Industry News, Company News, Manufacturing News, Service Sector | The Hindu Catch All The Latest News & Updates On National & International Industries, Service Industries & Manufacturing Industries At The Hindu
- Demand for air-conditioners doubles in four years to 15 million units owing to climate-change, comforton 21/02/2025 at 10:14 AM
“The Heating, Ventilation, Air Conditioning & Refrigeration (HVAC&R) industry in India is experiencing unprecedented growth,” Mukundan Menon, Executive MD and RAC head, Voltas, said
- S&P upgrades Kotak Mahindra Bank to ‘BBB’ after RBI lifts curbson 21/02/2025 at 3:19 AM
“We believe Kotak Mahindra Bank is well positioned for growth over the next 24 months,” S&P said in its statement
- Single.id will reward Dhoni fans’ purchases in a new appon 20/02/2025 at 9:55 AM
In addition to the rewards on their purchases, fans will also get inside peaks into Dhoni’s life
- Suzuki aims to boost sales by a third by 2030, invest heavily in Indiaon 20/02/2025 at 7:24 AM
The company aims to boost manufacturing capacity in India to meet expected local demand while expanding India’s role as an exports hub to markets in Africa and the Middle East.
- Vedanta demerger receives approval from shareholders, creditorson 20/02/2025 at 5:41 AM
Every Vedanta shareholder will receive one additional share in each of the four newly demerged companies on the completion of the demerger process
- Aurobindo Pharma arm’s New Jersey warehouse gets OAI status after U.S. FDA inspection on 20/02/2025 at 5:21 AM
Official action indicated or the OAI classification means regulatory, administrative actions are recommended; the facility earlier got five observations
- On building resilient telecom infrastructure | Explainedon 20/02/2025 at 3:00 AM
What does the Coalition for Disaster Resilient Infrastructure report state? Why do telecom networks face elevated risks in coastal regions in times of disaster and calamity? Why are undersea cables preferred over overland cables? Is power failure a significant challenge?
- Google opens Ananta in Bengaluru, one of its largest offices outside Americaon 19/02/2025 at 4:12 PM
The new facility can seat upwards of 5,000 techies and the company currently has around 10,000 employees in India
- Infosys denies using intimidation tactics on Mysuru campuson 19/02/2025 at 12:37 PM
IT services firm says no force was used when it laid off over 300 trainees; Infosys is cooperating with labour department officials, says HR official
- Tesla picks showroom sites in New Delhi, Mumbai to start India sales, sources sayon 19/02/2025 at 7:11 AM
Tesla plans to open showrooms in New Delhi and Mumbai, moving closer to selling electric cars in India
- UAE’s NMDC Group plans to invest ₹21,000 crore at Vadhvan Port, signs MoU with JNPAon 19/02/2025 at 7:07 AM
As per the MoU NMDC Group PJSC has proposed to invest an estimated ₹21,000 crore for the development of the Land Offshore of Vadhvan Coast by Dredging, Reclamation and Shore Protection of Vadhvan Port
- Toyota opens bookings for Land Cruiser 300 with prices starting ₹2.31 croreon 19/02/2025 at 6:16 AM
- TVS Motor launches 2025 edition TVS Ronin at Rs 1.35 lakh ex-showroomon 18/02/2025 at 5:11 PM
The new 2025 TVS RONIN now introduces vibrant colours, a sleek new style and enhanced features, the company said
