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    • अपोलो टायर्स टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सर बनी:142 मैचों के लिए 579 करोड़ रुपए देगी कंपनी, 2028 तक का कॉन्ट्रैक्ट
      on 16/09/2025 at 10:19 AM

      अपोलो टायर्स भारतीय क्रिकेट टीम की नई टाइटल स्पॉन्सर होगी। कंपनी साल 2028 तक 142 मैचों के लिए BCCI को 579 करोड़ रुपए देगी। इन 142 मैचों में 21 मैच ICC इवेंट्स में होंगे। इस तरह एक मैच के लिए भारतीय बोर्ड को 4.07 करोड़ रुपए मिलेंगे। BCCI ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस बात की जानकारी दी। BCCI के एक अधिकारी ने भी कहा था, अपोलो टायर्स के साथ समझौता हो गया है। हम जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे। इससे पहले ड्रीम-11 भारतीय टीम की टाइटल स्पॉन्सर थी। कंपनी हर मैच के लिए BCCI को 4 करोड़ रुपए देती थी। ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 लागू होने के बाद BCCI ने ड्रीम 11 से करार खत्म कर दिया था। भारतीय टीम एशिया कप में बिना स्पॉन्सरशिप के खेल रही है, क्योंकि ड्रीम-11 से पहले ही करार खत्म हो चुका है। BCCI ने 2 सितंबर को स्पॉन्सरशिप टेंडर जारी किए BCCI ने 2 सितंबर को स्पॉन्सरशिप के लिए टेंडर जारी किए थे। इसके अनुसार अल्कोहल, तंबाकू, सट्टेबाजी, रियल मनी गेमिंग (फैंटेसी स्पोर्ट्स गेमिंग को छोड़कर), क्रिप्टोकरेंसी और पोर्नोग्राफी या जो कंपनी सार्वजनिक नैतिकता को ठेस पहुंचने का काम करे, उस तरह के ब्रांड को इस बोली (बिड) में शामिल नहीं किया जाएगा। BCCI ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी। ड्रीम-11 से BCCI ने कॉन्ट्रैक्ट खत्म किया ड्रीम-11 ने 2023 में BCCI के साथ 358 करोड़ रुपए में तीन साल का स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। हाल ही में ड्रीम-11 जैसे रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया गया था। इस वजह से यह स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया। BYJU’S मार्च 2023 तक टीम इंडिया का लीड स्पॉन्सर था। टीम प्लेयर्स की जर्सी पर सामने की ओर BYJU’S लिखा दिखता था। ———————— स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें… युवराज सिंह-रॉबिन उथप्पा से ED पूछताछ करेगी:सट्‌टेबाजी एप के प्रचार का मामला भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोटिस भेजा है। इन दोनों खिलाड़ियों से ऑनलाइन बेटिंग एप 1xBet के प्रमोशन मामले में पूछताछ की जाएगी। इसी मामले में आज बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पढ़ें पूरी खबर…

    • इम्पैक्ट फीचर:दैनिक भास्कर और आदित्य बिरला सन लाइफ ‎म्यूचुअल फंड की कार्यशाला, स्मार्ट निवेश विषय पर एक्सपर्ट ने दी जानकारी
      on 16/09/2025 at 8:42 AM

