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बिजनेस | दैनिक भास्कर Business News in Hindi, मनी भास्कर समाचार, Latest Business Hindi News, मनी भास्कर न्यूज़

  • रेड सी में ऑप्टिक फाइबर केबल कटी:इससे दुनियाभर का 17% इंटरनेट ट्रैफिक प्रभावित हुआ; बिजनेस-स्ट्रीमिंग जैसे कामों में रुकावट
    on 07/09/2025 at 10:24 AM

    रेड सी में ऑप्टिक फाइबर केबलों के कटने से दुनियाभर का 17% इंटरनेट ट्रैफिक प्रभावित हो गया है। ये ऑप्टिक फाइबर केबल माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड प्लेटफॉर्म अजूर की थीं, जो यूरोप और एशिया को इंटरनेट प्रोवाइड करतीं हैं। यह घटना 6 सितंबर को हुई जब जब कई प्रमुख केबल्स जैसे SEACOM/TGN-EA, AAE-1 और EIG कट गईं। कंपनी ने बताया कि केबल रिपेयर में वक्त लगेगा। इस बीच यूजर्स को धीमे इंटरनेट का सामना करना पड़ रहा है। बिजनेस, ऑनलाइन क्लासेस जैसी सर्विस पर असर माइक्रोसॉफ्ट ने अपने अजूर सर्विस अपडेट में कहा कि खासकर मिडिल ईस्ट से होकर गुजरने वाला ट्रैफिक प्रभावित हुआ है, जिससे यूजर्स को लेटेंसी (देरी) का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने बताया कि वह रूटिंग को ऑप्टिमाइज कर रही है। रेड सी से 17% ग्लोबल इंटरनेट ट्रैफिक गुजरता है, जो यूरोप और एशिया को जोड़ता है। इससे बिजनेस, ऑनलाइन क्लासेस और स्ट्रीमिंग जैसे कामों में रुकावट आई है। अभी तक यह साफ नहीं है कि केबल्स कैसे कटीं केबल कटने की घटना किस कारण से हुई इसका अभी तक पता नहीं चल सका है। इससे पहले हुई इस तरह की घटनाओं में शिप के एंकर या जानबूझकर तोड़फोड़ का शक जताया गया है। रेड सी में चल रहे संघर्ष और यमन के हूती विद्रोहियों की गतिविधियों ने सवाल उठाए हैं, लेकिन हूती समूह ने इसे नकारा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह साजिश थी, तो डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाना भविष्य में बड़ा खतरा हो सकता है। सरकारें और टेलिकॉम कंपनियां जांच में जुटी हैं, लेकिन अभी कोई ठोस सबूत नहीं मिला। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा- यूजर्स को हो रही परेशानी माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह लगातार निगरानी कर रही है और वैकल्पिक रास्तों से ट्रैफिक डायवर्ट कर रही है, लेकिन यूजर्स को अभी भी धीमी स्पीड और देरी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर एशिया-यूरोप ट्रैफिक प्रभावित हुआ है, जबकि अन्य रास्तों पर असर नहीं है। कंपनी रोजाना अपडेट देगी, लेकिन रिपेयर में हफ्तों लग सकते हैं। बिजनेस यूजर्स और ऑनलाइन सर्विसेज पर इसका असर देखा जा रहा है, जिससे कई कंपनियों को नुकसान हो सकता है।

  • अडाणी ग्रुप 2032 तक ₹5.34 लाख करोड़ निवेश करेगा:पावर में ₹1.94 लाख करोड़ इन्वेस्टमेंट होगा, रिन्यूएबल एनर्जी और ट्रांसमिशन पर भी फोकस रहेगा
    on 07/09/2025 at 9:21 AM

    गौतम अडाणी का अडाणी ग्रुप अगले सात सालों (वित्त वर्ष 2032 तक) में इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन, रिन्यूएबल एनर्जी और ट्रांसमिशन-डिस्ट्रीब्यूशन में करीब 60 बिलियन डॉलर (लगभग 5.34 लाख करोड़ रुपए) निवेश करने का प्लान बना रहा है। इस निवेश का मकसद भारत की तेजी से बढ़ती इलेक्ट्रिसिटी डिमांड को पूरा करना और देश को एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना है। रिन्यूएबल एनर्जी में ₹1.85 लाख ​​​​​​करोड़ ​का निवेश होगा अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस कर रही है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2030 तक अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी को मौजूदा 14.2 गीगावाट (GW) से बढ़ाकर 50 गीगावाट करने का टारगेट रखा है। इसके लिए 21 बिलियन डॉलर (लगभग 1.85 लाख करोड़ रुपए) का निवेश किया जाएगा। AGEL सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स बनाती, चलाती और मेंटेन करती है, जो बड़े पैमाने पर ग्रिड से जुड़े हुए हैं। ट्रांसमिशन-डिस्ट्रीब्यूशन में ₹1.50 लाख करोड़ का निवेश वहीं अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL), बिजली के ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर में 17 बिलियन डॉलर (लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करेगी। कंपनी का टारगेट है कि वित्त वर्ष 2030 तक मौजूदा 19,200 किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइन्स को बढ़ाकर 30,000 किलोमीटर किया जाए। AESL न केवल बिजली ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में काम करती है, बल्कि स्मार्ट मीटरिंग और कूलिंग सॉल्यूशंस जैसे सेक्टरों में भी अपनी मौजूदगी रखती है। थर्मल पावर में ₹1.94 लाख करोड़ निवेश करेगी कंपनी भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट थर्मल पावर कंपनी अडाणी पावर, वित्त वर्ष 2032 तक अपनी कैपेसिटी को 17.6 गीगावाट से बढ़ाकर 41.9 गीगावाट करने के लिए 22 बिलियन डॉलर (लगभग 1.94 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करेगी। कंपनी का कारोबार गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में फैला हुआ है। इसके अलावा गुजरात में कंपनी का 40 मेगावाट का सोलर पावर प्रोजेक्ट भी है। भारत में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की बढ़ती संभावनाएं अडाणी ग्रुप का कहना है कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बिजली बाजारों में से एक है। वित्त वर्ष 2025 में भारत की टोटल इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन कैपेसिटी 475 गीगावाट है, जो 11% की सालाना ग्रोथ रेट के साथ 2032 तक 1,000 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। इस सेक्टर में 500 बिलियन डॉलर यानी 44.08 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की निवेश संभावनाएं हैं। रिन्यूएबल एनर्जी: भारत रिन्यूएबल एनर्जी में दुनिया में चौथे नंबर पर है, जहां मौजूदा कैपेसिटी 172 गीगावाट है। 2032 तक इसे 571 गीगावाट तक ले जाने के लिए 300 बिलियन डॉलर (26.45 लाख करोड़ रुपए) की निवेश संभावनाएं हैं। थर्मल पावर: थर्मल पावर की कैपेसिटी 2025 में 247 गीगावाट से बढ़कर 2032 तक 309 गीगावाट हो जाएगी। इसके लिए 80 गीगावाट एडिशनल कोल बेस्ड कैपेसिटी की जरूरत होगी, जिसमें 91 बिलियन डॉलर (8.02 लाख करोड़ रुपए) का निवेश होगा। अडाणी पावर का कहना है कि कोयला भारत की बिजली सप्लाई का आधार बना रहेगा, जो बढ़ती डिमांड और रिन्यूएबल एनर्जी की अनिश्चितता को संभालने में अहम भूमिका निभाएगा। ट्रांसमिशन नेटवर्क: भारत का ट्रांसमिशन नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े ग्रिड्स में से एक है। 2025 में 4,94,000 किलोमीटर के नेटवर्क को 2032 तक 6,48,000 किलोमीटर तक बढ़ाने का प्लान है, जिसमें 110 बिलियन डॉलर यानी 9.69 लाख करोड़ रुपए की निवेश संभावनाएं हैं। अडाणी ग्रुप का यह बड़ा निवेश भारत के बिजली सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रिन्यूएबल एनर्जी, थर्मल पावर और ट्रांसमिशन नेटवर्क में निवेश के जरिए ग्रुप न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में योगदान देगा, बल्कि देश को ग्लोबल एनर्जी मार्केट में भी मजबूत स्थिति दिलाएगा।

