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  • पेट्रोल ₹120 लीटर तक पहुंच सकता है:वजह- तेल सप्लाई का सबसे बड़ा रास्ता बंद कर सकता है ईरान, क्रूड ऑयल 80 डॉलर हुआ
    on 23/06/2025 at 5:51 AM

    ईरान की संसद ने हाल ही में अमेरिकी हवाई हमलों के जवाब में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया है। अगर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होता है तो इसका असर भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों पर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये तेल व्यापार का अहम रास्ता है। इस खबर के सामने आने के बाद क्रूड ऑयल के दाम बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए हैं। भारत अपनी तेल जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है। अगर क्रूड ऑयल के दाम लंबे समय तक बढ़े रहते हैं तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने पढ़ सकते हैं। इस मसले को 6 सवाल-जवाब में समझते हैं… सवाल 1: स्ट्रेट ऑफ होर्मुज क्या है और ये इतना अहम क्यों है? जवाब: स्ट्रेट ऑफ होर्मुज एक तंग समुद्री रास्ता है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। ये सिर्फ 33 किलोमीटर चौड़ा है, लेकिन दुनिया का 20-25% कच्चा तेल और 25% प्राकृतिक गैस इसी रास्ते से गुजरती है। सऊदी अरब, इराक, कुवैत, कतर जैसे देशों से तेल के टैंकर इसी मार्ग से दुनिया भर में जाते हैं। भारत के लिए ये रास्ता इसलिए खास है, क्योंकि हमारा 40% से ज्यादा तेल आयात इसी रास्ते से आता है। अगर ये बंद हो जाए, तो तेल की सप्लाई में रुकावट आ सकती है। सवाल 2: ईरान ने ये रास्ता बंद करने का फैसला क्यों लिया? जवाब: ईरान और इजराइल के बीच तनाव पहले से चल रहा था, और 22 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- नटांज, फोर्डो और इस्फहान पर हवाई हमले किए। इससे नाराज ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया। हालांकि, इस फैसले को लागू करने के लिए ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मंजूरी चाहिए। ईरान का कहना है कि अगर उसे और परेशान किया गया, तो वो इस रास्ते को बंद करके वैश्विक तेल सप्लाई को बाधित कर सकता है। सवाल 3: क्या भारत में पेट्रोल-डीजल महंगे हो जाएंगे? जवाब: अगर ये रास्ता बंद होता है, तो तेल की सप्लाई में दिक्कत आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतें 30-50% तक बढ़ सकती हैं। अभी ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, लेकिन ये 120-150 डॉलर तक जा सकता है। इसका असर भारत पर भी हो सकता है: सवाल 4: क्या भारत तेल के लिए पूरी तरह स्ट्रेट ऑफ होर्मुज पर निर्भर है? जवाब: नहीं, भारत ने हाल के वर्षों में अपनी तेल आपूर्ति को काफी हद तक डायवर्सिफाई किया है। हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, भारत रोजाना 5.5 मिलियन बैरल तेल खपत करता है, जिसमें से सिर्फ 1.5-2 मिलियन बैरल ही स्ट्रेट ऑफ होर्मुज से आता है। बाकी 4 मिलियन बैरल रूस, अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका और ब्राजील जैसे देशों से आता है। भारत ने जून 2025 में रूस से 2.16 मिलियन बैरल प्रतिदिन तेल आयात किया। ईरान से भारत ने 2019 के बाद तेल आयात लगभग बंद कर दिया है, क्योंकि अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन इराक, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत जैसे देशों से 40% तेल इस रास्ते से आता है। अगर स्ट्रेट बंद हुआ, तो वैकल्पिक रास्तों जैसे केप ऑफ गुड होप से तेल लाना पड़ेगा, जो 7-13 दिन ज्यादा लेता है और प्रति यात्रा 1 मिलियन डॉलर अतिरिक्त खर्च होगा। सवाल 5: भारत सरकार इस संकट से निपटने के लिए क्या कर रही है? जवाब: भारत सरकार इस मसले पर पूरी नजर रखे हुए है। हरदीप सिंह पुरी ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास कई हफ्तों का तेल भंडार है और तेल कंपनियां कई रास्तों से सप्लाई ले रही हैं। उन्होंने कहा- “हम पिछले दो हफ्तों से मिडिल ईस्ट के हालात पर नजर रख रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने तेल सप्लाई को डायवर्सिफाई किया है, और अब हमारा बड़ा हिस्सा स्ट्रेट ऑफ होर्मुज से नहीं आता। हमारी तेल कंपनियों के पास कई हफ्तों का स्टॉक है, और हम नागरिकों को ईंधन की स्थिर सप्लाई सुनिश्चित करेंगे।” रणनीतिक भंडार: भारत के पास पुडुर (2.25 मिलियन मीट्रिक टन), विशाखापट्टनम (1.33 मिलियन मीट्रिक टन) और मंगलूरु (1.5 मिलियन मीट्रिक टन) में रणनीतिक तेल भंडार हैं। सवाल 6: क्या स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करना इतना आसान है? जवाब: नहीं, इसे पूरी तरह बंद करना आसान नहीं। स्ट्रेट में दो-दो मील की शिपिंग लेन हैं, और इसे बंद करने के लिए ईरान को बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई करनी होगी, जैसे टैंकरों पर हमला करना या समुद्र में माइंस बिछाना। अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देश इसे खुला रखने के लिए तुरंत जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान शायद इसे पूरी तरह बंद न करे, क्योंकि इससे उसके दोस्त देश जैसे चीन को भी नुकसान होगा। फिर भी, आंशिक रुकावट भी कीमतों को बढ़ा सकती है।

