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    • दिवाली पर शेयर बाजार में तेजी:सेंसेक्स 500 अंक चढ़कर 84,400 पर कारोबार कर रहा, निफ्टी भी 150 अंक चढ़ा; बैंकिंग और ऑटो शेयर्स में बढ़त
      on 20/10/2025 at 4:02 AM

      शेयर बाजार में आज 20 अक्टूबर को दिवाली के दिन तेजी है। सेंसेक्स 500 अंक चढ़कर 84,400 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी में भी करीब 150 अंक की तेजी है। ये 25,800 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में तेजी और 7 में गिरावट है। बैंकिंग, ऑटो और IT शेयर में ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है। वहीं मेटल शेयर्स में थोड़ी गिरावट है। एशियाई बाजारों में तेजी शुक्रवार को FPI ने ₹1,526 करोड़ के शेयर्स खरीदे वहीं बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स यानी DII नेट बायर्स बने रहे। NSE के डेटा के अनुसार, 17 अक्टूबर को FPI ने 1,526.61 करोड़ रुपए और DII ने 308.98 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे हैं। ट्रेडिंग सेशन के दौरान, DIIs ने 16,860.39 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 15,333.78 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। वहीं FII ने 14,505.27 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 14,196.29 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। पिछले हफ्ते बाजार में तेजी रही थी इससे पहले पिछले हफ्ते के आखिरी दिन यानी 17 अक्टूबर को भी शेयर बाजार में तेजी रही थी। सेंसेक्स 484 अंक चढ़कर 83,952 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 124 अंक की तेजी रही, ये 25,709 के स्तर पर बंद हुआ।

    • ₹150 करोड़ में 186 लग्जरी कारें खरीदीं:₹21 करोड़ का डिस्काउंट मिला; मीशो को IPO के लिए SEBI से अप्रूवल मिला
      on 19/10/2025 at 11:30 PM

      कल की बड़ी खबर विदेशी निवेशकों से जुड़ी रही। भारतीय शेयर बाजार से तीन महीने तक लगातार पैसा निकालने के बाद फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी FPI अब खरीदार बन गए हैं। अक्टूबर में अभी तक FPI ने 6,480 करोड़ रुपए का निवेश किया है। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. FPI 3 महीने की बिकवाली के बाद अब खरीदार बने:अक्टूबर में FPI ने ₹6,480 करोड़ के शेयर्स खरीदे, बीते तीन महीने में ₹76,575 करोड़ निकाले थे भारतीय शेयर बाजार से तीन महीने तक लगातार पैसा निकालने के बाद फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी FPI अब खरीदार बन गए हैं। अक्टूबर में अभी तक FPI ने 6,480 करोड़ रुपए का निवेश किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की मजबूत इकोनॉमी और ग्लोबल मार्केट में पॉजिटिव बदलाव की वजह से FPI ने खरीदारी शुरू की है। पिछले तीन महीनों में FPI ने भारतीय बाजार से जमकर पैसा निकाला था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. जैन ऑर्गनाइजेशन ने 186 लग्जरी कारें खरीदीं: ₹150 करोड़ की डील में ₹21 करोड़ का डिस्काउंट मिला; ₹60 लाख से ₹1.34 करोड़ की कारें शामिल जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन यानी JITO कार खरीद पर 21.22 करोड़ रुपए का डिस्काउंट लेकर चर्चा में आ गया है। JITO ने देशभर में अपने सदस्यों के जरिए 186 लग्जरी कारें खरीदीं हैं। इन कारों की कुल कीमत 149.54 करोड़ रुपए है। इसी डील में उन्हें 21.22 करोड़ रुपए का भारी डिस्काउंट मिला है। ऑर्गनाइजेशन के सदस्यों ने ऑडी, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसे 15 टॉप ब्रांड की कारें खरीदीं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 3.दिवाली पर ₹50,000 के बजट में खरीदें 5 स्मार्टफोन:इसमें एपल, गूगल, सैमसंग के फोन शामिल; AI फीचर्स के साथ 64MP कैमरा, 5800mAh की बैटरी अगर आप दिवाली पर नया स्मार्टफोन लेने का प्लान बना रहे हैं और बजट 50 हजार रुपए है तो आप तो एपल, सैमसंग, गूगल जैसे ब्रांड्स के प्रीमियम फोन खरीद सकते हैं। इस रेंज के स्मार्टफोन्स में प्रीमियम लुक, फास्ट प्रोसेसर, बड़ी बैटरी, बेहतर कैमेरा, बड़ी डिस्प्ले और AI असिस्टेंस जैसे फीचर्स मिल जाएंगे। यहां हम आपको ऐसे 5 स्मार्टफोन बता रहें हैं… पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 4. मीशो को IPO के लिए SEBI से अप्रूवल मिला:कंपनी ने अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर्स भी फाइल किए, इश्यू से ₹7,036 करोड़ जुटाने का प्लान ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो को अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के लिए SEBI से अप्रूवल मिल गया है। मीशो ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI के पास IPO के लिए अपना अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) जमा कर दिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. धनतेरस पर 1 लाख करोड़ की खरीदारी:₹60 हजार करोड़ का सोना-चांदी बिका, पिछले साल से 25% ज्यादा; मारुति ने सबसे ज्यादा कारें बेचीं इस साल धनतेरस पर खरीदारी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के मुताबिक धनतेरस पर भारतीयों ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें सोने-चांदी की खरीदारी ने बड़ा रोल निभाया। CAIT ने शनिवार (18 अक्टूबर) को बताया कि सिर्फ सोने-चांदी की बिक्री 60,000 करोड़ रुपए की रही, जो पिछले साल से 25% ज्यादा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल बाजार बंद था, तो शुक्रवार के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

