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  • FPI ने अगस्त में बाजार से अब-तक ₹18,000 करोड़ निकाले:इस साल टोटल ₹1.13 लाख करोड़ की निकासी की, जानें FPI क्यों कर रहे बिकवाली
    on 10/08/2025 at 9:30 AM

    फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) ने अगस्त 2025 में भारतीय शेयर बाजार से अब तक करीब 18,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल FPI ने इंडियन शेयर मार्केट से अब तक टोटल 1.13 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है। आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने (8 अगस्त तक) FPI ने 17,924 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे हैं। जुलाई में विदेशी निवेशकों ने नेट बेसिस पर 17,741 करोड़ रुपए निकाले थे। इससे पहले मार्च से जून तक यानी तीन महीनों में FPI ने 38,673 करोड़ रुपए का निवेश किया था। लेकिन हालिया व्यापारिक तनाव और कमजोर कॉरपोरेट नतीजों ने बाजार का माहौल बदल दिया। शुक्रवार को FPI बायर्स बने रहे वहीं बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स यानी DII नेट बायर्स बने रहे। NSE के डेटा के अनुसार, 8 अगस्त को FPI ने 1,932.81 करोड़ रुपए और DII ने 7,723.66 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे हैं। ट्रेडिंग सेशन के दौरान, DIIs ने 16,682.09 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 8,958.43 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। वहीं FII ने 17,682.11 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 15,749.30 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। अगस्त में FPI की निकासी की वजह अगस्त में FPI की निकासी की मुख्य वजहें हैं- भारत-अमेरिका के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव, कॉरपोरेट कंपनियों के पहले तिमाही के निराशाजनक नतीजे और भारतीय रुपए में कमजोरी। एंजल वन के सीनियर फंडामेंटल एनालिस्ट वकरजावेद खान के अनुसार, आने वाले समय में FPI का रुख नाजुक और जोखिम से बचने वाला रहेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारिक नीतियां और टैरिफ जैसे मुद्दे अगले सप्ताह निवेशकों के लिए अहम होंगे। क्यों हो रही है निकासी? मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि अमेरिका के 1 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने और इस सप्ताह इसे और 25% बढ़ाने से बाजार में घबराहट फैली। इसने FPI को भारतीय शेयरों में बड़े पैमाने पर बिकवाली के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में ग्रोथ वृद्धि ने भी विदेशी निवेशकों को ट्रेजरी की ओर आकर्षित किया, जिससे भारतीय बाजार से पूंजी निकासी बढ़ी। FPI का लोन मार्केट में निवेश हालांकि, शेयर बाजार से निकासी के बावजूद FPI ने लोन मार्केट में निवेश जारी रखा। अगस्त में उन्होंने डेट जनरल लिमिट में 3,432 करोड़ रुपए और डेट वॉलंटरी रिटेंशन रूट में 58 करोड़ रुपए का निवेश किया। आगे क्या होगा? एनालिस्टों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भारत-अमेरिका व्यापार नीतियों पर बातचीत के बीच FPI का रुख सतर्क रहेगा। भारतीय शेयर बाजार के लिए आने वाले सप्ताह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि निवेशक ग्लोबल और लोकल कारणों पर बारीकी से नजर रखेंगे। इस हफ्ते 742 अंक गिरा सेंसेक्स हफ्तेभर के कारोबार के बाद सेंसेक्स में इस हफ्ते 742 की गिरावट रही। 1 अगस्त को सेंसेक्स 80,600 पर बंद हुआ था। हफ्ते के आखिरी कारोबार दिन 8 अगस्त को यह 79,858 पर आ गया। शुक्रवार को सेंसेक्स 765 अंक गिरकर 79,858 पर बंद हुआ। 4 महीने बाद यह 80 हजार के नीचे आया। इससे पहले 9 मई को बाजार 79,454 पर आ गया था। निफ्टी में भी 246 अंक की गिरावट रही, ये 24,350 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 5 में तेजी और 25 में गिरावट रही। मेटल, IT, ऑटो और रियल्टी सेक्टर के शेयर्स में ज्यादा गिरावट रही।

  • शेयर बाजार में ट्रेडर्स के लिए 12 अगस्त अहम:अलर्ट पर रहने की सलाह, बड़ा मोमेंटम दिख सकता है; 5 अहम फैक्टर्स तय करेंगे चाल
    on 10/08/2025 at 5:56 AM