- After SC ruling, INSCO set to acquire Hindhustan National Glass & Industrieson 18/02/2025 at 8:09 AM
- Footwear maker Khadim expects demerger to be completed by March, plans quick commerce tie-upson 17/02/2025 at 8:06 AM
An official says the company is exploring quick commerce partnerships with platforms like Zepto for utility products such as school shoes and EVA slippers to boost sales
बिजनेस | दैनिक भास्कर Business News in Hindi, मनी भास्कर समाचार, Latest Business Hindi News, मनी भास्कर न्यूज़
- नए साल में अडाणी की नेटवर्थ ₹1.03 लाख करोड़ गिरी:यह इलॉन मस्क के बाद सबसे ज्यादा, मस्क की ₹3.05 लाख करोड़ कम हुईon 21/02/2025 at 2:53 PM
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी की नेटवर्थ इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 1.03 लाख करोड़ रुपए कम हो गई है। दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में इलॉन मस्क के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ सबसे ज्यादा गिरी है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, अडाणी 5.8 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ 23वे नंबर पर हैं। वहीं, टेस्ला और स्पेस एक्स के मालिक इलॉन की नेटवर्थ इस साल 3.05 लाख करोड़ रुपए कम हुई है। मस्क की नेटवर्थ 34.4 लाख करोड़ रुपए है। हालांकि, मस्क अब भी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं। धोखाधड़ी के आरोप के बाद कम हुई अडाणी की नेटवर्थ पिछले साल अमेरिका में अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप पत्र के मुताबिक, अडाणी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए थे। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का भी आरोप अडाणी पर लगाया गया था। इसके अलावा आरोपियों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया। यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। अडाणी की नेटवर्थ में 1 लाख करोड़ की गिरावट आई थी इस खबर के आने के बाद अडाणी की नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपए की कमी आई थी। वहीं केन्या ने अडाणी ग्रुप के साथ बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द कर दी। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं। गौतम अडाणी से जुड़े विवाद… पहला विवाद: हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए : जनवरी 2023 की है। गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने की घोषणा की। 27 जनवरी 2023 को इस ऑफर को खुलना था, लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए। 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। हालांकि, अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया। ऐसे में अडाणी ग्रुप ने अपना 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की। कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’ दूसरा विवाद: लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप एक महीने पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर ( करीब 2360 रुपए) प्रति टन की कथित कीमत पर ‘लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर (करीब 7750 रुपए) प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था। अडाणी ग्रुप पर पहले कोल इम्पोर्ट बिल में हेराफेरी के आरोप लगे थे… ……………………………………………… गौतम अडाणी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अडाणी मामले में अमेरिका ने भारत से मदद मांगी:गौतम और सागर अडाणी को नोटिस देने की कोशिश; कानून मंत्रालय से संपर्क किया अडाणी के खिलाफ धोखाधड़ी और रिश्वत से जुड़े मामले में अमेरिका ने भारत सरकार से मदद मांगी है। अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में बताया कि रिश्वतखोरी मामले में गौतम अडाणी और सागर अडाणी को नोटिस देने के लिए कोशिश की जा रही है। पढ़ें पूरी खबर…