    • जैन ऑर्गनाइजेशन ने 186 लग्जरी कारें खरीदीं:₹150 करोड़ की डील में ₹21 करोड़ का डिस्काउंट मिला; ₹60 लाख से ₹1.34 करोड़ की कारें शामिल
      on 19/10/2025 at 12:57 PM

      जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन यानी JITO कार खरीद पर 21.22 करोड़ रुपए का डिस्काउंट लेकर चर्चा में आ गया है। JITO ने देशभर में अपने सदस्यों के जरिए 186 लग्जरी कारें खरीदीं हैं। इन कारों की कुल कीमत 149.54 करोड़ रुपए है। इसी डील में उन्हें 21.22 करोड़ रुपए का भारी डिस्काउंट मिला है। ऑर्गनाइजेशन के सदस्यों ने ऑडी, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसे 15 टॉप ब्रांड की कारें खरीदीं। इनमें से ज्यादातर खरीदार गुजरात और खासकर अहमदाबाद से हैं। JITO ने इस बल्क डील के जरिए अपने सदस्यों को भारी मुनाफा पहुंचाया। ऑर्गनाइजेशन के देश भर में 65,000 से ज्यादा सदस्य जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के पूरे देश में 65,000 से ज्यादा सदस्य हैं। उन्होंने इस बड़े ऑर्डर के लिए सीधे लग्जरी ब्रांड के डीलरों से बात की। JITO Apex के उपाध्यक्ष हिमांशु शाह ने कहा, सामुदायिक खरीद हमें ज़्यादा मोलभाव करने की ताकत देती है। उन्होंने बताया कि कंपनियों को भी इससे फायदा होता है, क्योंकि उन्हें एक साथ बड़ी संख्या में ग्राहक मिल जाते हैं और उनकी मार्केटिंग का खर्च कम हो जाता है। इसी बल्क डीलिंग के जरिए 60 लाख से 1.34 करोड़ रुपए तक की कारों पर सदस्यों को सामूहिक रूप से ₹21 करोड़ से ज्यादा की बचत हुई। इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलरी पर भी बल्क डील करेगी ऑर्गनाइजेशन इस शानदार सफलता के बाद JITO अब सिर्फ कारों तक सीमित नहीं रहना चाहता। संस्था ने अब कम्युनिटी परचेज के लिए एक अलग विंग बना दी है। इसका मतलब है कि अब सदस्य इसी तरह मिलकर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, दवाइयां और ज्वेलरी जैसी चीजें भी खरीद सकेंगे और बड़ा डिस्काउंट पा सकेंगे।

