बिजनेस | दैनिक भास्कर Business News in Hindi, मनी भास्कर समाचार, Latest Business Hindi News, मनी भास्कर न्यूज़
- सोना ₹548 बढ़कर ₹98,791 प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा:चांदी ₹1.13 लाख किलो बिक रही, इस साल सोना अब तक ₹22,629 महंगा हुआon 21/07/2025 at 6:51 AM
सोने-चांदी के दाम में आज यानी 21 जुलाई को बढ़त है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 24 कैरेट सोने का दाम ₹548 बढ़कर ₹98,791 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। इससे पहले इसका दाम ₹98,243 पर था। चांदी की कीमत ₹60 बढ़कर ₹1,12,760 प्रति किलोग्राम हो गई है। इससे पहले चांदी ₹1,12,700 पर थी। वहीं 14 जुलाई को चांदी ने ₹1,13,867 का ऑल टाइम हाई बनाया था। इसके पहले सोने ने 8 जून को ₹99,454 का ऑल टाइम हाई बनाया था। भोपाल सहित 4 महानगरों में 10 ग्राम सोने की कीमत इस साल अब तक ₹22,629 महंगा हुआ सोना इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 22,629 रुपए बढ़कर 98,791 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 26,743 रुपए बढ़कर 1,12,760 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं पिछले साल यानी 2024 में सोना 12,810 रुपए महंगा हुआ था। सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।
- मैच्युरिटी के बाद पैसे नहीं निकाले तो खाता फ्रीज होगा:इसके बाद पैसे नहीं निकलेंगे, जानें क्या हैं पोस्ट-ऑफिस स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स के नए नियमon 21/07/2025 at 5:39 AM
पोस्ट ऑफिस ने स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स से जुड़े ऐसे खातों की पहचान और फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जो मैच्योर होने के तीन साल बाद तक भी एक्टिव नहीं हैं। इसका मकसद इन पैसों को सुरक्षित रखना और अनधिकृत लेन-देन रोकना है। डाक विभाग जनवरी और जुलाई में ऐसे खातों की जांच करेगा। अगर आपका अकाउंट मैच्योर हो चुका है और आपने ना तो रकम निकाली है और ना ही अवधि को बढ़ाया है, तो उसे फ्रीज कर दिया जाएगा। यानी आप डिपॉजिट, विड्रॉल या ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। किन खातों पर पड़ेगा असर? यह नियम सभी प्रमुख स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर लागू होगा, जैसे: टाइम डिपॉजिट, मंथली इनकम स्कीम, पीपीएफ, सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम, किसान विकास पत्र, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी), रिकरिंग डिपॉजिट। अकाउंट दोबारा कैसे एक्टिव करें? अगर आपका खाता फ्रीज हो गया है, तो उसे दोबारा एक्टिव कराने के लिए आपको पास के पोस्ट ऑफिस जाकर खाते और अपनी पहचान से जुड़े डॉक्यूमेंट जमा कराकर शुरू करा सकेंगे। पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर 7.1% ब्याज दर अभी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1% सालाना ब्याज मिल रहा है। वहीं सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% ब्याज मिल रहा है। स्मॉल सेविंग्स स्कीमों पर ब्याज दरें 4% से 8.2% के बीच हैं। हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं ये स्कीम स्मॉल सेविंग स्कीम भारत में हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं और इसमें 12 इंस्ट्रूमेंट शामिल हैं। इन स्कीम्स में डिपॉजिटर्स को उनके पैसे पर तय ब्याज मिलता है। सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स से हुए कलेक्शन को नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (NSSF) में जमा किया जाता है। स्मॉल सेविंग स्कीम्स सरकारी घाटे के फाइनेंसिंग की सोर्स के रूप में उभरी हैं। क्लासिफिकेशन स्मॉल सेविंग इंस्ट्रूमेंट को तीन भागों में बांटा जा सकता है:
- बफेट को कोका-कोला से हर घंटे ₹80 लाख की कमाई:हर साल ₹7,031 करोड़ का डिविडेंड मिलता, कंपनी के 40 करोड़ शेयर उनके पासon 21/07/2025 at 4:38 AM
अरबपति निवेशक वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे कोका-कोला के शेयर से हर घंटे 80.27 लाख रुपए से अधिक कमा रही है। बफेट की कंपनी के पास कोका-कोला के 40 करोड़ शेयर हैं। इससे उन्हें हर साल 7,031 करोड़ रुपए का डिविडेंड मिलता है। यह प्रति दिन 19.27 करोड़ रुपए होता है। यह एक घंटे का डिविडेंड अमेरिकियों की पूरे साल की औसत कमाई से अधिक है। बफेट ने 36 साल में इसका एक भी शेयर नहीं बेचा बफेट ने 1988 में कोका-कोला के शेयर खरीदना शुरू किया था। अगले कुछ वर्षों में बर्कशायर हैथवे ने 40 करोड़ शेयर जमा करने के लिए लगभग 11 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया। इस लिहाज से बफे की कोका कोला में 7% से अधिक की हिस्सेदारी है। इस साल कोका-कोला के शेयर ने दिया 13% का रिटर्न इस साल अब तक कोका-कोला के शेयर ने 13% का रिटर्न दिया है। 2 जनवरी को इसका शेयर 61.84 डॉलर पर था। जो अब 69.85 डॉलर पर पहुंच गया है। यानी इस साल अब तक ये 8.01 डॉलर बढ़ चुका है। दाम किए 51,300 करोड़ रुपए वॉरेन बफेट ने जून महीने में अपने फर्म के 6 अरब डॉलर (करीब ₹51,300 करोड़) के शेयर गेट्स फाउंडेशन और अपनी चार फैमिली चैरिटीज को दान किया है। ये उनकी अब तक की सबसे बड़ी एनुअल डोनेशन है। दुनिया के 10वें सबसे अमीर हैं वॉरेन बफेट फोर्ब्स की रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट के मुताबिक वॉरेन बफेट की पर्सनल नेटवर्थ 12.26 लाख करोड़ रुपए है। बफेट 94 साल के हैं और दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में से एक हैं। अमीरों की लिस्ट में टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क 35.65 लाख करोड़ रुपए की नेटवर्थ के साथ टॉप पर हैं।
- दिन के निचले स्तर से 650 अंक चढ़ा बाजार:82,100 पर कारोबार कर रहा, निफ्टी में 80 अंक की उछाल; मेटल और रियल्टी शेयरों में तेजीon 21/07/2025 at 3:59 AM
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन आज यानी सोमवार, 21 जुलाई को सेंसेक्स करीब 350 अंक चढ़कर 82,100 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। आज के निचले स्तर से इसमें करीब 650 अंक की रिकवरी हुई है। इधर, निफ्टी में भी करीब 80 अंक की तेजी है, ये 25,050 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 18 में तेजी और 12 में गिरावट है। HDFC बैंक, ICICI बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट, MM और इटरनल 2% चढ़कर कारोबार कर रहे हैं। वहीं, रिलायंस, HCL टेक और TCS गिरकर कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी के 50 शेयरों में से 24 में तेजी और 26 में गिरावट है। NSE के IT, सरकारी बैंकिंग और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 1% की गिरावट है। मेटल और रियल्टी शेयर्स चढ़े हैं। ग्लोबल मार्केट में मिलाजुला कारोबार 18 जुलाई DIIs ने 2,104 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे शुक्रवार को 502 अंक गिरकर बंद हुआ था बाजार पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार (18 जुलाई) को सेंसेक्स 502 अंक गिरकर 81,758 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 143 अंक की गिरावट रही, ये 24,968 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में गिरावट और 7 में तेजी रही। एक्सिस बैंक का शेयर 5.25% नीचे बंद हुआ। BEL, कोटक बैंक और HDFC बैंक के शेयर में भी 2.5% गिरावट रही। वहीं, बजाज फाइनेंस और टाटा स्टील के शेयर 2% तक चढ़े। निफ्टी के 50 शेयरों में से 33 शेयर्स गिरकर, वहीं 17 शेयर्स चढ़कर बंद हुए। निफ्टी प्राइवेट बैंकिंग इंडेक्स सबसे ज्यादा 1.46% गिरा। ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और PSU बैंकिंग इंडेक्स में भी बिकवाली रही। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और मुनाफावसूली के चलते बाजार में यह गिरावट देखने को मिल रही है। ———————————- ये खबर भी पढ़ें… 22-23 जुलाई को बाजार में तेज मूवमेंट दिख सकता है: जानें सपोर्ट और रेजिस्टेंस के अहम लेवल; 5 फैक्टर्स तय कर सकते हैं बाजार की चाल शेयर बाजार के लिए 21 से 25 जुलाई 2025 का हफ्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक- 22-23 जुलाई को तेज इंट्राडे मूवमेंट दिख सकता है। वहीं 24-25 जुलाई पोजिशनल ट्रेडर्स के लिए खास हैं। इसके अलावा भारत-अमेरिका की ट्रेड डील, पहली तिमाही के कंपनियों के नतीजे से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है…
- भारत डिजिटल पेमेंट में दुनिया में नंबर-1:पेट्रोल-डीजल के दाम में आज कोई बदलाव नहीं, HR के साथ रोमांटिक वीडियो में दिखे CEO का इस्तीफाon 20/07/2025 at 11:30 PM
कल की बड़ी खबर डिजिटल पेमेंट से जुड़ी रही। भारत ने फास्ट और सिक्योर डिजिटल पेमेंट सेक्टर में दुनिया में पहला स्थान हासिल कर लिया है। वहीं कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR हेड के साथ रोमांस करते दिखाई देने वाले टेक कंपनी एस्ट्रोनॉमर के CEO एंडी बायरन ने इस्तीफा दे दिया है। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. भारत डिजिटल पेमेंट में दुनिया में नंबर-1: UPI से हर महीने 1800 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन; जून में ₹24.03 लाख करोड़ का कारोबार हुआ भारत ने फास्ट और सिक्योर डिजिटल पेमेंट सेक्टर में दुनिया में पहला स्थान हासिल कर लिया है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की बदौलत भारत ने डिजिटल ट्रांजैक्शन में यह मुकाम हासिल किया है। 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा शुरू किया गया UPI आज देश में पैसे के लेन-देन का सबसे आसान और पॉपुलर तरीका बन चुका है। UPI की मदद से लोग एक ही मोबाइल एप से अपने कई बैंक अकाउंट को जोड़ सकते हैं और कुछ ही सेकेंड में सुरक्षित, कम लागत वाले लेनदेन कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. HR के साथ रोमांटिक वीडियो में दिखे CEO का इस्तीफा: कोल्ड प्ले कॉन्सर्ट में वायरल हुआ एंडी बायरन का वीडियो; कंपनी अफेयर की जांच भी करेगी कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR हेड के साथ रोमांस करते दिखाई देने वाले टेक कंपनी एस्ट्रोनॉमर के CEO एंडी बायरन ने इस्तीफा दे दिया है। बायरन का HR हेड क्रिस्टिन कैबोट के साथ वीडियो वायरल होने के बाद कंपनी से शनिवार को उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. 22-23 जुलाई को बाजार में तेज मूवमेंट दिख सकता है: जानें सपोर्ट और रेजिस्टेंस के अहम लेवल; 5 फैक्टर्स तय कर सकते हैं बाजार की चाल शेयर बाजार के लिए 21 से 25 जुलाई 2025 का हफ्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक- 22-23 जुलाई को तेज इंट्राडे मूवमेंट दिख सकता है। वहीं 24-25 जुलाई पोजिशनल ट्रेडर्स के लिए खास हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. स्कूलों में बच्चों के आधार कार्ड अपडेट करने की प्लानिंग: UIDAI शुरू करेगा नया अभियान, 7 करोड़ बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट होगा यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) बच्चों के आधार कार्ड को अपडेट करने के लिए स्कूलों में अभियान शुरू करने करने की प्लानिंग कर रही है। देशभर में 5 साल से ऊपर के लगभग 7 करोड़ बच्चों के आधार में बायोमेट्रिक डेटा (उंगलियों के निशान, आंखों की स्कैनिंग और फोटो) अपडेट किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5.