- दूसरी बार IPO के लिए अप्लाई करेगी boAt:वित्त वर्ष 2025-26 में DRHP फाइल करेगी, कंपनी ने पहले 2022 में किया था अप्लाईon 21/02/2025 at 1:10 PM
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड बोट वित्त वर्ष 2025-26 में अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के लिए कॉन्फिडेंशियल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल करने की तैयारी कर रही है। कंपनी इस IPO के जरिए 2,000 करोड़ रुपए जुटाने का प्लान बना रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी 1.5 बिलियन डॉलर यानी 12,998 करोड़ रुपए से ज्यादा की वैल्यूएशन पर IPO लाना चाहती है। हालांकि, फाइनल आंकड़े अभी तय नहीं किए गए हैं। बोट का IPO लाने का यह दूसरा प्रयास है। 2022 में भी कंपनी ने IPO के लिए अप्लाई किया था इससे पहले कंपनी ने 2022 में 2,000 करोड़ रुपए के IPO के लिए अप्लाई किया था। हालांकि, कंपनी ने अनफेवरेबल मार्केट कंडीशन की वजह से अपनी IPO एप्लीकेशन को वापस ले लिया था। उस समय लिस्टिंग के बजाय बोट ने प्राइवेट फंडिंग में 60 मिलियन डॉलर यानी करीब 520 करोड़ रुपए जुटाने का ऑप्शन चुना था। 2024 में कंपनी की वियरेबल मार्केट में 26.7% हिस्सेदारी थी बोट 2013 में बनी थी। इसके बाद 2014 में कंपनी ने अपना फ्लैगशिप ब्रांड लॉन्च किया था। अब बोट भारत की लीडिंग वियरेबल और ऑडियो डिवाइस मैन्युफैक्चरर में से एक बन गई है। 2024 की दूसरी तिमाही तक कंपनी के पास देश के वियरेबल मार्केट में 26.7% हिस्सेदारी थी। क्वालकॉम वेंचर्स, इनोवेन कैपिटल, वारबर्ग पिंकस और फायरसाइड वेंचर्स समेत कई प्रमुख निवेशक कंपनी के सपोर्ट्स हैं। मार्केट में अपनी मजबूत प्रेजेंस और निवेशक सपोर्ट की वजह से बोट के IPO को इंस्टीट्यूशनल और रिटेल इन्वेस्टर्स दोनों से अच्छा रिस्पांस मिल सकता है। DRHP फाइलिंग से boAt को डिटेल्स पब्लिक करने से पहले अपनी फाइनेंशियल और वैल्यूएशन डिटेल्स को फाइनलाइज करने की अनुमति मिलेगी। यह एक ऐसा कदम है, जिसे मार्केट टाइमिंग और रेगुलेटरी अप्रूवल्स की मांग करने वाली कंपनियों द्वारा तेजी से अपनाया जा रहा है।
- टेस्ला अमेरिका में कार बनाकर भारत में बेचेगी:देश में जल्द EV पॉलिसी लागू होने की संभावना, इससे इंपोर्ट ड्यूटी 70% से घटकर 15% रह जाएगीon 21/02/2025 at 12:23 PM
इलॉन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला भारत में अपनी एंट्री डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) बिजनेस से कर सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी भारत में कार बनाने की जगह सीधा अमेरिका से इंपोर्ट कर अपने भारतीय स्टोर्स से बेचेगी। क्योंकि भारत सरकार इस साल अप्रैल में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी रोलआउट कर सकती है, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल इंपोर्ट करने वाली कंपनियों पर केवल 15% ड्यूटी लगाने का प्रावधान किया गया है। इसलिए कंपनी भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने और कार बनाने का प्लान बाद में कर सकती है। बिजनेस टुडे ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी 70% से घटाकर 15% किया केंद्र सरकार ने भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के अपने विजन के तहत EV पॉलिसी- ‘स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार्स इन इंडिया’ यानी (SPMEPCI) को पिछले साल मार्च में मंजूरी दी थी। इस पॉलिसी में सरकार ने दुनियाभर की कार कंपनियों को भारतीय मार्केट में एंट्री देने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी 70% तक से घटाकर 15% कर दिया है। इस छूट का लाभ विदेशी कंपनियां हर साल 8000 करों के इंपोर्ट पर ले सकती हैं। पॉलिसी के नियमों के तहत कंपनियों को कम से कम ₹4150 करोड़ निवेश करना होगा और अधिकतम निवेश पर कोई सीमा नहीं है। कंपनियों को तीन साल के भीतर भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना होगा। ऑटो कंपनियों को 3 साल के भीतर प्लांट लगाकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू करना होगा। साथ ही 5 साल के अंदर डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) को 50% तक पहुंचाना होगा, यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में लोकल सोर्सिंग को बढ़ाना होगा। ऑटो कंपनियों को तीसरे साल में लोकल सोर्सिंग को 25% और 5 साल में 50% करना होगा। टेस्ला ने EV पर चर्चा में नहीं हिस्सा नहीं लिया सरकार ने हाल ही में EV पॉलिसी पर कंपनियों के साथ चर्चा की थी, टेस्ला इसमें भाग नहीं लिया। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी इसके डेवलपमेंट पर नजर बनाए हुए है। इससे पहले खबर आई थी कि कंपनी भारत में गुजरात और महाराष्ट्र में प्लांट लगाने के लिए जगह की पहचान भी कर चुकी है और हायरिंग भी कर रही है। ——————- ये खबर भी पढ़ें… टेस्ला के अधिकारी अप्रैल में भारत आएंगे: PMO और मिनिस्ट्री के अधिकारियों से मिलेंगे; महाराष्ट्र-गुजरात में ₹4 लाख करोड़ निवेश की संभावना अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला के भारत में एंट्री की संभावनाओं के बीच कंपनी के अधिकारी अप्रैल में भारत आ रहें है। यहां वे कंपनी के संचालन से जुड़े मुद्दों पर प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (PMO), मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज (MoRTH) और मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों में मिलेंगे। इस बात की जानकारी बिजनेस टुडे ने सूत्रों के हवाले से दी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
- इंपैक्ट फीचर:ओकाया; एडवांस्ड इनवर्टर और नेक्स्ट-जेन बैटरियों के साथ पावर बैकअप के क्षेत्र में नई क्रांतिon 21/02/2025 at 8:36 AM
ओकाया पावर ने एडवांस्ड इनवर्टर और नेक्स्ट-जेन बैटरियों के जरिए पावर बैकअप के क्षेत्र में एक नई क्रांति शुरू की है। ये आधुनिक समाधान घरों, ऑफिसों और व्यापारिक स्थानों की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए खासतौर पर डिज़ाइन किए गए हैं। एडवांस टेक्नोलॉजी, यूजर फ्रेंडली फीचर्स और शानदार डिज़ाइन के साथ ओकाया आपको भरोसेमंद, कुशल और बाधारहित पावर सप्लाई का अनुभव देता है। यदि आप अपने घर के लिए सबसे अच्छे इनवर्टर/यूपीएस या भरोसेमंद बैटरी की तलाश में हैं, तो ओकाया आपकी सभी जरूरतों का समाधान है। एडवांस्ड इनवर्टर: अब और भी मजबूत पावर बैकअप ओकाया के एडवांस्ड इनवर्टर पावर बैकअप की दुनिया में भरोसेमंद और उत्कृष्टता का प्रतीक हैं। 700 VA से लेकर 6100 VA तक की क्षमता में उपलब्ध, ये हर प्रकार की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श हैं। एडवांस्ड ट्रू साइन वेव टेक्नोलॉजी यह टेक्नोलॉजी टीवी, फ्रिज और कंप्यूटर जैसे आपके घरेलू उपकरणों के लिए स्थिर और सुरक्षित पावर सप्लाई सुनिश्चित करती है, जिससे उनकी काम करने की क्षमता और लाइफ बढ़ती है। कॉम्पैक्ट और पावरफुल ओकाया के एडवांस्ड इनवर्टर में नैनोटेक्नोलॉजी, ऑप्टिमाइज्ड PCB डिज़ाइन और एडवांस्ड माइक्रो प्रोसेसर का उपयोग किया गया है, जो इन्हें छोटा होने के बावजूद उच्चतम प्रदर्शन और एफिशिएंसी प्रदान करता है। चाहे घर के उपकरणों को पावर देना हो या अचानक बिजली कटने पर बैकअप प्रदान करना हो, ओकाया का इनवर्टर आपको बिना किसी समझौते के भरोसेमंद पावर सप्लाई देता है। सुपर इंटेली चार्ज टेक्नोलॉजी ओकाया इनवर्टर बैटरियों को 15% ज्यादा तेजी से चार्ज करता है, जिससे आप हर पावर कट के लिए तैयार रहते हैं। स्मार्ट ओवरलोड प्रोटेक्शन विद ऑटो रीसेट यह तकनीक ओवरलोड की स्थिति में यूपीएस इनवर्टर को ऑटोमैटिक रीसेट कर देती है, जिससे पावर सप्लाई बिना किसी रुकावट के चालू रहती है। मैक्स लोड हैंडलिंग यह इनवर्टर भारी से लेकर छोटे उपकरणों तक 100% लोड को कुशलतापूर्वक संभालता है, जिससे यह हर उपयोगकर्ता की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करता है। नेक्स्ट-जेन बैटरियां: लंबी अवधि का समाधान ओकाया की नेक्स्ट-जेन बैटरियां, एडवांस्ड इनवर्टर्स के साथ मिलकर उच्च प्रदर्शन और टिकाऊपन का वादा करती हैं। 