    • FPI 3 महीने की बिकवाली के बाद अब खरीदार बने:अक्टूबर में FPI ने ₹6,480 करोड़ के शेयर्स खरीदे, बीते तीन महीने में ₹76,575 करोड़ निकाले थे
      on 19/10/2025 at 8:59 AM

      भारतीय शेयर बाजार से तीन महीने तक लगातार पैसा निकालने के बाद फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी FPI अब खरीदार बन गए हैं। अक्टूबर में अभी तक FPI ने 6,480 करोड़ रुपए का निवेश किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की मजबूत इकोनॉमी और ग्लोबल मार्केट में पॉजिटिव बदलाव की वजह से FPI ने खरीदारी शुरू की है। पिछले तीन महीनों में FPI ने भारतीय बाजार से जमकर पैसा निकाला था। FPI ने बीते 3 महीने में ₹76,575 करोड़ निकाले थे FPI ने सितंबर में 23,885 करोड़, अगस्त में 34,990 करोड़ और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपए के शेयर्स बेचे थे। यानी बीते तीन महीने में FPI ने टोटल 76,575 करोड़ रुपए निकाले थे। लेकिन अब सेंटीमेंट पलट गया है। डिपॉजिटरी के डेटा से ये साफ है कि ग्लोबल निवेशक फिर भारत पर भरोसा करने लगे हैं। शुक्रवार को FPI ने ₹1,526 करोड़ के शेयर्स खरीदे वहीं बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स और डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स यानी DII नेट बायर्स बने रहे। NSE के डेटा के अनुसार, 17 अक्टूबर को FPI ने 1,526.61 करोड़ रुपए और DII ने 308.98 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे हैं। ट्रेडिंग सेशन के दौरान, DIIs ने 16,860.39 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 15,333.78 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। वहीं FII ने 14,505.27 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे और 14,196.29 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। भारत इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे मजबूत दिख रहा मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च के प्रिंसिपल हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि भारत इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे मजबूत दिख रहा है। यहां ग्रोथ स्थिर है, महंगाई कंट्रोल में है और घरेलू डिमांड भी टिकी हुई है। वो आगे बताते हैं कि अमेरिका में ब्याज दरें घटने की उम्मीद से ग्लोबल लिक्विडिटी बढ़ रही है। रिस्क लेने का मन लौट रहा है, तो हाई रिटर्न वाले देशों जैसे भारत में पैसा निवेश किया जा रहा है। साथ ही, शेयरों के दाम गिरने से अब वैल्यूएशन अट्रैक्टिव हो गई है। यानी डिप पर खरीदने का मौका है। अमेरिका-भारत के ट्रेड टेंशन कम होने से इनफ्लो आया जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का भी कहना है कि भारत का पिछले एक साल का परफॉर्मेंस कमजोर रहा, जिससे दूसरे बाजारों से वैल्यूएशन का फर्क कम हो गया। अब रिलेटिव परफॉर्मेंस बेहतर होने की संभावना है। एंजेल वन के सीनियर एनालिस्ट वकार जावेद खान ने कहा कि अमेरिका-भारत के ट्रेड टेंशन कम होने से भी ये इनफ्लो आया है। 2025 की शुरुआत में बिकवाली से भारतीय शेयर्स अपने ग्लोबल पीयर्स से सस्ते हो गए हैं। 2025 में अभी तक FPI ने कुल ₹1.5 लाख करोड़ निकाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले हफ्तों में ट्रेड डील्स और कंपनियों की कमाई सीजन फ्लो को तय करेंगे। हालांकि, 2025 में अभी तक FPI ने कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं, लेकिन ये इनफ्लो उम्मीद जगाता है। FPI की डेट मार्केट में भी रुचि बरकरार अक्टूबर में (17 अक्टूबर तक) FPI ने बॉन्ड्स में 5,332 करोड़ रुपए जनरल लिमिट से और 214 करोड़ वॉलंटरी रिटेंशन रूट से लगाए। मतलब, कर्ज बाजार में भी उनका इंटरेस्ट जारी है। कुल मिलाकर, ये शिफ्ट भारतीय बाजार के लिए अच्छा संकेत है। शुक्रवार को सेंसेक्स 484 अंक चढ़ा था शेयर बाजार में 17 अक्टूबर (शुक्रवार) यानी, इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 484 अंक चढ़कर 83,952 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 124 अंक की तेजी रही, ये 25,709 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयर्स में तेजी और 14 में गिरावट रही। एशियन पेंट्स का शेयर सबसे ज्यादा 4% चढ़ा। MM, भारती एयरटेल, ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में 1% से ज्यादा की तेजी रही। NSE के आटो, FMCG और फार्मा सेक्टर में तेजी देखने को मिली थी।