      निवेशकों को म्यूचुअल फंड और‎अन्य वित्तीय उत्पादों के प्रति‎जागरूक करने के लिए दैनिक ‎भास्कर और आदित्य बिरला‎ सनलाइफ म्यूचुअल फंड द्वारा शनिवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला ‎होटल इंटरसिटी इंटरनेशनल,‎जगमल चौक में हुई। इसमें उत्साह से लोगों ने भाग लिया। एक्सपर्ट द्वारा स्मार्ट निवेश विषय पर लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही विशेषज्ञों ने कहा कि आज के समय में लोग निवेश के बारे में सोचते–सोचते देर कर देते हैं। इसलिए भले ही कम वेतन हो, पर उसमें कम से कम 30 प्रतिशत निवेश करना जरूरी है। अगर आज पैसा बचाएंगे तो कल पैसा आपको बचाएगा। निवेश के समय अपना लक्ष्य तय करें कि किस काम के लिए निवेश कर रहे हैं। सुरक्षा का ध्यान रखें। निवेश वहीं करें, जहां आपका पैसा सुरक्षित हो और रिटर्न भी अच्छा मिले। किसी प्रकार की समस्या आने पर उसके पास आप जा सकते हों। कम समय की बजाय ज्यादा समय तक बाजार में बने रहें, इससे अच्छा फायदा मिलेगा। जल्दी पैसा बढ़ाने के चक्कर में ​रिक्स न लें। इससे बचें। इस विशेष निवेश जागरूकता‎ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आदित्य बिरला ‎सनलाइफ एएमसी के असिस्टेंट ‎वाइस प्रेसिडेंट (इन्वेस्टर‎एजुकेशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन ‎डेवलपमेंट) मोहम्मद आमिर‎ सुलेमान रहे। इन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि कहते हैं कि पैसा खुशी नहीं खरीद सकता, लेकिन सच तो यह है कि पैसों के बिना जिंदगी थोड़ृी कठिन हो जा रही है। हम में से कई लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं; बिना पैसों के लोगों के जीवन में एडजस्टमेंट्स और समझौतें लगे ही रहते हैं। ऐसे में हमें म्युचुअल फंड सहित अन्य सु​रक्षित जगहों पर निवेश करना जरूरी है। यह सब तभी संभव है जब आप प्लान करें। आसानी से, केवल तभी जब आप सही विकल्प में निवेश करना शुरू करते हैं। उन्होंने बताया कि पहले खर्च करें और जो कुछ बचा है उसे निवेश करें। संचालन आरजे मनुराज ने किया। कम पैसे, थोड़े समय के लिए भी कर सकते हैं निवेश, जरूरत पर निकाल भी सकते हैं कार्यक्रम के दौरान विशेष मोहम्मद आमिर‎ सुलेमान, शेखर अग्रवाल, अजय अग्रवाल और नीरज पाण्डेय ने ग्रुप ​डिस्कशन किया। साथ ही लोगों के द्वारा आए प्रश्नों का जवाब दिया। मो. सुलेमान ने विशेषज्ञों से निवेश की प्रक्रिया पूजा। अजय अग्रवाल ने निवेश के पहले उसे समझें। कोई अगर ज्यादा पैसा दे रहा है तो उसके पीछे न जाकर सुरक्षा देखें। फिर निवेश करें। ​नामिनी का नाम अवश्य भरें। साथ ही कम से कम पैसा, थोड़ समय और ज्यादा समय के लिए म्युच्युल फंड में निवेश कर सकते हैं। जब जरूरत होगी, उसे निकाल भी सकते हैं। वहीं विशेषज्ञ नीरज ने लक्ष्य तय कर निवेश करने के बारे में बताया। विशेषज्ञों ने कहा कि अधिकतम ग्रोथ 12 से 14 प्रतिशत रहता है। इससे ज्यादा अगर कोई दे रहा है तो आप रिस्क में जा रहे हैं। अगर रिस्क लेंगे तो आपके साथ फ्राड होना या पैसा डूबने का डर ज्यादा बन जाता है। अपनी हेल्थ के साथ फाइनेंशियल हेल्थ सही रखें, ​डिजिटल डेटा सुरक्षित रखें सीए मनीष गुप्ता ने लोगों से कहा कि आज के समय में अपने हेल्थ के साथ फाइनेंशियल हेल्थ भी ठीक करना जरूरी है। आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरी डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखना है। स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं। समय–समय पर बदलते रहें। सभी लोग अपने मेडिकल एमरजंसी काे लक्ष्य रखकर निवेश जरूर करें।

    • मदर डेयरी ने टेट्रा पैक मिल्क के दाम ₹2 घटाए:₹75 प्रति लीटर मिलेगा, पनीर-बटर भी सस्ते; रेगुलर पॉश्चराइज्ड दूध की कीमत में बदलाव नहीं
      on 16/09/2025 at 8:42 AM