  • शेयर बाजार में 10 सितंबर को हाई-मोमेंटम मूव्स की उम्मीद:जानें सपोर्ट और रेजिस्टेंस के अहम लेवल; 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
    on 07/09/2025 at 9:20 AM

    शेयर बाजार में कल से शुरू होने वाले हफ्ते में 10 सितंबर (±1 दिन) को हाई-मोमेंटम मूव्स दिख सकते हैं। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह ने अपनी वीकली मार्केट रिपोर्ट में इसकी संभावना जताई है। इसके अलावा महंगाई दर के आंकड़े, ग्लोबल मार्केट के संकेत, अमेरिकी टैरिफ से लेकर विदेशी निवेशकों की खरीद-बिक्री और टेक्निकल फैक्टर्स बाजार की चाल तय करेंगे। चलिए समझते हैं कि इस हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है… सपोर्ट जोन: 24,676 | 24,540 | 24,480 | 24,445 | 24,382 | 24,331 | 24,140 सपोर्ट यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। यहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती। इन स्तरों पर खरीदारी का मौका मिल सकता है। रेजिस्टेंस जोन: 24,806 | 24,856 | 24,987 | 25,083 | 25,145 | 25,322 | 25,435 रेजिस्टेंस यानी, वह स्तर जहां शेयर या इंडेक्स को ऊपर जाने में रुकावट आती है। ऐसा बिकवाली बढ़ने से होता है। अगर निफ्टी रजिस्टेंस जोन को पार करता है, तो नई तेजी आ सकती है। ट्रेडिंग टिप्स: क्या करें ट्रेडर्स? अब 5 फैक्टर्स जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं… 1. महंगाई दर के आंकड़े: 12 सितंबर को अगस्त महीने की रिटेल महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे। जुलाई में रिटेल महंगाई घटकर 1.55% पर आ गई थी। ये 8 साल 1 महीने का निचला स्तर है। इसके अलावा निवेशकों की नजर विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़ों पर भी रहेगी। 2. FII की बिकवाली: विदेशी निवेशकों (FIIs/FPIs) ने शुक्रवार को 1,305 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 1,821 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी की। इस साल अब तक, FIIs कुल 2.15 लाख करोड़ रुपए के नेट सेलर रहे हैं, वहीं DIIs नेट खरीदार के रूप में उभरे हैं। इनकी खरीदारी 5.24 लाख करोड़ रुपए तक पहुंची है। 3. अमेरिकी बाजार: वॉल स्ट्रीट की चाल अन्य बाजारों को भी प्रभावित करती है। भारतीय बाजारों पर भी इसका कुछ असर दिख सकता है। 4. अमेरिकी टैरिफ: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें उन व्यापारिक भागीदारों को टैरिफ छूट दी गई है, जिन्होंने इंडस्ट्रियल एक्सपोर्ट एग्रीमेंट कर लिए। इसमें निकल, सोना, अन्य धातुएं, फार्मास्यूटिकल कंपाउंड और केमिकल शामिल है। 5. टेक्निकल फैक्टर: SBI सिक्योरिटीज के सुदीप शाह ने कहा कि निफ्टी के लिए रेजिस्टेंस जोन 24,950-25,000 के बीच है, जबकि सपोर्ट 24,550-24,500 के दायरे में है। वहीं रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के अजित मिश्रा ने कहा- 25,000 के ऊपर ब्रेकआउट नया मोमेंटम ला सकता है। ये निफ्टी को 25,250 और फिर 25,400 की ओर ले जा सकता है। इस हफ्ते निफ्टी 1.29% चढ़कर बंद हुआ 1-5 सिंतबर के हफ्ते निफ्टी 1.29% की तेजी के साथ 24,741 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1.13% चढ़कर 80,710 पर बंद हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेसेस भी क्रमशः 1.8% और 2.5% बढ़े। पहले तिमाही की 7.8% जीडीपी ग्रोथ और जीएसटी स्लैब को 4 से घटाकर दो करने के कारण बाजार में ये तेजी दिखाई दी।

  • IT-कंपनियों को अमेरिका से काम मिलना बंद हो सकता है:अमेरिकी एक्टिविस्ट का दावा-ट्रम्प भारतीय कंपनियों से काम आउटसोर्स रोकने का सोच रहे
    on 07/09/2025 at 7:48 AM