80Ah से 260Ah तक की क्षमता में उपलब्ध ये बैटरियां सभी प्रकार की बैकअप जरूरतों को पूरा करती हैं। ओकाया बैटरियों की विशेषताएं: कॉम्पैक्ट और मजबूत डिज़ाइन सुपर जंबो ट्यूबलर बैटरी (SJT), जो कि कॉम्पैक्ट स्थानों में फिट होने के लिए डिज़ाइन की गई है, शहरी घरों और ऑफिसों के लिए आदर्श है। 15% तेज चार्जिंग इन बैटरियों को एडवांस्ड इनवर्टर्स के साथ जल्दी चार्ज किया जा सकता है, जिससे बैकअप तैयार रहता है। अतिरिक्त बैकअप डिज़ाइन ये बैटरियां 15-20% अतिरिक्त बैकअप देती हैं, और NABL प्रमाणित लैब्स में सख्त परीक्षण से गुजरती हैं, जिससे लंबा और भरोसेमंद प्रदर्शन सुनिश्चित होता है। एडवांस्ड इलेक्ट्रोलाइट मैनेजमेंट सिस्टम (AEMS) पानी के वाष्प को ठंडा करके पुन: चक्रित करने वाली इस प्रणाली से पानी की टॉप-अप आवश्यकता 15% तक कम हो जाती है। एडवांस्ड मेंटेनेंस फीचर्स यूनिक क्राउन और वेंट डिज़ाइन, टॉप-अप प्रक्रिया को स्पिल-प्रूफ और सुविधाजनक बनाते हैं। अत्याधुनिक डिज़ाइन प्रोटेक्टिव हंप डिज़ाइन: टर्मिनल्स और वेंट प्लग्स को नुकसान से बचाता है। राउंड कॉर्नर्स: गिरने या टकराने पर नुकसान को कम करता है। डस्ट-रेसिस्टेंट कंटेनर: बैटरी को साफ और कुशल बनाए रखता है। बेहतर रोप हैंडल: बैटरी को उठाने-रखने, रखरखाव और इंस्टॉलेशन को आसान बनाता है। प्रमाणित बैकअप आवर्स ओकाया बैटरियों के बैकअप आवर्स को अर्बन मेट्रो हेवी ड्यूटी (UMHD) प्रोटोकॉल्स के तहत परीक्षण कर पारदर्शिता के साथ घोषित किया जाता है। ओकाया की ग्राहक सेवा का व्यापक नेटवर्क ओकाया पावर अपनी मजबूत और सुलभ ग्राहक सेवा नेटवर्क के लिए प्रसिद्ध है। ऑन-साइट सेवाएं, 24×7 हेल्पलाइन और अनुभवी तकनीशियनों की टीम आपके सभी सवालों और समस्याओं का समाधान करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है, जिससे आपका अनुभव सहज और संतोषजनक बनता है। यदि आप अपने क्षेत्र में इनवर्टर और यूपीएस बैटरी की दुकान खोज रहे हैं, तो ओकाया की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। यहां अपना पिन कोड या क्षेत्र का नाम डालकर नजदीकी अधिकृत डीलर की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ओकाया क्यों है सबसे बेहतर? ओकाया अपनी क्वालिटी, आधुनिक एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण के कारण पावर बैकअप समाधानों में सबसे आगे है। चाहे आपको घर के लिए सर्वश्रेष्ठ इनवर्टर चाहिए, या लंबा बैकअप देने वाली बैटरी की जरूरत है, या एक संपूर्ण इनवर्टर-बैटरी कॉम्बो की तलाश है, ओकाया आपकी सभी पावर संबंधी जरूरतों के लिए भरोसेमंद समाधान प्रदान करता है। होम यूपीएस और इनवर्टर बैटरी की कीमत पर फैसला करने से पहले जान लें: सही पावर बैकअप सिस्टम केवल कीमत पर निर्भर नहीं करता, बल्कि उसकी कार्यक्षमता, टिकाऊपन और आपकी जरूरतों के अनुकूल होने पर भी ध्यान देना चाहिए। ओकाया के एडवांस्ड इनवर्टर और बैटरियां आधुनिक टेक्नोलॉजी, तेज चार्जिंग और लंबी बैटरी लाइफ के साथ एक स्मार्ट और भरोसेमंद समाधान प्रदान करती हैं। यदि आप एक किफायती और कुशल पावर बैकअप सिस्टम की खोज कर रहे हैं, तो ओकाया की वेबसाइट या Amazon पर जाकर विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त करें। ओकाया के साथ अब बिजली कटौती की चिंता छोड़ें और हर स्थिति में निर्बाध पावर सप्लाई का भरोसा पाएं। आज ही अपग्रेड करें ओकाया के एडवांस्ड इनवर्टर्स और नेक्स्ट-जेन बैटरियों के साथ पावर बैकअप का सर्वोत्तम अनुभव लें। ओकाया एडवांस्ड इनवर्टर, आपका एडवांस्ड पार्टनर!