  • सेंसेक्स 600 अंक गिरकर 81,800 पर आया:निफ्टी 200 अंक टूटा; वजह- ऑयल सप्लाई का सबसे बड़ा रास्ता बंद कर सकता है ईरान
    on 23/06/2025 at 3:50 AM

    हफ्ते के पहले कारोबारी दिन आज यानी सोमवार, 23 जून को सेंसेक्स करीब 600 अंक नीचे 81,800 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी करीब 200 अंक की गिरावट है, ये 24,930 के स्तर पर है। इंफोसिस, HCL टेक और HUL के शेयर करीब 2% नीचे हैं। मीडिया में 2.67% तेजी के अलावा, NSE के सभी इंडेक्स नीचे कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी IT इंडेक्स सबसे ज्यादा 1.60% गिरा है। ऑटो इंडेक्स में 1.20% गिरावट है। मेटल, फार्मा और पीएयू बैंक इंडेक्स करीब आधा फीसदी नीचे हैं। निफ्टी मीडिया इंडेक्स 2.50% चढ़ कर कारोबार कर रहा है। ऑयल सप्लाई का सबसे बड़ा रास्ता बंद कर सकता है ईरान ईरान की संसद ने हाल ही में अमेरिकी हवाई हमलों के जवाब में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया है। ये खबर से पूरी दुनिया के लिए अहम है, क्योंकि होर्मुज के रास्ते से ही दुनिया का 20-25% कच्चा तेल गुजरता है। ईरान के इस कदम से तेल की कीमत बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई है। तेल की कीमत बढ़ने का मतलब है महंगाई बढ़ेगी। इससे तेल आयात करने वाले देशों की इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ता है। निवेशकों में डर है कि अगर तेल महंगा हुआ तो कंपनियों की लागत बढ़ेगी, मुनाफा घटेगा। इसलिए बाजार में गिरावट है। ग्लोबल मार्केट में भी गिरावट 20 जून को विदेशी निवेशकों ने 7,941 करोड़ के शेयर खरीदे शुक्रवार को बाजार में 1046 अंक चढ़ा था हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार, 20 जून को सेंसेक्स 1046 अंक चढ़कर 82,408 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 319 अंक की तेजी रही, ये 25,112 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 27 में तेजी और 3 में गिरावट रही। एयरटेल, नेस्ले , MM के शेयरों में 3.2% तक की तेजी रही। मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट और एक्सिस बैंक में गिरावट रही। निफ्टी के 50 में से 44 शेयर्स चढ़कर बंद हुए। NSE के रियल्टी सेक्टर में सबसे ज्यादा 2.11% की तेजी रही। हेल्थकेयर, बैंकिंग, IT, मेटल, मीडिया, फार्मा इंडेक्स 1.6% तक चढ़ा। ————————— बाजार से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 25 जून बाजार के लिए अहम, रिवर्सल दिख सकता है: एक्सपर्ट से जानें ट्रेडिंग के लिए खास-समय और लेवल; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल शेयर बाजार के लिए 23 जून से शुरू होने वाला हफ्ता अहम होने वाला है। इजराइल-ईरान युद्ध और विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। इसके अलावा वेल्थ-व्यू एनालिटिक्स ने अपनी वीकली मार्केट आउटलुक रिपोर्ट में कुछ खास समय और स्तर बताए हैं, जो ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। पूरी खबर पढ़ेने के लिए यहां क्लिक करें… इस हफ्ते बाजार में 17 नए IPO ओपन होंगे: इनमें 6 मेनबोर्ड IPO; मिनिमम ₹14,800 से शुरू कर सकते हैं निवेश शेयर बाजार में इस हफ्ते 6 मेनबोर्ड समेत कुल 17 नए IPO ओपन होंगे। इसमें फाइनेंस, इंफ्रा, इंडस्ट्रियल, फूड, टेक और जेम्स-ज्वेलरी जैसे अलग-अलग सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्मों के मुताबिक, हाल के दिनों में लिस्ट हुए IPO की परफॉर्मेंस ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है। बाजार में लिक्विडिटी बढ़ी है, रिटेल और इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है। इसके चलते फिर से बाजार में कई कंपनियां IPO लेकर आ रही हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