    शेयर बाजार के लिए 12 अगस्त की तारीख अहम है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक इस दिन ट्रेडर्स को अलर्ट रहना चाहिए। बाजार में बड़ा मोमेंटम दिख सकता है। इसके अलावा 11 जुलाई से शुरू होने वाली हफ्ते में महंगाई दर का डेटा, ट्रम्प-पुतिन की मीटिंग से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। चलिए समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है… सपोर्ट जोन: 24,331 / 24,143 / 23,875 / 23,320 / 22,868 सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है। रेजिस्टेंस जोन: 24,380 / 24,450 / 24,540 / 24,650 / 24,808 / 24,850 रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है। शेयर बाजार के लिए अहम तारीख वेल्थव्यू एनालिटिक्स ने अपनी वीकली रिपोर्ट में 12 अगस्त की तारीख को हाइलाइट किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 12 तारीख (±1 डे) पर बड़ा मूवमेंट आ सकता है। ये मोमेंटम बेयर्स और बुल्स दोनों को सरप्राइज कर सकता है। अगर आप ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो इस दिन एक्स्ट्रा सतर्क रहें। मोमेंटम अचानक बदल सकता है। 8 अगस्त की बताई तारीख पर दिखी थी तेज गिरावट वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह ने पिछली रिपोर्ट में बताया था कि 8 अगस्त को बड़ा मूवमेंट दिख सकता है और बिल्कुल वैसा ही हुआ। इस दिन निफ्टी में 232 पॉइंट्स की गिरावट आई। वहीं इस रिपोर्ट में 7 अगस्त को एक वोलेटाइल दिन के तौर पर हाइलाइट किया गया था। इस दिन तेज इंट्राडे उतार-चढ़ाव दिखा। अब 5 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं… 1. महंगाई के आंकड़े: रिटेल महंगाई दर के आंकड़े 12 अगस्त और थोक महंगाई के आंकड़े 14 अगस्त को जारी होंगे। उम्मीद की जा रही है कि जुलाई में महंगाई दर और कम हो सकती है। जून महीने में रिटेल महंगाई घटकर 2.10% पर आ गई थी। ये 77 महीने का निचला स्तर था। खाने-पीने के सामान की कीमतों में लगातार नरमी के कारण रिटेल महंगाई घटी थी। वहीं जून महीने में थोक महंगाई घटकर माइनस 0.13% पर आ गई थी। ये इसका 20 महीने का निचला स्तर था। 2. ट्रंप-पुतिन मुलाकात: अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार, 15 अगस्त को अलास्का में मिलेंगे। ये मुलाकात पूरी दुनिया की नजरों में होगी। इससे रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने का रास्ता खुल सकता है। ये युद्ध 24 फरवरी 2022 को रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से चल रहा है। 3. विदेशी निवेशक: कैश सेगमेंट में, FPI ने जुलाई में 47,666.68 करोड़ रुपए के शेयर बेचे और अगस्त में अब तक उन्होंने 14,018.87 करोड़ रुपए के शेयर बेच दिए है। हालांकि, शुक्रवार, 8 अगस्त को उन्होंने कैश सेगमेंट में 1,932.81 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। ये कहना अभी जल्दबाजी होगी कि FPI की खरीदारी का ये ट्रेंड बना रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि टैरिफ की अनिश्चितता और कमजोर कॉरपोरेट अर्निंग्स की वजह से मार्केट का शॉर्ट-टर्म आउटलुक धुंधला बना हुआ है। अगर FPI 8 अगस्त की तरह भारतीय शेयरों की खरीदारी जारी रखते हैं, तो ये घरेलू मार्केट को सपोर्ट देगा और शायद बेंचमार्क इंडेक्स जून से चली आ रही अपनी रेंज से बाहर निकल सकें। 4. कंपनियों के नतीजे: निवेशक इस हफ्ते कुछ प्रमुख कंपनियों की कमाई पर भी नजर रखेंगे। BSE के मुताबिक आने वाले हफ्ते में 2,000 से ज्यादा कंपनियां अपनी जून तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी। इनमें बजाज कंज्यूमर केयर, अशोक लेलैंड, ONGC, IOC, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, BPCL, और हिंदुस्तान कॉपर शामिल है। 5. टेक्निकल फैक्टर्स: SBI सिक्योरिटीज में टेक्निकल और डेरिवेटिव्स रिसर्च के हेड सुदीप शाह के मुताबिक 24,200-24,150 का जोन इंडेक्स के लिए अहम सपोर्ट का काम करेगा। ये जोन इसलिए खास है क्योंकि ये 200-दिन के EMA लेवल और पिछले अपवर्ड रैली (21,743-25,669) के 38.2% फिबोनाची रिट्रेसमेंट लेवल का जंक्शन पॉइंट है। अगर इंडेक्स 24,150 के नीचे फिसलता है, तो ये नीचे की ओर 23,750 तक जा सकता है। वहीं, ऊपर की तरफ 24,570-24,600 का 100-दिन का EMA ज़ोन इंडेक्स के लिए एक बड़ी रुकावट होगा। सेंसेक्स 4 महीने बाद 80 हजार के नीचे आया हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 8 अगस्त को सेंसेक्स 765 अंक गिरकर 79,857 पर बंद हुआ। 4 महीने बाद यह 80 हजार के नीचे आया है। इससे पहले 9 मई को बाजार 79,454 पर आ गया था। निफ्टी में भी 246 अंक की गिरावट रही, ये 24,350 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 5 में तेजी और 25 में गिरावट रही। डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी और सीखने के लिए है। ऊपर दी गई राय और सलाह व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि दैनिक भास्कर की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।

