Latest Business News

Industry News, Company News, Manufacturing News, Service Sector | The Hindu Catch All The Latest News & Updates On National & International Industries, Service Industries & Manufacturing Industries At The Hindu

बिजनेस | दैनिक भास्कर Business News in Hindi, मनी भास्कर समाचार, Latest Business Hindi News, मनी भास्कर न्यूज़

  • अडाणी पावर का चौथी तिमाही में मुनाफा 4% घटा:रेवेन्यू ₹14,237 करोड़ रहा, एक साल में कंपनी का शेयर 14% गिरा
    on 30/04/2025 at 10:41 AM

    अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर लिमिटेड की चौथी तिमाही में टोटल इनकम 14,536 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में 4.7% ज्यादा है। कंपनी की इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 14,237 करोड़ रुपए रहा। वहीं जनवरी से मार्च तिमाही में कंपनी का टोटल खर्च 11,274 करोड़ रुपए और टोटल टैक्स 662 करोड़ रुपए रहा। टोटल इनकम में से खर्च, टैक्स और अन्य खर्चे घटा दें, तो कंपनी को चौथी तिमाही में 2,637 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ। ये पिछले साल की तुलना में 4% घटा है। अडाणी पावर ने बुधवार (30 अप्रैल) को जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY25, चौथी तिमाही) के नतीजे जारी किए हैं। क्या कंपनी के नतीजे उम्मीद से अच्छे हैं? बाजार के जानकारों को उम्मीद थी कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में अडाणी पावर का रेवेन्यू 13,839 करोड़ रुपए होगा। इस हिसाब से देखा जाए तो कंपनी ने मार्केट विश्लेषकों की उम्मीद से बेहतर परफॉर्म किया है। इस साल में अब तक शेयर का परफॉर्मेंस कैसा रहा? अडाणी पावर का शेयर आज 3.49% की गिरावट के साथ 530 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर पिछले 5 दिन में 9% गिरा है। 1 महीने में शेयर 5% चढ़ा है। वहीं 6 महीने में 11% गिरा है। एक साल में कंपनी का शेयर करीब 14% गिरा है। कंपनी की मार्केट वैल्यू 2.05 लाख करोड़ रुपए है। कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है 1996 में हुई थी अडाणी पावर की शुरुआत अडाणी पावर लिमिटेड (APL) की शुरुआत 22 अगस्त 1996 में हुई थी। यह देश की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर थर्मल पावर प्रोड्यूसर है। कंपनी के पास 15,250 मेगावॉट पावर जनरेशन की क्षमता है। इसके थर्मल प्लांट्स गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड में हैं। वहीं, गुजरात में 40 मेगावॉट कैपेसिटी का सोलर प्लांट है। क्योटो प्रोटोकॉल के क्लीन डेवलपमेंट मीशन (CDM) के तहत रजिस्टर्ड कोयला-बेस्ड सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स बनाने वाली कंपनी है।

  • इंडियन ऑयल का मुनाफा 153% बढ़कर ₹7,265 करोड़:कमाई 1% कम होकर ₹2.19 लाख करोड़, 3 रुपए प्रति शेयर मुनाफे में हिस्सा देगी कंपनी
    on 30/04/2025 at 10:07 AM

    इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में 2,18,899 करोड़ रुपए की कुल कमाई की है। यह पिछले साल के मुकाबले 1.19% कम है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 2,21,533 करोड़ रुपए की कमाई की थी। वहीं, पिछली तिमाही के मुकाबले इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। कुल कमाई में से सैलरी, टैक्स, कच्चे माल की कीमत जैसे खर्चें निकाल दें तो कंपनी के पास 7,265 करोड़ रुपए शुद्ध मुनाफे (स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट) के रूप में बचे। पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के मुकाबले यह 153% ज्यादा है। वहीं, सालाना आधार (2024 के जनवरी-मार्च) पर 50.17% बढ़ा है। रेवेन्यू 1% घटकर ₹2.18 लाख करोड़ रहा चौथी तिमाही में इंडियन ऑयल ने अपने संचालन और प्रोडक्ट-सर्विस बेचकर 2,17,725 करोड़ रुपए का राजस्व यानी रेवेन्यू जनरेट किया। सालाना आधार पर यह 1% कम हुआ है। जनवरी-मार्च 2024 में कंपनी ने 2,19,876 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। तिमाही नतीजों में निवेशकों के लिए क्या? चौथी तिमाही में नतीजों के साथ इंडियन ऑयल ने अपने हर शेयरधारक को प्रति शेयर 3 रुपए डिविडेंड यानी लाभांश (मुनाफे में हिस्सा) देने का ऐलान किया है। कंपनियां अपने मुनाफे के कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स को भी देती हैं, जिसे लाभांश कहा जाता है। कंपनी का रिजल्ट मार्केट एनालिस्ट्स की उम्मीद से बेहतर है। विश्लेषकों का अनुमान था कि मुनाफा कम होकर 21,500 करोड़ रुपए के आसपास रह सकता है। लेकिन ये उम्मीद से काफी बेहतर ₹7,265 करोड़ रहा। एक साल में 18% गिरा इंडियन ऑयल का शेयर चौथी तिमाही के नतीजों के बाद इंडियन ऑयल का शेयर आज यानी 30 अप्रैल को 1.08% चढ़कर 137.25 पर बंद हुआ। बीते 5 दिन में यह 1.10%, 6 महीने में 3.77% और एक साल में 18.71% गिरा है। वहीं, IOC के शेयर ने बीते एक महीने में 4.58% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। वहीं, इस साल यानी 1 जनवरी के अब तक फ्लैट रहा है। कंपनी का मार्केट कैप 1.95 लाख करोड़ रुपए है। 1964 में बनी थी इंडियन ऑयल, ये महारत्न कंपनी इंडियन ऑयल महारत्न नेशनल ऑयल कंपनी है। इसका गठन 1964 में इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड और इंडियन रिफाइनरीज लिमिटेड के विलय के साथ किया गया था। इंडियन ऑयल ग्रुप भारत की 23 रिफाइनरियों में से 11 की मालिक है। इंडियन ऑयल की श्रीलंका, मॉरीशस, UAE, स्वीडन, अमेरिका और नीदरलैंड में सब्सिडियरी कंपनियां भी हैं। ———————- ये खबर भी पढ़ें… पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटने की उम्मीद कम: चौथी तिमाही में भारत पेट्रोलियम का मुनाफा 24% घटा, कमाई 4% कम हुई; ₹5 डिविडेंड देगी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 1,27,658 करोड़ रुपए की कुल कमाई की है। यह पिछले साल के मुकाबले आधा (3.69%) कम है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 1,32,554 करोड़ रुपए की कमाई की थी। कुल कमाई में से सैलरी, टैक्स, कच्चे माल की कीमत जैसे खर्चे निकाल दें तो कंपनी के पास 3,214 करोड़ रुपए शुद्ध मुनाफे (स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट) के रूप में बचे। यह 2024 के जनवरी-मार्च तिमाही से 24% कम है। पिछले साल कंपनी को 4,224 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

  • इंडसइंड बैंक को एग्जीक्यूटिव्स की कमेटी लीड करेगी:RBI ने मंजूरी दी; कल बैंक के CEO और MD सुमंत कठपालिया इस्तीफा दिया था
    on 30/04/2025 at 8:31 AM