  • पेट्रोल-डीजल के दाम में आज कोई बदलाव नहीं:FedEx के संस्थापक फ्रेडरिक का निधन, स्टेट-हाइवे को NH में बदलने की रफ्तार कम करेगी सरकार
    on 22/06/2025 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर नेशनल हाइवे से जुड़ी रही। केंद्र सरकार अब स्टेट हाईवे को नेशनल हाइवे (NH) में बदलने की रफ्तार कम करने जा रही है। वहीं दुनिया की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक FedEx के संस्थापक और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन फ्रेडरिक वॉलेस स्मिथ का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. स्टेट-हाइवे को NH में बदलने की रफ्तार कम करेगी सरकार: राज्य खुद सुधारेंगे सड़कें, केंद्र फंड देगा; मोदी ने प्लान बनाने को कहा केंद्र सरकार अब स्टेट हाईवे को नेशनल हाइवे (NH) में बदलने की रफ्तार कम करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब हर सड़क को NH का दर्जा नहीं मिलेगा, बल्कि राज्य सरकारों को खुद अपने हाईवे सुधारने के लिए पैसे दिए जाएंगे। नए मॉडल के तहत, अपग्रेड के बाद इन सड़कों की देख-रेख राज्य सरकारें करेंगी। केंद्र सरकार अब ग्रीनफील्ड हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाने पर फोकस करेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. दुनिया की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स-कंपनी FedEx के संस्थापक का निधन: फ्रेडरिक ने 80 साल की उम्र में आखिरी सांस ली; सैनिक से बिजनेसमैन बने थे दुनिया की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक FedEx के संस्थापक और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन फ्रेडरिक वॉलेस स्मिथ का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। FedEx के CEO राज सुब्रमण्यम ने कंपनी के स्टाफ को ईमेल भेजकर इसकी जानकारी दी है। फ्रेडरिक ने 1973 में 389 लोगों और 14 छोटे प्लेन्स के साथ FedEx की शुरुआत की थी। 3. अमेरिका ने 3 भारतीय कर्मचारियों का H-1B वीजा रद्द किया: अबू धाबी एयरपोर्ट से वापस भेजा, अनुमति से ज्यादा समय के लिए भारत में रुके थे अबू धाबी एयरपोर्ट पर अमेरिका में H-1B वीजा पर काम करने वाले तीन भारतीयों को US में एंट्री से रोक दिया गया। साथ ही अमेरिकी अधिकारियों ने उनके H-1B वीजा रद्द भी कर दिए। इन लोगों ने भारत में अनुमति से ज्यादा समय बिताया था। एक कर्मचारी लगभग तीन महीने तक भारत में रहा, जबकि अन्य ने तीन महीने से ज्यादा समय तक ओवर-स्टे किया। इन भारतीय नागरिकों के पास ओवर-स्टे को जस्टिफाई करने के लिए इमरजेंसी प्रूफ और एम्प्लॉयर्स की ओर से जारी किया गया लेटर भी था, लेकिन फिर भी अधिकारियों ने उन्हें भारत लौटने को कहा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. 25 जून बाजार के लिए अहम, रिवर्सल दिख सकता है: एक्सपर्ट से जानें ट्रेडिंग के लिए खास-समय और लेवल; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल शेयर बाजार के लिए 23 जून से शुरू होने वाला हफ्ता अहम होने वाला है। इजराइल-ईरान युद्ध और विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। इसके अलावा वेल्थ-व्यू एनालिटिक्स ने अपनी वीकली मार्केट आउटलुक रिपोर्ट में कुछ खास समय और स्तर बताए हैं, जो ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. इस हफ्ते बाजार में 17 नए IPO ओपन होंगे: इनमें 6 मेनबोर्ड IPO; मिनिमम ₹14,800 से शुरू कर सकते हैं निवेश शेयर बाजार में इस हफ्ते 6 मेनबोर्ड समेत कुल 17 नए IPO ओपन होंगे। इसमें फाइनेंस, इंफ्रा, इंडस्ट्रियल, फूड, टेक और जेम्स-ज्वेलरी जैसे अलग-अलग सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्मों के मुताबिक, हाल के दिनों में लिस्ट हुए IPO की परफॉर्मेंस ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… रविवार को बाजार बंद था तो शुक्रवार के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • अमेरिका ने 3 भारतीय कर्मचारियों का H-1B वीजा रद्द किया:अबू धाबी एयरपोर्ट से वापस भेजा, अनुमति से ज्यादा समय के लिए भारत में रुके थे
    on 22/06/2025 at 1:27 PM

