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  • अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जोमैटो का मुनाफा 57% कम हुआ:पेटीएम को ₹208 करोड़ का घाटा, भारत मोबिलिटी एक्सपो में 20 से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें पेश
    on 20/01/2025 at 10:25 PM

    कल की बड़ी खबर जोमैटो से जुड़ी रही। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी को 59 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। हालांकि, सालाना आधार पर इसमें 57% की कमी आई है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने भी कल Q3 के नतीजे जारी किए। इस दौरान कंपनी का नेट लॉस कम होकर 208 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में पेटीएम का घाटा 220 करोड़ रुपए था। इधर, भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्स्पो 2025 में होंडा ने अपना फोल्डेबल ई-स्कूटर मोटोकॉम्पैक्टो शोकेस किया। अमेरिका में इसकी कीमत 995 डॉलर यानी 86,143 रुपए है। इसके भारत में लॉन्च होने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. तीसरी तिमाही में जोमैटो का मुनाफा 57.25% कम हुआ: रेवेन्यू 64% बढ़कर ₹5,405 करोड़ रहा; नतीजों के बाद शेयर में 7% से ज्यादा की गिरावट फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 59 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। हालांकि, सालाना आधार पर इसमें 57% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 138 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जोमैटो का ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 64% बढ़कर 5,405 करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में जोमैटो ने 3,288 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. पेटीएम को तीसरी तिमाही में ₹208 करोड़ का घाटा: पिछली तिमाही में 930 करोड़ का मुनाफा हुआ था, शेयर 6 महीने में दोगुना हुआ पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में नेट लॉस कम होकर 208 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में पेटीएम का घाटा 220 करोड़ रुपए था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 36% गिरकर 1,828 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही यानी, Q3FY24 में यह 2,850 करोड़ रुपए था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाला पैसा रेवेन्यू होता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. 19kg का फोल्डेबल स्कूटर, 120kg तक वजन उठा सकेगा: भारत में अगले साल मिल सकता है, होंडा ने रिवील किया मोटोकॉम्पैक्टो होंडा ने भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्स्पो 2025 में अपना फोल्डेबल ई-स्कूटर मोटोकॉम्पैक्टो शोकेस किया है। अमेरिका में इसकी कीमत 995 डॉलर यानी 86,143 रुपए है। इसके भारत में लॉन्च होने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। खास बात ये है कि ये स्कूटर सिर्फ 19 किलो का है, लेकिन इस पर 120kg तक के वजन का आदमी आराम से सफर कर सकता है। यह स्कूटर वॉटर रेसिस्टेंस वॉरंटी के साथ आता है। यानी आप इसे पानी वाली जगह पर भी आसानी से चला सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. 20 से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें पेश: ज्यादातर गाड़ियों की रेंज 500km, एडवांस्ड ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम जैसे सेफ्टी फीचर्स भी मिलेंगे नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे ऑटो एक्सपो में 20 से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें पेश की गई हैं। मारुति सुजुकी, हुंडई, मर्सडीज, BMW, BYD जैसे ब्रांड्स ने अपनी गाड़ियां एक्सपो में पेश की हैं। पहले दिन मारुति-सुजुकी ने इलेक्ट्रिक कार e-विटारा को रिवील किया। वहीं, हुंडई मोटर इंडिया ने अपनी सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार क्रेटा ईवी को लॉन्च किया। वायवे मोबिलिटी ने एक्सपो के दूसरे दिन भारत की पहली सोलर पावर्ड कार ईवा लॉन्च की। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. लक्ष्मी डेंटल का शेयर 26.64% ऊपर ₹542 पर लिस्ट:इश्यू प्राइस ₹428 था, जुलाई 2004 में स्थापित हुई थी कंपनी लक्ष्मी डेंटल लिमिटेड का शेयर आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इश्यू प्राइस से 26.64% ऊपर ₹542 पर लिस्ट हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 23.36% ऊपर ₹528 पर लिस्ट हुआ। लक्ष्मी डेंटल के IPO का इश्यू प्राइस ₹428 था। यह IPO 13 जनवरी से 15 जनवरी तक बोली लगाने के लिए ओपन था, जो टोटल 114.14 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में IPO 75.1 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी में 110.38 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 147.69 गुना सब्सक्राइब हुआ था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… अभी दुनिया के टॉप-10 अमीर कौन हैं, यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोने-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • इंपैक्ट फीचर:ICICI प्रूडेंशियल रूरल ऑपर्च्युनिटीज फंड लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए बेहतरीन अवसर
    on 20/01/2025 at 11:35 AM

    ग्रामीण अवसर निधि में निवेश करने से आप ग्रामीण बाजारों की उच्च-विकास क्षमता का लाभ उठा सकते हैं, जो बढ़ती आय, खपत और बुनियादी ढांचे के विकास से प्रेरित है। यह ग्रामीण आर्थिक विस्तार से लाभान्वित होने वाले क्षेत्रों में विविधीकरण और जोखिम प्रदान करता हैI ICICI प्रूडेंशियल रूरल ऑपर्च्युनिटीज फंड भारत की ग्रामीण विकास कहानी में निवेश करने के इच्छुक दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक बेहतरीन अवसर है। यह ग्रामीण बुनियादी ढांचे, आय और खपत में संरचनात्मक परिवर्तनों के साथ संरेखित है। हालांकि, निवेशकों को फंड के इक्विटी-लिंक्ड जोखिमों पर विचार करना चाहिए और फंड की प्रोफाइल को अपनी जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों से मिलाने के लिए वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करना चाहिए। फंड के बारे में रिलायबल इन्वेस्टमेंट्स के पार्टनर परेश सुकथंकर ने क्या कहा, जानने के लिए ऊपर वीडियो पर क्लिक करें। एनएफओ तिथियां: 9 जनवरी, 2025 से 23 जनवरी, 2025 तक।

  • तीसरी तिमाही में जोमैटो का मुनाफा 57.25% कम हुआ:रेवेन्यू 64% बढ़कर ₹5,405 करोड़ रहा; नतीजों के बाद शेयर में 7% से ज्यादा की गिरावट
    on 20/01/2025 at 10:45 AM

    फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 59 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। हालांकि, सालाना आधार पर इसमें 57% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 138 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जोमैटो का ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 64% बढ़कर 5,405 करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में जोमैटो ने 3,288 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। दूसरी तिमाही के मुकाबले 66% कम हुआ मुनाफा दूसरी तिमाही के मुकाबले कंपनी का मुनाफा 66.47% कम हुआ है। जुलाई-सितंबर 2024 में कंपनी को 176 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। इस दौरान रेवेन्यू की बात करें तो इसमें 12.63% की तेजी रही। पिछली तिमाही में कंपनी ने 4799 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। कॉन्सोलिडेटेड ​​​​​​मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन कंपनियों के रिजल्ट दो भाग में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। यहां, जोमैटो की ब्लिंकिट समेत 28 सब्सिडियरी, 1 ट्रस्ट और 1 एसोसिएट कंपनी हैं। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कंसॉलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, अगर ब्लिंकिट के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा। एक महीने में 18% से ज्यादा गिरा जोमैटो का शेयर तिमाही नतीजों के बाद जोमैटो के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिली। सोमवार, 20 जनवरी को कंपनी का शेयर 7.27% गिरकर 230.70 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले 5 दिन में जोमैटो का शेयर 1.64%, एक महीने में 18.22% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 16.56% गिरा है। जबकि, बीते 6 महीने में 4.08% और एक साल में 77.33% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 2.03 लाख करोड़ रुपए है, बीते 3 महीने में इसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपए की गिरावट हुई है। ब्लिंकिट को 103 करोड़ रुपए का लॉस, रेवेन्यू 117% बढ़ा जोमैटो के क्विक कॉमर्स बिजनेस ब्लिंकिट को तीसरी तिमाही में 103 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल के मुकाबले 117% और जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले 21% बढ़ा है। वहीं, EBITDA की बात करें तो, पिछले साल के 48 करोड़ पॉजिटिव EBITDA की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 30 करोड़ रुपए निगेटिव रहा है। नतीजों पर ब्लिंकिट ने बताया कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान कंपनी ने बिजनेस ग्रोथ के लिए इन्वेस्टमेंट किया है। कंपनी 2025 के आखिर तक 2000 स्टोर्स के मार्क को पार कर जाएगी। इस तिमाही में ब्लिंकिट ने 1,000 स्टोर्स का आंकड़ा पार कर लिया। दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे, फिर नाम बदल कर जोमैटो किया —————————————- ये खबर भी पढ़ें… फेस्टिव सीजन में जोमैटो ने प्लेटफॉर्म फीस 3 रुपए बढ़ाई: 7 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए की, शेयर करीब 3% चढ़कर 264 रुपए पर बंद फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने फेस्टिव सीजन में प्लेटफॉर्म फीस 7 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए कर दी है। कंपनी ने ऐप नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी। कंपनी ने आज यानी 23 अक्टूबर को ऐप नोटिफिकेशन में कहा- ‘यह शुल्क हमें जोमैटो को चालू रखने के लिए अपने बिलों का भुगतान करने में मदद करेगा। त्योहारी सीजन के दौरान सर्विसेस को बनाए रखने के लिए, इसमें थोड़ी बढ़ोतरी की गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… ब्लिंकिट एम्बुलेंस सर्विस, केंद्रीय मंत्री बोले-कानून का पालन करना होगा: 2 जनवरी को गुरुग्राम से शुरुआत हुई; 10 मिनट में मरीज तक पहुंचने का दावा क्विक कॉमर्स सर्विस ब्लिंकिट ने 2 जनवरी को एम्बुलेंस सर्विस शुरू की। इस पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ब्लिंकिट की एम्बुलेंस सर्विस के लिए क्विक कॉमर्स कंपनी को देश के कानून का पालन करना होगा। इसके अलावा अन्य कानूनी जरूरतों का भी ठीक ढंग से ध्यान रखा जाना चाहिए। ब्लिंकिट के संस्थापक और CEO अलबिंदर ढींडसा ने X पोस्ट के जरिए घोषणा की कि गुरुवार को कंपनी की 5 एम्बुलेंस ने गुरुग्राम में सर्विस शुरू की। कंपनी करीब 10 मिनट में मरीज तक पहुंचने का दावा कर रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

  • 20 से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें पेश:ज्यादातर गाड़ियों की रेंज 500km, एडवांस्ड ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम जैसे सेफ्टी फीचर्स भी मिलेंगे
    on 20/01/2025 at 10:44 AM

    नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे ऑटो एक्सपो में 20 से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें पेश की गई हैं। मारुति सुजुकी, हुंडई, मर्सडीज, BMW, BYD जैसे ब्रांड्स ने अपनी गाड़ियां एक्सपो में पेश की हैं। पहले दिन मारुति-सुजुकी ने इलेक्ट्रिक कार e-विटारा को रिवील किया। वहीं, हुंडई मोटर इंडिया ने अपनी सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार क्रेटा ईवी को लॉन्च किया। वायवे मोबिलिटी ने एक्सपो के दूसरे दिन भारत की पहली सोलर पावर्ड कार ईवा लॉन्च की। वियतनाम की कंपनी विनफास्ट ने दो इलेक्ट्रिक कारों के साथ भारत में एंट्री की है। टाटा मोटर्स ने नेक्सॉन ईवी का बांदीपुर एडिशन पेश किया है। यह स्पेशल एडिशन मॉडल कर्नाटक के बांदीपुर नेशनल पार्क को समर्पित है जो बाघ और हाथियों के लिए जाना जाता है। 17 जनवरी से शुरू हुआ इवेंट 22 जनवरी तक चलेगा। ग्राफिक्स में देखें एक्सपो में पेश की गईं इलेक्ट्रिक कार्स…

  • इम्पैक्ट फीचर:एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स द्वारा ‘भारत निवेश यंग माइंड्स’ निबंध प्रतियोगिता का आयोजन, दैनिक भास्कर ग्रुप है पार्टनर
    on 20/01/2025 at 8:37 AM

    देश के समृद्ध और विकसित भविष्य की महत्वाकांक्षाओं और सपनों से भरी यात्रा में युवा पीढ़ी सबसे आगे खड़ी है। लेकिन इन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है वित्तीय साक्षरता। इसी उद्देश्य से “म्चुअल फंड्स सही है” और दैनिक भास्कर द्वारा “भारत निवेश यंग माइंड्स निबंध प्रतियोगिता” आयोजित किया जा रहा है। यह युवाओं को उनकी वित्तीय यात्रा जल्दी शुरू करने के लिए प्रेरित करने वाली एक राष्ट्रव्यापी पहल है। प्रतियोगिता के अंतर्गत चुनिंदा शहरों में ग्राउंड इवेंट द्वारा आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा पूरे भारत में छात्रों के लिए ऑनलाइन भाग लेने का भी मौका है। विजेताओं का चयन इंडस्ट्री एक्सपर्ट और वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशिष्ट जूरी द्वारा किया जाएगा। भारत निवेश यंग माइंड्स निबंध प्रतियोगिता एक वित्तीय रूप से साक्षर विकसित भारत में योगदान देने का प्रयास है। यह युवा पीढ़ी को बेहतर कल के लिए सही वित्तीय निर्णय लेने की दिशा में पहला कदम है। भारत निवेश यंग माइंड्स निबंध प्रतियोगिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी: – स्कूली बच्चों के लिए भारत निवेश यंग माइंड्स की निबंध लेखन प्रतियोगिता “म्यूचुअल फंड्स सही है” द्वारा प्रस्तुत की गई है, जो एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया द्वारा एक निवेशक जागरूकता और शिक्षा संबंधी पहल है। देश का अग्रणी दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर इस प्रतियोगिता में पार्टनर है। प्रतियोगिता के लिए कक्षा 8वीं से 12वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों से प्रविष्टियां आमंत्रित हैं। अधिक जानकारी और प्रतियोगिता में रजिस्ट्रेशन के लिए bharat-nivesh.com पर जाएं। प्रतियोगिता के नियमों शर्तों के बारे में जानने के लिए mutualfundssahihai.com पर भी जा सकते हैं। – भारत निवेश यंग माइंडस निबंध प्रतियोगिता में कौन भाग ले सकता है? प्रतियोगिता में 8वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले भारतीय स्कूली छात्र भाग ले सकते हैं। – प्रतियोगिता कब आयोजित की जा रही है? प्रतियोगिता के लिए निबंध 31 जनवरी 2025 तक जमा किए जा सकते हैं। अंतिम तिथि के बाद जमा किए गए निबंध प्रतियोगिता के लिए पात्र नहीं होंगे। – विजेताओं की घोषणा कैसे की जाएगी? देशभर से आए निबंधों का मूल्यांकन करने के बाद विजेताओं की घोषणा होगी। महत्वपूर्ण समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से घोषणा की जाएगी। – निबंध प्रतियोगिता के लिए कैसे रजिस्टर करें? रजिस्टर करने के लिए bharat-nivesh.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करें ओटीपी वेरिफिकेशन के लिए मोबाइल नंबर दर्ज करें (निबंध के 1 सबमिशन के लिए केवल 1 मोबाइल नंबर मान्य है)। अनिवार्य विवरण भरें फोटो पहचान अपलोड करें (कोई भी सरकारी फोटो आईडी जैसे आधार और स्कूल पहचान पत्र) अंडरटेकिंग पर टिक करें निबंध टाइप करें जमा करें। “Importance of Financial Literacy for a Viksit Bharat” विषय पर निबंध लिखने का प्रयास करने से पहले इसे पढ़ें। जरूरी सूचनाएं… वित्तीय साक्षरता – व्यक्तिगत या पारिवारिक धन को मैनेज करने का कौशल सीखना, धन के स्रोतों के बारे में समझना, खर्चों, बचतों के बारे में फैसले करना, निवेश, कर्ज आदि के बारे में सीखना, अपने लिए वेल्थ क्रिएट करने के उपाय जैसी जानकारी वित्तीय साक्षरता के अंतर्गत आती है। विकसित भारत की संकल्पना- बढ़ती अर्थव्यवस्था और अपनी ऊर्जावान युवा आबादी के साथ भारत विश्व की महाशक्ति बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। आज स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे इस विकास में सबसे आगे होंगे। एक विकसित राष्ट्र के लिए, सभी नागरिकों को प्रगति का अनुभव करने की आवश्यकता होगी और इस ज्ञान/वित्तीय साक्षरता की नींव बहुत कम उम्र में रखी जानी चाहिए। निबंध लिखने के लिए टिप्स… निबंध कम से कम 300 शब्दों का होना चाहिए और वह अच्छे से स्ट्रक्चर किया हुआ शैक्षणिक निबंध होना चाहिए। इसकी प्रस्तावना में वित्तीय साक्षरता को परिभाषित करें, इसके महत्व को स्पष्ट करें। इसके अलावा इस निबंध में विकासशील राष्ट्र का संदर्भ ला सकते हैं। देश के विकास के विभिन्न पहलुओं में वित्तीय साक्षरता की भूमिका पर चर्चा कर सकते हैं। इस बात के उदाहरण दे सकते हैं कि इस क्षेत्र में भारत के सामने वर्तमान चुनौतियां क्या हैं। यदि संभव हो तो आंकड़ों का उपयोग करें। म्यूचुअल फंड आपके जीवन लक्ष्यों की योजना बनाने में मदद करने के लिए किस तरह मददगार हैं इस पर भी बात कर सकते हैं। निष्कर्ष: अपने विचारों को सारांशित करें, विकसित भारत की दृष्टि में वित्तीय साक्षरता के महत्व को समझाएं और भारत में वित्तीय साक्षरता में सुधार के तरीके सुझाएं। ये केवल कुछ सुझाव हैं लेकिन प्रतिभागी बेझिझक वह लिख सकते हैं जो वे सोचते हैं।