बच्चों के लिए एप लॉन्च करेगी इलॉन मस्क की कंपनी: बेबी ग्रोक एप पर चाइल्ड फ्रेंडली कंटेंट मिलेगा, पेरेंट्स निगरानी रख सकेंगे इलॉन मस्क की कंपनी xAI अब बच्चों के लिए सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली AI एप लाने की तैयारी में हैं। मस्क ने रविवार को ऐलान किया कि जल्द ही नया एप ‘बेबी ग्रोक’ लॉन्च किया जाएगा, जो बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित और उनकी उम्र के मुताबिक कंटेंट देगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 6. FD vs पोस्ट ऑफिस किसान विकास पत्र स्कीम: SBI ने FD की ब्याज दरों में कटौती की, जानें अब कहां निवेश करना ज्यादा फायदेमंद सरकार ने जुलाई-सितंबर (Q2FY26) के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। यानी आपको पहले जितना ही ब्याज मिलता रहेगा। अगर आप इन दिनों फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराने का प्लान बना रहे हैं तो तो इससे पहले पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) स्कीम की ब्याज दर के बारे में भी जान लेना चाहिए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… रविवार को छुट्टी के चलते बाजार बंद था तो शुक्रवार के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…
- स्कूलों में बच्चों के आधार कार्ड अपडेट करने की प्लानिंग:UIDAI शुरू करेगा नया अभियान, 7 करोड़ बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट होगाon 20/07/2025 at 1:26 PM
यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) बच्चों के आधार कार्ड को अपडेट करने के लिए स्कूलों में अभियान शुरू करने करने की प्लानिंग कर रही है। देशभर में 5 साल से ऊपर के लगभग 7 करोड़ बच्चों के आधार में बायोमेट्रिक डेटा (उंगलियों के निशान, आंखों की स्कैनिंग और फोटो) अपडेट किया जाएगा। यह काम स्कूलों में माता-पिता की सहमति से होगा। ये अभियान 2 महीने के अंदर शुरू किया जा सकता है। यहां सवाल जवाब में समझें कैसे होगी स्कूलों में आधार कार्ड अपडेट की प्रक्रिया…. 1. UIDAI बच्चों का आधार क्यों अपडेट कर रहा है? जवाब: 5 साल से कम उम्र में बच्चों का आधार बिना बायोमेट्रिक के बनता है। 5 साल के बाद उंगलियों के निशान, आंखों की स्कैनिंग और फोटो अपडेट करना जरूरी है। अगर यह नहीं होता, तो आधार निष्क्रिय हो सकता है। इससे स्कूल एडमिशन, स्कॉलरशिप या सरकारी योजनाओं में दिक्कत हो सकती है। 2. स्कूलों में आधार अपडेट की प्रक्रिया क्या होगी? जवाब: UIDAI हर जिले में बायोमेट्रिक मशीनें भेजेगा, जो स्कूल-स्कूल जाकर बच्चों का डेटा अपडेट करेंगी। माता-पिता की सहमति से बच्चों के फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग और फोटो लिए जाएंगे। यह अभियान दो महीने बाद शुरू होगा और धीरे-धीरे सभी स्कूलों में पहुंचेगा। 15 साल की उम्र में एक और अपडेट करना होगा। 3. क्या आधार अपडेट के लिए पैसे देने होंगे? जवाब: 5 से 7 साल की उम्र के बच्चों का आधार अपडेट मुफ्त है। अगर बच्चा 7 साल से बड़ा है, तो 100 रुपए शुल्क देना होगा। समय पर अपडेट न करने से आधार निष्क्रिय हो सकता है, जिससे कई सुविधाएं रुक सकती हैं। 4.आधार अपडेट कराना क्यों जरूरी ? जवाब: अपडेटेड आधार से स्कूल एडमिशन, स्कॉलरशिप, एग्जाम रजिस्ट्रेशन और सरकारी योजनाओं का फायदा आसानी से मिलेगा। UIDAI का कहना है कि सही बायोमेट्रिक डेटा होने से बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) और अन्य सुविधाएं समय पर मिलेंगी। स्कूलों के जरिए यह काम तेज और आसान होगा। आधार से KYC और आसान होगी इसके अलावा UIDAI) आधार कार्ड से होने वाली KYC (नो योर कस्टमर) को और आसान, सुरक्षित और यूजर-फ्रेंडली बनाने की प्लानिंग है। नए बदलावों के बाद आपको बैंक, होटल अन्य सर्विसेज में आधार नंबर या पर्सनल डिटेल्स शेयर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 1. आधार KYC में क्या बदलाव होगा? जवाब: UIDAI ऑफलाइन आधार KYC को आसान और सुरक्षित बना रहा है। अब आपको KYC के लिए आधार नंबर या पर्सनल डिटेल्स शेयर नहीं करनी होंगी। QR कोड और PDF फॉर्मेट का इस्तेमाल होगा, जिससे प्राइवेसी बढ़ेगी और प्रोसेस आसान होगा। बायोमेट्रिक या OTP की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। 