    अबू धाबी एयरपोर्ट पर अमेरिका में H-1B वीजा पर काम करने वाले तीन भारतीयों को US में एंट्री से रोक दिया गया। साथ ही अमेरिकी अधिकारियों ने उनके H-1B वीजा रद्द भी कर दिए। इन लोगों ने भारत में अनुमति से ज्यादा समय बिताया था। एक कर्मचारी लगभग तीन महीने तक भारत में रहा, जबकि अन्य ने तीन महीने से ज्यादा समय तक ओवर-स्टे किया। इन भारतीय नागरिकों के पास ओवर-स्टे को जस्टिफाई करने के लिए इमरजेंसी प्रूफ और एम्प्लॉयर्स की ओर से जारी किया गया लेटर भी था, लेकिन फिर भी अधिकारियों ने उन्हें भारत लौटने को कहा। प्रभावित कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तीनों में से एक प्रभावित कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जो वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में प्रभावित कर्मचारी ने लिखा, ‘अबू धाबी में हमें अमेरिकी इमिग्रेशन में भारी परेशानी हुई। हम तीन लोगों के H-1B वीजा रद्द कर दिए गए, क्योंकि हम भारत में दो महीने से ज्यादा रुके थे। अटॉर्नी ने एंट्री से इनकार कर दिया और 41.122(h)(3) सील के अनुसार कारण बताते हुए वीजा पर कैंसिल सील लगा दी और हमें भारत वापस भेज दिया।’ इमरजेंसी प्रूफ-अप्रूवल ईमेल के बावजूद वीजा रद्द किए कर्मचारी ने यह भी बताया कि इमरजेंसी प्रूफ और कंपनी के अप्रूवल ईमेल को दिखाने के बावजूद, अबू धाबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने उनके वीजा रद्द कर दिए। H-1B वीजा धारकों के लिए अमेरिका से बाहर अधिकतम 60 दिन रुकने की अनुमति है, वो भी ‘वैलिड रीजन’ के साथ। हालांकि, वीजा रद्द होने से बचने के लिए 30-40 दिन से ज्यादा नहीं रुकना चाहिए। अबू धाबी में प्री-क्लियरेंस सुविधा दरअसल, अबू धाबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर US कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) प्रीक्लियरेंस सुविधा है। इसका मतलब है कि यात्रियों को अमेरिका के लिए अपनी फ्लाइट पर जाने से पहले ही US के इमिग्रेशन और कस्टम्स चेक्स से गुजरना पड़ता है। इस सुविधा की वजह से कई बार सख्ती देखने को मिलती है। H-1B वीजा क्या है? H-1B एक नॉन इमिग्रेंट यानी गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को अस्थायी रूप से नौकरी देने की अनुमति देता है। यह इंजीनियरिंग, आईटी, मेडिसिन और बिजनेस जैसे सेक्टर्स में लागू होता है। इस वीजा के लिए कंपनी को कर्मचारी को स्पॉन्सर करना होता है और अमेरिकी सरकार को आवेदन देना पड़ता है। आमतौर पर यह वीजा छह साल के लिए वैध होता है, लेकिन कंपनी की याचिका पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