  • गोल्ड के दाम में तेजी, चांदी में गिरावट रही:10 ग्राम सोना ₹106 महंगा होकर ₹79345 रुपए पर पहुंचा, चांदी ₹620 सस्ती हुई
    on 20/01/2025 at 8:33 AM

    हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार (20 जनवरी) को सोना के दाम में तेजी देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 106 रुपए महंगा होकर 79,345 रुपए पर पहुंच गया। इससे पहले शुक्रवार (17 जनवरी) को इसकी कीमत 79,239 रुपए पर थी। वहीं, चांदी के दाम में आज गिरावट रही। एक किलो चांदी की कीमत 620 रुपए कम होकर 90,200 रुपए पर आ गई। इससे पहले शुक्रवार को एक किलो चांदी 90,820 रुपए में बिक रही थी। 4 महानगरों और भोपाल में सोने की कीमत पिछले सप्ताह सोना-चांदी में रही थी तेजी पिछले हफ्ते सोने-चांदी के दाम में तेजी रही थी। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, पिछले शनिवार यानी 11 जनवरी को 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड का दाम 78,018 रुपए था, जो अब यानी 18 जनवरी को 79,239 रुपए पर पहुंच गया है। यानी इस हफ्ते इसके दाम 1,221 रुपए बढ़े हैं। वहीं इस हफ्ते चांदी 552 रुपए महंगी होकर 90,820 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है। पिछले शनिवार को ये 90,268 रुपए प्रति किलो पर थी। सोने ने पिछले साल 30 अक्टूबर को 79,681 प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइम हाई बनाया था। वहीं, चांदी 23 अक्टूबर 2024 को 99,151 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई थी। 2024 में गोल्ड ने 20% और सिल्वर ने 17% का रिटर्न दिया बीते साल सोने का भाव 20.22% बढ़ा। वहीं, चांदी की कीमत में 17.19% की बढ़ोतरी हुई। 1 जनवरी 2024 को सोना 63,352 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था, जो 31 दिसंबर 2024 को 76,162 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। वहीं इस दौरान, एक किलो चांदी की कीमत 73,395 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 86,017 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। जून तक 85 हजार रुपए तक जा सकता है सोना केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि एक बड़ी रैली के बाद सोने में गिरावट आनी थी, वह आ चुकी है। अमेरिका के बाद UK ने ब्याज दरों में कटौती की है। इससे गोल्ड ETF की खरीदारी बढ़ेगी। ऐसे में इस साल 30 जून तक सोना 85 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

  • पेटीएम को तीसरी तिमाही में ₹208 करोड़ का घाटा:पिछली तिमाही में 930 करोड़ का मुनाफा हुआ था, शेयर 6 महीने में दोगुना हुआ
    on 20/01/2025 at 6:40 AM

    पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में नेट लॉस कम होकर 208 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में पेटीएम का घाटा 220 करोड़ रुपए था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 36% गिरकर 1,828 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही यानी, Q3FY24 में यह 2,850 करोड़ रुपए था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाला पैसा रेवेन्यू होता है। दूसरी तिमाही में पेटीएम को ₹930 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ था, मूवी टिकटिंग बिजनेस की ब्रिक्री का कंपनी के नेट प्रॉफिट में ₹1,345 करोड़ का एकमुश्त योगदान रहा था। इस अमाउंट को छोड़कर पेटीएम को ₹415 करोड़ का घाटा हुआ था। 5 दिन में 9% से ज्यादा गिरा पेटीएम का शेयर नतीजों की घोषणा के बाद पेटीएम के शेयर में सोमवार को 0.68% की मामूली गिरावट रही और यह 894 के स्तर पर बंद हुआ। बीते 5 दिन में यह 11.42%, 6 महीने में 97.59% और एक साल में 18.27% चढ़ा है। वहीं, 5.42% और इस साल 9.48% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 56,940 करोड़ रुपए है। 2009 में हुई थी पेटीएम की शुरुआत पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने अगस्त 2009 में पेटीएम पेमेंट ऐप को लॉन्च किया था। इसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा है। अभी देश में पेटीएम के 30 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। पेटीएम का मार्केट कैप करीब 28 हजार करोड़ रुपए है।

  • लक्ष्मी डेंटल का शेयर 26.64% ऊपर ₹542 पर लिस्ट:इश्यू प्राइस ₹428 था, जुलाई 2004 में स्थापित हुई थी कंपनी
    on 20/01/2025 at 5:13 AM