    इंडसइंड बैंक के CEO सुमंत कठपालिया के इस्तीफे के बाद RBI ने बैंक को लीड करने के लिए एक अंतरिम कमेटी नियुक्त करने की मंजूरी दी है। यह कमेटी ऑफ एक्जीक्यूटिव्स नए CEO की नियुक्ति तक बैंक के रोजमर्रा के ऑपरेशन्स, ग्राहक सेवाएं और वित्तीय फैसले संभालेगी। इस टीम में कंज्यूमर बैंकिंग प्रमुख सौमित्र सेन और चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर अनिल राव शामिल हैं, जो CEO के कार्यों को मिलकर संभालेंगे। RBI ने कहा कि यह कमेटी अधिकतम 3 महीने या नए CEO चयन तक ही रहेगी। बैंक ने एक ओवरसाइट कमेटी भी बनाई है, जिसमें चेयरमैन समेत ऑडिट, रिस्क मैनेजमेंट और नियुक्ति समितियों के प्रमुख शामिल हैं। इसका मकसद अंतरिम टीम को रणनीतिक मार्गदर्शन देना और गवर्नेंस के स्टैंडर्ड को बनाए रखना है। कठपालिया ने मंगलवार को इस्तीफा दिया था इंडसइंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुमंत कठपालिया ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यह फैसला 29 अप्रैल से ही प्रभावी हो गया था। कठपालिया ने अपने इस्तीफे का कारण बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में 2.27% के नेटवर्थ घाटे से जुड़ी जिम्मेदारी को बताया। उन्होंने कहा, मुझे जो गलतियां बताई गईं, उनकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पद छोड़ रहा हूं। कठपालिया 12 साल से बैंक की कोर मैनेजमेंट का हिस्सा रह चुके हैं। RBI ने 1 साल का कार्यकाल बढ़ाया था इससे पहले, मार्च में RBI ने कठपालिया के कार्यकाल को सिर्फ 1 साल के लिए बढ़ाया था, जबकि बैंक ने 3 साल का विस्तार मांगा था। अब बैंक ने RBI से अनुरोध किया था कि नया CEO चुने जाने तक एक कमेटी बैंक की कमान संभाले। डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी के बाद दिया इस्तीफा इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि इंटरनल रिव्यू में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग डिस्क्रिपेन्सी यानी गड़बड़ी का पता चला है। इसके चलते बैंक की कमाई में कमी आ सकती है और नेटवर्थ 2.35% तक गिर सकती है। मामला क्या है, प्रभावित कौन होगा? डेरिवेटिव क्या है? डेरिवेटिव दो पार्टियों के बीच एक फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स होता है। जिसकी वैल्यू एसेट और बेंचमार्क के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। ऑप्शन, स्वैप और फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट इसके उदाहरण हैं। इनका इस्तेमाल रिस्क हेजिंग या स्पेक्यूलेटिव जैसे काम के लिए किया जाता है।

  • बजाज फाइनेंस का शेयर 5% गिरा:चौथी तिमाही में मुनाफा 17% बढ़ा फिर भी क्यों गिरा शेयर, जानें कारण
    on 30/04/2025 at 7:23 AM

    वित्त वर्ष 2024-25 के चौथी तिमाही के नतीजों के बाद बजाज फाइनेंस के शेयर आज 5.27% गिर गया। नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) का शेयर 479 रुपए गिरकर 8,613.50 रुपए पर बंद हुआ। Q4FY25 में कंपनी का मुनाफा 17% बढ़कर 4,480 करोड़ रुपए रहा। इस दौरान कुल कमाई 18,469 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में 24% ज्यादा है। इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 18,457 करोड़ रुपए रहा। बजाज फाइनेंस ने कल यानी मंगलवार (29 अप्रैल) को Q4FY25 के नतीजे जारी किए। शेयर में गिरावट के कारण बजाज फाइनेंस का शेयर 6 महीने में 25% रिटर्न दिया बजाज फाइनेंस का शेयर बीते 5 दिन में 7.86% और एक महीने में 0.97% गिरा है। लेकिन, पिछले 6 महीने में यह 25.02%, एक साल में 24.41% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 24.20% का रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 5.36 लाख करोड़ रुपए है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… बजाज फाइनेंस का मुनाफा 17% बढ़कर ₹4,480 करोड़ हुआ: चौथी तिमाही में रेवेन्यू 24% बढ़ा; कंपनी ₹12 का स्पेशल और ₹44 का फाइनल डिविडेंड देगी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी यानी NBFC बजाज फाइनेंस लिमिटेड की चौथी तिमाही में कुल कमाई यानी टोटल इनकम 18,469 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में 24% ज्यादा है। कंपनी की इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 18,457 करोड़ रुपए रहा। वहीं जनवरी से मार्च तिमाही में कंपनी का टोटल खर्च 12,830 करोड़ रुपए और टोटल टैक्स 9,830 करोड़ रुपए रहा। टोटल इनकम में से खर्च, टैक्स और अन्य खर्चे घटा दें, तो कंपनी को चौथी तिमाही में 4,480 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ। ये पिछले साल की तुलना में 17% बढ़ा है। बजाज फाइनेंस ने मंगलवार (29 अप्रैल) को जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY25, चौथी तिमाही) के नतीजे जारी किए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

  • इंपैक्ट फीचर:फ्लिपकार्ट की डबल सेल SASA LELE; इसमें 50% छूट + 2X ऑफर + 2X रिवॉर्ड; बाय वन गेट वन जैसे ऑफर्स भी
    on 30/04/2025 at 7:08 AM