  • इस हफ्ते बाजार में 17 नए IPO ओपन होंगे:इनमें 6 मेनबोर्ड IPO; मिनिमम ₹14,800 से शुरू कर सकते हैं निवेश
    on 22/06/2025 at 9:08 AM

    शेयर बाजार में इस हफ्ते 6 मेनबोर्ड समेत कुल 17 नए IPO ओपन होंगे। इसमें फाइनेंस, इंफ्रा, इंडस्ट्रियल, फूड, टेक और जेम्स-ज्वेलरी जैसे अलग-अलग सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्मों के मुताबिक, हाल के दिनों में लिस्ट हुए IPO की परफॉर्मेंस ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है। बाजार में लिक्विडिटी बढ़ी है, रिटेल और इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है। इसके चलते फिर से बाजार में कई कंपनियां IPO लेकर आ रही हैं। ऐसे में यहां जानिए 6 में IPO डिटेल्स ये खबर भी पढ़ें… HDB फाइनेंशियल का IPO 25 जून को ओपन होगा:ये HDFC बैंक की कंपनी; सवाल-जवाब में जानें IPO की पूरी डिटेल्स HDFC बैंक की नॉन-बैंकिंग सब्सिडियरी कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का IPO 25 जून को ओपन हो रहा है। निवेशक इस इश्यू के लिए 27 जून तक बिडिंग कर सकेंगे। यहां सवाल-जवाब में जानें IPO की पूरी डिटेल्स और इसमें आप मिनिमम कितना पैसा निवेश कर सकते हैं पूरी खबर पढ़ें….

  • 25 जून बाजार के लिए अहम, रिवर्सल दिख सकता है:एक्सपर्ट से जानें ट्रेडिंग के लिए खास-समय और लेवल; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
    on 22/06/2025 at 9:05 AM