    50% टैरिफ के बाद अब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी आईटी कंपनियों को भारत जैसे देशों में काम आउटसोर्स करने से रोकने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिकी एक्टिविस्ट और ट्रंप की करीबी समर्थक लॉरा लूमर ने यह दावा किया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में लूमर ने लिखा कि ‘इसका मतलब है कि अब आपको अंग्रेजी के लिए 2 दबाने की जरूरत नहीं है। कॉल सेंटरों को फिर से अमेरिकी बनाएं।’ लूमर का इशारा भारत के कॉल सेंटर्स की ओर था, जहां से अमेरिकी कंपनियों के लिए सस्ते में कस्टमर सपोर्ट दिया जाता है। उन्होंने इसे “मेक कॉल सेंटर्स अमेरिकन अगेन” का नारा दिया, यानी कॉल सेंटर्स को फिर से अमेरिका में लाने की बात कही। गूगल और अमेजन सहित कई अमेरिकी कंपनियां भारत से आउटसोर्सिंग करती हैं कई बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियां, जैसे माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजन, IBM, सिस्को, और ओरेकल, भारत में अपनी उपस्थिति रखती हैं और आउटसोर्सिंग करती हैं। ये कंपनियां भारत में अपने डेवलपमेंट सेंटर, रिसर्च सेंटर और कॉल सेंटर चलाती हैं। भारत से आउटसोर्सिंग के 3 प्रमुख कारण भारत IT इंडस्ट्री पर असर पड़ सकता है ट्रंप प्रशासन और टैरिफ का डर: हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकारों ने विदेशी आउटसोर्सिंग और रिमोट वर्कर्स पर टैरिफ लगाने की बात कही है। इससे भारत के 283 बिलियन डॉलर के आईटी इंडस्ट्री पर असर पड़ सकता है, क्योंकि यह उद्योग अमेरिका पर बहुत अधिक निर्भर है। इससे भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए नौकरियां कम हो सकती हैं। ट्रम्प ने हाल ही में कहा था भारत के साथ संबंधों को रीसेट करने के लिए तैयार इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शुक्रवार को भारत के खिलाफ दिए गए अपने बयान पर करीब 12 घंटों के अंदर ही बैकफुट पर चले गए। उन्होंने शाम 6-7 बजे के बीच व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल पर कहा- ‘मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। भारत के साथ संबंधों को रीसेट करने के लिए हमेशा तैयार हूं।’ इससे पहले शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे उन्होंने सोशल मीडिया ट्रुथ पर लिखा था, ‘ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा।’

  • CEO से रोमांस करती दिखीं HR पति से तलाक लेंगी:न्यू हैम्पशायर की अदालत में याचिका दायर, कोल्ड प्ले कॉन्सर्ट में वायरल हुआ था वीडियो
    on 07/09/2025 at 4:07 AM

    टेक कंपनी एस्ट्रोनॉमर की HR हेड क्रिस्टिन कैबोट ने अपने पति एंड्रयू कैबोट से तलाक के लिए याचिका दायर की है। उन्होंने ये याचिका न्यू हैम्पशायर की एक अदालत में दायर की है। दरअसल 18 जुलाई को क्रिस्टिन कैबोट और कंपनी के CEO एंडी बायरन का कोल्ड प्ले कॉन्सर्ट के दौरान रोमांस करते एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। इस घटना के बाद कंपनी ने CEO बायरन को 19 जुलाई छुट्टी पर भेज दिया था और दोनों के बीच अफेयर की जांच भी शुरू की थी। इसके बाद अगस्त में इन दोनों ने ही कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। कोल्ड प्ले कॉन्सर्ट में क्या हुआ था? 18 जुलाई को मशहूर रॉक बैंड कोल्ड प्ले के बोस्टन में ‘म्यूजिक ऑफ द स्फियर्स वर्ल्ड टूर’ आयोजित हुआ था। इस दौरान बैंड के फ्रंटमैन क्रिस मार्टिन ने अपनी परफॉर्मेंस के बीच दर्शकों के बीच लोकप्रिय किस कैम सेगमेंट शुरू किया, जिसमें कैमरा भीड़ में मौजूद जोड़ों पर फोकस करता है। जैसे ही कैमरा एंडी बायरन और क्रिस्टिन कैबोट पर रुका, दोनों को एक-दूसरे की बाहों में लिपटे हुए देखा गया। स्क्रीन पर उनकी तस्वीर आने के बाद दोनों असहज हो गए और चेहरा छिपाने की कोशिश करने लगे। क्रिस मार्टिन ने माहौल हल्का करने के लिए मजाक में कहा, ‘अरे, इन दोनों को देखो! या तो इनका अफेयर है या ये बहुत शर्मीले हैं।’ एस्ट्रोनॉमर क्या है और यह क्या करती है? एस्ट्रोनॉमर एक टेक्नोलॉजी कंपनी है। यह अपाचे एयरफ्लो पर बेस्ड एक डेटा ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म है। कंपनी संस्थानों को डेटा प्रोसेसिंग, वर्कफ्लो मैनेजमेंट और डेटा एनालिटिक्स का काम करने में मदद करती है। डेटा प्रोसेसिंग और एनालिटिक्स- यह कंपनी डेटा पाइपलाइन को डिजाइन, मैनेज और स्केल करने में मदद करती है, जिससे डेटा प्रोसेसिंग तेज और सटीक होती है। यह डेटा की मदद से फैसले लेने में मदद करती है। एंडी बायरन और क्रिस्टिन कैबोट कौन हैं? एंडी बायरन जुलाई 2023 से सिनसिनाटी अमेरिका स्थित टेक कंपनी एस्ट्रोनॉमर के CEO थे। यह कंपनी डेटा ऑर्केस्ट्रेशन टूल्स में एक्सपर्ट है। कंपनी की मार्केट वैल्यू 1.3 बिलियन डॉलर (₹11,204 करोड़) से ज्यादा है। बायरन ने पहले लेसवर्क (2019-2022) में प्रेसिडेंट और साइबररीजन (2017-2019) में चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के तौर पर काम किया है। उनकी शादी मेगन केरिगन बायरन से हुई है और वे न्यूयॉर्क में अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं। क्रिस्टिन कैबोट नवंबर 2024 में एस्ट्रोनॉमर में चीफ पीपल ऑफिसर के रूप में शामिल हुई थीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ‘असली जादू तब होता है जब लोग और बिजनेस स्ट्रैटेजी एक साथ हों।’

  • GST बदलाव से क्या सस्ता, क्या महंगा होगा:रोटी, दूध और हेल्थ-लाइफ इंश्योरेंस टैक्स फ्री, यहां देखें सामानों की पूरी लिस्ट
    on 06/09/2025 at 11:30 PM

    GST काउंसिल ने घरेलू सामानों पर लगने वाले टैक्स में कटौती की है। 3 सितंबर को हुई बैठक में GST की 12% और 28% की पुरानी दरों को हटाकर 5% और 18% की दो नई दरें करने का फैसला किया। ये दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि दूध, रोटी, पराठा, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। वहीं इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी। लग्जरी आइटम्स और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर अब 28% की जगह 40% GST लगेगा। मध्यम और बड़ी कारें, 350cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिलें इस स्लैब में आएंगी। यहां 13 ग्राफिक्स में जानें नई GST दरें ऐसी रहेंगी…

  • टाटा, महिंद्रा, टोयोटा की कारें ₹3.5 लाख तक सस्ती हुईं:GST में कटौती के चलते यह छूट, अनिल अंबानी को BOB ने भी फ्रॉड घोषित किया
    on 06/09/2025 at 11:30 PM