    • मीशो को IPO के लिए SEBI से अप्रूवल मिला:कंपनी ने अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर्स भी फाइल किए, इश्यू से ₹7,036 करोड़ जुटाने का प्लान
      on 19/10/2025 at 5:19 AM

      ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो को अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के लिए SEBI से अप्रूवल मिल गया है। मीशो ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI के पास IPO के लिए अपना अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) जमा कर दिया है। कितना पैसा जुटाएगी मीशो? मीशो फ्रेश इश्यू यानी नए शेयर जारी कर करीब 480 मिलियन डॉलर (4,221 करोड़ रुपए) जुटाएगी। इसके अलावा ऑफर फॉर सेल (OFS) में 300 मिलियन डॉलर (2,638 करोड़ रुपए) के शेयर बेचे जाएंगे। वहीं कुल मिलाकर IPO का साइज 800 मिलियन डॉलर (7,036 करोड़ रुपए) का होगा। इस फंड का इस्तेमाल कंपनी टेक अपग्रेड, ब्रांड बिल्डिंग और जनरल कॉर्पोरेट खर्चों पर करेगी। मीशो को ₹70,360 करोड़ वैल्यूएशन की उम्मीद बुक बिल्डिंग प्रोसेस अभी 30-45 दिन चलेगा, उसके बाद IPO लॉन्च होगा और वैल्यूएशन फाइनल होगी। लेकिन आमतौर पर कंपनियां IPO में 10% शेयर बेचती हैं, तो मीशो की वैल्यूएशन 8 बिलियन डॉलर (70,360 करोड़ रुपए) के आसपास सेट होने की उम्मीद है। OFS में कौन बेचेगा शेयर? OFS में मीशो के पुराने इनवेस्टर्स जैसे पीक XV पार्टनर्स, एलिवेशन कैपिटल, वेंचर हाईवे (अब जनरल कैटेलिस्ट का हिस्सा), वाई कॉम्बिनेटर और बाकी लोग अपने शेयर बेचेंगे। साथ ही कंपनी के फाउंडर्स विदित आत्रे और संजीव बरनवाल भी अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेंगे। FY25 में लॉस ₹3,941 करोड़ रहा रिपोर्ट्स के मुताबिक, FY24 में कंपनी का रेवेन्यू 7,615 करोड़ रुपए था, लेकिन लॉस 305 करोड़ का रहा था। FY25 में लॉस और बढ़कर 3,941 करोड़ हो गया। इसका वजह यह थी कि कंपनी ने अमेरिका के डेलावेयर से भारत शिफ्ट करने पर एक्स्ट्रा खर्चे किए थे। अगर यह एक्स्ट्रा खर्च हटा दें तो कंपनी का FY25 का लॉस सिर्फ 108 करोड़ रह जाता। Q1FY26 में भी 289 करोड़ का लॉस था। मीशो का फोकस अभी ग्रोथ पर है, प्रॉफिट पर नहीं। आने वाले क्वार्टर्स में भी कंपनी अभी यही रास्ता अपनाएगी।