    शेयर बाजार के लिए 23 जून से शुरू होने वाला हफ्ता अहम होने वाला है। इजराइल-ईरान युद्ध और विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री से लेकर टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। इसके अलावा वेल्थ-व्यू एनालिटिक्स ने अपनी वीकली मार्केट आउटलुक रिपोर्ट में कुछ खास समय और स्तर बताए हैं, जो ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। चलिए समझते हैं कि अगले हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है… निफ्टी के अहम स्तर सपोर्ट जोन: 24,978 | 24,856 | 24,676 | 24,538 सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है। रेजिस्टेंस जोन: 25,145 | 25,322 | 25,434 रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है। 25 जून के आस-पास बाजार में रिवर्सल दिख सकता है रिपोर्ट के मुताबिक, 25 जून (±1 ट्रेडिंग डे) एक बड़ा टाइम-साइकिल है, जिसके आसपास बाजार में रिवर्सल या मोमेंटम में बड़ा शिफ्ट देखने को मिल सकता है। 24-26 जून के बीच ट्रेंड एग्जॉशन या ब्रेकआउट के सिग्नल्स मिल सकते हैं। ट्रेडर्स को इस दौरान अलर्ट रहना चाहिए। बीते हफ्ते की रिपोर्ट का एनालिसिस वेल्थ-व्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हरशुभ शाह ने कहा कि हमारी बीते हफ्ते की रिपोर्ट में जो टाइम और लेवल्स बताए गए थे, बाजार ने ठीक वैसा ही प्रदर्शन किया। अब 5 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं… 1. इजरायल-ईरान युद्ध: मिडिल ईस्ट में चल रहा तनाव ग्लोबल मार्केट्स के लिए बड़ा रिस्क है। इजराइल के बाद हाल ही में अमेरिका ने भी ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमले किए, जिससे क्रूड ऑयल की कीमतें 18% तक बढ़ चुकी है। अगर ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने की कोशिश करता है या अमेरिकी मिलिट्री बेस पर हमला होता है, तो तेल की कीमतें और उछल सकती हैं। इससे भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए महंगाई बढ़ने का खतरा है, जो शेयर बाजार के लिए निगेटिव हो सकता है। 2. विदेशी निवेशकों (FIIs) का रुख: FIIs ने 20 जून को भारतीय बाजार में 7,940.70 करोड़ रुपए की खरीदारी की। ये इस साल का तीसरा सबसे बड़ा सिंगल-डे इन-फ्लो है। ये लगातार चौथी दिन था जब FIIs ने भारतीय बाजार में शेयर खरीदे। वहीं डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DIIs) भी हर गिरावट पर खरीदारी कर रहे हैं। DIIs ने पिछले 4 ट्रेडिंग सेशन्स में 19,800 करोड़ रुपए की खरीदारी की। अगर FIIs और DIIs की खरीदारी जारी रहती है, तो यह बाजार के लिए पॉजिटिव संकेत है। 3. भारत-अमेरिका ट्रेड डील: जुलाई के अंत तक भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील फाइनल होने की उम्मीद है। अगर ये डील समय पर होती है, तो ये बाजार के लिए बड़ा पॉजिटिव ट्रिगर होगा। फरवरी 2025 में भारत-अमेरिका ने पहले फेज की ट्रेड डील पर बातचीत शुरू की थी। 4. अमेरिका का मैक्रो डेटा: US GDP ग्रोथ डेटा और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर फैसला इस हफ्ते निवेशकों के रडार पर रहेगा। अगर अमेरिकी इकोनॉमी में स्लोडाउन के संकेत मिलते हैं, तो डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे भारतीय बाजार में विदेशी फंड्स का फ्लो बढ़ सकता है। 5. टेक्निकल व्यू: रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा के अनुसार, निफ्टी एक बार फिर अपनी कंसॉलिडेशन रेंज के ऊपरी बैंड के करीब पहुंच गया है। उन्होंने कहा, “अगर निफ्टी 25,200 के स्तर से ऊपर बना रहा रहता है तो यह ब्रेकआउट की पुष्टि करेगा। इससे 25,600–25,800 की रेंज में रैली की संभावना बन सकती है। नीचे की ओर 24,700 और 24,400 तत्काल और महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल के रूप में काम करेंगे।” मेनबोर्ड सेगमेंट छह नए IPOs ओपन होंगे इस हफ्ते मेनबोर्ड सेगमेंट में 6 नए IPO आने वाले हैं। इनमें कल्पतरु, एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेस, ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स, एचडीबी फाइनेंशियल, संभव स्टील ट्यूब्स और इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेस जैसी कंपनियां शामिल है। ये IPOs निवेशकों का ध्यान खींच सकते हैं। पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में रेंजबाउंड ट्रेडिंग दिखी बीते हफ्ते शेयर बाजार की शुरुआत सुस्त रही, लेकिन बाद के हिस्से में बैंकिंग और आईटी जैसे भारी-भरकम सेक्टर्स की शानदार परफॉर्मेंस की वजह से बाजार में तेजी आई। नतीजतन, बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स अपने वीक हाई के करीब बंद हुए। 20 जून को सेंसेक्स 1046 अंक जबकि निफ्टी 319 अंक चढ़कर 25,112 पर बंद हुआ। अब आगे क्या हो सकता है अगर इजराइल-ईरान के बीच डिप्लोमैटिक समझौता हो जाता है, तो इस हफ्ते बाजार में मजबूत तेजी आ सकती है। दूसरी ओर अगर तनाव और बढ़ता है तो क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा। डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी और सीखने के लिए है। ऊपर दी गई राय और सलाह व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि दैनिक भास्कर की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।