    कल की बड़ी खबर कारों से जुड़ी रहीं। देश की कई बड़ी कार कंपनियों ने GST में छूटा सा सीधा फायदा ग्राहकों को देने का फैसला किया है। ऐसे में कार की कीमतें 3.5 लाख रुपए तक सस्ती हो गई हैं। इधर, वियतनाम की इलेक्ट्रिक मेकर विनफास्ट ने भारत में अपनी प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV- VF 6 और VF 7 लॉन्च कर दी है। कंपनी ने VF 6 की शुरुआती कीमत 16.49 लाख रुपए और VF 7 की 20.89 लाख रुपए तय की है। वहीं, अलग-अलग लोन फ्रॉड मामलों में ED और CBI की कार्रवाई का सामना कर रहे रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी फ्रॉड घोषित किया है। कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां, जिन पर रहेगी नजर… अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें… 1. MM ने आज से GST का फायदा ग्राहकों को दिया: XUV3XO ₹1.56 लाख तक सस्ती; जानें- थार, स्कॉर्पियो, बोलेरो और XUV700 की कीमत कितनी घटी महिंद्रा एंड महिंद्रा (MM) ने आज यानी शनिवार (6 सितंबर) से ही अपनी सभी ICE (इंटरनल कंबशन इंजन) SUV गाड़ियों पर GST में मिली छूट का पूरा फायदा ग्राहकों को देने का फैसला किया है। ऐसा करने वाली महिंद्रा एंड महिंद्रा पहली ऑटोमोबाइल कंपनी बन गई है। हालांकि, नई GST दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। कंपनी ने ऐलान किया कि उनकी ICE SUV रेंज की कीमतों में 1.01 लाख रुपए से लेकर 1.56 लाख रुपए तक की कटौती की गई है। सबसे ज्यादा फायदा XUV3XO डीजल मॉडल पर मिलेगा, जिसकी कीमत में 1.56 लाख रुपए की कमी आई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. विनफास्ट VF 6 और VF 7 इलेक्ट्रिक-SUV भारत में लॉन्च: शुरुआती कीमत ₹16.49 लाख; कंपनी का दावा- 510 Km तक रेंज मिलेगी वियतनाम की इलेक्ट्रिक मेकर विनफास्ट ने भारत में अपनी प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV- VF 6 और VF 7 लॉन्च कर दी है। कंपनी ने VF 6 की शुरुआती कीमत 16.49 लाख रुपए और VF 7 की 20.89 लाख रुपए तय की है। विनफास्ट का दावा है कि फुल चार्ज में VF 6 में 468 Km और VF 7 में 510 Km तक रेंज मिलेगी। कंपनी ने VF 6 को तीन ट्रिम और VF 7 को पांच वेरिएंट में पेश किया गया है। साथ ही कंपनी 10 साल या 2 लाख Km तक की बैटरी वारंटी दे रही है। इसके अलावा कंपनी अपने वी-ग्रीन चार्जिंग स्टेशंस पर जुलाई 2028 तक फ्री चार्जिंग की सुविधा भी कस्टमर्स को दे रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 3. GST कटौती से बाजार में उत्साह: टॉप-10 कंपनियों में 7 की वैल्यू हफ्तेभर में ₹2.06 लाख करोड़ बढ़ी, बजाज फाइनेंस टॉप गेनर मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में 2.06 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) में ₹37,961 करोड़ और ₹23,344 करोड़ रही। इनके अलावा, HDFC बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के शेयरों में भी इस हफ्ते खरीदारी रही। सरकार ने GST की दरों में कटौती का ऐलान किया है, इसका बाजार पर साकारात्मक असर हुआ है। वहीं, टाटा कंस्ल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में बिकवाली रही। तीनों का मार्केट कैप कंबाइन रूप से 29,731 करोड़ रुपए कम हुआ है। सबसे ज्यादा गिरावट TCS में ₹13,007 करोड़ की रही। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 4. अनिल अंबानी बैंक ऑफ बड़ौदा से भी फ्रॉड घोषित: SBI और बैंक ऑफ इंडिया के बाद तीसरी कार्रवाई; दावा- RCOM पर ₹1656 करोड़ बकाया अलग-अलग लोन फ्रॉड मामलों में ED और CBI की कार्रवाई का सामना कर रहे रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी फ्रॉड घोषित किया है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) भी अनिल को फ्रॉड घोषित कर चुके हैं। रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) ने बताया कि कंपनी को इसे लेकर 2 सितंबर को बैंक की ओर से लेटर मिला है। बैंक ने कंपनी को 1,600 करोड़ रुपए और 862.50 करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 5. इस हफ्ते सोना ₹3950 महंगा हुआ:ये ₹1.06 लाख प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा, चांदी ₹5598 बढ़कर ₹1.23 लाख किलो बिक रही इस हफ्ते सोने-चांदी के दामों में बढ़त रही। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार पिछले शनिवार यानी 30 अगस्त को सोना 1,02,388 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था, जो अब यानी 6 सितंबर को 1,06,338 रुपए पर पहुंच गया है। इसकी कीमत 3950 रुपए बढ़ी है। वहीं चांदी की कीमत इस हफ्ते 5,598 रुपए बढ़ी है। पिछले शनिवार को ये 1,17,572 रुपए प्रति किलोग्राम पर थी, जो अब 1,23,170 रुपए पर पहुंच गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए… कल के शेयर मार्केट और सोना-चांदी का हाल जान लीजिए… पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस सिलेंडर की लेटेस्ट कीमत जान लीजिए…

  • MM ने आज से GST का फायदा ग्राहकों को दिया:XUV3XO ₹1.56 लाख तक सस्ती; जानें- थार, स्कॉर्पियो, बोलेरो और XUV700 की कीमत कितनी घटी
    on 06/09/2025 at 2:33 PM