    • धरतेरस पर भारतीयों ने 1 लाख करोड़ खर्चे:HDFC को Q2 में ₹18,641 करोड़ मुनाफा; टॉप-10 कंपनियों में 7 की वैल्यू ₹2.03 लाख करोड़ बढ़ी
      on 18/10/2025 at 11:34 PM

      कल धनतेरस था, तो भारतीयों की खरीदारी सबसे बड़ी खबर रही। इस साल धनतेरस पर खरीदारी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के मुताबिक धनतेरस पर भारतीयों ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। दूसरी खबर इस बीते हफ्ते के मार्केट से जुड़ी रही। मार्केट वैल्यू के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में 2.03 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई। इस दौरान रिलायंस का मार्केट कैप 47,363.65 करोड़ रुपए बढ़कर ₹19.17 लाख करोड़ पर पहुंच गया। वहीं, देश के सबसे बड़े प्राइ‌वेट बैंक HDFC ने दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2026) में कुल ₹91,041 करोड़ की कमाई की है। इस दौरान कंपनी को 18,641 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. धनतेरस पर 1 लाख करोड़ की खरीदारी: 60 हजार करोड़ से सोना-चांदी बिके, यह पिछले साल से 25% ज्यादा इस साल धनतेरस पर खरीदारी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के मुताबिक धनतेरस पर भारतीयों ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें सोने-चांदी की खरीदारी ने बड़ा रोल निभाया। CAIT ने शनिवार (18 अक्टूबर) को बताया कि सिर्फ सोने-चांदी की बिक्री 60,000 करोड़ रुपए की रही, जो पिछले साल से 25% ज्यादा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. सोना इस हफ्ते 8 हजार रुपए महंगा हुआ: चांदी का भाव भी करीब ₹5000 बढ़ा; इस साल गोल्ड ने 70% और सिल्वर ने 100% रिटर्न दिया इस हफ्ते सोना-चांदी के दाम में काफी बढ़त देखने को मिली। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत हफ्तेभर में 8,059 रुपए (6.63%) बढ़कर 1,29,584 रुपए पर पहुंच गई। पिछले हफ्ते के आखिरी दिन (10 अक्टूबर) कीमत ₹1,21,525 पर थी। वहीं, चांदी की कीमत में इस दौरान सोने के मुकाबले कम तेजी रही। 10 अक्टूबर को चांदी का भाव ₹1,64,500 प्रति किलोग्राम था, जो 17 अक्टूबर तक 4,730 रुपए (2.87%) बढ़कर ₹1,69,230 तक पहुंच गया। 14 अक्टूबर को चांदी ₹1,78,100 के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 3. HDFC बैंक का दूसरी तिमाही में मुनाफा 11% बढ़ा: ये 18,641 करोड़ रुपए रहा, टोटल कमाई ₹91,041 करोड़ रही; शेयर एक साल में 19% चढ़ा देश के सबसे बड़े प्राइ‌वेट बैंक HDFC ने दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2026) में कुल ₹91,041 करोड़ की कमाई की है। इस कमाई में से बैंक ने 63,117 करोड़ रुपए कर्मचारियों की सैलरी, बिजली बिल, डिपॉजिट जैसे कामों में खर्च किए। इसके बाद बैंक के पास 18,641 करोड़ रुपए मुनाफा के रूप में बचा। एक साल पहले की समान अवधि में बैंक को 16,821 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। सालाना आधार यह 11% बढ़ा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 4. धनतेरस पर खरीद रहे सोना, 3 बातों का रखें ध्यान: 4 तरीकों से कर सकते हैं निवेश, अगले साल तक ₹1.60 लाख तक जाने की उम्मीद आज, 18 अक्टूबर को धनतेरस है। इस दिन सोने में निवेश करना शुभ माना जाता है। फिलहाल, 24 कैरेट सोना ₹1.30 लाख प्रति 10 ग्राम के रेट पर बिक रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले धनतेरस तक ये ₹1.60 लाख प्रति 10 ग्राम तक चढ़ सकता है। इस साल अब तक सोने ने 60% से ज्यादा रिटर्न दिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. इंडिगो ने 30 नए A350-900 विमानों का ऑर्डर दिया: रोल्स-रॉयस की इंजन से लैस वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट लंबी दूरी के लिए बेहतर देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने एयरबस को 30 और A350-900 विमानों का ऑर्डर दिया है। नए ऑर्डर के साथ ही कंपनी की कुल वाइड-बॉडी विमानों की ऑर्डर संख्या बढ़कर 60 हो गई है। इंडिगो का एयरबस को यह ऑर्डर नया नहीं है। कंपनी ने 70 एयरबस A350-900 एयरक्राफ्ट्स के लिए परचेज राइट्स किए थे, उसी में से 30 को ऑर्डर्स में बदला गया है। इंडिगो ने पहली बार 30 एयरबस A3500900 जहाजों के लिए अप्रैल 2024 में ऑर्डर प्लेस किया था, यह कंपनी की वाइड-बॉडी सेगमेंट में पहली एंट्री थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 6. टॉप-10 कंपनियों में 7 की वैल्यू ₹2.03 लाख करोड़ बढ़ी: रिलायंस टॉप गेनर रही, इसकी वैल्यू ₹47,363 करोड़ बढ़ी; LIC और TCS का मार्केट कैप गिरा मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में 2.03 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई। इस दौरान देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की वैल्यू सबसे ज्यादा बढ़ी है। रिलायंस का मार्केट कैप 47,363.65 करोड़ रुपए बढ़कर ₹19.17 लाख करोड़ पर पहुंच गया। वहीं भारती एयरटेल की वैल्यू ₹41,254 करोड़ बढ़कर ₹11.47 लाख करोड़ पहुंच गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल बाजार बंद था, तो शुक्रवार के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