  • अब एक राउंड ट्रिप टिकट बुक करने पर 20% डिस्काउंट:ICICI-बैंक के नए सेविंग अकाउंट में मिनिमम ₹50,000 बैलेंस जरूरी
    on 09/08/2025 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर रेलवे से जुड़ी रही। इंडियन रेलवे ने दिवाली और अन्य फेस्टिवल में घर जाने वालों के लिए एक एक्सपेरिमेंटल बेस पर एक स्कीम शुरू की है। इसमें अगर कोई आने और जाने का टिकट एकसाथ बुक करता है तो रिटर्न टिकट पर 20% का डिस्काउंट मिलेगा। वहीं, ICICI बैंक के खाताधारकों को अब अपने अकाउंट में 50 हजार रुपए का मिनिमम बैंलेंस मेंटेन करना होगा। इससे कम बैलेंस होने पर ग्राहकों को पेनल्टी देनी पड़ सकती है। नया नियम 1 अगस्त 2025 के बाद खोले गए नए खातों पर लागू होगा। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. ICICI-बैंक के नए सेविंग अकाउंट में मिनिमम ₹50,000 बैलेंस जरूरी: पहले लिमिट ₹10,000 थी, ग्रामीण खातों भी ₹2500 की जगह ₹10 हजार रखना होगा ICICI बैंक के खाताधारकों को अब अपने अकाउंट में 50 हजार रुपए का मिनिमम बैंलेंस मेंटेन करना होगा। इससे कम बैलेंस होने पर ग्राहकों को पेनल्टी देनी पड़ सकती है। नया नियम 1 अगस्त 2025 के बाद खोले गए नए खातों पर लागू होगा। खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की सीमा शहरों गावों और मेट्रो सिटीज में अलग-अलग है, बैंक ने सभी में इजाफा किया है। मेट्रो और शहरी इलाकों में अब कम से कम 50,000 रुपए, सेमी-अर्बन (अर्ध-शहरी) इलाकों में 25,000 रुपए और गांवों में खुले खातों के लिए यह लिमिट अब 10,000 रुपए हो गई है। पूरी खबर पढ़ें… 2. आने-जाने का ट्रेन टिकट बुक करने पर 20% डिस्काउंट: रेलवे ने फेस्टिव सीजन में एक्सपेरिमेंटल बेस पर शुरू की स्कीम इंडियन रेलवे ने दिवाली और अन्य फेस्टिवल में घर जाने वालों के लिए एक एक्सपेरिमेंटल बेस पर एक स्कीम शुरू की है। इसमें अगर कोई आने और जाने का टिकट एकसाथ बुक करता है तो रिटर्न टिकट पर 20% का डिस्काउंट मिलेगा। इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा जो घर जाने और वापस आने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। रेलवे ने त्योहारों के समय टिकट के लिए भीड़ और लोगों की परेशानी को देखते हुए यह फैसला एक्सपेरिमेंटल बेस पर लिया है। पूरी खबर पढ़ें… 3. भारतीय स्टार्टअप ने सबसे बड़ा 3D-प्रिंटेड रॉकेट इंजन बनाया: 72 घंटे में तैयार किया, चेन्नई की कंपनी अग्निकुल को अमेरिका में पेटेंट मिला अब एस्ट्रोनॉट्स मेड-इन-इंडिया इंजन वाले रॉकेट से अंतरिक्ष में जा सकेंगे। भारतीय स्पेस टेक स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन बनाया है। खास बात ये है कि इस इंजन को पुर्जों को जोड़कर नहीं बनाया गया है, बल्कि इसे पूरी तरह से एक ही हिस्से में तैयार किया गया है। यानी इसे बनाने में न तो वेल्डिंग की गई और न ही कोई जॉइंट्स या बोल्ट्स लगाए गए हैं। चेन्नई स्थित स्पेस स्टार्टअप ने इसे एक ही बार में 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी से तैयार किया है और इसे बनाने में सिर्फ 72 घंटे का समय लगा है। यही नहीं कंपनी को अमेरिका में इसकी डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए पेटेंट भी मिल गया है। पूरी खबर पढ़ें… 4. टॉप-10 कंपनियों में 6 की वैल्यू ₹1.36 लाख करोड़ गिरी: रिलायंस का मार्केट कैप ₹34,711 करोड़ कम हुआ; इस हफ्ते बाजार 742 अंक टूटा मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 6 की मार्केट बैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में ₹1.36 लाख करोड़ कम हो गई है। इस दौरान देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप लूजर रही। इसकी वैल्यू ₹34,711 करोड़ कम होकर ₹18.51 लाख करोड़ रुपए रह गई है। वहीं, HDFC बैंक का मार्केट कैप इस दौरान 29,722 रुपए कम होकर ₹15.14 लाख करोड़ और ICICI बैंक की वैल्यू ₹24,719 करोड़ कम होकर 10.25 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। पूरी खबर पढ़ें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल बाजार बंद था तो शुक्रवार के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • टॉप-10 कंपनियों में 6 की वैल्यू ₹1.36 लाख करोड़ गिरी:रिलायंस का मार्केट कैप ₹34,711 करोड़ कम हुआ; इस हफ्ते बाजार 742 अंक टूटा
    on 09/08/2025 at 12:24 PM

    मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 6 की मार्केट बैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में ₹1.36 लाख करोड़ कम हो गई है। इस दौरान देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप लूजर रही। इसकी वैल्यू ₹34,711 करोड़ कम होकर ₹18.51 लाख करोड़ रुपए रह गई है। वहीं, HDFC बैंक का मार्केट कैप इस दौरान 29,722 रुपए कम होकर ₹15.14 लाख करोड़ और ICICI बैंक की वैल्यू ₹24,719 करोड़ कम होकर 10.25 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। LIC की वैल्यू ₹17,678 करोड़ बढ़कर 5.77 लाख करोड़ इधर, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया LIC के शेयरों में खरीदारी रही और इसकी वैल्यू 17,678 करोड़ रुपए बढ़कर 5.77 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। इस दौरान TCS की ₹11,361 करोड़, SBI की ₹9,785 करोड़ और बजाज फाइनेंस की वैल्यू ₹186 करोड़ बढ़ी है। इस हफ्ते 742 अंक गिरा सेंसेक्स हफ्तेभर के कारोबार के बाद सेंसेक्स में इस हफ्ते 742 की गिरावट रही। 1 अगस्त को सेंसेक्स 80,600 पर बंद हुआ था। हफ्ते के आखिरी कारोबार दिन कल यानी शुक्रवार, 9 अगस्त को यह 79,858 पर आ गया। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 8 अगस्त को सेंसेक्स 765 अंक गिरकर 79,858 पर बंद हुआ। 4 महीने बाद यह 80 हजार के नीचे आया। इससे पहले 9 मई को बाजार 79,454 पर आ गया था। निफ्टी में भी 246 अंक की गिरावट रही, ये 24,350 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 5 में तेजी और 25 में गिरावट रही। मेटल, IT, ऑटो और रियल्टी सेक्टर के शेयर्स में ज्यादा गिरावट रही। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है। इसे एक उदाहरण से समझें… मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी। कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं… 1. मार्केट कैप के बढ़ने का क्या मतलब है? 2. मार्केट कैप के घटने का क्या मतलब है? 3. मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है? कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं। उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है।

  • ICICI-बैंक के नए सेविंग अकाउंट में मिनिमम ₹50,000 बैलेंस जरूरी:पहले लिमिट ₹10,000 थी, ग्रामीण खातों भी ₹2500 की जगह ₹10 हजार रखना होगा
    on 09/08/2025 at 10:17 AM