2. ये नया सिस्टम कैसे काम करेगा? जवाब: UIDAI जो QR कोड और PDF फॉर्मेट ला रहा है, उसमें आप अपने फोन या कंप्यूटर से आधार का QR कोड या PDF शेयर कर सकेंगे। ये डिजिटल फॉर्मेट आसान और सुरक्षित होगा और सर्विस प्रोवाइडर इसे स्कैन करके आपकी पहचान चेक कर सकेंगे। 3. इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा? जवाब: यह सिस्टम प्राइवेसी को बढ़ाएगा, क्योंकि इसमें आधार नंबर शेयर नहीं करना पड़ेगा। खासकर गांवों या दूरदराज के इलाकों में, जहां बायोमेट्रिक या OTP की सुविधा मुश्किल होती है, वहां KYC आसान हो जाएगी। बैंक, फिनटेक और इंश्योरेंस कंपनियां इसे जल्दी अपनाएंगी, जिससे अकाउंट खोलना या सर्विस लेना तेज होगा। 4. पुराने KYC सिस्टम में क्या परेशानी थी? जवाब: पहले कई स्टार्टअप्स गैर-कानूनी तरीके से ऑफलाइन KYC कर रहे थे, जिससे डेटा लीक का खतरा था। फिनटेक और नॉन-बैंकिंग कंपनियों को KYC में देरी का सामना करना पड़ता था। ये खबर भी पढ़ें… आपके आधार कार्ड का तो नहीं हो रहा गलत इस्तेमाल:घर बैठे कर सकते हैं चेक, गलत इस्तेमाल होने पर शिकायत भी कर सकेंगे आधार कार्ड एक जरूरी दस्तावेज है। सरकारी योजना का लाभ लेने से लेकर बच्चे के एडमिशन तक के लिए आधार नंबर मांगा जाता है। आधार कार्ड में आपके नाम, पता और फोन नंबर से लेकर फिंगरप्रिंट तक की जानकारियां रहती हैं। ऐसे में आधार का किसी गलत हाथों में लग जाने से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पूरी खबर पढ़ें…
- 22-23 जुलाई को बाजार में तेज मूवमेंट दिख सकता है:जानें सपोर्ट और रेजिस्टेंस के अहम लेवल; 5 फैक्टर्स तय कर सकते हैं बाजार की चालon 20/07/2025 at 11:27 AM
शेयर बाजार के लिए 21 से 25 जुलाई 2025 का हफ्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह के मुताबिक- 22-23 जुलाई को तेज इंट्राडे मूवमेंट दिख सकता है। वहीं 24-25 जुलाई पोजिशनल ट्रेडर्स के लिए खास हैं। इसके अलावा भारत-अमेरिका की ट्रेड डील, पहली तिमाही के कंपनियों के नतीजे से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। चलिए समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है… इस हफ्ते निफ्टी के अहम लेवल सपोर्ट जोन: 24,978 / 24,850 / 24,676 / 24,538 / 24,450 सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है। रेजिस्टेंस जोन: 25,080 / 25,147 / 25,320 / 25,434 / 25,566 / 25,600 रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है। शेयर बाजार के लिए दो अहम तारीखें पिछले हफ्ते का रिव्यू: 15-19 जुलाई हर्षुभ शाह ने कहा- हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में 15 जुलाई को अहम दिन बताया था और वाकई ये दिन बाजार के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। 19 जुलाई को जब 15 जुलाई का लो लेवल टूटा, तो निफ्टी में तेज गिरावट दिखी। 15 जुलाई का हाई लेवल भी खास रहा- 16 जुलाई को बाजार ने इस लेवल को तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद और बिकवाली हुई। अब 5 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं… 1. कंपनियों के नतीजे: इस हफ्ते 286 कंपनियां जून तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी। आइशर मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, डॉ. रेड्डीज, इन्फोसिस, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, नेस्ले इंडिया, SBI लाइफ इंश्योरेंस, सिप्ला और कोटक महिंद्रा बैंक के नतीजे आने वाले हैं। इसके अलावा पेटीएम, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन, यूनाइटेड ब्रुअरीज, जी एंटरटेनमेंट और बजाज हाउसिंग फाइनेंस जैसी कंपनियां भी अपने नतीजे जारी करेंगी। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद रिलायंस और JSW स्टील के नतीजों का असर भी इस हफ्ते बाजार पर दिखेगा। साथ ही, शनिवार को HDFC बैंक, ICICI बैंक और रिलायंस पावर के आए नतीजों की वजह से बाजार खुलने पर इन शेयरों पर सबकी नजर रहेगी। 2. भारत-अमेरिका ट्रेड डील: भारत और अमेरिका ने वॉशिंगटन में प्रस्तावित बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के लिए पांचवें दौर की बातचीत पूरी कर ली है। 14 से 17 जुलाई तक चली चार दिन की इस चर्चा का नेतृत्व भारत के चीफ नेगोशिएटर और वाणिज्य मंत्रालय के स्पेशल सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने किया। दोनों देश 1 अगस्त से पहले एक अंतरिम ट्रेड डील को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं। ये तारीख इसलिए अहम है, क्योंकि इस दिन ट्रम्प-युग के टैरिफ्स का सस्पेंशन पीरियड खत्म हो रहा है। इसमें भारत पर 26% तक की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई थी। 3. विदेशी और घरेलू निवेशक: आने वाले हफ्ते में बाजार की दिशा काफी हद तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के रुख पर निर्भर करेगी। शुक्रवार को FII ने 374.74 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, यानी वे नेट बायर्स रहे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) भी नेट बायर्स रहे और उन्होंने 2,103.51 करोड़ रुपए की खरीदारी की। 4. टेक्निकल फैक्टर्स: आसित सी. मेहता इनवेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स के हृषिकेश येडवे ने बताया कि निफ्टी ने डेली चार्ट पर अपने 34-दिन के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (34-DEMA) को तोड़ दिया है और एक रेड कैंडल बनाया, जो कमजोरी का संकेत है। हालांकि, निफ्टी 50-DEMA के ऊपर टिका हुआ है, जो अभी 24,930 के आसपास है। अगर ये लेवल टूटता है, तो निफ्टी 24,750-24,500 की रेंज तक नीचे जा सकता है। दूसरी तरफ, अगर निफ्टी 24,930 के ऊपर टिकता है, तो 25,200-25,250 तक रिकवरी की उम्मीद बन सकती है। बाजार थोड़े दबाव के साथ रेंज में रह सकते हैं वहीं रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के अजीत मिश्रा के मुताबिक, कमजोर तिमाही नतीजों और वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से बाजार थोड़े दबाव के साथ रेंज में रह सकते हैं। उन्होंने कहा, “निफ्टी पिछले हफ्ते 25,000 के अहम मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ। अगर निफ्टी 24,900 के सपोर्ट लेवल को तोड़ता है, तो इसमें और गिरावट की आशंका है। ऐसा हुआ तो आने वाले सेशंस में ये 24,450-24,700 की रेंज तक जा सकता है। ऊपरी तरफ, 20-दिन का EMA अभी शॉर्ट-टर्म रुकावट का काम कर रहा है। ये 25,250 के आसपास रिकवरी को रोक सकता है। तेजी के लिए इस लेवल को मजबूती से पार करना जरूरी है। जब तक ऐसा नहीं होता, बाजार का ओवरऑल ट्रेंड दबाव में रहने की उम्मीद है।” 5. आर्थिक आंकड़े: आर्थिक मोर्चे पर, भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर आउटपुट और HSBC फ्लैश PMI के आंकड़े (मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और कम्पोजिट सेक्टर) पर निवेशकों की खास नजर रहेगी। मेनबोर्ड सेगमेंट में चार नए IPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेंगे शुक्रवार को 502 अंक गिरकर बंद हुआ था बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन18 जुलाई को सेंसेक्स 502 अंक गिरकर 81,758 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 143 अंक की गिरावट रही, ये 24,968 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 में गिरावट और 7 में तेजी रही। एक्सिस बैंक का शेयर 5.25% नीचे बंद हुआ। BEL, कोटक बैंक और HDFC बैंक के शेयर में भी 2.5% गिरावट रही। वहीं, बजाज फाइनेंस और टाटा स्टील के शेयर 2% तक चढ़े। डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी और सीखने के लिए है। ऊपर दी गई राय और सलाह व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि दैनिक भास्कर की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।