    महिंद्रा एंड महिंद्रा (MM) ने आज यानी शनिवार (6 सितंबर) से ही अपनी सभी ICE (इंटरनल कंबशन इंजन) SUV गाड़ियों पर GST में मिली छूट का पूरा फायदा ग्राहकों को देने का फैसला किया है। ऐसा करने वाली महिंद्रा एंड महिंद्रा पहली ऑटोमोबाइल कंपनी बन गई है। हालांकि, नई GST दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। कंपनी ने ऐलान किया कि उनकी ICE SUV रेंज की कीमतों में 1.01 लाख रुपए से लेकर 1.56 लाख रुपए तक की कटौती की गई है। सबसे ज्यादा फायदा XUV3XO डीजल मॉडल पर मिलेगा, जिसकी कीमत में 1.56 लाख रुपए की कमी आई है। थार 4WD डीजल और स्कॉर्पियो क्लासिक ₹1.01 लाख सस्ती वहीं थार 4WD डीजल और स्कॉर्पियो क्लासिक की कीमत 1.01 लाख रुपए कम हुई हैं। इसके अलावा बोलेरो/नियो की कीमत में 1.27 लाख रुपए, XUV3XO पेट्रोल में 1.40 लाख रुपए, थार 2WD डीजल में 1.35 लाख रुपए, स्कॉर्पियो-N में 1.45 लाख रुपए, थार रॉक्स में 1.33 लाख रुपए और XUV700 में 1.43 लाख रुपए की कटौती की गई है। महिंद्रा का यह कदम ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि इससे उनकी पसंदीदा SUV गाड़ियां अब और किफायती हो गई हैं। कंपनी ने कहा कि यह फैसला ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया है। टाटा-मारुति, टोयोटा और रेनो की गाड़ियां भी सस्ती होंगी टाटा मोटर्स, टोयोटा, मारुति सुजुकी, रेनो इंडिया जैसे कार मेकर्स ने भी अपने पॉपुलर मॉडलों में GST में मिली छूट का पूरा फायदा ग्राहकों को देने का फैसला किया है। हालांकि, यह सभी कंपनियां ग्राहकों को यह छूट 22 सितंबर से ही देंगी। इस कदम से त्योहारी सीजन से पहले एंट्री-लेवल और SUV सेगमेंट में मांग बढ़ने की उम्मीद है। टाटा मोटर्स: टाटा मोटर्स ने कंफर्म किया कि वह GST का पूरा लाभ ग्राहकों को देगी, जिसमें ₹65,000 से ₹1.55 लाख तक की कटौती शामिल है। यह कटौती कंपनी की हैचबैक, कॉम्पैक्ट SUV और फ्लैगशिप SUV रेंज पर लागू होगी। टोयोटा: टोयोटा ने भी GST दरों में हुई कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का ऐलान किया है। कंपनी ने अपने पूरे प्रोडक्ट पोर्टफोलियो पर भारी-भरकम कीमतों में कटौती की है। रेनो इंडिया: रेनो इंडिया ने भी अपनी कॉम्पैक्ट कार लाइनअप पर फोकस करते हुए 96,395 रुपए तक की कटौती की पुष्टि की है। मारुति सुजुकी: देश की सबसे बड़ी कार मेकर कंपनी मारुति सुजुकी त्योहारी सीजन से पहले कंज्यूमर्स के लिए भारी छूट पर विचार कर रही है। मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि GST में राहत का सीधा फायदा छोटी कारों को होगा और इस साल सेल्स में 10% की बढ़ोतरी का अनुमान है। हालांकि, लग्जरी मॉडलों की कीमतों में लगभग ₹5 लाख की कमी आ सकती है, लेकिन ज्यादा कटौती हैच-बैक और कॉम्पैक्ट सिडान के लिए ही है। छोटी कारों पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया 3 सितंबर को GST काउंसिल ने छोटी कारों पर लगने वाले टैक्स को 28% से घटाकर 18% कर दिया था। जबकि बड़ी कारों/SUV पर टैक्स बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर 5% GST स्लैब बरकरार है। कार मेकर्स ने इसका लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कीमतें कम की हैं और एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि त्योहारी तिमाही के दौरान मांग में बढ़ोतरी होगी। GST बदलाव​ से​​​​​ छोटी कार और 350cc तक की बाइक्स सस्ती होंगी लग्जरी कारों की कीमत भी घटेगी लग्जरी कारों पर GST को 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसी लग्जरी गाड़ियां थोड़ी सस्ती हो सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नए टैक्स स्लैब में GST से पहले लगने वाले कॉम्पेनसेशन सेस को खत्म कर दिया गया है। पहले लग्जरी कारों पर 17-22% तक का सेस लगता था पहले लग्जरी कारों पर 28% GST के साथ 17-22% तक का सेस लगता था, जिससे कुल टैक्स 50% तक पहुंच जाता था। इससे लग्जरी कारें काफी महंगी हो जाती थीं। उदाहरण के लिए, अगर मर्सिडीज की कीमत पहले 1 करोड़ रुपए थी, तो उस पर करीब 50 लाख रुपए टैक्स देना पड़ता था। अब यह 40 लाख रुपए तक सीमित हो सकता है। अब सरकार ने 4,000 मिमी से लंबी या 1,500 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली गाड़ियों पर GST 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया है। यानी, टैक्स बढ़ा दिया है, लेकिन सेस हटा दिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेस हटाने के कारण पहले और अब में ज्यादा अंतर नहीं आएगा। कुल मिलाकर ये गाड़ियां थोड़ी सस्ती हो सकती हैं, लेकिन फर्क ज्यादा नहीं होगा। राज्यों को नुकसान से बचाने लगाया था कॉम्पेन्सेशन सेस कॉम्पेन्सेशन सेस एक तरह का अतिरिक्त टैक्स है, जो सरकार कुछ खास सामानों पर लगाती है ताकि राज्यों को मुआवजा दे सके। 2017 में जब GST (वस्तु एवं सेवा कर) लागू हुआ था, तब कई राज्यों को लगता था कि उनके टैक्स से होने वाली कमाई कम हो जाएगी। इसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने कॉम्पेन्सेशन सेस शुरू किया, जो महंगी गाड़ियों, सिगरेट, शराब जैसे लग्जरी या हानिकारक सामानों पर लगाया जाता था। यह टैक्स GST के ऊपर अतिरिक्त होता है और इससे जमा हुआ पैसा राज्यों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाता था। ये खबर भी पढ़ें… मर्सिडीज-बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियां टैक्स बढ़ने के बाद भी सस्ती होंगी: लग्जरी कारों पर 40% GST, लेकिन सेस खत्म; छोटी कारों पर करीब ₹60,000 बचेंगे लग्जरी कारों पर GST को 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसी लग्जरी गाड़ियां थोड़ी सस्ती हो सकती हैं। पूरी खबर पढ़ें…

बजट 2025 | दैनिक भास्कर Budget-2025 Hindi News; Read Latest Union Budget News, Opinion Articles and Updates, Finance Minister Income Tax Announcement and Key Points on Budget 2025 at Dainik Bhaskar.