    ICICI बैंक के खाताधारकों को अब अपने अकाउंट में 50 हजार रुपए का मिनिमम बैंलेंस मेंटेन करना होगा। इससे कम बैलेंस होने पर ग्राहकों को पेनल्टी देनी पड़ सकती है। नया नियम 1 अगस्त 2025 के बाद खोले गए नए खातों पर लागू होगा। खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की सीमा शहरों गावों और मेट्रो सिटीज में अलग-अलग है, बैंक ने सभी में इजाफा किया है। मेट्रो और शहरी इलाकों में अब कम से कम 50,000 रुपए, सेमी-अर्बन (अर्ध-शहरी) इलाकों में 25,000 रुपए और गांवों में खुले खातों के लिए यह लिमिट अब 10,000 रुपए हो गई है। 2015 के बाद पहली बार बैंक ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट बढ़ाई इससे पहले मेट्रो और शहरी इलाके में कम से कम 10 हजार रुपए, सेमी-अर्बन में 5000 रुपए और गांवों के ब्रांच में कम से कम 2500 रुपए का औसतन मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत पड़ती थी। मिनिमम अकाउंट बैलेंस की लिमिट में इस बढ़ोतरी के साथ घरेलू बैंकों में सबसे ज्यादा मिनिमम अकाउंट बैलेंस (MAB) रखने की लिमिट अब ICICI का हो गया है। बैंक ने 10 साल बाद मिनिमम बैलेंस लिमिट में बदलाव किया है। देश 11 सरकारी बैंकों ने बीते 5 साल में सेविंग अकाउंट में ​मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर ग्राहकों से करीब 9,000 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूली है… देश के टॉप बैंकों में मिनिमम बैलेंस और पेनल्टी के नियम भारतीय बैंकों में सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस की मेंटेन करने की जरूरतें अलग-अलग हैं। ये नियम बैंक, अकाउंट का टाइप, और खाता कहां किस जगह पर है (मेट्रो, शहरी, अर्ध-शहरी, ग्रामीण) के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। 1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 2. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 3. HDFC बैंक: 4. एक्सिस बैंक: 5. बैंक ऑफ बड़ौदा ——————————— ये खबर भी पढें… ICICI बैंक का मुनाफा 15% बढ़कर ₹12,768 करोड़: पहली तिमाही में कमाई ₹51,452 करोड़ रही, बैंक का शेयर एक साल में 14% चढ़ा ICICI बैंक ने पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2026) में कुल ₹51,452 करोड़ की कमाई की है। इस कमाई में से बैंक ने 32,706 करोड़ रुपए कर्मचारियों की सैलरी, बिजली बिल, डिपॉजिट जैसे कामों में खर्च किए। इसके बाद बैंक के पास 12,768 करोड़ रुपए मुनाफा के रूप में बचा। एक साल पहले की समान अवधि में बैंक को 11,059 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। सालाना आधार यह 15.45% बढ़ा है। पूरी खबर पढ़ें…

  • आने-जाने का ट्रेन टिकट बुक करने पर 20% डिस्काउंट:रेलवे ने फेस्टिव सीजन में एक्सपेरिमेंटल बेस पर शुरू की स्कीम
    on 09/08/2025 at 7:02 AM

    इंडियन रेलवे ने दिवाली और अन्य फेस्टिवल में घर जाने वालों के लिए एक एक्सपेरिमेंटल बेस पर एक स्कीम शुरू की है। इसमें अगर कोई आने और जाने का टिकट एकसाथ बुक करता है तो रिटर्न टिकट पर 20% का डिस्काउंट मिलेगा। इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा जो घर जाने और वापस आने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। रेलवे ने त्योहारों के समय टिकट के लिए भीड़ और लोगों की परेशानी को देखते हुए यह फैसला एक्सपेरिमेंटल बेस पर लिया है। आने-जाने दोनों टिकट एकसाथ बुक करने पर मिलेगा डिस्काउंट बुकिंग 14 अगस्त से शुरू होगी रेलवे के मुताबिक, इस छूट का फायदा लेने के लिए 13 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2025 तक के लिए जाने वाले टिकट और वापसी के लिए 17 नवंबर से 1 दिसंबर 2025 के बीच यात्रा का टिकट बुक करना होगा। बुकिंग 14 अगस्त से शुरू होगी। डायनेमिक प्राइसिंग वाली ट्रेनों में नहीं मिलेगा डिस्काउंट ये छूट फ्लेक्सी फेयर वाली ट्रेनों जैसे- शताब्दी एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, सुविधा एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों पर लागू नहीं होगी। लेकिन इसके अलावा सभी श्रेणियों और खासकर ऑन डिमांड ट्रेनें यानी फेस्टिव स्पेशल ट्रेनें इस छूट के दायरे में शामिल हैं। IRCTC के AI-पावर्ड चैट बोट AskDISHA 2.0 आप से बोलकर अपना टिकट बुक कर सकते हैं। ये हिंदी, इंग्लिश, गुजराती या अन्य कई भाषाओं को समझता है। रेलवे ने हाल ही में यह सुविधा शुरू की है। —————————– ये खबर भी पढ़ें… 1. ट्रेन टिकट अपनी आवाज से बुक करें: रेलवे के AI चैट-बोट पर IRCTC पासवर्ड की जरूरत नहीं; इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें अब आपको ट्रेन टिकट बुक करने के लिए IRCTC का पासवर्ड याद रखने कि जरूरत नहीं है। सिर्फ मोबाइल पर अपनी आवाज के जरिए आप टिकट बुक या कैंसिल कर सकते हैं। IRCTC का AI-पावर्ड चैट बोट AskDISHA 2.0 आप को हिंदी, इंग्लिश, गुजराती या अन्य भाषाओं में बोलकर अपना टिकट बुक करने की सुविधा देता है। इसके लिए आपको IRCTC में अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालना होगा, इसके बाद OTP डालकर पूरी प्रोसेस हो जाएगी। पूरी खबर पढ़ें… 2. टिकट से ट्रेन स्टेटस तक, एक एप पर सभी सेवाएं: रेलवे ने रोलआउट किया ‘स्वरेल’ एप; लाइव ट्रैकिंग और शिकायत की सुविधा भी उपलब्ध भारतीय रेलवे ने अपना नया एप स्वरेल (SwaRail) एंड्रॉएड यूजर्स के लिए रोलआउट कर दिया है। यह एप यात्रियों को टिकट बुकिंग से लेकर ट्रेन स्टेटस और खाना ऑर्डर करने तक की सभी सेवाएं एक ही जगह पर देगा। इसके अलावा, इस एप का उपयोग करके यूजर्स अपनी यात्रा से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान आसानी से कर सकेंगे। इसे सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिम (CRIS) ने डेवलप किया है। पूरी खबर पढ़ें…