    आजकल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सेल लगना एक आम बात हो गई है। इन सबके बीच, फ्लिपकार्ट का ताजातरीन कैम्पेन- SASA LELE- एक नए बदलाव का प्रतीक है। लेकिन यह दूसरी प्रमोशनल इवेंट्स की तरह एक और इवेंट नहीं है। जैसा कि फ्लिपकार्ट इस सेल के बारे में कहता है: “यह केवल एक सेल नहीं है। यह एक डबल सेल है।” 50% छूट + 2X ऑफर + 2X रिवॉर्ड के साथ ही बाय वन गेट वन यानी एक के साथ एक मुफ्त जैसे ऑफर्स के साथ, SASA LELE सेल दोगुना उत्साह और दोगुनी वैल्यू लेकर आई है। SASA LELE भारतीय उपभोक्ताओं के ऑनलाइन शॉपिंग एक्सपीरियंस को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार है। ई-कॉमर्स की दुनिया में रोजाना लगने वाली रूटीन सेल की भरमार से एक सैचुरेशन पैदा हो गया है। फ्लिपकार्ट का नवीनतम कैम्पेन, SASA LELE, इस रूटीन से एक उल्लेखनीय बदलाव का संकेत है। इसे “डबल सेल” के रूप में ब्रांडेड किया गया है। ये पहल अलग-अलग स्तर पर डिस्काउंट और ऑफर्स देकर उपभोक्ताओं के ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव को बढ़ाने का प्रयास करती है। इसमें बेहतर और तेज डिलीवरी और क्यूरेटेड बंडल ऑफर के साथ बेहद कम कीमतों का शानदार संयोजन होता है। भारी छूट, सरप्राइज फ्लैश डील और एक्सक्लूजिव एक्सचेंज बेनिफिट भारी छूट, सरप्राइज फ्लैश डील और एक्सक्लूजिव एक्सचेंज बेनिफिट वाला ये कैम्पेन फ्लिपकार्ट की तेज सर्विस, वैल्यू और ग्राहकों को प्राथमिकता देने वाले इनोवेशन पर बढ़ते जोर को दर्शाता है। किसी कमर्शियल इवेंट से कहीं अधिक, SASA LELE सेल एक सुव्यवस्थित रिटेल प्रयोग के रूप में सामने आती है। इसे न केवल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है, बल्कि डिजिटल मार्केट में सुविधा और पहुंच को नए आयाम देने के लिए भी डिजाइन किया गया है। फ्लिपकार्ट अब चुनिंदा महानगरों में 10 मिनट से कम समय में डिलीवरी की सुविधा दे रहा है। स्मार्ट वेयरहाउस और रियल-टाइम ट्रैकिंग सिस्टम के बढ़ते नेटवर्क की मदद से कंपनी लास्ट-माइल डिलीवरी को पहले से कहीं ज़्यादा तेजी से आगे बढ़ा रही है। पहले जो काम कई दिनों में होता था, अब वह मिनटों में हो जाता है। इसकी बदौलत उपभोक्ताओं के स्मार्टफोन और गैजेट जैसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामान प्राप्त करने का तरीका पूरी तरह बदल रहा है। SASA LELE के दौरान आप अलग-अलग कैटेगरीज में कुछ बेस्ट डील हासिल कर सकते हैं: मोबाइल पर मेगा ऑफर्स! Apple iPhone 16 – शुरुआती कीमत मात्र 59,999 रुपए!* – Apple का iPhone 16 A18 बायोनिक चिप, iOS 18 के जरिए बेहतर AI फीचर और एक वाइब्रेंट सुपर रेटिना XDR डिस्प्ले के साथ बेहतरीन परफॉर्मेंस प्रदान करता है। डुअल-कैमरा सिस्टम में अब 48MP का मुख्य सेंसर शामिल है, जो बेहतर लो-लाइट और HDR कैपेबिलिटीज प्रदान करता है। बारीक डिजाइन अपडेट और एक्सटेंडेट बैटरी लाइफ के साथ, ये मॉडर्न यूजर के लिए पावर और एलिगेंस का बेहतरीन संयोजन है। नथिंग फोन (3a) सीरीज- शुरुआती कीमत सिर्फ 21,999 रुपए!* नथिंग फोन (3a) सीरीज अपने मिनिमलिस्ट डिजाइन के साथ मिड-रेंज स्मार्टफोन की नई परिभाषा गढ़ती है। इसमें सिग्नेचर LED ग्लिफ द्वारा रोशन किया गया एक पारदर्शी बैक पैनल है। स्नैपड्रैगन 7s जेन 3 चिपसेट द्वारा संचालित और 120Hz रिफ्रेश रेट वाले 6.77-इंच AMOLED डिस्प्ले से लैस, ये स्मार्टफोन स्मूद परफॉर्मेंस और वाइब्रेंट विजुअल प्रदान करता है। इंटीग्रेटेड AI-संचालित ‘Essential Space’ फीचर कंटेंट को समझदारी से ऑर्गनाइज करता है, यूजर एक्सपीरियंस को बढ़ाता है। इसकी 5000mAh की बैटरी ज्यादा लंबे उपयोग के लिए 50W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। सैमसंग गैलेक्सी S24 5G- शुरुआती कीमत सिर्फ 44,999 रुपए!* – जनवरी 2024 में लॉन्च हुआ सैमसंग गैलेक्सी S24 5G, 6.2 इंच के डायनामिक AMOLED 2X डिस्प्ले को 120Hz रिफ्रेश रेट और HDR10+ सपोर्ट के साथ वाइब्रेंट विजुअल्स के लिए कंबाइन करता है। Exynos 2400 प्रोसेसर और 12GB तक की रैम द्वारा संचालित, ये स्मार्टफोन स्मूद परफॉर्मेंस और रियल टाइम ट्रांसलेशन और स्मार्ट मैसेजिंग जैसे AI-द्वारा समर्थित फीचर प्रदान करता है। ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप में 50MP का मुख्य सेंसर शामिल है, और डिवाइस 25W वायर्ड और 15W वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करने वाली 4000mAh की बैटरी से लैस है। लैपटॉप पर ब्लॉकबस्टर डील! ASUS ExpertBook P1 – ASUS ExpertBook P1 P1403CV-I515X एक बिजनेस-फोकस्ड लैपटॉप है जिसमें 14-इंच का फुल HD डिस्प्ले, Intel Core i5-13420H प्रोसेसर, 16GB DDR5 रैम और 512GB एसएसडी है। यह USB-C, HDMI और गीगाबिट ईथरनेट सहित मजबूत कनेक्टिविटी विकल्प प्रदान करता है, और कठोर परिस्थितियों का सामना करने के लिए बनाया गया है, जो टिकाऊपन के लिए MIL-STD-810H मानकों को पूरा करता है सैमसंग गैलेक्सी बुक4 – Intel Core i5-13th जनरेशन और 16GB रैम के साथ सैमसंग गैलेक्सी बुक4 एक शानदार 15.6-इंच फुल एचडी डिस्प्ले प्रदान करता है। यह एक स्लिम, महज 1.55 किलोग्राम की चेसिस में आता है, जो पोर्टेबिलिटी और परफॉर्मेंस चाहने वाले प्रोफेशनल्स के लिए आदर्श है। इंटेल आइरिस Xe ग्राफिक्स से लैस, सैमसंग गैलेक्सी बुक4 स्मूद मल्टीटास्किंग और इमर्सिव विजुअल सुनिश्चित करता है। इसमें पर्याप्त स्टोरेज के लिए 512GB की SSD भी दी गई है। टीवी पर बंपर डील! सैमसंग 55 इंच अल्ट्रा एचडी (4K) एलईडी टिजेन टीवी – सैमसंग 55 इंच अल्ट्रा एचडी (4K) एलईडी टिजेन टीवी अपने क्रिस्टल 4K डिस्प्ले और क्रिस्टल प्रोसेसर 4K के साथ इमर्सिव विजुअल प्रदान करता है, जो सिनेमेटिक एक्सपीरियंस के लिए कलर और कंट्रास्ट को बढ़ाता है। HDR सपोर्ट, मल्टीपल वॉयस असिस्टेंट और स्लीक 3-साइड बेजेल-लेस डिजाइन वाला ये स्मार्ट टीवी बेहतरीन फंक्शनैलिटी और कनेक्टिविटी प्रदान करता है एलजी 43 इंच अल्ट्रा एचडी (4K) एलईडी WebOS टीवी – एलजी 43 इंच अल्ट्रा एचडी (4K) एलईडी स्मार्ट WebOS टीवी अपने 4K रिजॉल्यूशन और एचडीआर सपोर्ट के साथ शानदार क्लियर विजुअल्स प्रदान करता है, यह α5 Gen5 AI प्रोसेसर द्वारा पावर्ड है। ये स्मार्ट टीवी नेटफ्लिक्स और डिज्नी+ हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म पर निर्बाध स्ट्रीमिंग एक्सेस प्रदान करता है, साथ ही इसमें इमर्सिव ऑडियो के लिए AI साउंड भी मिलता है। सोनी 65 इंच अल्ट्रा एचडी (4K) एलईडी गूगल टीवी – सोनी 65 इंच अल्ट्रा एचडी (4K) एलईडी गूगल टीवी में इमर्सिव विजुअल्स के साथ स्मार्ट फंक्शनैलिटी का संयोजन है। इसमें 4K रिजॉल्यूशन और गूगल टीवी ऑपरेटिंग सिस्टम है। X1 प्रोसेसर, मोशनफ्लो XR 100 और डॉल्बी ऑडियो से लैस, ये स्मार्ट टीवी, देखने के शानदार अनुभव के लिए स्मूद मोशन, वाइब्रेंट कलर और बेहतरीन साउंड प्रदान करता है तो क्या आप ये डील्स अनलॉक करने के लिए तैयार है? पूरी लाइनअप, टाइम सेंसिटिव ऑफर्स तक एक्सेस करने, और पर्सनलाइज्ड रिकमंडेशन पाने के लिए अभी Flipkart एप डाउनलोड करके ओपन करें। इंतजार न करें क्योंकि स्टॉक सीमित है और ये आकर्षक कीमतें हमेशा नहीं मिलेंगी। 10,000 रुपए से कम की खरीदारी करने वालों के लिए, इस सेल में सरप्राइजिंग परफॉर्मेंस मिलने वाले हैं। इसमें Redmi A3, Realme Narzo N53 और Infinix Smart 8 HD भी शामिल हैं, जो आश्चर्यजनक रूप से कम कीमतों पर 90Hz डिस्प्ले, 5000mAh की बैटरी और AI कैमरे जैसे फीचर प्रदान करते हैं। खरीदारी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, फ्लिपकार्ट ने चुनिंदा स्मार्टफोन पर अतिरिक्त 10% की तत्काल छूट देने के लिए एसबीआई के साथ साझेदारी की है। एपल, सैमसंग, श्याओमी और वीवो जैसे ब्रांडों में नो-कॉस्ट EMI विकल्प मौजूद हैं, इससे फ्लैगशिप फोन तक ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों की पहुंच आसान हो रही है। फ्लिपकार्ट प्लस मेंबर्स को शुरुआती एक्सेस और स्पेशल प्रिविलेज के साथ शुरुआती बढ़त मिलती है और “नोटिफाई मी” अलर्ट सुनिश्चित करते हैं कि आप पहले स्थान पर हैं। प्लस मेंबर्स के लिए स्टैंडर्ड बैंक ऑफर के अलावा अतिरिक्त 5% की छूट उपलब्ध है। ये आपकी लॉयल्टी को और भी ज्यादा फायदेमंद बनाती है। फ्लिपकार्ट की SASA LELE 1 मई दोपहर 12 बजे से शुरू हो रही है, यह सिर्फ ट्रांजैक्शन बारे में नहीं है – यह वैल्यू, स्पीड और इनोवेशन का उत्सव है। चाहे आप कोई फ्लैगशिप, अपग्रेड या सेकेंडरी डिवाइस खरीदने का मन बनाए हुए हों, अभी खरीदने का सबसे सही समय हो सकता है। अभी फ्लिपकार्ट एप ओपन करें- डील्स आपका इंतजार नहीं करेंगी।