  • बजट सत्र:भाजपा ने सोनिया गांधी-पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया; दोनों ने राष्ट्रपति पर विवादित कमेंट किया था
    on 02/02/2025 at 10:54 PM

    भाजपा सांसदों ने सोमवार को कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति मुर्मू पर किए सोनिया और पप्पू यादव के कमेंट पर नोटिस दिया गया है। भाजपा के नोटिस में लिखा गया- सोनिया गांधी-पप्पू यादव ने सर्वोच्च पद की गरिमा को कम करने के इरादे से भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय शब्दों का उपयोग किया है। इसलिए संसदीय विशेषाधिकार, नैतिकता और मर्यादा के उल्लंघन का नोटिस पेश किया। दरअसल, 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर ने दोनों सदनों को संबोधित किया था। उनके अभिभाषण पर सोनिया गांधी ने द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द इस्तेमाल किया था। सोनिया ने कहा था कि अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। बह बेचारी मुश्किल से बोल पा रही थीं। पप्पू यादव ने टिप्पणी में कहा था कि राष्ट्रपति रबर स्टैंप की तरह हैं। वे बस लव लेटर पढ़ती रहती हैं। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया था। पप्पू यादव बोले- भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है विशेषाधिकार हनन का नोटिस पर पप्पू यादव ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक पद है। भाजपा या किसी अन्य पार्टी की आलोचना करना राष्ट्रपति की आलोचना नहीं है। भाजपा हमेशा मुख्य मुद्दे से भटकाने की कोशिश करती है। मैंने एक निश्चित संदर्भ में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में बयान दिया था। अगर मेरे किसी बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं और माफी भी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान देते थे। मेरा राष्ट्रपति की कुर्सी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति वही बोलेंगी जो सरकार को कहना है, इसलिए मैंने कहा कि यह भाजपा का प्रेम पत्र था। संसद की आज की कार्यवाही पढ़ने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए…

  • आज का एक्सप्लेनर:ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगा
    on 01/02/2025 at 11:46 PM

    2025 के बजट में 12 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स की घोषणा ने सारी महफिल लूट ली। लेकिन ये छूट सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम वालों को राहत देना तो दूर, वित्तमंत्री ने जिक्र तक नहीं किया। क्या बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाली ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म हो जाएगी, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा खर्च करें और इसका क्या इम्पैक्ट होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में… सवाल-1: क्या ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर दिया जाएगा? जवाब: भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है… पहली- पहले से चली आ रही ओल्ड टैक्स रिजीम। जिसमें HRA, LTA, 80C और 80D जैसी तमाम छूट देकर बचत और निवेश को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी- न्यू टैक्स रिजीम, जिसे सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें छूट न देकर टैक्स रेट कम किए गए, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचे। टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक 2025 के बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम को सही मायने में इंजेक्शन दे दिया है। वो धीरे-धीरे अपनी मौत मर जाएगा। न्यू टैक्स वालों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं। इस घोषणा के बाद पुरानी टैक्स रिजीम में बने रहने का कोई आकर्षण नहीं बचा है। सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में पुराने टैक्स को खत्म करने की समय सीमा दी जा सकती है। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद आयोजित की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, देशभर के 75% टैक्सपेयर पहले ही पुरानी टैक्स व्यवस्था को छोड़कर नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे सभी टैक्सपेयर ऐसा करेंगे। सवाल-2: सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों खत्म करना चाहती है? जवाब: एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन 4 बड़ी वजहों से सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करना चाहती है… 1. टैक्स स्ट्रक्चर को आसान करना: ओल्ड टैक्स रिजीम बेहद कॉम्प्लेक्स है। इसमें 80C, 80D और HRA जैसी कई छूट और कटौती का फायदा मिलता था। इससे टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स भरना बहुत मुश्किल और बोझिल है। सरकार को भी इस रिजीम के साथ काम करने में दिक्कतें आती हैं। 2. टैक्स चोरी रोकना: सरकार का मानना है कि कम छूट और कम कटौती से टैक्स चोरी या हेरफेर को रोका जा सकता है। टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जीवाड़ा करते हैं और झूठे दस्तावेज का इस्तेमाल करते हैं। 3. ज्यादा लोगों से टैक्स भरवाना: न्यू टैक्स रिजीम में नियम-कानून कम हैं। नई रिजीम में आसान सुविधाएं मिलने से ज्यादा लोग टैक्स भरेंगे, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 4. नई रिजीम का मैनेजमेंट सस्ता: पुरानी टैक्स रिजीम में कई छूटों और कटौतियों पर नजर रखने के लिए ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होती है। नई रिजीम से मैनपावर कम किया जा सकेगा। सवाल-3: ओल्ड टैक्स रिजीम में बचत और निवेश को बढ़ावा देने वाले क्या प्रावधान हैं? जवाबः पुरानी व्यवस्था निवेश और बचत को बढ़ावा देने वाली है। कुछ प्रमुख प्रावधान… सवाल-4: ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म होने से क्या इम्पैक्ट पड़ेगा? जवाब: ओल्ड टैक्स रिजीम के खत्म होने से 3 बड़े इम्पैक्ट पड़ सकते हैं… 1. बचत और निवेश की जगह खर्च बढ़ेगा टैक्स एक्सपर्ट सीए बलवंत जैन बताते हैं कि अब करीब 98% टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनेंगे और सरकार भी यही चाहती है। ऐसा होने से लोग इन्वेस्ट करने के बजाय खर्च ज्यादा करेंगे। इससे GDP और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का GST कलेक्शन बढ़ेगा। लेकिन इसका नेगेटिव असर भी होगा। दरअसल, ओल्ड टैक्स रिजीम में छूट के लिए लोग PF, NPS, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश करते थे, जो उनके रिटायरमेंट के बाद काम आते थे। लेकिन न्यू टैक्स रिजीम चुनने वाली आज की वर्किंग जनरेशन खर्च करने पर ज्यादा भरोसा करती है। ऐसे में उनका रिटायरमेंट प्लान तैयार नहीं होगा। यानी इनका भविष्य खतरे में रह सकता है। 2. मिडिल क्लास की जेब पर बुरा असर पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलने के बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शन था। जो लोगों को टैक्स बचाने में मदद करते थे। PPF, ELSS और NSC जैसे ऑप्शन से टैक्सपेयर्स कई हद तक टैक्स बचा लेते थे। अब नई रिजीम के तहत यह छूट नहीं मिलेगी। इससे आम आदमी की सेविंग्स पर बुरा असर पड़ेगा। 3. सामाजिक कामों में कमी होगी कम छूट के साथ धर्मार्थ दान कम हो जाएगा यानी दक्षिणा या सोशल वर्क के लिए जो पैसा दिया जाता था, वो अब बंद हो जाएगा। पुरानी टैक्स रिजीम में दान में दिए हुए पैसे पर टैक्स नहीं लगता था। इससे NGO और सोशल वर्किंग के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, लोग नई रिजीम के बाद दान देना चाहते हैं, तो यह टैक्स के दायरे में आएगा। सवाल-5: सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसा खर्च करें? जवाब: सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट शिशिर सिन्हा के मुताबिक 2025 के बजट में सरकार ने कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं Virtuous Cycle यानी सुचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इस सुचक्र से FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। सवाल-6: क्या अभी भी कोई ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहेगा? जवाब: इसे आसान भाषा में समझने के लिए दोनों टैक्स के बीच अंतर को समझना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है, लेकिन ओल्ड रिजीम ज्यों की त्यों रखी गई है। ओल्ड रिजीम में पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस और एनपीएस जैसी चीजों में इन्वेस्ट करने पर टैक्स में छूट मिलती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई इंसान हाई सैलरी कैटेगरी में आता है और उसे कंपनी से HRA जैसी सुविधा मिलती है, तो कुछ केस में ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी बेहतर है। मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय ₹40 लाख है और HRA ₹12 लाख तक है, तो पुरानी व्यवस्था अभी भी फायदेमंद है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या 1% से भी कम होगी। ————– बजट से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें बजट 2025: ₹12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री, चुनाव वाली दिल्ली में 40 लाख करदाता; 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार सीतारमण ने शनिवार को ₹50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख और बाकी करदाताओं के लिए 12 लाख रुपए तक की आय टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। ऐसा कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। पूरी खबर पढ़ें…