    लक्ष्मी डेंटल लिमिटेड का शेयर आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इश्यू प्राइस से 26.64% ऊपर ₹542 पर लिस्ट हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 23.36% ऊपर ₹528 पर लिस्ट हुआ। लक्ष्मी डेंटल के IPO का इश्यू प्राइस ₹428 था। यह IPO 13 जनवरी से 15 जनवरी तक बोली लगाने के लिए ओपन था, जो टोटल 114.14 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में IPO 75.1 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी में 110.38 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 147.69 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ₹698.06 करोड़ का था लक्ष्मी डेंटल का IPO लक्ष्मी डेंटल का ये इश्यू टोटल ₹698.06 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ने ₹138 करोड़ के 32,24,299 फ्रेश शेयर इश्यू किए। कंपनी के निवेशकों ने ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹560.06 करोड़ के 1,30,85,467 शेयर बेचे। मैक्सिमम 462 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक लक्ष्मी डेंटल लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹407-₹428 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 33 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹428 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,124 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 14 लॉट यानी 462 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,97,736 इन्वेस्ट करने होते। इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था कंपनी ने IPO का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा था। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था। लक्ष्मी डेंटल लिमिटेड की स्थापना जुलाई 2004 में हुई थी लक्ष्मी डेंटल लिमिटेड एक इंटीग्रेटेड डेंटल प्रोडक्ट कंपनी है, जिसकी स्थापना जुलाई 2004 में हुई थी। कंपनी कस्टम क्राउन और ब्रिज, क्लियर एलायनर्स, थर्मोफॉर्मिंग शीट्स और पीडियाट्रिक डेंटल जैसे अन्य डेंटल प्रोडक्ट्स बनाती है। कंपनी टैग्लस ब्रांड नाम के तहत थर्मोफॉर्मिंग शीट, बायोकम्पैटिबल 3डी प्रिंटिंग रेजिन और क्लियर एलाइनर्स को बनाने के लिए मशीनें भी प्रोवाइड करती है। कंपनी पूरी तरह से इंटीग्रेटेड मॉडल पर काम करती है, जिसका मतलब है कि वे डेंटल प्रोडक्ट के डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक की पूरी प्रोसेस को संभालती है। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

  • VIDEO- बजट में इनकम टैक्स को लेकर कई बदलाव:न्यू टैक्स रिजीम में अब ज्यादा टैक्स छूट, एक्सपर्ट से जानें इस बार क्या मिला
    on 27/07/2024 at 6:15 AM

    इस बार के बजट में इनकम टैक्स को लेकर कई तरह की राहत दी गई हैं। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। वहीं सैलरीड पर्सन को मिलने वाले स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी ₹50 हजार से बढ़ाकर ₹75 हजार किया है। CA कार्तिक गुप्ता ये जानते हैं बजट में क्या खास…

  • बजट में NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम का ऐलान:10,000 की SIP में 63 लाख का फंड बनेगा; मुद्रा योजना में अब 20 लाख का लोन
    on 23/07/2024 at 11:37 PM

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम का ऐलान किया। प्राइवेट सेक्टर में एम्प्लॉयर्स के लिए NPS कॉन्ट्रीब्यूशन लिमिट एम्प्लॉई की बेसिक सैलरी के 10% से बढ़ाकर 14% भी कर दी है। इसके अलावा मुद्रा लोन की लिमिट 20 लाख हो गई है। 1. NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम, माता-पिता कर सकते हैं बच्चों की पेंशन का इंतजाम NPS वात्सल्य को बच्चों के बड़े होने पर उनकी फाइनेंशियल सिक्योरिटी एन्श्योर करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस स्कीम में माता-पिता बच्चों की ओर से निवेश कर सकते हैं। बालिग होने पर अकाउंट रेगुलर NPS में बदल जाएगा। बच्चे के 18 साल के होने पर इस स्कीम को नॉन-NPS स्कीम में भी बदला जा सकता है। रेगुलर NPS स्कीम रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद करती है। ज्यादा रिटर्न के लिए NPS कॉन्ट्रीब्यूशन को स्टॉक और बॉन्ड जैसे बाजार से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट किया जाता है। मान लीजिए कि आपका बच्चा 3 साल का है। इस स्कीम में अगर आप 10,000 रुपए की SIP करते हैं तो बच्चे के 18 साल का होने पर करीब 63 लाख रुपए का फंड जमा हो सकता है… 2004 में शुरू हुआ था NPS, इसमें रिटायरमेंट पर रेगुलर इनकम दो तरह के NPS अकाउंट, बैंक से ले सकते हैं NPS में दो तरह के अकाउंट मिलते हैं। टियर I अकाउंट में विड्रॉल पर प्रतिबंध है और मिनिमम इन्वेस्टमेंट 500 रुपए है। जबकि टियर II अकाउंट में लिक्विडिटी की सुविधा मिलती है। इसका मिनिमम कॉन्ट्रीब्यूशन 1,000 रुपए है। इसे बैंक के जरिए लिया जा सकता है। NPS में एम्प्लॉयर्स कॉन्ट्रीब्यूशन लिमिट 10% से बढ़ाकर 14% की 2. मुद्रा लोन की लिमिट दोगुनी हुई, MSME को अब 10 लाख की जगह 20 लाख तक लोन बजट में मुद्रा लोन की लिमिट दोगुनी कर दी गई है। पहले इस स्कीम के तहत MSME के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन मिलत था, जो अब 20 लाख रुपए कर दिया गया है। हालांकि इसका फायदा केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो इस स्कीम में पहले लोन लेकर चुका चुके हैं। अभी इस योजना में 3 कैटेगरी में दिए जाते हैं लोन मुद्रा योजना में अभी अपने बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को तीन कैटेगरी में लोन दिया जाता है। पहली कैटेगरी है शिशु। इसमें 50,000 रुपए का लोन मिलता है। दूसरी कैटेगरी है किशोर जिसमें 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। तीसरी कैटेगरी है तरुण जिसमें 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। लोन लेने के लिए गारंटी की जरूरत नहीं 2015 में शुरू हुई इस योजना का मकसद रेहड़ी-पटरी वाले से लेकर छोटे कारोबारी को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराना है। कोई भी व्यक्ति जो अपना खुद का काम शुरू करना चाहता है, वह इस योजना के तहत लोन ले सकता है। इसके साथ ही अगर कोई अपने मौजूदा व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता है, तो भी उसे इस योजना के जरिए लोन मिल सकता है। लोन लेने के लिए बताना होगा बिजनेस प्लान सबसे पहले आवेदक को एक बिजनेस प्लान तैयार करना होगा। लोन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज भी तैयार करने होंगे। सामान्य दस्तावेजों के साथ बैंक आपसे आपका बिजनेस प्लान, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, भविष्य की आय के अनुमान संबंधी दस्तावेज भी मांगेगा। जिससे उसे आपकी जरूरत की जानकारी हो, साथ ही यह भी अंदाजा लग सके कि आपको फायदा कैसे होगा या फायदा कैसे बढ़ेगा। 10 से 12% की सालाना ब्याज दर पर लोन मुद्रा लोन में कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है। अलग-अलग बैंक लोन पर अलग-अलग दर से ब्याज वसूल सकते हैं। ब्याज दर कारोबार की प्रकृति और उससे जुड़े जोखिम के आधार पर तय होती है। आमतौर पर 10 से 12% सालाना ब्याज दर रहती है। 4 स्टेप में मुद्रा लोन अप्लाय करने की प्रोसेस बजट से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें

  • भास्कर एक्सप्लेनर- भारत बनाएगा चलता-फिरता न्यूक्लियर प्लांट:मिनटों में पूरे शहर को बिजली सप्लाई; वित्त मंत्री ने बजट में क्या बताया
    on 23/07/2024 at 11:35 PM