      मदर डेयरी ने आज,16 सितंबर को अपने डेयरी प्रोडक्ट्स के दामों में कटौती का ऐलान किया है। यह फैसला हाल ही में GST दरों में कटौती के बाद लिया गया। प्रोडक्ट्स की कीमतों में 2 रुपए से लेकर 30 रुपए तक की कटौती की गई है। नई कीमतें 22 सितंबर से लागू होंगी। इसमें टेट्रा पैक दूध, पनीर, चीज, घी, मक्खन, आइसक्रीम और सफल ब्रांड के प्रोसेस्ड फूड शामिल है। 1 लीटर UHT टोंड मिल्क (टेट्रा पैक) अब 77 रुपए के बजाय 75 रुपए में मिलेगा। वहीं, 450ml UHT डबल टोंड मिल्क की कीमत 33 रुपए से घटकर 32 रुपए हो गई है। हालांकि, कंपनी ने रेगुलर पॉश्चराइज्ड यानी थैली वाले दूध की कीमत (फुल क्रीम, टोन्ड और काऊ मिल्क) में कोई बदलाव नहीं किया है, क्योंकि यह पहले से ही GST फ्री हैं। GST कटौती का 100% फायदा ग्राहकों को दिया कंपनी ने कहा, हम जीएसटी में मिली छूट का 100% फायदा अपने ग्राहकों को दे रहे हैं। यह 22 सितंबर 2025 से लागू होगा, ताकि इस सुधार का मकसद पूरा हो। इस बदलाव से खपत बढ़ेगी और लोग सुरक्षित, अच्छी क्वालिटी के पैकेज्ड प्रोडक्ट्स ज्यादा इस्तेमाल करेंगे। कंपनी ने कहा, ‘अब हमारे सभी प्रोडक्ट्स या तो जीएसटी से मुक्त हैं या 5% के स्लैब में आते हैं। हमें यकीन है कि इससे पूरी वैल्यू चेन को फायदा होगा। ग्राहकों को सस्ती कीमतों और पैकेज्ड डेयरी व खाद्य पदार्थों की बेहतर पहुंच का फायदा मिलेगा।’ 1974 में बनी थी मदर डेयरी मदर डेयरी भारत की एक प्रमुख डेयरी कंपनी है। ये दूध और दूध से बने उत्पाद बनाती है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के तहत 1974 में स्थापित हुई थी। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का टर्नओवर 17,500 करोड़ रुपए रहा। गूगल पर मदर डेयरी सर्च कर रहे लोग मदर डेयरी ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में 2 रुपए से लेकर 30 रुपए तक की कटौती की गई है। नई कीमतें 22 सितंबर से लागू होंगी। इसके बाद से मदर डेयरी को गूगल पर लगातार सर्च किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों के गूगल ट्रेंड्स को भी देखें तो साफ है कि मदर डेयरी को सर्च करने का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। सोर्स: Google Trends ये खबर भी पढ़ें… GST बदलाव से क्या सस्ता, क्या महंगा होगा: रोटी, दूध और हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस टैक्स फ्री, यहां देखें सामानों की पूरी लिस्ट GST काउंसिल ने घरेलू सामानों पर लगने वाले टैक्स में कटौती की है। 3 सितंबर को हुई बैठक में GST की 12% और 28% की पुरानी दरों को हटाकर 5% और 18% की दो नई दरें करने का फैसला किया। ये दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। पूरी खबर पढ़ें…

    • सोना ₹1,358 बढ़कर ₹1.11 लाख के ऑल टाइम हाई पर:चांदी ₹1.29 लाख किलो के रिकॉर्ड पर पहुंची, इस साल सोना ₹34,707 महंगा हो चुका
      on 16/09/2025 at 6:42 AM