- NSDL एक महीने के अंदर ला सकती है IPO:इश्यू से कंपनी का ₹3 हजार करोड़ जुटाने का प्लान, सितंबर में SEBI से अप्रूवल मिला थाon 21/02/2025 at 8:08 AM
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) एक महीने में यानी मार्च-अप्रैल के बीच अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लेकर आ सकती है। कंपनी इस इश्यू से 3 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी का IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल यानी OFS होगा। कंपनी ने इसके लिए ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रोस्पेक्टस यानी (DRHP) जुलाई 2023 में फाइल किया था। SEBI ने पिछले साल सितंबर में कंपनी के इश्यू को अप्रूवल दे दिया था। DRHP के मुताबिक, कंपनी के 6 मौजूदा शेयरहोल्डर्स अपने 5.72 करोड़ शेयर्स बेचेंगे। 2.22 करोड़ शेयर्स बेचेगा IDBI बैंक इस OFS के जरिए IDBI बैंक 2.22 करोड़, NSE 1.80 करोड़, यूनियन बैंक 56.25 लाख, स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (SUUTI) 34.15 लाख शेयर्स बेचेगी। वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और HDFC बैंक अपने-अपने हिस्से से 40-40 लाख शेयर्स बेचेंगे। देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी है NSDL देश में 2 डिपॉजिटरी कंपनी NSDL और CDSL है। CDSL यानी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड पहले से ही स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है। NSDL देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी है, जो लंबे समय से IPO लाने की तैयारी कर रही है। NSDL की 1996 में स्थापना हुई थी। कंपनी ने 7 जुलाई 2023 को IPO लाने के लिए DRHP फाइल किया था, जिसे अगस्त 2023 में SEBI ने स्थगित कर दिया था। दरअसल, अगर कंपनी के खिलाफ कोई जांच चल रही हो या अन्य रेगुलेटरी बॉडीज से मांगी गई जानकारी में देरी हो रही है, तो SEBI किसी भी IPO को रोक सकती है। दिसंबर तिमाही में 16.2% बढ़ी आय 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की कुल इनकम 16.2% बढ़कर 391.21 करोड़ रुपए रही थी। 2023 की इसी तिमाही में ये 336.67 करोड़ रुपए थी। FY25 में दिसंबर तक कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 32.6% बढ़कर 259.82 करोड़ रुपए हो गया था। कंपनी की कुल आय 13.3% बढ़कर 1,141.4 करोड़ रुपए रही थी।
- सोने का दाम ₹428 गिरकर ₹86,092 पर आया:चांदी भी 642 रुपए सस्ती हुई; इस साल गोल्ड ₹9,930 और सिल्वर ₹11,130 महंगे हुएon 21/02/2025 at 6:52 AM
सोने-चांदी के दाम में शुक्रवार (21 फरवरी) को गिरावट रही। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 428 रुपए गिरकर 86,092 रुपए पर आ गया। कल सोने का दाम 86,520 रुपए पर था। बुधवार को गोल्ड ने 86,733 रुपए का ऑलटाइम हाई बनाया था। वहीं एक किलो चांदी की कीमत आज 642 रुपए गिरकर 97,147 रुपए प्रति किलो पर आ गई। कल चांदी का भाव 97,789 रुपए किलो था। चांदी ने 23 अक्टूबर 2024 को अपना ऑल टाइम हाई बनाया था, तब ये 99,151 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई थी। 4 महानगरों और भोपाल में सोने की कीमत 1 जनवरी से अब तक सोना 9,930 रुपए महंगा हुआ इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 9,930 रुपए बढ़कर 86,092 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 11,130 रुपए बढ़कर 97,147 रुपए पर पहुंच गया है। इस साल 90 हजार रुपए तक जा सकता है सोना केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि एक बड़ी रैली के बाद सोने में गिरावट आनी थी, वह आ चुकी है। अमेरिका के बाद UK ने ब्याज दरों में कटौती और जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं गोल्ड ETF में निवेश भी बढ़ रहा है। इससे भी गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 90 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। सोना खरीदते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान 1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है। 2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है। 3. कैश पेमेंट न करें, बिल लें: सोना खरीदते वक्त कैश पेमेंट की जगह UPI (जैसे भीम ऐप) और डिजिटल बैंकिंग के जरिए पेमेंट करना अच्छा रहता है। आप चाहें तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी पेमेंट कर सकते हैं। इसके बाद बिल लेना न भूलें। यदि ऑनलाइन ऑर्डर किया है तो पैकेजिंग जरूर चेक करें।
- सेंसेक्स 424 अंक गिरकर 75,311 के स्तर पर बंद:निफ्टी भी 117 अंक गिरा, ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली रहीon 21/02/2025 at 3:43 AM
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आज यानी 21 फरवरी को सेंसेक्स 424 अंक की गिरावट के साथ 75,311 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 117 अंक की गिरावट रही, ये 22,795 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में गिरावट और 8 में तेजी रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 37 में गिरावट और 13 में तेजी रही। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा 2.58% की गिरावट रही। विदेशी निवेशकों ने 3,311.55 करोड़ रुपए के शेयर बेचे कल गिरावट के साथ बंद हुआ था बाजार इससे पहले कल यानी 20 फरवरी को सेंसेक्स 203 अंक की गिरावट के साथ 75,735 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी 19 अंक की गिरावट रही, ये 22,913 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, BSE स्मॉलकैप 599 अंक चढ़कर 46,054 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 15 में गिरावट और 15 में तेजी थी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 22 में गिरावट और 28 में तेजी थी। NSE सेक्टोरल इंडेक्स के बैंकिंग, IT, फार्मा और FMCG सेक्टर गिरावट के साथ बंद हुए थे।