  • अक्षय तृतीया पर सोना ₹1,650 सस्ता हुए:10 ग्राम की कीमत ₹94,361 हुई; चांदी ₹3,276 सस्ती होकर ₹94,114 किलो बिक रही
    on 30/04/2025 at 6:39 AM

    आज यानी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर सोने और चांदी में गिरावट रही। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम ₹1,650 गिरकर ₹94,361 पर आ गया है। इससे पहले 10 ग्राम सोने की कीमत ₹96,011 थी। वहीं, एक किलो चांदी की कीमत आज ₹3,276 कम होकर ₹94,114 प्रति किलो हो गई है। इससे पहले चांदी का भाव ₹97,390 प्रति किलो था। एक्सपर्ट्स के अनुसार मुनाफा वसूली के कारण ये गिरावट देखने क को मिली है। बीते दिनों सोने-चांदी की कीमतें बढ़ने के बाद अब निवेशक अपना गोल्ड बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में शॉर्ट टर्म में सोने-चांदी में और गिरावट देखने को मिल सकती है। इससे पहले सोने ने 21 अप्रैल को ₹99,100 का और 28 मार्च को चांदी ने ₹1,00,934 का ऑल टाइम हाई बनाया था। 4 महानगरों और भोपाल में सोने की कीमत अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ आज अक्षय तृतीया मनाई जा रही है। इस दिन हमारे देश में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसे में लोग इस दिन सोने की खरीदारी करते हैं। कई लोग इस सोच के साथ सोना खरीदते हैं कि बुरे वक्त में वे इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। सोना खरीदते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान 1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है। 2. कीमत क्रॉस चेक करें सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है। 3. कैश पेमेंट न करें, बिल लें सोना खरीदते वक्त कैश पेमेंट की जगह UPI (जैसे भीम ऐप) और डिजिटल बैंकिंग के जरिए पेमेंट करना अच्छा रहता है। आप चाहें तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी पेमेंट कर सकते हैं। इसके बाद बिल लेना न भूलें। यदि ऑनलाइन ऑर्डर किया है तो पैकेजिंग जरूर चेक करें।