      सोने-चांदी के दाम आज यानी 16 सितंबर को ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,358 रुपए बढ़कर 1,10,869 पर पहुंच गया है। इससे पहले कल ये 1,09,511 रुपए पर था। वहीं चांदी भी 1,509 रुपए बढ़कर 1,29,300 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। इससे पहले चांदी 1,27,791 रुपए पर थी। इस साल सोना ₹34,707 और चांदी ₹43,283 महंगी हुई सोने की कीमतों में तेजी के 5 कारण इस साल ₹1 लाख 15 हजार तक जा सकता है सोना एक्सपर्ट्स के अनुसार अमेरिका के टैरिफ के चलते जियो पॉलिटिकल टेंशन बनी हुई है। इससे गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है और इसकी डिमांड भी बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 1 लाख 15 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। वहीं, चांदी इस साल 1 लाख 40 हजार रुपए तक जा सकती है। सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान 1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें : हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। नए नियम के तहत एक अप्रैल से छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होगा। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव हो गया है कि कोई सोना कितने कैरेट का है। 2. कीमत क्रॉस चेक करें : सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आमतौर पर ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट या इससे कम कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है।

    • सेंसेक्स 595 अंक चढ़कर 82,381 पर बंद:निफ्टी में 170 अंक का उछाल; ऑटो, रियल्टी और मेटल शेयरों में ज्यादा खरीदारी
      on 16/09/2025 at 4:02 AM

      हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार, 16 सितंबर को सेंसेक्स 595 अंक चढ़कर 82,381 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 170 अंक की तेजी रही, ये 25,239 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयरों में तेजी रही। कोटक बैंक, महिंद्रा और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर 2% से ज्यादा चढ़कर बंद हुए। बजाज फाइनेंस और अडाणी पोर्ट्स में गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 42 में तेजी रही। NSE के ऑटो इंडेक्स में 1.44%, रियल्टी में 1.07%, IT, मीडिया और मेटल में 0.86% की तेजी रही। FMCG गिरकर बंद हुआ। मार्केट का हाल; 16 सितंबर 2025 निफ्टी टॉप गेनर निफ्टी टॉप लूजर सोर्स: BSE ग्लोबल मार्केट में मिलाजुला कारोबार 15 सितंबर को घरेलू निवेशकों ने ₹1,933 ​​करोड़ के शेयर्स खरीदे कल बाजार में रही थी गिरावट हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 15 सितंबर को सेंसेक्स 119 अंक गिरकर 81,786 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 45 अंक की गिरावट रही, ये 25,069 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 13 में तेजी और 17 में गिरावट रही। ऑटो, IT, मीडिया, फार्मा और हेल्थकेयर शेयरों में गिरावट रही। रियल्टी 2.41% चढ़ा, PSU बैंक और मेटल में तेजी रही। ————————— ये खबर भी पढ़ें… 18-19 सितंबर को बाजार में बड़े मोमेंटम की उम्मीद: जानें सपोर्ट-रेजिस्टेंस के अहम लेवल; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल कल से शुरू होने वाले हफ्ते में शेयर बाजार के लिए 18 और 19 सितंबर की तारीख अहम है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक इस दिन बाजार में बड़ा मोमेंटम दिख सकता है। इसके अलावा यूएस फेड की मीटिंग, ग्लोबल मार्केट के संकेत, थोक महंगाई के आंकड़ों से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। पूरी एनालिसिस पढ़ें…

    • एक दिन में ₹10 लाख तक UPI पेमेंट कर सकेंगे:इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का आज अंतिम दिन, थोक महंगाई 0.52% पर पहुंची
      on 16/09/2025 at 1:18 AM

