डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर लिमिटेड का शेयर आज स्टॉक एक्सचेंज पर फ्लैट लिस्ट हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर शेयर IPO के इश्यू प्राइस ₹402 पर ही लिस्ट हुआ। वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 1.27% नीचे ₹396.90 पर लिस्ट हुआ। यह इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग 29 जनवरी से 31 जनवरी तक बोली लगाने के लिए ओपन था। तीन कारोबारी दिनों में IPO टोटल 1.49 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में 0.42 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 4.41 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 0.39 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ₹3,027.26 करोड़ का था डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर का इश्यू डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर लिमिटेड का ये इश्यू टोटल ₹3,027.26 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹2,727.26 करोड़ के 6,78,42,284 शेयर बेचे। वहीं, कंपनी ₹ 300 करोड़ के 74,62,686 फ्रेश शेयर किए। मैक्सिमम 490 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹382-₹402 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 35 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹402 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,070 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 14 लॉट यानी 490 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,96,980 इन्वेस्ट करने होते। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। 2010 में स्थापित हुई था डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर लिमिटेड 2010 में स्थापित हुई डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर लिमिटेड मोतियाबिंद, रिफ्रैक्टिव और अन्य सर्जरी जैसी आईकेयर सर्विसेज देती है। इसके अलावा यह चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस और आईकेयर से जुड़े फार्मा प्रोडक्ट्स भी बेचती है। वित्त वर्ष 2024 के दौरान भारत में कुल आईकेयर सर्विस चेन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी लगभग 25% थी। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।