    मई 2020। समुद्र किनारे बसा रूस का पेवेक शहर। पहली बार समुद्र में तैरने वाला न्यूक्लियर प्लांट तैनात किया गया। इसके जरिए पूरे शहर को बिजली सप्लाई की जाने लगी। इसके बाद यहां कोयले से बिजली पैदा करने वाले प्लांट को बंद कर दिया गया। रूस की तरह अब भारत भी समुद्र में तैरने वाला स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर न्यूक्लियर प्लांट बनाएगा। 23 जुलाई को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान किया है। भास्कर एक्सप्लेनर में इस तैरते न्यूक्लियर प्लांट की पूरी कहानी जानेंगे, ये कैसे बिना कोयला और पानी के बिजली बनाएगा… सवाल 1: स्मॉल रिएक्टर या समुद्र में तैरने वाले न्यूक्लियर प्लांट बनाने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा है? जवाब: बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, विकसित भारत में न्यूक्लियर एनर्जी अहम रोल निभाएगा, इसको लेकर सरकार तीन अहम फैसले ले रही है… 1. प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर बनाने को लेकर काम करेगा। भारत को रूस जैसे देश स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए टेक्नोलॉजी शेयर कर रहे हैं। 2. सरकार न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। 3. परमाणु ऊर्जा के जरिए ज्यादा से ज्यादा बिजली तैयार करने के लक्ष्य पर सरकार काम करेगी। सवाल 2: स्मॉल न्यूक्लियर पावर प्लांट क्या है? जवाब: दुनियाभर में न्यूक्लियर पावर प्लांट आमतौर पर तीन तरह के होते हैं… स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर न्यूक्लियर प्लांट को सामान्य भाषा में फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट भी कहा जाता है, क्योंकि इसे आसानी से एक से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसमें लगने वाला मॉड्यूलर आमतौर पर बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट के मॉड्यूलर से काफी छोटे होता है। रूस के एग्जाम्पल से समझिए… सवाल 3: दुनिया के कितने देश ऐसा न्यूक्लियर प्लांट बना सके हैं? जवाब: दुनिया में सिर्फ दो देश ऐसे हैं, जहां इस तरह के न्यूक्लियर पावर प्लांट ऑपरेशनल हैं। पहला- रूस का लोमोनोसोव। दूसरा- चीन का HTR-PM न्यूक्लियर प्लांट। रूस का प्लांट 300 MW तो चीन का 210 MW तक बिजली रोजाना पैदा करता है। इसके अलावा अर्जेंटीना, साउथ कोरिया और अमेरिका ऐसे देश हैं, जहां इस टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा है। अमेरिका के एनर्जी डिपार्टमेंट के परमाणु नियामक आयोग विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसकी लाइसेंसिंग प्रोसेस पर काम हो रहा है। इस बात की पूरी संभावना है कि 2035 तक अमेरिका इस रिएक्टर को तैयार कर लेगा। सवाल 4: भारत में बनने वाला स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर पावर प्लांट क्यों खास होगा? जवाब: भारत में जिस स्मॉल न्यूक्लियर रिएक्टर को बनाने का ऐलान किया गया है, उसे बनाने की लागत बडे़ न्यूक्लियर रिएक्टर से करीब 8 गुना कम है। इसके साथ ही ये न्यूक्लियर पावर प्लांट 24 घंटे लगातार काम कर सकता है। इसे समुद्र के किनारे पहाड़ी इलाकों में भी तैनात कर सकते हैं। भारत के सबसे दक्षिणी हिस्से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के द्वीपों में आज भी जनरेटर से बिजली सप्लाई होती है। अंडमान में भारतीय सेना की इकलौती त्रिस्तरीय कमांड है। उसे भी बिजली के लिए जनरेटरों का सहारा लेना पड़ता है। इन जगहों पर बिजली के लिए इस तरह के पावर प्लांट काफी मददगार साबित होंगे। रूस जिस स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर का इस्तेमाल कर रहा है, उसमें छोटे-छोटे कई सारे माइक्रो रिएक्टर लगे होते हैं। भारत में बनाए जाने वाले स्मॉल रिएक्टर में भी कई सारे माइक्रो रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। सवाल 5: स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर पावर प्लांट में बिजली कैसे पैदा होगी? जवाब: अब तक भारत में बिजली पैदा करने के चार सबसे प्रमुख साधन हैं… 1. कोयला 2. पानी के बडे़-बड़े डैम 3. सौर ऊर्जा 4. पवन ऊर्जा इन सभी माध्यमों से बिजली पैदा करने की लागत काफी ज्यादा है। इस तरह से पैदा होने वाली बिजली से हमारे पर्यावरण में कार्बन भी ज्यादा निकलता है। स्मॉल न्यूक्लियर पावर प्लांट की खासियत ये है कि यूरेनियम का इस्तेमाल कर इसमें केमिकल प्रोसेस से बिजली पैदा की जाती है। इस तरह से बिजली पैदा करने में लागत कम और प्रोडक्शन ज्यादा है। यूरेनियम इतना ताकतवर होता है कि अगर पानी के किसी पाइप से गुजरे तो पाइप का पानी खौलने लगता है। पानी खौलने से जल वाष्प बनता है और इस जल वाष्प का इस्तेमाल ही बिजली पावर प्लांट के टर्बाइन को घुमाने के लिए किया जाता है। इस तरह बिजली तैयार होती है। ऐसे प्लांट को 30 साल में एक बार रिफ्यूलिंग की जरूरत पड़ती है। सवाल 6: स्मॉल न्यूक्लियर पावर प्लांट से भारत सरकार को क्या फायदे हैं? जवाब: भारत 6 वजहों से बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट की तुलना में छोटे-छोटे न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाना चाहता है… सवाल 7: दुनिया में बड़े न्यूक्लियर रिएक्टर होने के बावजूद स्मॉल रिएक्टर वाले पावर प्लांट की जरूरत क्यों हुई? जवाब: आमतौर पर बड़े रिएक्टर वाले पावर प्लांट से ज्यादा रेडियोएक्टिव पदार्थ यूरेनियम निकलने की संभावना होती है। इसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। जबकि स्मॉल रिएक्टर के टेक्निकल खामियों को आसानी से दूर किया जाना संभव है। इसे आसानी से कंट्रोल भी किया जा सकता है। बड़े रिएक्टर वाले पावर प्लांट बेहद खतरनाक हो सकते हैं। इसे चेर्नोबिल की कहानी से समझ सकते हैं… 26 अप्रैल 1986 को चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में टेस्टिंग होनी थी। हादसे से पहले चेर्नोबिल पावर स्टेशन में चार न्यूक्लियर रिएक्टर थे। जब हादसा हुआ तब दो रिएक्टर्स पर काम चल रहा था। 26 अप्रैल की रात टेस्ट शुरू हुआ और रात करीब 1ः30 बजे टरबाइन को कंट्रोल करने वाले वाल्व को हटाया गया। रिएक्टर को आपात स्थिति में ठंडा रखने वाले सिस्टम और रिएक्टर के अंदर होने वाले न्यूक्लियर फ्यूजन को भी रोक दिया गया। अचानक रिएक्टर के अंदर न्यूक्लियर फ्यूजन की प्रक्रिया कंट्रोल से बाहर हो गई। रिएक्टर के सभी आठ कूलिंग पम्प कम पावर पर चलने लगे, जिससे रिएक्टर गर्म होने लगा और इससे न्यूक्लियर रिएक्शन और तेज हो गया। सोवियत संघ के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में हुआ हादसा दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक हादसों में से है। धमाके के बाद न्यूक्लियर प्लांट में अफरा-तफरी मच गई और रिएक्टर को बंद करने की कोशिशों के बीच ही उसमें जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि रिएक्टर की छत उड़ गई। उस हादसे में वहां कार्यरत 40 लोगों की मौत हो गई। इस धमाके से निकला रेडियोएक्टिव रेडिएशन हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम से भी 400 गुना ज्यादा था। अगले कई दिनों तक चेर्नोबिल पावर प्लांट से रेडिएशन निकलता रहा, जो हवा के साथ उत्तरी और पूर्वी यूरोप में फैल गया। रेडिएशन फैलने से रूस, यूक्रेन, बेलारूस के 50 लाख लोग इसकी चपेट में आ गए। रेडिएशन फैलने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से 4 हजार लोगों की मौत हो गई। इस हादसे से 2.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। 2000 में चेर्नोबिल में काम कर रहे आखिरी रिएक्टर को भी बंद कर दिया गया।