    • धनतेरस पर 1 लाख करोड़ की खरीदारी:₹60 हजार करोड़ का सोना-चांदी बिका, पिछले साल से 25% ज्यादा; मारुति ने सबसे ज्यादा कारें बेचीं
      on 18/10/2025 at 11:32 PM

      इस साल धनतेरस पर खरीदारी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के मुताबिक धनतेरस पर भारतीयों ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें सोने-चांदी की खरीदारी ने बड़ा रोल निभाया। CAIT ने शनिवार (18 अक्टूबर) को बताया कि सिर्फ सोने-चांदी की बिक्री 60,000 करोड़ रुपए की रही, जो पिछले साल से 25% ज्यादा है। धनतेरस हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने की तेरहवीं तारीख को मनाया जाता है। इसे सोना, चांदी, बर्तन वगैरह खरीदने का शुभ मुहूर्त माना जाता है। ये चीजें समृद्धि का प्रतीक होती हैं। 1. सोना-चांदी: 60 हजार करोड़ रुपए का सोना-चांदी खरीदा इस साल सोना ₹53,422 और चांदी ₹83,213 महंगी हुई इस साल अब तक सोने की कीमत 53,422 रुपए (70.14%) बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,29,584 रुपए हो गया है। चांदी का भाव भी इस दौरान 83,213 रुपए (96.74%) बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,69,230 रुपए प्रति किलो हो गई है। 2. बर्तन और किचन अप्लायंस: ₹15,000 करोड़ का सामान बिका पारंपरिक रूप से, धनतेरस पर तांबा, चांदी या स्टील के सामान खरीदना शुभ माना जाता है, जो शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक होता है। CAIT के मुताबिक… CAIT के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती और पीएम नरेंद्र मोदी के ‘लोकल प्रोडक्ट्स’ को बढ़ावा देने की मुहिम ने खर्च बढ़ाने में मदद की। उन्होंने कहा- लोग भारतीय प्रोडक्ट्स को तरजीह दे रहे हैं, जिससे छोटे व्यापारी कारीगर और मैन्युफैक्चरर्स को फायदा हो रहा है। ट्रेडिशनल मार्केट, ज्वैलरी बाजार और लोकल दुकानों के साथ-साथ मॉडर्न शॉपिंग मॉल्स में भी धनतेरस पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस के डायरेक्टर और हेड-सेल्स कंज्यूमर डिविजन संदीप सेठगल ने कहा- इस धनतेरस पर सुबह से ही अच्छा कस्टमर टर्नआउट देखने को मिला। लार्ज स्क्रीन टीवी, खासकर 55 इंच और ऊपर वाले मोमेंटम लीड कर रहे हैं। टीवी और RAC कैटेगरी में पिछले साल के धनतेरस से करीब 30% ग्रोथ की उम्मीद हैं। 3. ऑटोमोबाइल: 2 दिन में करीब 8 हजार करोड़ की कार बिक्री फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) ने करीब 1 लाख कारों की बिक्री का अनुमान लगाया है। ये जीएसटी 2.0 रिफॉर्म्स के कारण है। सभी कैटेगरी में 20-25% साल-दर-साल ग्रोथ रही। कुल कारोबार करीब 8 हजार करोड़ रहने की उम्मीद है। कार मार्केट की लीडर मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि धनतेरस पर करीब 50,000 कारें बिकने की उम्मीद है। पिछले साल करीब 42 हजार कारें बिकी थी। वहीं हुंडई मोटर इंडिया ने भी करीब 14,000 कारें बेची जो एक साल पहले की तुलना में 20% ज्यादा है। ————————— ये खबर भी पढ़ें… धनतेरस पर खरीद रहे सोना, 3 बातों का रखें ध्यान: 4 तरीकों से कर सकते हैं निवेश, अगले साल तक ₹1.60 लाख तक जाने की उम्मीद धनतेरस के दिन सोने में निवेश करना शुभ माना जाता है। फिलहाल, 24 कैरेट सोना ₹1.30 लाख प्रति 10 ग्राम के रेट पर बिक रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले धनतेरस तक ये ₹1.60 लाख प्रति 10 ग्राम तक चढ़ सकता है। इस साल अब तक सोने ने 60% से ज्यादा रिटर्न दिया है। पूरी खबर पढ़ें…