- भारत डिजिटल पेमेंट में दुनिया में नंबर-1:UPI से हर महीने 1800 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन; जून में ₹24.03 लाख करोड़ का कारोबार हुआon 20/07/2025 at 10:03 AM
भारत ने फास्ट और सिक्योर डिजिटल पेमेंट सेक्टर में दुनिया में पहला स्थान हासिल कर लिया है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की बदौलत भारत ने डिजिटल ट्रांजैक्शन में यह मुकाम हासिल किया है। 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा शुरू किया गया UPI आज देश में पैसे के लेन-देन का सबसे आसान और पॉपुलर तरीका बन चुका है। UPI की मदद से लोग एक ही मोबाइल एप से अपने कई बैंक अकाउंट को जोड़ सकते हैं और कुछ ही सेकेंड में सुरक्षित, कम लागत वाले लेनदेन कर सकते हैं। NPCI के अनुसार, UPI से हर महीने 1,800 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन होते हैं। जून 2025 में UPI ने 1,839 करोड़ ट्रांजैक्शन के साथ 24.03 लाख करोड़ रुपए का कारोबार किया, जो पिछले साल जून 2024 के 1,388 करोड़ ट्रांजैक्शन की तुलना में 32% की ग्रोथ को दर्शाता है। UPI ने डिजिटल-डॉमिनेटेड इकोनॉमी की ओर बढ़ाया PIB ने कहा, ‘UPI ने भारत को कैश और कार्ड बेस्ड पेमेंट से दूर ले जाकर डिजिटल-डॉमिनेटेड इकोनॉमी की ओर बढ़ाया है।’ यह मंच न केवल बड़े बिजनेस के लिए, बल्कि छोटे दुकानदारों और आम लोगों के लिए फाइनेंशियल इंक्लूजन का एक मजबूत साधन बन गया है। भारत में 85% डिजिटल पेमेंट UPI से हो रहे आज भारत में 85% डिजिटल पेमेंट UPI के जरिए हो रहे हैं, जिसमें 49.1 करोड़ यूजर्स, 6.5 करोड़ बिजनेसमैन और 675 बैंक एक ही प्लेटफॉर्म पर जुड़े हैं। इतना ही नहीं, UPI अब ग्लोबल लेवल पर भी लगभग 50% रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट्स को संभाल रहा है। भारत से बाहर भी हो रहा UPI का इस्तेमाल UPI का प्रभाव अब भारत की सीमाओं से बाहर भी दिख रहा है। यह सात देशों- संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस में भी अवेलेबल है। फ्रांस में UPI की शुरुआत इसके यूरोप में पहले कदम का प्रतीक है, जिससे विदेश में रहने या ट्रैवल करने वाले भारतीयों के लिए पेमेंट करना आसान हो गया है। PIB ने कहा, ‘यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि यह भारत के डिजिटल फ्रेमवर्क पर बढ़ते भरोसे और कैशलेस इकोनॉमी की ओर तेजी से बढ़ते कदमों को दर्शाता है।’ UPI ने न केवल लेनदेन को आसान बनाया है, बल्कि छोटे व्यापारियों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी डिजिटल इकोनॉमी से जोड़ा है। UPI की यह सफलता भारत को टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन और फाइनेंशियल इंक्लूजन में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित कर रही है। UPI कैसे काम करता है? UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… UPI ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं लगेगा: दुकानदारों से ₹3000 के पेमेंट पर ₹9 चार्ज वसूलने की खबरें फेक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से ट्रांजैक्शन करने पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगेगा। वित्त मंत्रालय ने बुधवार (11 जून) को X पर पोस्ट कर UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने की खबरों को भ्रामक और निराधार बताया है। पूरी खबर पढ़ें…
बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.
- बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया थाon 02/02/2025 at 10:54 PM
भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…
- आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगाon 01/02/2025 at 11:46 PM
2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…
- बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकारon 01/02/2025 at 11:44 PM
वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें
- बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाखon 01/02/2025 at 11:30 PM
इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन
- बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहींon 01/02/2025 at 11:28 PM
सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।
- बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तसon 01/02/2025 at 11:25 PM
बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।
- Alaska Airlines Resumes Operations After IT Outageby Yan Zhuang and Livia Albeck-Ripka on 21/07/2025 at 6:13 AM
Alaska Airlines said it had ended the ground stop, which lasted about three hours and resulted from a software outage. “Residual impacts” to its operations were likely, it said.
- Trump Tariffs on Russia Could Hurt Wary U.S. Farmersby Kevin Draper on 21/07/2025 at 1:03 AM
President Trump’s plan to impose a 100 percent tariff on Russian goods could raise the cost of urea, a key fertilizer in corn and other row crops.
- Canceling ‘The Late Show’ Is Bad News for Late-Night TV, not Stephen Colbertby Jason Zinoman on 21/07/2025 at 12:50 AM
The art form was already in decline; this may hasten its demise. But don’t fret about the host. His talents are better showcased elsewhere.
- China Exit Ban on Wells Fargo Executive Stokes Foreign Business Anxietyby Keith Bradsher on 20/07/2025 at 10:08 PM
A Wells Fargo banker and a U.S. government employee were blocked from leaving and a Japanese pharmaceutical executive was imprisoned, even as Beijing tries to court overseas investors.
- Jewel Thais-Williams, Whose Nightclub Catch One Celebrated ‘Queer Black Joy,’ Dies at 86by Ash Wu on 20/07/2025 at 9:41 PM
Catch One, which she opened in Los Angeles in 1973 in the face of local animosity, became a glittering sanctuary for a largely shunned community.
- As Trump Courts a More Assertive Beijing, China Hawks Are Losing Outby Ana Swanson and Tripp Mickle on 20/07/2025 at 6:12 PM
The Trump administration has dialed back aggressive measures against China and reversed its position on technology controls as the president angles for a Chinese trip later this year.
- The Toupee Queen Uses TikTok to Combat Stigma of Baldness and Hair Systemsby Nicole Stock on 20/07/2025 at 9:00 AM
Known as the Toupee Queen online, Emily Cheney is helping change the way people talk about men’s hair loss.
- Organ Donation: What to Know About the Processby Trinity Webster-Bass on 20/07/2025 at 7:00 AM
Organ donation saves lives and enjoys widespread public support. But many people are unsure what they agree to when they sign up.
- Pet Owner Flooded With Puzzling Calls About a Lost Cat While Hers Is Safely at Homeby Rylee Kirk on 19/07/2025 at 10:18 PM
Natasha Lavoie’s phone number appeared on a T-shirt sold online that advertised a fictitious missing cat. She can’t stop the calls from coming.
- Brett Cooper Is Spreading Conservatism, One Celebrity Drama at a Timeby Jessica Testa on 19/07/2025 at 8:13 PM
The YouTuber set out to reach young conservatives who felt alienated by mainstream culture. Now she is the newest face at Fox News, though dreaming of her own Goop.
- Astronomer CEO Andy Byron Resigns After Video at Coldplay Concert Exposes Alleged Affairby Sadiba Hasan on 19/07/2025 at 7:41 PM
A video from a concert dominated internet discourse, and it led to the resignation of a company’s C.E.O.
- What Life Is Like for Four Young Adults Supporting Their Aging Parentsby Charlotte Cowles on 19/07/2025 at 1:07 PM
Most young adults don’t expect to support their aging parents. Here’s what happened when four people had to.