  • उज्ज्वला सिलेंडर पर ₹300 सब्सिडी जारी रहेगी:चैटजीपीटी बच्चों को सुसाइड नोट लिखना सीखा रहा; सोना नए हाई पर, दाम ₹1.01 लाख के पार
    on 08/08/2025 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर कैबिनेट की बैठक में उज्जवला सिलेंडर से जुड़ी रही। सरकार ने कहा है कि उज्जवला योजना के तहत मिल रहे सब्सिडाइज्ड सिलेंडर पर 300 रुपए की सब्सिडी जारी रहेगी। इसका मतलब उपभोक्ताओं को बाजार के दाम से 300 रुपए कम में सिलेंडर मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बेस्ड चैटबॉट ChatGPT अब बच्चों को सुसाइड नोट्स लिखने में मदद कर रहा है। वहीं, चैटजीपीडी बनाने वाले सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि मुझे AI परमाणु बम जितना खतरनाक लग रहा है। इधर, सोने का दाम 703 रुपए बढ़कर 1,01,406 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। यह इसका नया ऑलटाइम हाई है। केंद्रीय मंत्री गड़करी ने कहा है कि E20-पेट्रोल से किसी गाड़ी में समस्या नहीं। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. उज्जवला सिलेंडर पर ₹300 की सब्सिडी मिलती रहेगी: LPG पर नुकसान की भरपाई के लिए तेल कंपनियों को ₹30 हजार करोड़ देगी सरकार LPG सिलेंडर को सब्सिडी में बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए तेल कंपनियों को सरकार ₹30 हजार करोड़ देगी। यह राशि कंपनियों को 12 किश्तों में दी जाएगी। इसके अलावा उज्ज्वला योजना की सब्सिडी जारी रखने के लिए ₹12 हजार करोड़ भी मंजूर किए गए हैं। आज यानी, 8 अगस्त को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है। पूरी खबर पढें… 2. बच्चों को सुसाइड नोट लिखना सिखा रहा चैटजीपीटी: 13 साल के बच्चे के लिए शराब पार्टी का प्लान बनाया, दुनिया की 10% आबादी इस्तेमाल कर रही ओपनएआई (OpenAI) का चैटजीपीटी 13 साल के बच्चों को सुसाइड नोट्स लिखने में मदद कर रहा है। एक नई स्टडी से पता चला है कि चैटजीपीटी बच्चों को नशे करने के तरीके भी बता रहा है। यह खुलासा सेंटर फॉर काउंटरिंग डिजिटल हेट (CCDH) की रिसर्च में हुआ है। इसमें रिसर्चर्स ने 13 साल की बच्ची की फेक प्रोफाइल बनाकर चैटजीपीटी से अलग-अलग तरह के सवाल पूछे। फिर 3 घंटे से ज्यादा के इंटरेक्शंस को रिव्यू किया। रिसर्च में पाया गया कि AI टूल्स कई तरह से टीनएजर्स की मेंटल हेल्थ को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। पूरी खबर पढें… 3. सोना ₹1,01,406 प्रति 10 ग्राम के ऑलटाइम हाई पर पहुंचा: गोल्ड का दाम आज ₹703 बढ़ा, इस साल अब तक ₹25,244 महंगा हुआ सोना आज यानी 8 अगस्त (शुक्रवार) को ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 24 कैरेट सोना का दाम 703 रुपए बढ़कर 1,01,406 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। इससे पहले गुरुवार को सोना 1,00,703 रुपए पर था। वहीं चांदी की कीमत 357 रुपए घटकर 1,14,893 रुपए प्रति किलो हो गई है। इससे पहले चांदी 1,15,250 रुपए पर थी। 