  • बजट 2025- एक्सपर्ट एनालिसिस:12 लाख तक टैक्स नहीं, फिर 10% स्लैब क्यों; 1 लाख करोड़ का घाटा उठाकर भी फायदे में सरकार
    on 01/02/2025 at 11:44 PM

    वित्त मंत्री का 1 घंटे 17 मिनट लंबा बजट भाषण और करीब 50 लाख करोड़ रुपए का बजट। आम लोगों के लिए इसे पूरी तरह समझना बेहद मुश्किल है। इसीलिए भास्कर के 3 एक्सपर्ट्स ने आसान भाषा में इस बजट की 8 जरूरी बातें डिकोड की हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए… 1. 12.75 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, लेकिन शर्तें लागू* ‘बिन मांगे मोती मिले, मांगें मिले न भीख’… इस बार के बजट में मिडिल क्लास को वो मोती मिल ही गया है। 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं… i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी। इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, तो फिर 4-12 लाख रुपए तक की कमाई पर 5 से 10 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान क्यों है। इसे आसान भाषा में समझें तो पहले 7 लाख तक की आय पर 87A की तहत जो छूट मिलती थी, उसकी लिमिट बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। 2. सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा इनकम टैक्स पर हुए ऐलान के बाद केंद्र सरकार को डायरेक्ट टैक्स में 1 लाख करोड़ रुपए, वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 2,600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि इनमें से एक बड़ा हिस्सा वापस सरकार के पास आ जाएगा। उदाहरण के लिए- अगर टैक्स में बदलाव से आपके 10 हजार रुपए बचे। इनमें से आपने 8 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली, तो GST, कस्टम ड्यूटी जैसी चीजों से इसका एक हिस्सा वापस सरकार के पास पहुंच जाएगा। इसलिए सरकार को बहुत नुकसान नहीं होगा। 3. लोगों के हाथ में पैसे आएंगे, वो ज्यादा खर्च करेंगे तो इकोनॉमी बूस्ट होगी देश में 85% लोग 12 लाख रुपए से कम कमाते हैं। टैक्स को लेकर हुए ऐलान के बाद लोगों के पास पैसे बचेंगे और लोग यह पैसे दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे। इससे FMCG, ऑटो, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। ये बजट ऐसा है जिसमें कंजम्पशन लेड ग्रोथ यानी उपभोग के जरिए विकास को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए आपको एक छोटा सा अर्थशास्त्रीय सिद्धांत समझना होगा, जिसको कहते हैं virtuous cycle यानी सूचक्र। इसका सार यही है कि एक अच्छी चीज से दूसरी अच्छी चीज शुरू होती है। इनकम टैक्स में बदलाव से लोगों के हाथ में अतिरिक्त पैसे आएंगे। अब इस पैसे का यदि आप एक हिस्सा भी खर्च करते हैं तो इससे कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा। उत्पादन बढ़ेगा तो रोजगार के मौके बनेंगे। रोजगार के मौके बनेंगे तो लोगों के हाथ में पैसे आएंगे। पैसे आएंगे तो मांग बढ़ेगी। इसी को अर्थशास्त्र में सूचक्र यानी virtuous cycle कहते हैं। 4. ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म करने के संकेत इस बार के बजट में पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने इस बारे में संसद में कोई चर्चा भी नहीं की। पुराने टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत छूट और बाकी डिडक्शन हैं, लेकिन आज के ऐलान के बाद न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा प्रभावी लग रही है। ओल्ड टैक्स रिजीम को लिटरली मौत का इंजेक्शन दे दिया है। जिन लोगों HRA वगैरह ज्यादा मिलता है, उनको ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा मिलेगा। वर्ना 98%-99% लोग न्यू टैक्स रिजीम में आ जाएंगे। आने वाले न्यू इनकम टैक्स बिल में ये हो सकता है कि पुराने टैक्स को खत्म करने के लिए कोई समय सीमा दे दी जाए। चाहे वो 2, 3 या 4 साल की हो। सरकार की मंशा साफ है कि टैक्स व्यवस्था एक ही होगी, वो भी न्यू टैक्स रिजीम। 5. इनकम टैक्स के अलावा भी दो बड़ी घोषणाएं- TDS और TCS इनकम टैक्स के अलावा दो और महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं- TDS यानी Tax Deducted at Source और TCS यानी Tax Collected at Source। धारा 194A के तहत सीनियर सिटिजन को पहले 50 हजार रुपए तक की इंट्रेस्ट इनकम पर TDS लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं, अन्य लोगों के लिए ये इंट्रेस्ट इनकम पर टैक्स 40,000 से बढ़ा कर 50,000 कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि TDS के जरिए जो पैसा चला जाया करता था और साथ ही साथ आपका इनकम टैक्स भले ही न बनता हो पर रिफंड पाने के लिए जो आप रिटर्न दाखिल करते थे। उसकी आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। एक तरफ आपके लिए रिटर्न आसान हो गया और दूसरी तरफ आपके हाथ में पैसे आ जाएंगे। 6. सरकार ने कृषि को ‘सेक्टर ऑफ फ्यूचर’ माना, कई बड़े ऐलान किए एग्रीकल्चर को लेकर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। इकोनॉमी सर्वे को देखा जाए तो एग्रीकल्चर को ‘सेक्टर ऑफ द फ्यूचर’ यानी भविष्य का क्षेत्र कहा गया है। सरकार ने दाल के लिए मिशन लॉन्च करने की बात कही है। ये बहुत जरूरी है, क्योंकि देश में दाल और सरसों तेल बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट किए जाते हैं। आने वाले समय में किसान धान, गेहूं के बाद इन फैसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इसका फायदा 7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा। 7. बिहार में इस साल चुनाव, इसलिए बाकी राज्यों से ज्यादा मिला बिहार के लिए बजट ज्यादा सुविधाजनक रहा है इसमें कोई शक नहीं है। बजट में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, पटना IIT का विस्तार, मखाना के लिए अलग से बोर्ड बनाना और मिथिलांचल में बाढ़ से निपटने के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बिहार में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे। साथ ही केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है, इस कारण पहले ही उम्मीद थी बिहार के लिए कुछ खास ऐलान हो सकता है। 8. पूंजीगत खर्च उम्मीद के मुताबिक नहीं, ये निराशाजनक इस बार के बजट का फोकस ‘कंजम्प्शन लेड ग्रोथ’ है। इसलिए पूंजीगत खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। ये विकास की जरूरतों के हिसाब से कम है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ज्यादातर ध्यान ये दिया है कि अगर अभी खपत बढ़ जाएगी तो उससे आगे पूंजीगत खर्च बढ़ाने का रास्ता मिल जाएगा। ——– एक्सपर्ट पैनल… शिशिर सिन्हाः ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ के एसोसिएट एडिटर हैं। मीडिया स्टूडेंट्स को बिजनेस जर्नलिज्म भी पढ़ाते हैं। स्वाति कुमारीः पर्सनल फाइनेंस प्लेटफॉर्म Bwealthy की फाउंडर हैं। कई मीडिया हाउसेज में बतौर बिजनेस जर्नलिस्ट काम कर चुकीं। बलवंत जैनः टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट​​​​​ ——- बजट से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए- क्लिक करें