      कल की बड़ी खबर UPI और इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी रही। UPI यूजर्स आज यानी 15 सितंबर से एक दिन में 10 लाख रुपए तक पेमेंट कर सकेंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) पेमेंट की कई कैटेगरी में डेली लिमिट 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी है। वहीं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर तक बढ़ा दी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने देर रात एक सर्कुलर जारी किया। इससे पहले 15 सितंबर तक डेडलाइन थी। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. UPI से अब रोज ₹10 लाख तक खरीदारी कर सकेंगे:₹6 लाख की ज्वेलरी खरीद पाएंगे; पहले ग्राहक-व्यापारी के बीच डेली लिमिट ₹2 लाख थी UPI यूजर्स आज यानी 15 सितंबर से एक दिन में 10 लाख रुपए तक पेमेंट कर सकेंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) पेमेंट की कई कैटेगरी में डेली लिमिट 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी है। जब कोई व्यक्ति किसी दुकान, सर्विस प्रोवाइडर या किसी भी व्यापारी को पेमेंट करता है तो उसे पर्सन-टू-मर्चेंट या P2M पेमेंट कहते हैं। सरकार के इस फैसले से बीमा, निवेश और क्रेडिट कार्ड पेमेंट के बड़े लेन-देन भी UPI के जरिए किए जा सकेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ी: 16 सितंबर तक भर सकते हैं; अब तक 7 करोड़ से ज्यादा ITR फाइल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर तक बढ़ा दी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने देर रात एक सर्कुलर जारी किया। इससे पहले 15 सितंबर तक डेडलाइन थी। इस साल अब तक 7.3 करोड़ लोग इनकम टैक्स फाइल कर चुके हैं। पिछले साल की तुलना में दो लाख ज्यादा हैं। 2024-25 में 7.28 करोड़ लोगों ने ITR फाइल किया था। मई में टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फाइल करने की तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर किया था। तकनीकी कारणों की वजह से तारीख को बढ़ाया गया था। अब इसे तीसरी बार एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. थोक महंगाई अगस्त में बढ़कर 0.52% पर पहुंची: खाने-पीने के सामान की कीमतें बढ़ीं, जुलाई में ये माइनस 0.58% रही थी अगस्त में थोक महंगाई बढ़कर 0.52% पर पहुंच गई है। खाने-पीने की चीजें महंगी होने से महंगाई बढ़ी है। इससे पहले जुलाई में ये घटकर माइनस 0.58% पर आ गई थी। ये इसका 2 साल का निचला स्तर था। इससे पहले जून 2023 में ये माइनस 4.12% पर आ गई थी। वहीं मई 2025 में ये 0.39% और अप्रैल 2025 में 0.85% पर थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. ओप्पो की नई स्मार्टफोन सीरीज F31 लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹22,999: मिलिट्री ग्रेड बॉडी के साथ 7000mAh बैटरी, फोटोग्राफी के लिए 50MP कैमरा टेक कंपनी ओप्पो ने मिड रेंज में नई स्मार्टफोन सीरीज F31 को भारत में लॉन्च कर दिया है। इसमें ओप्पो F31, ओप्पो F31 प्रो और ओप्पो F31 प्रो प्लस मॉडल शामिल हैं। फोन में मिलिट्री ग्रेड बॉडी के साथ 7000mAh की बड़ी बैटरी, दमदार परफॉरमेंस और 50MP का कैमरा दिया गया है। इसमें 80W फास्ट चार्जिंग और IP69 रेटिंग भी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… अब आपके जरूरत की खबर पढ़ें… 6 करोड़ से ज्यादा ITR फाइल, अब रिफंड का इंतजार: कितने दिन में अकाउंट आता है पैसा, देरी होने पर क्या कर सकते हैं? इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख आज यानी, 15 सितंबर 2025 को खत्म हो रही है। अब तक 6 करोड़ से ज्यादा लोग अपना रिटर्न फाइल कर चुके हैं। इनमें से कई ऐसे लोग भी है जो सोच रहे हैं कि टैक्स फाइल करने के बाद उनका रिफंड कब तक बैंक अकाउंट में आएगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

    • भारत बोला- अमेरिका से जल्द ट्रेड डील फाइनल करेंगे:दोनों देशों का मकसद फायदेमंद समझौता करना; ट्रम्प ने कुल 50% टैरिफ लगाया
      on 15/09/2025 at 10:00 PM