  • सेंसेक्स 46 अंक गिरकर 80,242 पर बंद:निफ्टी में भी 2 अंक की गिरावट रही, बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस के शेयर 5% टूटे
    on 30/04/2025 at 4:02 AM

    हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन आज यानी 30 अप्रैल को शेयर बाजार में मामूली गिरावट रही। सेंसेक्स 46 अंक गिरकर 80,242 पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 2 अंक की गिरावट रही, ये 24,334 बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 18 में गिरावट रही। आज फाइनेंशियल और बैंकिंग शेयर्स में ज्यादा गिरावट देखने को मिली। बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस के शेयर 5% से ज्यादा गिरे हैं। ग्लोबल मार्केट में मिला जुला कारोबार इंडियन ऑयल का मुनाफा 153% बढ़कर ₹7,265 करोड़ हुआ इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में 2,18,899 करोड़ रुपए की कुल कमाई की है। यह पिछले साल के 1.19% कम है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 2,21,533 करोड़ रुपए की कमाई की थी। कुल कमाई में से सैलरी, टैक्स, कच्चे माल की कीमत जैसे खर्चे निकाल दें तो कंपनी के पास 7,265 करोड़ रुपए शुद्ध मुनाफे (स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट) के रूप में बचे। पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के मुकाबले यह 153% ज्यादा है। वहीं, सालाना आधार (2024 के जनवरी-मार्च) पर 50.17% बढ़ा है। पूरी खबर पढ़ें कल बाजार में रही थी तेजी हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी कल (29 अप्रैल) को शेयर बाजार फ्लैट कारोबार रहा। सेंसेक्स 70 अंक चढ़कर 80,288 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 7 अंक की तेजी रही, ये 24,336 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 11 में तेजी रही। रिलायंस और टेक महिंद्रा के शेयर में 2.2% से ज्यादा की तेजी रही। अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड और सनफार्मा के शेयर 2.3% से ज्यादा गिरकर बंद हुए। निफ्टी के 50 शेयरों में से 31 में गिरावट रही। NSE के सेक्टोरल इंडाइसेज में सबसे ज्यादा गिरावट फार्मा में 1.06%, मेटल में 0.95% और मीडिया में 0.79% रही। IT में 1.23% की तेजी रही। ——————- ये खबर भी पढ़ें… इंडसइंड बैंक के CEO सुमंत कठपालिया ने इस्तीफा दिया: बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी के बाद फैसला लिया; 12 साल तक मैनेजमेंट का हिस्सा रहे इंडसइंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुमंत कठपालिया ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह फैसला 29 अप्रैल से ही प्रभावी होगा। कठपालिया ने अपने इस्तीफे का कारण बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में 2.27% के नेटवर्थ घाटे से जुड़ी जिम्मेदारी को बताया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

  • अक्षय तृतीया आज, लक्ष्मी पूजा और सोना खरीदने का दिन:एक साल में 1.05 लाख रुपए तक जा सकता है गोल्ड, जानिए निवेश के तरीके
    on 29/04/2025 at 11:00 PM

