अजाक्स इंजीनियरिंग का IPO 10 फरवरी को ओपन होगा:इश्यू से ₹1,269 करोड़ जुटाना चाहती है कंपनी, 12 फरवरी तक कर सकते हैं निवेश

अजाक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए 10 फरवरी से ओपन हो रहा है। यह IPO 12 फरवरी को क्लोज होगा। अगर आप भी अजाक्स इंजीनियरिंग के IPO में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको इश्यू की सभी डीटेल्स और आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं, यह भी बता रहे हैं… इश्यू से ₹1,269 करोड़ जुटाना चाहती है कंपनी अजाक्स इंजीनियरिंग इस पब्लिक इश्यू के जरिए 2.02 करोड़ शेयर्स बेचकर ₹1,269.35 करोड़ जुटाना चाहती है। यह IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है। कंपनी ने IPO का प्राइज बैंड ₹599-₹629 प्रति इक्विटी शेयर तय किया है। 13 फरवरी को कंपनी के शेयर्स की लिस्टिंग होगी अजाक्स के शेयरों का अलॉटमेंट 13 फरवरी को होगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर 17 फरवरी को शेयर्स की लिस्टिंग होगी। प्रमोटर्स की कंपनी में 93.50% हिस्सेदारी कंपनी के प्रमोटर्स में कृष्णास्वामी विजय, जैकब जितेन जॉन, कल्याणी विजय, माधुरी विजय, प्रशांत विजय, राचेल रेखा हेन्सन, सविता क्रिस्टीना अलेक्जेंडर, सीन अलेक्जेंडर, ग्रीन हेवन ट्रस्ट, ओहाना ट्रस्ट, जैकब हेन्सन फैमिली ट्रस्ट और द जॉन्स लोवेस ट्रस्ट शामिल हैं। प्रमोटर्स की कंपनी में 93.50% हिस्सेदारी है। इस इश्यू का रजिस्ट्रार है लिंक इंटाइम ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड- अजाक्स इंजीनियरिंग IPO के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। वहीं लिंक इंटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इस इश्यू का रजिस्ट्रार है। रिटेल इन्वेस्टर्स मिनिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? इस IPO के लिए रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 23 शेयर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹629 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो आपको ₹14,467 का इन्वेस्टमेंट करना होगा। वहीं रिटेल इन्वेस्टर्स IPO के मैक्सिमम 13 लॉट यानी 299 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। जिसके लिए इनवेस्टर्स को मैक्सिमम ₹1,88,071 का इन्वेस्टमेंट करना होगा। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी के इश्यू का करीब 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स और लगभग 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।

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