  • दुनिया की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स-कंपनी FedEx के संस्थापक का निधन:फ्रेडरिक ने 80 साल की उम्र में आखिरी सांस ली; सैनिक से बिजनेसमैन बने थे
    on 22/06/2025 at 6:36 AM

    दुनिया की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक FedEx के संस्थापक और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन फ्रेडरिक वॉलेस स्मिथ का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। FedEx के CEO राज सुब्रमण्यम ने कंपनी के स्टाफ को ईमेल भेजकर इसकी जानकारी दी है। फ्रेडरिक ने 1973 में 389 लोगों और 14 छोटे प्लेन्स के साथ FedEx की शुरुआत की थी। कंपनी आज 705 एयरक्राफ्ट, 2 लाख से ज्यादा गाड़ियों और 5,000 ऑपरेटिंग फैसिलिटी तक पहुंच गई है। 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी रोज करीब 1.7 करोड़ शिपमेंट संभालते हैं। सैनिक से बिजनेसमैन बने थे फ्रेडरिक 1944 में जन्मे फ्रेडरिक स्मिथ ने वियतनाम युद्ध में अमेरिकी मरीन कॉर्प्स ऑफिसर के तौर पर काम किया था । इसके बाद उन्होंने 1973 में फेडरल एक्सप्रेस की नीव रखी। उस वक्त FedEx ने 25 अमेरिकी शहरों में 186 पैकेज डिलिवर किए गए थे। आज कंपनी का नेटवर्क पूरी दुनिया में फैला है। 100 ग्रेटेस्ट लिविंग बिजनेस माइंड में शामिल हो चुके हैं स्मिथ फ्रेडरिक स्मिथ को Forbes की ‘100 ग्रेटेस्ट लिविंग बिजनेस माइंड’ लिस्ट में जगह मिली चुकी है। इसके अलावा उन्हें टाइम्स, फार्च्यून जैसी मैगजीनों ने मोस्ट इन्फ्लुएंशियल कम्पनीज और वर्ल्ड्स मोस्ट एडमायर्ड कम्पनीज की लिस्ट में लगातार शामिल लिया है। वे US वर्ल्ड वॉर II मेमोरिलयल के को-चेयरमैन भी रहे। उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड और ऑनरेरी डिग्री मिल चुकी हैं। इसके साथ ही वे नेशनल एविएशन हॉल ऑफ फेम में भी शामिल हैं। इनोवेशन के लिए पहचाने जाते थे स्मिथ फ्रेडरिक स्मिथ अपने इनोवेशन और तेज दिमाग के लिए जाने जाते थे। स्मिथ हाल के वर्षों में कंपनी के बोर्ड गवर्नेंस, इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी जैसे ग्लोबल मुद्दों पर फोकस कर रहे थे। 2022 में उन्होंने CEO की जिम्मेदारी छोड़ दी थी। राज सुब्रमण्यम ने उनकी जगह ली थी। FedEx को बनाया सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनी फ्रेडरिक स्मिथको सिर्फ FedEx का संस्थापक नहीं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री का पायनियर माना जाता है। उनके विजन और लीडरशिप की वजह से FedEx आज दुनिया की सबसे भरोसेमंद और तेज डिलिवरी कंपनियों में गिनी जाती है। कंपनी के मौजूदा CEO राज सुब्रमण्यम ने कहा, “Fred सिर्फ एक कंपनी के फाउंडर नहीं थे, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा और मेंटर थे।” आज की FedEx के पास 705 एयरक्राफ्ट, 2 लाख से ज्यादा डिलिवरी व्हीकल, 5,000 से ज्यादा फैसिलिटी, 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। कंपनी 1.7 करोड़ पैकेज रोज डिलिवर करती है।