- लगातार 5वें महीने नीचे जा रहा सेंसेक्स:8 दिन और गिरा बाजार तो 30 साल का रिकॉर्ड टूटेगा, 24 साल का रिकॉर्ड पहले ही टूट चुकाon 21/02/2025 at 12:55 AM
शेयर बाजार में 20 फरवरी को गिरावट आई। सेंसेक्स 203 अंक गिरकर 75,736 और निफ्टी 20 अंकों की गिरावट के साथ 22,913 पर बंद हुआ। फरवरी में सेंसेक्स अब तक 2.3% और निफ्टी 2.5% गिर चुके हैं। गिरावट इसी तरह जारी रही तो 30 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। ऐसा हुआ तो यह लगातार पांचवां महीना होगा, जब शेयर बाजार ने गिरावट दर्ज की होगी। गिरावट का इतना लंबा दौर आखिरी बार करीब 30 साल पहले 1996 में देखा गया था। यदि फरवरी के बाकी दिनों में शेयर बाजार कुछ रिकवर हो जाए और सेंसेक्स-निफ्टी भी थोड़ी बढ़त बना ले तो भी 24 साल का रिकॉर्ड टूटेगा। हालांकि, शेयर बाजार में गिरावट का ढाई दशक का रिकॉर्ड पहले ही टूट चुका है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर, 2024 से लेकर जनवरी, 2025 के बीच लगातार चार महीने निफ्टी ने गिरावट देखी गई। पिछली बार 24 साल पहले 2001 में ऐसा हुआ था। सितंबर, 1994 से फरवरी, 1997 के दौरान बाजार ने इससे भी कमजोर दौर देखा था। इस दौरान 30 में से 20 महीने शेयर बाजार में गिरावट आई थी। निवेशकों का धैर्य टूट रहा, मजबूत सपोर्ट लेवल भी टूटा कोटक सिक्युरिटीज के रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने बताया कि निफ्टी ने 22,950 और सेंसेक्स ने 75,800 का सपोर्ट लेवल तोड़ दिया है। मतलब यह कि अब तक बाजार इस लेवल से नीचे नहीं आ रहा था। इससे संकेत मिलता है कि निवेशकों का धैर्य टूट रहा है। आने वाले दिनों में सेंटिमेंट नहीं सुधरता तो सेंसेक्स 75,500 तक नीचे आ सकता है। ऐसा होने पर बिकवाली तेज होगी, क्योंकि निवेशक और ट्रेडर घबरा जाएंगे। यदि सेंसेक्स किसी तरह 76 हजार के लेवल से ऊपर निकलने में कामयाब होता है, तो बाजार में स्थिरता लौट सकती है। जल्द नहीं टूटती शेयर बाजार की सुस्ती अब तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि सितंबर 1994 से लेकर अप्रैल 1995 के बीच शेयर बाजार में 8 महीने गिरावट रही। इसके बाद बाजार संभला, लेकिन एक साल बाद ही बाजार ने लगातार 5 महीने निगेटिव रिटर्न दिया। यानी लंबी गिरावट के बाद निवेशकों का भरोसा लौटने में काफी समय लगता है। दिसंबर तक निफ्टी 4% रिटर्न दे सकता है: नोमुरा जापान की ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का अनुमान है कि दिसंबर, 2025 तक भारतीय शेयर बाजार रिकवरी दिखाएगा और निफ्टी 23,784 तक पहुंच जाएगा। यह मौजूदा लेवल से 3.8% ऊपर है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि अभी निफ्टी-50 इंडेक्स का प्राइस-टू-अर्निंग (PE) रेश्यो 19 गुना है। इसके इससे नीचे आने का अंदेशा कम है। सितंबर, 2024 में यह 21.3 गुना था। इकोनॉमी ने खोई गति हासिल की: रिजर्व बैंक रिजर्व बैंक का मानना है कि देश की इकोनॉमी ने खोई हुई रफ्तार हासिल कर ली है। मजबूत ग्रामीण मांग को कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से मदद मिलेगी। टैक्स राहत के चलते शहरी मांग में सुधार की उम्मीद है। इस बीच, अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने भी भारत की विकास दर का अनुमान 0.10% बढ़ाकर 6.2% कर दिया है। इससे मार्केट सेंटीमेंट को मजबूती मिलेगी।
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- बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया थाon 02/02/2025 at 10:54 PM
भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…
- आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगाon 01/02/2025 at 11:46 PM
2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…
- बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकारon 01/02/2025 at 11:44 PM
वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें
- बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाखon 01/02/2025 at 11:30 PM
इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन
- बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहींon 01/02/2025 at 11:28 PM
सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।
- बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तसon 01/02/2025 at 11:25 PM
बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।
- I.R.S. Fires 6,700 Employees Amid Tax Filing Seasonby Alan Rappeport and Andrew Duehren on 21/02/2025 at 2:48 PM
The layoffs at the Internal Revenue Service came alongside additional firings at the Transportation Security Administration and the C.I.A.