      डोनाल्ड ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार ट्रेड डील पर बातचीत के लिए आज (16 सितंबर, मंगलवार) अमेरिकी दल भारत पहुंचा। अमेरिकी टीम के साथ मीटिंग के बाद कॉमर्स मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि भारत और अमेरिका ने ट्रेड डील को जल्द से जल्द फाइनल करने के अपनी कोशिशें तेज करने का फैसला किया है। बयान के मुताबिक, मीटिंग में ट्रेड एग्रीमेंट्स के कई पहलुओं पर पॉजिटिव चर्चा हुई। दोनों देशों का लक्ष्य एक ऐसा समझौता करना है, जो दोनों के लिए फायदेमंद हो और बाइलेट्रल ट्रेड को और मजबूत करे। यह कदम दोनों देशों के बीच इकोनॉमिक रिलेशनशिप को गहरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने यह बयान आज नई दिल्ली में हुई करीब 7 घंटे की मीटिंग के बाद जारी किया। इस मीटिंग में अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस के चीफ नेगोशिएटर ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक टीम ने भारत के कॉमर्स डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल के साथ चर्चा की। दोनों पक्षों ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों के महत्व को स्वीकार किया। अगले राउंड की बातचीत की तारीख तय नहीं हुई हालांकि, इस मीटिंग में यह तय नहीं हुआ है कि ट्रेड डील पर छठे राउंड की बातचीत कब होगी। दोनों देशों के बीच ट्रेड पर छठे दौर की बातचीत 25 से 29 अगस्त के बीच होनी थी, लेकिन अमेरिका की ओर से भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने के कारण इसे टाल दिया गया था। अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर यह टैरिफ लगाया था। US भारत का डेयरी मार्केट खोलना चाहता है, इसलिए डील में देरी अमेरिका चाहता है कि उसके डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, घी को भारत में आयात की अनुमति मिले। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इस सेक्टर में करोड़ों छोटे किसान लगे हुए हैं। भारत सरकार को डर है कि अगर अमेरिकी डेयरी उत्पाद भारत में आएंगे, तो वे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा धार्मिक भावना भी जुड़ी हुई हैं। अमेरिका में गायों को बेहतर पोषण के लिए जानवरों की हड्डियों से बने एंजाइम (जैसे रैनेट) को उनके खाने में मिलाया जाता है। भारत ऐसी गायों के दूध को ‘नॉन वेज मिल्क’ यानी मांसाहारी दूध मानता है। 2030 तक व्यापार को 500 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य भारत और अमेरिका का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई 2025 में भारत का अमेरिका को निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 12.33% बढ़कर 17.41 अरब डॉलर रहा। अमेरिका इस दौरान भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा, जिसके साथ 12.56 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। अप्रैल से भारत का अमेरिका को निर्यात लगातार बढ़ रहा है। पीयुष गोयल ने कहा था- नवंबर तक फाइनल हो जाएगी डील इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका के साथ ट्रेड डील होने की उम्मीद जताई थी। 2 सितंबर को पियूष गोयल ने एक वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कहा मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्द ही पटरी पर लौट आएंगी और हम नवंबर तक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को अंतिम रूप दे देंगे। ——————— भारत-अमेरिका टैरिफ और ट्रेड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… ट्रम्प बोले-मोदी अच्छे दोस्त, ट्रेड बैरियर पर उनसे बात करूंगा: मोदी बोले- मैं इंतजार कर रहा हूं, बेहतर डील करने के लिए टीमें बात कर रहीं अमेरिका-भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर लगातार बात कर रहे: पीयूष गोयल बोले- समझौते को लेकर सक्रिय बातचीत; EU के साथ डील अंतिम रूप में भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील नवंबर तक होने की उम्मीद:पियूष गोयल बोले- चीजें जल्द ही पटरी पर लौटेंगी; अभी भारत पर 50% टैरिफ पीयूष गोयल बोले-अमेरिका से डील तभी जब दोनों का फायदा: देशहित सबसे ऊपर; राहुल ने कहा-मोदी ट्रम्प की टैरिफ समयसीमा के आगे झुक जाएंगे

    • तत्काल के बाद जनरल रिजर्वेशन में भी ई-आधार वेरिफिकेशन जरूरी:पहले 15 मिनट सिर्फ आधार OTP से बुक कर सकेंगे टिकट, कालाबाजारी कम होगी
      on 15/09/2025 at 9:59 PM

      इंडियन रेलवे 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रही है। रेल मंत्रालय ने ऐलान किया है कि अब तत्काल टिकट की तरह ही जनरल रिजर्वेशन (सामान्य आरक्षण) टिकट की बुकिंग करते वक्त भी ई-आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा। रेल मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी है। मंत्रालय के अनुसार IRCTC वेबसाइट या एप पर जनरल रिजर्वेशन खुलने के पहले 15 मिनट में टिकट बुक करने के लिए आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इससे फर्जी आईडी, एजेंट्स की टिकटों की कालाबजारी और बॉट्स की बुकिंग पर लगाम लगेगी। अगर आपका IRCTC अकाउंट पहले से आधार से लिंक है, तो बुकिंग आसान रहेगी। वेटिंग कम होगी, और टिकट्स जल्दी कन्फर्म होंगे। रेलवे के कंप्यूटरीकृत PRS काउंटरों पर जनरल रिजर्वेशन टिकट बुक करने का पुराना शेड्यूल वही रहेगा। साथ ही, रेलवे के अधिकृत टिकटिंग एजेंट्स के लिए पहले दिन टिकट बुकिंग पर 10 मिनट की पाबंदी भी बिना किसी बदलाव के जारी रहेगी। जनरल रिजर्वेशन टिकट बुकिंग के नए नियम 9 सवाल-जवाब में समझें… सवाल 1. जनरल रिजर्वेशन के लिए आधार वेरिफिकेशन नियम क्यों लाए गए? जवाब: कई बार देखा गया कि टिकट बुकिंग शुरू होते ही कुछ ही मिनटों में बिक जाते थे, क्योंकि दलाल और फर्जी एजेंट्स सॉफ्टवेयर या गलत तरीकों से टिकट बुक कर लेते थे। इससे आम यात्रियों को टिकट मिलना मुश्किल हो जाता था। नए नियमों का मकसद यही है कि टिकट बुकिंग का मौका सिर्फ असली यात्रियों को मिले और फर्जीवाड़ा रुके। आधार वेरिफिकेशन से ये सुनिश्चित होगा कि टिकट वही बुक कर रहा है, जिसका आधार नंबर रजिस्टर्ड है। पहले 15 मिनट तक AC और नॉन-AC दोनों क्लास के लिए एजेंट्स को टिकट बुक करने की इजाजत नहीं होगी। सवाल 2. आधार ऑथेंटिकेशन कैसे काम करेगा? जवाब: ये हाल ही में तत्काल टिकट बुकिंग के लिए लाए गए नए नियमों की तरह ही है। इसमें अगर आप IRCTC की वेबसाइट या एप से टिकट बुक कर रहे हैं, तो आपको पहले अपने आधार नंबर को अपने IRCTC अकाउंट से लिंक करना होगा। जब आप टिकट बुक करने जाएंगे, तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा। ये OTP डालने के बाद ही आपकी बुकिंग कन्फर्म होगी। सवाल 3. अगर मेरे पास आधार कार्ड नहीं है, तो क्या मैं टिकट बुक नहीं कर पाऊंगा? जवाब: नए नियमों के मुताबिक, आधार ऑथेंटिकेशन जरूरी है। अगर आपका अकाउंट आधार से लिंक नहीं है, तो शुरुआती 15 मिनट में कन्फर्म टिकट बुक नहीं कर पाएंगे। बिना आधार के टिकट बुक करने का कोई और तरीका रेलवे की ओर से दी गई जानकारी में नहीं बताया गया है। सवाल 4. काउंटर से टिकट बुक करने वालों के लिए क्या बदलाव है? जवाब: अगर आप रेलवे स्टेशन के काउंटर से टिकट बुक करते हैं, तो 1 अक्टूबर 2025 से आपको आधार नंबर देना होगा। काउंटर पर आपका आधार वेरिफिकेशन OTP के जरिए होगा। यानी, आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए, ताकि OTP आ सके। अगर आप किसी और के लिए टिकट बुक कर रहे हैं, तो भी उस यात्री का आधार नंबर और OTP चाहिए होगा। सवाल 5. अगर मैं किसी एजेंट से टिकट बुक करवाऊं, तो क्या होगा? जवाब: पहले 10 मिनट तक तो एजेंट्स टिकट बुक ही नहीं कर पाएंगे। उसके बाद भी, अगर कोई एजेंट टिकट बुक