    आज (30 अप्रैल) अक्षय तृतीया है। ग्रंथों में लिखा है इस दिन किया गया काम अक्षय होता है यानी इस तिथि पर की गई पूजा–पाठ, दान से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता है। इसी तिथि पर त्रेतायुग की शुरुआत हुई, इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है। यानी आज शुभारंभ का दिन है। इस तिथि पर भगवान परशुराम प्रकट हुए थे। परशुराम चिरंजीवी यानी अक्षय हैं। इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया और चिरंजीवी तिथि कहते हैं। पुराणों के मुताबिक इस तिथि पर कुबेर को देवताओं का कोषाध्यक्ष बनाया गया था। इस तिथि पर लक्ष्मी पूजा भी होती है। महाभारत के मुताबिक इसी दिन सूर्य देवता ने युधिष्ठिर को सोने का अक्षय पात्र दिया था, जिसमें से अन्न कभी खत्म नहीं होता था। इसी मान्यता की वजह से अक्षय तृतीया पर नए बर्तन और सोना खरीदने की भी परंपरा है। स्कन्द पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन खरीदा गया सोना कभी नष्ट नहीं होता और समृद्धि देने वाला होता है। इस दिन की गई खरीदारी का फायदा लंबे समय तक मिलता है। हिंदू धर्म में सोने को सबसे पवित्र, अक्षय और देवताओं की धातु माना जाता है, इसलिए अक्षय तृतीया पर गोल्ड खरीदारी की परंपरा है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना समृद्धि की गारंटी होता है, इसलिए इस दिन गोल्ड में निवेश भी बढ़ जाता है। ग्रंथों में बताया है कि सोना पूर्व या उत्तर दिशा से खरीदना चाहिए। ब्रह्मांड पुराण के अनुसार अपने घर से उत्तर दिशा में खरीदा गया सोना शुभ फल देता है। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार सूर्यास्त के बाद सोना नहीं खरीदना चाहिए। अगले साल अक्षय तृतीया तक 1.05 लाख पहुंच सकती है सोने की कीमत केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं गोल्ड ETF में निवेश भी बढ़ रहा है। इससे गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में अगली अक्षय तृतीया तक सोना 1.05 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। हम यहां आपको सोने में निवेश के 3 तरीकों के बारे में बता रहे हैं… 1. गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (गोल्ड ETF) सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ETF कहते हैं। ये एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड हैं, जिन्हें स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जा सकता है। चूंकि गोल्ड ETF का बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड की कीमतें हैं, आप इसे सोने की वास्तविक कीमत के करीब खरीद सकते हैं। इसमें निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी: गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE या BSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। 2. पेमेंट ऐप से भी सोने में निवेश आप अपने स्मार्टफोन से ही डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च करने की भी जरूरत नहीं होती है। आप अपनी सुविधानुसार जितनी कीमत का चाहें, सोना खरीद सकते हैं। यहां तक कि 1 रुपए का भी। यह सुविधा अमेजन-पे, गूगल पे, पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। 3. फिजिकल गोल्ड फिजिकल गोल्ड में निवेश यानी ज्वेलरी या सोने के बिस्किट-सिक्के खरीदना। एक्सपर्ट्स ज्वेलरी खरीदने को सोने में निवेश करने का सही तरीका नहीं मानते हैं, क्योंकि इस पर जीएसटी और मेकिंग चार्ज देना पड़ता है। इसीलिए इसमें आपको पहले ही ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। वहीं ज्वेलरी बनवाने पर आप 24 कैरेट सोने में निवेश नहीं करते हैं, क्योंकि 24 कैरेट शुद्ध सोने की ज्वेलरी नहीं बनती है। हालांकि आप सोने के बिस्किट या सिक्के में निवेश कर सकते हैं। अब जानते हैं धरती पर सोना कैसे आया, इंसानों को कैसे मिला और इंसानों को सोना इतना प्रिय क्यों हैं…

बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

  • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
    on 02/02/2025 at 10:54 PM

    भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

  • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
    on 01/02/2025 at 11:46 PM

    2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

  • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
    on 01/02/2025 at 11:44 PM

    वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

  • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
    on 01/02/2025 at 11:30 PM

    इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

  • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
    on 01/02/2025 at 11:28 PM

    सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

  • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
    on 01/02/2025 at 11:25 PM

    बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।