खबर पढ़ें…

  • भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा:वर्ल्ड बैंक ने GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.5% किया; GST बदलाव से सपोर्ट मिलेगा
    on 07/10/2025 at 11:51 AM

    वर्ल्ड बैंक ने 7 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। अप्रैल में वर्ल्ड बैंक ने 2025-26 के लिए भारत के विकास अनुमान को 6.7% से घटाकर 6.3% कर दिया था। विश्व बैंक का कहना है कि खपत में लगातार मजबूती के कारण भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। साथ ही GST में बदलाव से भी आर्थिक गतिविधियों को सपोर्ट मिलेगा। हालांकि रिपोर्ट में भारत की 2026-27 की वृद्धि दर घटाकर 6.3% कर दी गई है। इससे पहले FY27 के लिए विकास दर का अनुमान 6.5% था। वर्ल्ड बैंक ने इसका कारण अमेरिका के 50% टैरिफ को बताया है। विश्व बैंक के मुताबिक, इस हाई टैरिफ की वजह से भारत के निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा, इसलिए FY27 के लिए विकास दर का अनुमान थोड़ा कम किया गया है। RBI ने 6.8% इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान जताया इससे पहले RBI ने भी देश की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% किया था। यह फैसला मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चली मीटिंग में लिया गया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 1 अक्टूबर को इसकी जानकारी दी थी। GDP क्या है? इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का इस्तेमाल होता है। ये देश के भीतर एक तय समय में सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। दो तरह की होती है GDP GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है। कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP? GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है। GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है? GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। 1. आप और हम- आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। 2. प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ- ये GDP में 32% योगदान देती है। 3. सरकारी खर्च- इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। 4. नेट डिमांड- इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

  • अब फेस, फिंगरप्रिंट से भी करें UPI पेमेंट:सरकार ने नए फीचर्स को मंजूरी दी, अभी भुगतान के लिए PIN जरूरी था
    on 07/10/2025 at 9:31 AM