  • स्टेट-हाइवे को NH में बदलने की रफ्तार कम करेगी सरकार:राज्य खुद सुधारेंगे सड़कें, केंद्र फंड देगा; मोदी ने प्लान बनाने को कहा
    on 22/06/2025 at 6:02 AM

    केंद्र सरकार अब स्टेट हाईवे को नेशनल हाइवे (NH) में बदलने की रफ्तार कम करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब हर सड़क को NH का दर्जा नहीं मिलेगा, बल्कि राज्य सरकारों को खुद अपने हाईवे सुधारने के लिए पैसे दिए जाएंगे। नए मॉडल के तहत, अपग्रेड के बाद इन सड़कों की देख-रेख राज्य सरकारें करेंगी। केंद्र सरकार अब ग्रीनफील्ड हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाने पर फोकस करेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी ने निर्देश हाल ही में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय को जुलाई के अंत तक ऐसा मॉडल बनाने कहा है जिससे स्टेट हाईवे को NH डिक्लेयर करने की जरूरत ही कम हो। मंत्रालय को स्टेट हाईवे और छोटे पोर्ट्स को जोड़ने के लिए कहा गया है। ग्रीनफील्ड हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाने पर फोकस करेगी सरकार पिछले 11 साल में सरकार ने 55,000 किमी राज्य हाईवे को NH में बदला, जिससे अब नेशनल हाइवे की कुल लंबाई 1.46 लाख किमी हो गई है। सरकार का मानना है कि नेटवर्क फैलाने के बजाय, मौजूदा हाईवे को चौड़ा और बेहतर बनाना ज्यादा जरूरी है। मार्च 2025 तक भारत में कुल सड़क नेटवर्क की लम्बाई 63 लाख किमी से ज्यादा हो चुका है। राज्यों को मिला सकता है ज्यादा फंड नए प्लान में राज्यों को अपने हाईवे सुधारने के लिए केंद्र से एकमुश्त फंड मिल सकता है। इससे वे अपनी जरूरत के हिसाब से सडकों को सुधार हैं। अपग्रेड के बाद इन सड़कों की देखरेख और मेंटेनेंस भी राज्य सरकारें ही करेंगी, जिससे केंद्र सरकार लंबी दूरी की यात्रा के लिए सड़कें बनाने पर फोकस कर सकेगी। पहले राज्य सरकारें भेजतीं थी NH का प्रस्ताव पहले राज्य सरकारें अपनी अहम सड़कों को NH में बदलवाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजती थीं। केंद्र सरकार इन सड़कों की राष्ट्रीय महत्व, ट्रैफिक और कनेक्टिविटी के आधार पर जांच कर उन्हें NH घोषित करती थी। इसके बाद इन सड़कों की देखरेख और फंडिंग केंद्र सरकार के जिम्मे आ जाती थी। ये खबर भी पढ़ें 3000 रुपए में एक साल के लिए फास्टैग: निजी गाड़ियां 200 बार टोल क्रॉस कर सकेंगी, 5 सवाल-जवाब में जानें डिटेल्स सरकार ने घोषणा की है कि अब फास्टैग के लिए सालाना पास का ऑप्शन भी मिलेगा। इसकी कीमत 3,000 रुपए होगी। 15 अगस्त से ये पास मिलने लगेगा। अभी केवल मंथली पास और जरूरत के हिसाब से रिचार्ज की सुविधा मिलती है। ये पास प्राइवेट व्हीकल्स जैसे कार, जीप, वैन के लिए है। ये एक साल के लिए या 200 टोल क्रॉस करने के लिए वैलिड होगा। पढ़ें पूरी खबर…

बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

  • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
    on 02/02/2025 at 10:54 PM

    भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

  • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
    on 01/02/2025 at 11:46 PM

    2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

  • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
    on 01/02/2025 at 11:44 PM

    वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

  • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
    on 01/02/2025 at 11:30 PM

    इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

  • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
    on 01/02/2025 at 11:28 PM

    सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

  • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
    on 01/02/2025 at 11:25 PM

    बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।

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