    • दिवाली पर ₹50,000 के बजट में खरीदें 5 स्मार्टफोन:इसमें एपल, गूगल, सैमसंग के फोन शामिल; AI फीचर्स के साथ 64MP कैमरा, 5800mAh की बैटरी
      on 18/10/2025 at 11:30 PM

      अगर आप दिवाली पर नया स्मार्टफोन लेने का प्लान बना रहे हैं और बजट 50 हजार रुपए है तो आप तो एपल, सैमसंग, गूगल जैसे ब्रांड्स के प्रीमियम फोन खरीद सकते हैं। इस रेंज के स्मार्टफोन्स में प्रीमियम लुक, फास्ट प्रोसेसर, बड़ी बैटरी, बेहतर कैमेरा, बड़ी डिस्प्ले और AI असिस्टेंस जैसे फीचर्स मिल जाएंगे। यहां हम आपको ऐसे 5 स्मार्टफोन बता रहें हैं… 1. आईफोन 15: कीमत 49,999 रुपए, 48 मेगापिक्सल का मेन कैमरा आईफोन-17 सीरीज के लॉन्च होने के बाद इससे पहले की सीरीज के दाम घट गए हैं। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी साइट्स ये 49,999 रुपए में मिल रहा है। इसमें नए AI फीचर्स, बेहतर कैमरा या सुपरफास्ट चिप नहीं मिलेगी, लेकिन रोजमर्रा के कामों के लिए ये अभी भी अच्छा है। सॉफ्टवेयर अपडेट्स 2030 मिलेंगे। इसमें 48 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है और A16 बायोनिक मिलती है। वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए 4K सिनेमैटिक मोड भी मिलता है। 2. सैमसंग गैलेक्सी S24: कीमत 39,999, AI फीचर्स के साथ प्रीमियम लुक S25 सीरीज के जनवरी 2025 में लॉन्च होने के बाद सैमसंग गैलेक्सी S24 वैल्यू फॉर मनी फोन बन गया है। S24 की कीमत अब 40 हजार रुपए होने से ये बजट फ्रेंडली फोन हो गया है। S25 में अपग्रेड्स S24 के मुकाबले थोड़ी फास्ट चिप और बेहतर कैमरा सॉफ्टवेयर मिलेगा, लेकिन S24 में भी 50MP मेन कैमरा लो-लाइट में शानदार फोटोज लेता है, 8MP टेलीफोटो जूम अच्छा है। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो कॉम्पैक्ट साइज में फ्लैगशिप परफॉर्मेंस चाहते हैं। 3. गूगल पिक्सल 9a: कीमत 42,000 रुपए, क्लीन सॉफ्टवेयर के साथ AI कैमरा अगर आपको फोन में क्लीन सॉफ्टवेयर पसंद है तो 50 हजार के बजट में गूगल पिक्सल 9a बेहतरीन चॉइस हो सकती है। फोन में 6.3 इंच का OLED डिस्प्ले ब्राइट और स्मूद है, जो छोटे हाथों के लिए बेस्ट। टेंसर G4 चिप AI फीचर्स को के साथ बेहतर परफॉमेंस देता है। पिक्सल 9a में 48MP में लेंस के साथ डुअल कैमरा सेटअप है। फोन के मैजिक एडिटर जैसे AI फीचर्स क्लिक किए हुए फोटोज को और बेहतरीन बनाते हैं। 5100 mAh की बैटरी 18W चार्जिंग को सपोर्ट करती है। 8GB RAM + 128GB स्टोरेज के साथ ये फोन 7 साल तक सॉफ्टवेयर अपडेट्स देता है। इसकी शुरुआती कीमत 42,599 रुपए है। 