    UPI यूजर्स अब फेस और फिंगरप्रिंट के जरिए पेमेंट कर सकेंगे। UPI ऑपरेट करने वाली एजेंसी NPCI के नए बायोमेट्रिक फीचर्स को केंद्र सरकार ने आज यानी 7 अक्टूबर को मंजूरी दे दी है। RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिन टेक इवेंट में नए फीचर्स को लॉन्च किया है, जल्द ही UPI एप्स इसे एड करेंगे। इसके बाद UPI पेमेंट करने के लिए पिन की जरूरत ऑप्शनल हो जाएगी। NPCI का कहना है कि यह नया तरीका UPI पेमेंट को ज्यादा आसान, सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली बनाएगा। ATM से कैश निकालने, UPI पिन सेट करने में भी यूज होगा फिंगरप्रिंट 5 बड़ी पहल… जो आम आदमी का जीवन आसान बनाएंगी 1. फौरन सस्ते और छोटे लोन का नया व सबसे तेज युग इसके लिए ‘इंस्टेंट माइक्रो-क्रेडिट फ्रेमवर्क’ पेश किया गया। इसमें नौकरीपेशा या छोटे कारोबारी सिर्फ अकाउंट एग्रीगेटर डेटा के जरिए 5,000 रुपए तक के छोटे लोन सेकंड्स में मंज़ूर करा सकेंगे। लोन मंजूरी के लिए बैंक को लंबी कागजी प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि एग्रीगेटर से ग्राहक का इनकम डेटा फौरन और सुरक्षित तरीके से मिल जाएगा। कम ब्याज दर: आरबीआई के गवर्नर मल्होत्रा ने संकेत दिया कि इस फास्ट-ट्रैक माइक्रो-लोन पर ब्याज दरें पारंपरिक पर्सनल लोन की तुलना में कम होंगी। इससे दिहाड़ी मजदूरों और स्वरोजगार करने वालों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी। आसान फाइनेंस को टेक्नोलॉजी का सहारा मिलेगा। 2. तीस दिन तक के लिए मिल जाएंगे 15 हजार रुपए अब चुनिंदा बैंक और फिनटेक कंपनियां UPI यूजर्स को छोटी अवधि (जैसे 7 से 30 दिन) के लिए 5,000 से 15,000 रुपए तक की क्रेडिट लिमिट देंगी। इसका मतलब है कि ग्राहक यूपीआई स्कैन करते समय सीधे अपने बैंक अकाउंट की जगह क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे महीने के अंत में नकदी की कमी होने पर भी खरीदारी नहीं रुकेगी। 3. फीचर फोन से भी यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे… ऑफलाइन यूपीआई उन छोटे दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वरदान साबित होगी, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है या जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है। अब वे एक साधारण फीचर फोन के जरिए UPI पेमेंट स्वीकार कर पाएंगे। यह टोकन-बेस्ड सिस्टम पर काम करेगा। इससे दूरदराज के इलाकों में भी बिना इंटरनेट डिजिटल पेमेंट की सुविधा मिल सकेगी। 2024 की एक रिपोर्ट बताती है कि देश में अभी भी करीब 35 करोड़ लोग फीचर फोन का उपयोग करते हैं। 2019 में यह आंकड़ा 40 करोड़ से ज्यादा था। 4. बैंकिंग फ्रॉड का पता लगाएगा नया एआई सिस्टम सभी प्रमुख बैंक अब एआई आधारित एक कॉमन ‘फ्रॉड मॉनिटरिंग सिस्टम’ अपनाएंगे। यह सिस्टम असामान्य लेन-देन के पैटर्न को तुरंत पहचान लेगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर ग्राहक को सचेत करेगा। फिनटेक कंपनियों और बैंकों के लिए एक अनिवार्य ‘वित्तीय साक्षरता इंडेक्स’ भी लागू करने की बात कही गई। इसका लक्ष्य दो साल में 10 करोड़ लोगों को डिजिटल फ्रॉड से बचाने और सही फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स चुनने के बारे में शिक्षित करना है। यहां सवाल-जवाब में जानें पूरी डिटेल्स… सवाल 1: ये बायोमेट्रिक पेमेंट क्या है? जवाब: बायोमेट्रिक पेमेंट में पहचान फिंगरप्रिंट, फेस ID जैसी अनोखी शारीरिक विशेषताओं से होगी। ये PIN या पासवर्ड से ज्यादा सुरक्षित और आसान है, क्योंकि इसे कॉपी करना मुश्किल है। जैसे आप अपने स्मार्टफोन को फिंगरप्रिंट और फेस ID के जरिए अनलॉक कर पाते हैं। सवाल 2 : कैसे काम करेगा नया सिस्टम? जवाब: जब कोई यूजर UPI के जरिए पेमेंट करेगा, तो उसके फोन में PIN डालने के ऑप्शन के साथ चेहरे की पहचान या फिंगरप्रिंट स्कैन का विकल्प भी आएगा। वह अपना अंगूठा लगाकर या चेहरे से UPI पेमेंट कर सकेगा। सवाल 3: नए फीचर्स कितने सुरक्षित होंगे? जवाब: NPCI के मुताबिक, हर ट्रांजैक्शन को जारी करने वाला बैंक अपने तरीके से चेक करता है। इसके लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफिक चेक का इस्तेमाल होता है। यह एक तरह का सीक्रेट पासवर्ड है, जिसे सबसे सेफ माना जाता है। क्रिप्टोग्राफिक चेक को इस उदाहरण से समझते हैं… मान लो आप UPI से अपने दोस्त को ₹500 भेज रहे हैं। जब आप पेमेंट करते हैं, तो आपका बैंक ये चेक करता है कि पैसा सचमुच आपसे जा रहा है या नहीं। इसके लिए वो एक खास कोड (क्रिप्टोग्राफिक चेक) यूज करता है, जैसे कोई सीक्रेट पासवर्ड। ये कोड ऐसा है कि अगर कोई हैकर बीच में पकड़ने की कोशिश करे, तो वो इसे पढ़ नहीं पाएगा और इसे सिर्फ बैंक खोल सकता है। सवाल 4: बायोमेट्रिक पेमेंट क्यों लाया गया? जवाब: PIN की तुलना में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से फ्रॉड का खतरा कम रहता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ेगा, जहां स्मार्टफोन का उपयोग तो है, लेकिन PIN का इस्तेमाल करना मुश्किल होता है। सवाल 5: क्या सभी UPI एप्स में ये फीचर होगा? जवाब: हां, लगभग सभी UPI एप्स इसे सपोर्ट कर सकते हैं। शुरुआत में गूगल पे, फोन-पे, पेटीएम जैसे बड़े UPI एप्स में ये फीचर देखने को मिल सकता है। ——————————————– UPI से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… UPI से अब रोज ₹10 लाख तक खरीदारी कर सकेंगे:₹6 लाख की ज्वेलरी खरीद पाएंगे; पहले ग्राहक-व्यापारी के बीच डेली लिमिट ₹2 लाख थी UPI यूजर्स आज यानी 15 सितंबर से एक दिन में 10 लाख रुपए तक पेमेंट कर सकेंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) पेमेंट की कई कैटेगरी में डेली लिमिट 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी है। पूरी खबर पढ़ें

बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

  • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
    on 02/02/2025 at 10:54 PM

    भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

  • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
    on 01/02/2025 at 11:46 PM

    2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

  • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
    on 01/02/2025 at 11:44 PM

    वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

  • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
    on 01/02/2025 at 11:30 PM

    इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

  • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
    on 01/02/2025 at 11:28 PM

    सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

  • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
    on 01/02/2025 at 11:25 PM

    बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।

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