करता है, तो उसे भी आधार और OTP वेरिफिकेशन करना होगा। सवाल 6. क्या मुझे अपने IRCTC अकाउंट में आधार लिंक करने की जरूरत है? जवाब: हां, अगर आप ऑनलाइन टिकट बुक करना चाहते हैं, तो अपने IRCTC अकाउंट में आधार नंबर लिंक करना जरूरी है। आप IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर लॉगिन करके “My Profile” सेक्शन में जाकर आधार डिटेल्स जोड़ सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक हो, वरना OTP नहीं आएगा। सवाल 7. अगर मुझे कोई दिक्कत आए, तो क्या करूं? जवाब: अगर आपको टिकट बुक करने में कोई परेशानी हो, जैसे OTP न आए या आधार लिंक न हो, तो आप IRCTC हेल्पलाइन (139) पर कॉल कर सकते हैं। आप चाहें तो नजदीकी रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर भी मदद मांग सकते हैं। आधार से जुड़ी दिक्कत हो, तो UIDAI की हेल्पलाइन (1947) पर संपर्क करें। सवाल 8. क्या ये नियम पूरे भारत में लागू होंगे? जवाब: हां, ये नियम पूरे भारत में सभी रेलवे जोन में लागू होंगे, जहां टिकट की सुविधा है। चाहे आप दिल्ली से मुंबई का टिकट बुक करें या कोलकाता से चेन्नई का, आधार ऑथेंटिकेशन हर जगह जरूरी होगा। रेलवे ने इस बदलाव को लागू करने के लिए सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेंशन सिस्टम (CRIS) और IRCTC को जरूरी तकनीकी बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं। सवाल 9: पांच लोगों का टिकस बुक कर रहे हैं, सबका आधार वेरिफिकेशन जरूरी है? जवाब: नहीं, 5 लोगों के लिए टिकट बुक करने के समय सभी यात्रियों का आधार वेरिफिकेशन जरूरी नहीं है। ग्रुप बुकिंग के लिए सामान्य नियम: ——————————————- ये खबर भी पढ़ें… ट्रेन टिकट अपनी आवाज से बुक करें: रेलवे के AI चैट-बोट पर IRCTC पासवर्ड की जरूरत नहीं; इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें अब आपको ट्रेन टिकट बुक करने के लिए IRCTC का पासवर्ड याद रखने कि जरूरत नहीं है। सिर्फ मोबाइल पर अपनी आवाज के जरिए आप टिकट बुक या कैंसिल कर सकते हैं। IRCTC का AI-पावर्ड चैट बोट AskDISHA 2.0 आप को हिंदी, इंग्लिश, गुजराती या अन्य भाषाओं में बोलकर अपना टिकट बुक करने की सुविधा देता है। इस खबर में जानिए बिना पासवर्ड के टिकट बुक और कैंसिल करने के आसान टिप्स…. पढ़ें पूरी खबर

    बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

    • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
      on 02/02/2025 at 10:54 PM

      भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

    • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
      on 01/02/2025 at 11:46 PM

      2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

    • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
      on 01/02/2025 at 11:44 PM

      वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

    • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
      on 01/02/2025 at 11:30 PM

      इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

    • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
      on 01/02/2025 at 11:28 PM

      सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

    • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
      on 01/02/2025 at 11:25 PM

      बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।