- Coinbase Says S.E.C. Will Drop Crypto Lawsuitby David Yaffe-Bellany and Matthew Goldstein on 21/02/2025 at 2:45 PM
The end of a court fight with the largest U.S. crypto company would be a big win for an industry that financially backed President Trump.
- One Month into the Trump Presidencyby Andrew Ross Sorkin, Ravi Mattu, Bernhard Warner, Sarah Kessler, Michael J. de la Merced, Lauren Hirsch and Edmund Lee on 21/02/2025 at 2:43 PM
The president has moved swiftly to remake Washington. But for business leaders, that volatility has often been hard to navigate.
- Did You Sell Concert Tickets or Clothes? You May Owe Taxesby Ann Carrns on 21/02/2025 at 2:00 PM
If you received more than $5,000 for online sales of “goods or services” in 2024, you might get a Form 1099-K. Don’t ignore it, an expert says.
- Profits, Not D.E.I., Are Why Companies Existby Jeff Sommer on 21/02/2025 at 1:40 PM
An awkward truth has become evident in the first days of the Trump administration, as many firms mute their commitments to diversity and sustainability.
- Universal’s Theme Parks, Long in Disney’s Shadow, Expand at Dizzying Paceby Brooks Barnes on 21/02/2025 at 11:00 AM
Universal is going after Disney, the industry leader, with new parks in Florida and Texas: “We want people to think of us first.”
- Justice Dept. to Drop Discrimination Case Against Elon Musk’s SpaceXby Qasim Nauman on 21/02/2025 at 10:19 AM
The Justice Department had sued SpaceX in 2023, accusing the company of violating federal law by refusing to hire refugees and people granted asylum in the United States.
- When Germany Votes, It Will Be About the Economyby Melissa Eddy and Jim Tankersley on 21/02/2025 at 10:02 AM
The country’s competitiveness has stagnated and its once-powerful industries are suffering. Just ask these executives.
- Trump Meets With Tiger Woods About Merging PGA Tour with LIV Golfby Lauren Hirsch, Alan Blinder, Kate Kelly and Sharon LaFraniere on 21/02/2025 at 1:08 AM
The president has been agitating recently to repair the divide between the PGA Tour and LIV Golf that has shadowed professional golf for several years.
- Marshall Rose, Who Helped Revive Two New York Institutions, Dies at 88by Sam Roberts on 20/02/2025 at 11:05 PM
A real estate developer, he was instrumental in revitalizing the New York Public Library and transforming Bryant Park from a dangerous dead zone into a glorious sanctuary.
- Trump Dismantles Government Fight Against Foreign Influence Operationsby Steven Lee Myers, Julian E. Barnes and Sheera Frenkel on 20/02/2025 at 10:17 PM
Dozens of employees who had been working to fight foreign interference in U.S. elections have been reassigned or forced out, according to current and former officials.
- Fox News, CNN and Other Outlets Urge White House to Drop AP Banby Katie Robertson on 20/02/2025 at 9:42 PM
Dozens of major news organizations, including some conservative outlets, urged the Trump administration to stop blocking The Associated Press from press events.