  • बजट 2025 – 10 पॉइंट्स में:फोन-EV सस्ते होंगे, बिहार में 3 नए एयरपोर्ट बनेंगे; टैक्स फ्री इनकम की लिमिट अब ₹12 लाख
    on 01/02/2025 at 11:30 PM

    इस बार के बजट में सरकार ने 10 बड़ी घोषणाएं की हैं। यहां पॉइंट में पढ़िए पूरा बजट… 1. इनकम टैक्स 2. सस्ता-महंगा 3. किसान 4. कारोबार 5. एजुकेशन 6. मकान 7. टूरिज्म और कनेक्टिविटी 8.हेल्थ 8. इंफ्रास्ट्रक्चर 9. महिला 10. न्यूक्लियर मिशन

  • बजट 2025 – सस्ता-महंगा:इलेक्ट्रिक कारें, फोन, LED, 36 जीवनरक्षक दवाएं सस्ती; सोना-चांदी में बदलाव नहीं
    on 01/02/2025 at 11:28 PM

    सरकार की बजट घोषणाओं के बाद कुछ चीजें सस्ती होंगी, कुछ के दाम बढ़ेंगे। लेकिन सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नीचे देखिए सस्ते-महंगे सामानों की सूची… अन्य आइटम जो सस्ते होंगे: 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत या 3,000 सीसी से ज्यादा की इंजन क्षमता वाली आयातित कारें और पूरी तरह से निर्मित (सीबीयू) यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 सीसी से अधिक नहीं है। अन्य आइटम जो महंगे होंगे: स्मार्ट मीटर सौर सेल, आयातित जूते, आयातित मोमबत्तियां, आयातित नौकाएं और अन्य जहाज, पीवीसी फ्लेक्स फिल्म्स, पीवीसी फ्लेक्स शीट्स, पीवीसी फ्लेक्स बैनर, नीटिंग प्रोसेसे से बना कपड़ा दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने से क्रिटिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम होगी बीते एक साल में क्या सस्ता और क्या महंगा… 3 सवालों में जानिए बजट में कैसे घटते-बढ़ते हैं सामानों के दाम सवाल 1: बजट में प्रोडक्ट सस्ते-महंगे कैसे होते हैं? जवाब: बजट में कोई भी प्रोडक्ट सीधे तौर पर सस्ता-महंगा नहीं होता। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के घटने-बढ़ने से चीजें सस्ती-महंगी होती है। ड्यूटी के बढ़ने और घटने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, सरकार ने बजट में ऐलान किया कि वो गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 10% की कटौती कर रही है। इसका असर ये होगा कि विदेश से सोना मंगाना 10% सस्ता हो जाएगा। यानी, सोने की ज्वेलरी, बिस्किट, सिक्के की कीमतें कम हो जाएगी। सवाल 2: इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है? जवाब: टैक्सेशन को डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है: i. डायरेक्ट टैक्स: इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है। ii. इनडायरेक्ट टैक्स: इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है। जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है। सवाल 3: पहले बजट में ही टीवी, फ्रिज, एसी जैसे सामानों के दाम घटते-बढ़ते थे, अब ऐसा क्यों नहीं होता? जवाब: दरअसल, सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किया था। जीएसटी के दायरे में लगभग 90% प्रोडक्ट आते हैं और GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है। इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है।

  • बजट 2025- इनकम टैक्स:12 लाख तक इनकम पर 60 हजार फायदा; नई टैक्स रिजीम वाले फायदे में, पुरानी जस की तस
    on 01/02/2025 at 11:25 PM

    बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है। पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत दी गई है। यानी नई टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना कमाई वालों पर 4-8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8-12 लाख की कमाई पर लगने वाला 10% टैक्स सरकार माफ कर देगी। इससे टैक्सपेयर को 60 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब यह कि अगर किसी की कमाई सालाना 12 लाख रुपए से ऊपर होती है तो उसकी टैक्स की कैलकुलेशन में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर 10% टैक्स भी जोड़ा जाएगा। वहीं सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। भास्कर इनकम टैक्स कैल्कुलेटर से जानिए आप पर कितना टैक्स बनेगा चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुनील जैन से जानिए, अब आपकी कमाई पर लगेगा कैसे और कितना टैक्स… कैपिटल गेन इनकम पर देना होगा टैक्स मान लीजिए आपकी कुल इनकम 12 लाख रुपए है, जिसमें से सैलरी और अन्य इनकम 8 लाख रुपए है, लेकिन कैपिटल गेन इनकम 4 लाख रुपए है, तो सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट केवल 8 लाख रुपये पर ही दी जाएगी। 4 लाख रुपए की कैपिटल गेन इनकम पर टैक्सपेयर्स को अलग से इनकम टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स या टैक्स को लेकर ये 8 बड़े बदलाव भी हुए अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा। पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल… सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है? जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है? जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं। सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है? जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।

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