4. ओप्पो रेनो 14 Pro: कीमत 48,999 रुपए, 50MP फ्रंट कैमरा मिलेगा अगर आपको सेल्फी लेने और वीडियो बनाने का शौक है, तो ये फोन आपके लिए परफेक्ट हो सकता है। फोन में 50MP कैमरा का क्वाड सेटअप है, जिसमें फ्रंट 50MP सेल्फी कैमरा है। फोन सेल्फी में AI से ब्यूटी मोड ऐड करता है। इसके आलावा 6.8 इंच का AMOLED कर्व्ड डिस्प्ले हाई-क्वालिटी कंटेट को देखने का बेहतर एक्सपीरियंस देता है। मीडियाटेक डाइमेंसिटी 8450 चिप से फोन स्मूद चलता है। 6200mAh की बैटरी 80W सुपर वू (फास्ट चार्जिंग) को सपोर्ट करती है। 12GB RAM + 256GB स्टोरेज के साथ ये फोन वाटरप्रूफ (IP68 रेटिंग) भी है। इसकी कीमत 48,999 रुपए से शुरू होती है। 5. मोटोरोला एज 50 Ultra: कीमत 42,999 रुपए, कर्व्ड डिस्प्ले के साथ 64MP कैमरा मोटोरोला एज 50 Ultra में आपको कर्व्ड स्क्रीन के साथ पावरफुल परफॉर्मेंस देखने को मिलती है। 6.7 इंच का pOLED कर्व्ड डिस्प्ले अलग यूजर एक्सपीरियंस देता है। स्नैपड्रैगन 8s Gen 3 चिप से बिना हीटिंग के लंबे समय तक हेवी गेमिंग कर सकते हैं। फोन में 64MP लेंस के साथ ट्रिपल कैमरा सेटअप है, जिसमें 125mm पेरिस्कोप लेंस दूर की तस्वीरें साफ लेता है। फोन की 4500mAh बैटरी 125W वायर्ड और 50W वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट करती है। स्मार्टफोन की कीमत 42,999 रुपए से शुरू होती है।

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    • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
      on 02/02/2025 at 10:54 PM

      भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

    • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
      on 01/02/2025 at 11:46 PM

      2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

    • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
      on 01/02/2025 at 11:44 PM

      वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

    • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
      on 01/02/2025 at 11:30 PM

      इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

    • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
      on 01/02/2025 at 11:28 PM

      सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

    • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
      on 01/02/2025 at 11:25 PM

      बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।