23 जुलाई को चांदी ने 1,15,850 रुपए ऑल टाइम हाई बनाया था। पूरी खबर पढें… 4. ChatGPT-5 पर ऑल्टमैन बोले- हमने क्या बना दिया: परमाणु बम बनाने वाले मैनहट्टन प्रोजेक्ट से तुलना की; अगले महीने भारत आएंगे चैटजीपीडी जैसे बॉट बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने अपनी कंपनी के नए AI मॉडल ChatGPT-5 की तुलना मैनहट्टन प्रोजेक्ट से की है। इस प्रोजेक्ट में सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान दुनिया का पहला परमाणु बम बनाया गया था। उन्होंने ये भी कहा कि ChatGPT-5 को टेस्ट करते वक्त उन्हें ऐसा लगा जैसे वो खुद “बेकार” हो गए हों। सैम ऑल्टमैन की इस बात ने AI के संभावित खतरों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। पूरी खबर पढ़ें… 5. गडकरी का दावा E20-पेट्रोल से किसी गाड़ी में समस्या नहीं: बोले- किसी को दिक्कत हो रही, तो ऐसा एक भी उदाहरण पेश करें केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने E20 पेट्रोल को लेकर हो रही आलोचनाओं पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आज (8 अगस्त) दिल्ली में हुए एक इवेंट में कहा कि ‘अगर किसी को लगता है कि E20 पेट्रोल से गाड़ियों में दिक्कत हो रही है, तो वो एक भी ऐसा उदाहरण पेश करे।’ उन्होंने दावा किया कि अब तक किसी भी गाड़ी में इस फ्यूल से कोई समस्या सामने नहीं आई है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऑटो एक्सपर्ट्स और वाहन मालिकों ने दावा किया गया था कि E20 पेट्रोल से पुरानी गाड़ियों कि रियल वर्ल्ड में माइलेज 5-7% तक गिरा है, जो सरकार के दावों से ज्यादा है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं कि पुरानी गाड़ियों के लिए सही जानकारी और ऑप्शन्स क्यों नहीं दिए जा रहे। लेकिन गडकरी ने इसे ‘पॉलिटिकल कॉन्सपिरेसी’ करार दिया और कहा कि 2001 से शुरू हुई इस नीति को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। पूरी खबर पढ़ें… 6. SBI को पहली तिमाही में ₹19,160 करोड़ का मुनाफा:सालाना आधार पर कमाई 10% बढ़ी, शेयर ने एक साल में कोई रिटर्न नहीं दिया देश के सबसे बड़े सरकारी लेंडर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 19,160 करोड़ रुपए का मुनाफा (स्टैंड-अलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर यह 12% बढ़ा है। पिछले साल की समान तिमाही में SBI को ₹17,035 करोड़ का प्रॉफिट हुआ था। अप्रैल-जून (Q1FY26) तिमाही में स्टेट बैंक की ब्याज आय 1.18 लाख करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में यह 1.12 लाख करोड़ रुपए थी। सालाना आधार पर यह 6% बढ़ी है। पूरी खबर पढ़ें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • गडकरी का दावा E20-पेट्रोल से किसी गाड़ी में समस्या नहीं:बोले- किसी को दिक्कत हो रही, तो ऐसा एक भी उदाहरण पेश करें
    on 08/08/2025 at 12:28 PM

    केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने E20 पेट्रोल को लेकर हो रही आलोचनाओं पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आज (8 अगस्त) दिल्ली में हुए एक इवेंट में कहा कि ‘अगर किसी को लगता है कि E20 पेट्रोल से गाड़ियों में दिक्कत हो रही है, तो वो एक भी ऐसा उदाहरण पेश करे।’ उन्होंने दावा किया कि अब तक किसी भी गाड़ी में इस फ्यूल से कोई समस्या सामने नहीं आई है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऑटो एक्सपर्ट्स और वाहन मालिकों ने दावा किया गया था कि E20 पेट्रोल से पुरानी गाड़ियों कि रियल वर्ल्ड में माइलेज 5-7% तक गिरा है, जो सरकार के दावों से ज्यादा है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं कि पुरानी गाड़ियों के लिए सही जानकारी और ऑप्शन्स क्यों नहीं दिए जा रहे। लेकिन गडकरी ने इसे ‘पॉलिटिकल कॉन्सपिरेसी’ करार दिया और कहा कि 2001 से शुरू हुई इस नीति को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। मंत्रालय ने भी कहा- E20 फ्यूल से गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं होता पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने भी इस मुद्दे पर बयान जारी करके कहा कि E20 फ्यूल से गाड़ियों को कोई नुकसान नहीं होता। मंत्रालय के मुताबिक, लंबे टेस्ट में 100,000 किलोमीटर तक गाड़ियों को E20 से चलाया गया और हर 10,000 किलोमीटर पर चेक किया गया। नतीजा ये निकला कि पावर, टॉर्क और माइलेज में कोई खास फर्क नहीं पड़ा। हालांकि, ये माना गया कि नए वाहनों में माइलेज 1-2% और पुरानी गाड़ियों में 3-6% तक कम हो सकता है, लेकिन ये ‘ड्रास्टिक’ नहीं है और इंजन ट्यूनिंग से इसे ठीक किया जा सकता है। पुरानी गाड़ियों का क्या? पुरानी गाड़ियों को लेकर चिंता जताई जा रही थी कि E20 से उनके इंजन और पार्ट्स खराब हो सकते हैं। लेकिन मंत्रालय ने साफ किया कि E20 में कॉरोजन इनहिबिटर्स (जंगरोधी तत्व) डाले गए हैं और BIS और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के तहत सेफ्टी सुनिश्चित की गई है। अगर पुरानी गाड़ियों में 20000 – 30000 किलोमीटर चलने के बाद रबर पार्ट्स या गास्केट्स बदलने पड़ें, तो ये रूटीन मेंटेनेंस का हिस्सा है और सस्ता भी है। E20 फ्यूल से प्रदूषण कम होता है गडकरी ने बताया कि E20 फ्यूल से न सिर्फ प्रदूषण कम होता है, बल्कि देश को कच्चे तेल के आयात में 1.40 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हुई है। साथ ही, किसानों को 1.20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की पेमेंट हुई, जो उनके लिए बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि इथेनॉल का ऑक्टेन नंबर (108.5) पेट्रोल (84.4) से ज्यादा है, जो मॉडर्न इंजनों के लिए फायदेमंद है और राइड क्वालिटी बेहतर करता है। 7-8 साल में इथेनॉल नीति स्थिर हो जाएगी गडकरी ने भरोसा जताया कि आने वाले 7-8 साल में इथेनॉल नीति स्थिर हो जाएगी, जैसा कि ब्राजील में 80 साल की प्रैक्टिस के बाद हुआ। सरकार का मकसद 2030 तक 30% इथेनॉल ब्लेंडिंग (E30) तक पहुंचना है, लेकिन इसके लिए वाहन मैन्युफैक्चरर्स और कंज्यूमर्स के साथ तालमेल जरूरी है। क्या होता है एथेनॉल? एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में इको-फ्रैंडली फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस से होता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है। अप्रैल से देश में बिक रहीं E-20 पेट्रोल-डीजल गाड़ियों से होने वाले एयर पॉल्यूशन को रोकने और फ्यूल के दाम कम करने के लिए दुनियाभर की सरकारें एथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल पर काम कर रही हैं। भारत में भी एथेनॉल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इससे गाड़ियों का माइलेज भी बढ़ेगा। देश में 5% एथेनॉल से प्रयोग शुरू हुआ था जो अब 20% तक पहुंच चुका है। सरकार अप्रैल के महीने में नेशनल बायो फ्यूल पॉलिसी लागू कर E-20 (20% एथेनॉल + 80% पेट्रोल) से E-80 (80% एथेनॉल + 20% पेट्रोल) पर जाने के लिए प्रोसेस शुरू कर चुकी है। इसके अलावा देश में अप्रैल से सिर्फ फ्लेक्स फ्यूल कंप्लाइंट गाड़ियां ही बेची जा रही हैं। साथ ही पुरानी गाड़ियां एथेनॉल कंप्लाएंट व्हीकल में चेंज की जा सकेंगी, ​​​​​​एथेनॉल मिलाने से क्या फायदा है? पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पेट्रोल के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इसके इस्तेमाल से गाड़ियां 35% कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करती है। सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी एथेनॉल कम करता है। एथेनॉल में मौजूद 35% ऑक्सीजन के चलते ये फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है। एथेनॉल फ्यूल कार से क्या फायदा?

बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

  • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
    on 02/02/2025 at 10:54 PM

    भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

  • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
    on 01/02/2025 at 11:46 PM

    2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

  • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
    on 01/02/2025 at 11:44 PM

    वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

  • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
    on 01/02/2025 at 11:30 PM

    इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

  • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
    on 01/02/2025 at 11:28 PM

    सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

  • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
    on 01/02/2025 at 11:25 PM

    बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।

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