  • बजट-2024 एनालिसिस:नीतीश-नायडू को साधता मोदी 3.0 का पहला बजट, आयकर में मामूली राहत से मिडिल क्लास को छोटा सा थैंक्यू
    on 23/07/2024 at 11:31 PM

    मोदी 3.0 का पहला बजट दिलचस्प होने के साथ-साथ काफी पेचीदा भी है। बजट में जो कहा गया है और वित्त विधेयक में जो आपको पढ़ने को मिलता है, उसमें एक बड़ा फर्क है। कुछ उम्मीदें, कुछ अपेक्षाएं जो बजट से थीं, उन अपेक्षाओं में कुछ राजनीतिक संकेत थे जो चुनावों से निकले थे, उन सबको समेटने की कोशिश की गई है। आमतौर पर बजट को समझने के लिए हम पार्ट-ए से पार्ट-बी की तरफ जाते हैं। मगर आज इस बजट को पार्ट-बी से शुरू करते हैं और पार्ट-ए तक जाते हैं। यानी बजट को उल्टा शुरू कर समझते हैं। बजट का आखिरी हिस्सा, जिसमें लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी होती है। प्रावधानों से पहले उन बड़े संकेतों को जानते हैं जिनसे भविष्य की दिशा तय होगी। माना जाता है कि बजट में मिडिल क्लास को सबसे ज्यादा इंतजार इनकम टैक्स से जुड़ी घोषणाओं का होता है। हालांकि, इनकम टैक्स मध्यम वर्ग नहीं है, भारत का मिडिल क्लास बहुत बड़ा है। वो सिर्फ 2 से 2.5 करोड़ टैक्स देने वाले लोगों तक सीमित नहीं है, पर फिर भी पूरे बजट की व्याखा इन लोगों पर ही केंद्रित हो जाती है। 2020 में जो न्यू टैक्स रिजीम लाया गया था, उसमें बचत को प्रोत्साहन देने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए कोई इंसेंटिव नहीं था। इस बार फिर बजट में वित्त मंत्री ने यही प्रतिबद्धता दोहराते हुए न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाया है, लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम को नहीं छुआ है। न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाया गया, जिसका सैलरीड क्लास को लाभ होगा, 25 हजार रुपए का। स्लैब में थोड़ा चेंज किया गया 3 से 6 लाख की आय वाले स्लैब को 6 से 7 लाख रुपए कर दिया गया और यहां पर थोड़ी बचत होगी। यहां से वित्त मंत्री ने ये दर्शन स्पष्ट कर दिया कि बचत आपकी अपनी जिम्मेदारी है। सरकार टैक्स के रेट कम रखेगी और आपको रियायतें नहीं देगी और यही बात समझने वाली है। अब हम दूसरी तरफ चलते हैं जहां बहुत सारे लोगों की निगाहें थीं और उसको लेकर जबरदस्त उठा-पटक दिखी, यानी शेयर बाजार। जो बजट के बाद एकदम तेजी से गिरा, बेहद बेचैन हुआ और शेयर बाजार को बेचैन करने वाली कई चीजें इस बजट में हैं। जैसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) 10% से 12.5% कर दिया गया, जो FO (फ्यूचर एंड ऑप्शन्स) पर ट्रेडिंग करते थे उन पर STT की दर दोगुनी कर दी गई। प्रॉपर्टी में इंडेक्सेशन बेनेफिट को लेकर बदलाव किए गए और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के रेट भी बढ़ाए गए, जिसके बारे में आगे सूचना दी जाएगी। कुल मिलाकर ये सब निवेश के मिजाज के लिए ठीक नहीं था। बाजार ऐसा बजट नहीं चाह रहा था। बाजार को लग रहा था कि मिजाज ठीक नहीं है और इसलिए शेयर बाजार की दृष्टि से ये बजट कमजोर था, निवेशकों के लिहाज से कमजोर था। हां, अगर छोटे निवेशकों के हिसाब से देखें तो उन्हें एक साल में म्यूच्यूअल फंड्स से 1.15 लाख रुपए के कैपिटल गेन्स पर टैक्स नहीं देना होगा। जैसा मैंने शुरुआत में कहा कि इनकम टैक्स को लेकर ये सरकार पिछले 10 साल से बहुत रिजर्व रही है। टैक्स स्लैब में जो भी बदलाव हुए हैं, वो बहुत मामूली हैं। एक तरह से वित्त मंत्री की ओर से थैंक्स गिविंग है कि आप हम को तीसरी बार सरकार में लाए, ये लीजिए 12 से 15 हजार की मदद। कुल मिलाकर कोई बड़ा चेंज नहीं हुआ जिससे कि ये इनकम टैक्स का ड्रीम बजट हो जाए। खासतौर पर जिस तरीके से महंगाई बढ़ी है और मिडिल क्लास की कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ी है, उसे देखते हुए टैक्स में ये रियायतें मामूली ही हैं। कस्टम ड्यूटी से जुड़ी एक घोषणा पर भी बात करना जरूरी है। सरकार पर इस बात का दबाव था कि वो विदेश से आने वाले मोबाइल और उसके पुर्जों पर ड्यूटी घटाए। इसलिए नहीं कि भारत में उसकी कीमतें कम हों, बल्कि इसलिए कि जो मोबाइल कंपनियां भारत से निर्यात कर रही हैं, उनकी कॉस्ट कम हो सके। इसका थोड़ा फायदा हमें भी मिलेगा और आपको भी मिलेगा। अगर मोबाइल कंपनियां कस्टम ड्यूटी की रियायतों को ग्राहकों तक पास-ऑन करती हैं तो मोबाइल सस्ते हो सकते हैं। अब बड़ी घोषणा पर आते हैं। बड़ी घोषणा में सुर्खी बनाने वाली एक घोषणा है और राजनीतिक घोषणा दूसरी है। अगर आप बजट की दो घोषणाओं को एक साथ मिलाकर तुलना करें तो बजट में रोजगार के लिए 2 लाख करोड़ की पांच स्कीमों का पैकेज घोषित किया गया है। ये संकेत है कि सरकार ने इस बात को स्वीकार किया कि चुनाव के दौरान जो बैकलैश आया बेरोजगारी को लेकर उसके लिए कुछ करना चाहिए। दूसरी तरफ आप देखें तो करीब एक लाख करोड़ रुपए की सीधी मदद दो गठबंधन दलों वाले राज्यों को दी गई। एक आंध्रप्रदेश और दूसरा बिहार। राजनीतिक चश्मे से देखें तो बजट के कई मायने हैं, लेकिन आर्थिक चश्मे से ढूंढें तो बजट में बहुत कुछ नहीं मिलता है। क्योंकि ये बजट अंतरिम बजट का पूर्ण बजट है। 6 महीने निकल चुके हैं, अगला बड़ा बजट साल के अंत से बनना शुरू हो जाएगा। इसलिए इस वक्त सरकार की सबसे बड़ी वरीयता यही थी कि इस बजट के बाद उसके गठबंधन घटक शांत रहे और साथ बने रहें। बाकी रेलवे, इंफ्रा के लिए छोटी-मोटी प्रतीकात्मक घोषणाएं ही हैं। इससे ये भी लगता है कि सरकार इस बजट के जरिए एक निरंतरता दिखाना चाहती है। कुछ छोटी-मोटी पहल हमें दिखती है। अलग-अलग तरीके की। उन पहल का असर कुल मिलाकर इकोनॉमी में ग्रोथ बढ़ाने में, जॉब बढ़ाने में, डिमांड बढ़ाने में उतना नहीं दिखाई देगा। तीसरा इसके बाद अगर आप बजट का कोई फोकस ढूंढना चाहें तो वो छोटे उद्योग हैं। हालांकि, छोटे उद्योगों के भी मामले में वो ही चलती हुई स्कीम्स हैं। उनमें आवंटन बढ़ाया गया और बैंकों के सहारे उन्हें और आसानी से कर्ज देने जैसे प्रावधान जोड़े गए। मोदी सरकार के पिछले बजट बड़ी स्कीमों की बात करते थे, मेगा स्कीमों की चर्चा करते थे। गठबंधन सरकार की चुनौतियां इस बजट पर साफतौर पर दिखाई दी। क्योंकि मेगा स्कीमों का रिफ्लेक्शन इस बजट पर नहीं दिखा। पूरे भाषण में हमने स्मार्ट सिटी नहीं सुना, गंगा मिशन नहीं सुना। बहुत सारी ऐसी बड़ी स्कीमें इस बार नहीं सुनाई दीं, लेकिन हां, बजट के दस्तावेजों में इन पर कई आवंटन जरूर हुए होंगे, छिपे हुए होंगे। इस बार वो फ्लैग बियरिंग स्कीमें नहीं रहीं। कुल मिलाकर सरकार का ये मध्यावधि बजट था। इस बजट को देखकर लगता है कि इस बजट के नतीजों के आधार पर वित्त मंत्री को आगे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े बदलाव करने होंगे। फरवरी, 2025 में हमें एक रियल रिफॉर्म बजट की उम्मीद करनी चाहिए। बजट से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें

  • ₹7.75 लाख तक की आय टैक्स फ्री:सोना-चांदी और मोबाइल सस्ता हो सकते हैं, इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स को 20% देना होगा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स
    on 23/07/2024 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर बजट से जुड़ी रही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 का बजट पेश किया। इस बार सरकार ने मोटे तौर पर 7 चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी है और 2 की ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे करीब 7 प्रोडक्ट सस्ते और 2 प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। इसे चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। वहीं, बजट में सरकार ने शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स में बदलाव किया है। इससे आज सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1,278 अंक गिरकर 79,224 पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में रिकवरी देखने को मिली ये 73 अंक की गिरावट के साथ 80,429 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी बजट स्पीच के दौरान 435 अंक गिरकर 24,074 पर पहुंच गया था। कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. सस्ता और महंगा- मोबाइल फोन सस्ते होंगे: सोना-चांदी पर भी ड्यूटी घटाई; एक साल में 300 रुपए घटे सिलेंडर के दाम बजट में इस बार सरकार ने मोटे तौर पर 7 चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी है और 2 की ड्यूटी बढ़ा दी है। इससे करीब 7 प्रोडक्ट सस्ते और 2 प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। सस्ते होने वाले प्रोडक्ट में मोबाइल फोन और सोना-चांदी है। वहीं प्लास्टिक से जुड़े प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। हालांकि ये प्रोडक्ट कितने सस्ते होंगे या महंगे ये तय नहीं है। सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था, जिसके बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी बढ़ाई-घटाई जाती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. बजट में न्यू टैक्स रिजीम में राहत: ₹17,500 तक का सीधा फायदा, ओल्ड टैक्स रिजीम वाले घाटे में बजट में इनकम टैक्स को लेकर राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इन दोनों बदलावों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपए तक का फायदा होगा। हालांकि पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. लॉन्ग टर्म निवेश पर 25 हजार की टैक्स छूट: 1,278 अंक गिरने के बाद संभला मार्केट, निवेश पर टैक्स बढ़ाकर 20% तक करने का असर बजट में सरकार ने शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स में बदलाव किया है। इससे आज सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1,278 अंक गिरकर 79,224 पर पहुंच गया। हालांकि, बाद में रिकवरी देखने को मिली ये 73 अंक की गिरावट के साथ 80,429 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी बजट स्पीच के दौरान 435 अंक गिरकर 24,074 पर पहुंच गया था। मार्केट बंद होने के पहले इसने भी रिकवरी कर ली और 30 अंक की गिरावट के साथ 24,479 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 शेयरों में से 20 में तेजी, 29 में गिरावट रही। एक में कोई बदलाव नहीं हुआ। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. 24 पॉइंट में 2024 का बजट: नई टैक्स रिजीम में 7.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री; मोबाइल फोन और सोना-चांदी सस्ते होंगे नई टैक्स रिजीम में बदलाव, 7.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। नई टैक्स रिजीम में अब 50 हजार की जगह 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. किसान बजट- एग्रीकल्चर के लिए ₹1.52 लाख करोड़: 32 फसलों की 109 नई किस्में लाएंगे; 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती कराएंगे सरकार ने एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए। पिछले साल 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 27 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया। हालांकि किसानों की लगातार मांग के बाद भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी, MSP को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं किसान सम्‍मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई, ये 6,000 रुपए ही रहेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 6. हेल्थ बजट- सरकार की 9 प्राथमिकताओं में सेहत नहीं: स्वास्थ्य सेवाओं को जितने की जरूरत उससे 73% कम अलॉटमेंट बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकसित भारत के लिए 9 प्राथमिकताओं की घोषणा की, लेकिन स्वास्थ्य को इनमें जगह नहीं मिली है। सरकार ने कैंसर की 3 अहम दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी है। अब इन दवाओं के आयात पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा। इसकी वजह से कैंसर का इलाज सस्ता होगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने नए मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल खोलने की भी बात कही है। इस बजट से आयुष्मान भारत योजना में बड़ी राहत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसी कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोने-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • न्यू रिजीम में 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री:नीतीश को 58 हजार 900 करोड़, नायडू को 15 हजार करोड़; समझिए पूरा बजट
    on 23/07/2024 at 6:32 PM

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया। 1 घंटे 23 मिनट के भाषण में उन्होंने शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर फोकस करने की बात कही। बजट में न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। यानी उन्हें 17 हजार 500 रुपए का फायदा हुआ है। वित्त मंत्री ने नीतीश कुमार के बिहार को 58 हजार 900 करोड़ और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ के पैकेज दिए। केंद्र में नीतीश की JDU के 12 और नायडू की TDP 16 सांसद हैं। पहली नौकरी वाले जिनकी सैलरी 1 लाख रुपए से कम होगी, उन्हें सरकार अधिकतम 15 हजार रुपए तीन किश्तों में देगी। केंद्र सरकार ने 500 टॉप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने की घोषणा की है। इस दौरान इंटर्न को 5 हजार रुपए हर महीने स्टाइपैंड और 6 हजार रुपए वन टाइम सपोर्ट दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने MSMEs के लिए मुद्रा लोन की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी है। अब देखिए बजट में किसे क्या मिला: 1. टैक्सपेयर्स: न्यू रिजीम से इनकम टैक्स में ₹17.5 हजार का फायदा न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के बाकी स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इन दोनों बदलावों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपए तक का फायदा होगा। पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2. शिक्षा, ट्रेनिंग, रोजगार: एजुकेशन लोन, पेड इंटर्नशिप, EPF में पैसा शिक्षा के लिए ₹1.48 लाख करोड़ दिए गए हैं। पिछले बजट से यह 32% ज्यादा है। नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी 6 स्कीम्‍स का ऐलान किया गया है। 3. युवा कारोबारी: मुद्रा लोन ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख मुद्रा योजना के तहत अपने बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को 3 कैटेगरी में लोन दिया जाता है। इनकी 3 कैटेगरी हैं, शिशु, किशोर और तरुण। तीसरी कैटेगरी में लोन की रकम दोगुनी कर दी गई है। 4. एग्रीकल्चर: 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड, सम्मान निधि नहीं बढ़ी एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए। पिछले साल 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 27 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया। हालांकि किसानों की लगातार मांग के बाद भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी, MSP को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं किसान सम्‍मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई, ये 6,000 रुपए ही रहेगी। हालांकि 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने का ऐलान किया गया। 5. स्वास्थ्य: कैंसर की 3 दवाएं कस्टम ड्यूटी फ्री, आयुष्मान पर नया ऐलान नहीं सरकार ने जिन 9 प्राथमिकताओं का जिक्र किया, उनमें हेल्थ शामिल नहीं है। बजट से आयुष्मान भारत योजना से जुड़े बड़े ऐलान का अनुमान था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने कैंसर की 3 दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी है यानी इनके आयात पर टैक्स नहीं लगेगा। इससे कैंसर का इलाज कुछ सस्ता हो सकता है। वित्त मंत्री ने नए मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल खोलने की बात कही है, लेकिन इसके लिए फंड का अलोकेशन नहीं बताया है। 6. डिफेंस: बजट ₹400 करोड़ बढ़ा, ज्यादातर बढ़ोतरी सैलरी-पेंशन में सेना को खर्च के लिए 6,21,940 करोड़ रुपए मिले हैं, जो अंतरिम बजट से महज 400 करोड़ रुपए यानी, 0.064% ज्यादा है। इसमें हथियारों की खरीद और सैलरी-पेंशन को मिलने वाला बजट जस का तस है। 400 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी रक्षा मंत्रालय के हिस्से गई है। लगातार तीसरे साल कैपिटल बजट यानी, हथियारों की खरीद और सेना के मॉडर्नाइजेशन पर होने वाले खर्च में कटौती की गई है। डिफेंस बजट का 67.7% हिस्सा रेवेन्यू और पेंशन बजट को मिला है, जिसका ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन बांटने में खर्च होता है। 7. इन्फ्रास्ट्रक्चर: सड़क, इंडस्ट्रीयल एरिया और 5 राज्यों में इन्फ्रा प्रोजेक्ट बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इनमें सड़कें, औद्योगिक क्षेत्र और पूर्वोदय स्कीम के तहत बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश किए जाने वाले इन्फ्रा प्रोजेक्ट शामिल हैं। 8. बिहार को 58,900 और आंध्र को 15,000 करोड़ मोदी सरकार 3.0 बिहार के CM नीतीश कुमार की JDU और आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू की TDP के भरोसे केंद्र में सत्ता चला रही है। वित्त मंत्री ने बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की। 9. सस्ता-महंगा: मोबाइल फोन, सोना-चांदी सस्ते; प्लास्टिक का सामान महंगा मोटे तौर पर 7 चीजों पर कस्टम ड्यूटी घटी है और 2 की ड्यूटी बढ़ाई है। इससे करीब 7 प्रोडक्ट सस्ते और 2 प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। मोबाइल फोन, चार्जर और सोने-चांदी के गहनों पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6% कर दी गई है। वहीं प्लास्टिक पर यह ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इससे प्लास्टिक प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं। हालांकि, ये प्रोडक्ट कितने सस्ते होंगे या महंगे, यह साफ नहीं है। 10. चीन समर्थक मालदीव की मदद घटी, श्रीलंका को ज्यादा सहायता मिलेगी विदेश मंत्रालय को 22 हजार 154 करोड़ रुपए दिए गए हैं। पिछले साल विदेश मंत्रालय को 29 हजार 121 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसमें 6,967 हजार करोड़ की कटौती की गई है। विदेश मंत्रालय के बजट में ‘नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर मिशन’ के तहत भारत के पड़ोसी और मित्र देशों को आर्थिक मदद के लिए राशि आवंटित की गई है। इनमें भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव समेत 10 देश शामिल हैं। सबसे ज्यादा भूटान के लिए 2 हजार 68 करोड़ का पैकेज रखा गया है। यह पिछले साल से करीब 400 करोड़ कम है। बजट में सबसे ज्यादा कटौती चीन समर्थक मालदीव के पैकेज में की गई है। 2023 में मालदीव के लिए आर्थिक मदद को 183 करोड़ से बढ़ाकर 770 करोड़ किया गया था। वहीं इस साल इसे 400 करोड़ कर दिया गया है। श्रीलंका और नेपाल के लिए बजट में बढ़ोतरी हुई है। इसमें श्रीलंका की मदद 60 करोड़ से 4 गुना से ज्यादा बढ़ाकर 245 करोड़ कर दी है। वहीं नेपाल में चीन समर्थक केपी ओली की सरकार बनने के बावजूद देश के लिए आर्थिक मदद को 650 करोड़ से बढ़ाकर 700 करोड़ किया गया है। 11. पेंशनर्स को अब 10 हजार रुपए ज्यादा टैक्स छूट का लाभ फैमिली पेंशनर्स के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने इस पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन 15 हजार रुपए सालाना से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी है। यानी इस पेंशन को पाने वाले लोग अब 25 हजार रुपए तक की टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। फैमिली पेंशन वह पेंशन होती है, जो सरकारी कर्मचारियों के परिवार को उनकी नौकरी में मौत होने के बाद दी जाती है। नई कर व्यवस्था में लगभग चार करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। अभी फैमिली पेंशन सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी की 30 फीसदी होती है, लेकिन किसी भी हाल में यह 3500 रुपए प्रति माह से कम नहीं हो सकती। 2004 तक के सरकारी नियमों के अनुसार, मृतक कर्मचारी की विधवा या विधुर को फैमिली पेंशन दी जाती है, जब तक उसकी दोबारा शादी नहीं हो जाती है। अगर मृत कर्मचारी की कोई विधवा या विधुर नहीं है, तो राशि उस कर्मचारी पर निर्भर उन बच्चों को दी जाती है, जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम होती है। 12. गरीबों से जुड़ी योजनाओं पर फोकस, सबसे ज्यादा गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए 2.05 लाख करोड़ रुपए सरकार ने बजट में गांवों और गरीबों से जुड़ी योजनाओं पर विशेष फोकस रखा है। सरकार अपनी टॉप 20 योजनाओं में कुल 10.76 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। इनमें सबसे ज्यादा अलोकेशन पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए किया गया है। इसके लिए बजट में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को 2.05 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके अंतर्गत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता है। इस योजना को सरकार ने 5 साल के लिए बढ़ा दिया था। वित्त मंत्री ने पेश किया 48.20 लाख करोड़ का बजट, पिछली बार से 6.58% ज्यादा 13. प्रॉपर्टी बेचने पर महंगाई का फायदा नहीं पहले इंडेक्सेशन (जिस कीमत पर घर खरीदा है, उसे महंगाई के हिसाब से जोड़कर टैक्स निकालते हैं) के साथ 20% टैक्स लगता था, अब इसे 12.5% कर दिया गया। असर ये होगा कि महंगाई के मुकाबले यदि घर ज्यादा महंगा हुआ तो नई व्यवस्था में लाभ है। अगर कम महंगा हुआ है तो आपको नुकसान होगा। यदि 30 लाख का घर 23 साल बाद 3 करोड़ में बेचा तो अभी 38.22 लाख रु. टैक्स लगता है, अब 33.75 लाख रु. लगेंगे। बजट की बाकी घोषणाएं: बजट से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें