भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 564 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 376 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का लॉस 50% बढ़ा है। कंपनी ने आज (शुक्रवार, 7 फरवरी) तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। ऑपरेशन से कंपनी के कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू की बात करें तो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 1,045 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 24.01% की कमी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 1,296 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। ओला इलेक्ट्रिक की टोटल इनकम 14.51% घटी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक लिमिटेड की टोटल इनकम सालाना आधार पर 14.51% बढ़कर 1,172 करोड़ रुपए रही। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में कंपनी की इनकम 1,371 करोड़ रुपए रही थी। वहीं, तीसरी तिमाही में कंपनी का टोटल एक्सपेंस यानी खर्च 1,505 करोड़ रुपए रहा। तीसरी तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का नुकसान 50% बढ़ा सालाना आधार पर तिमाही आधार पर नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में हैं। ओला इलेक्ट्रिक का शेयर आज 2.42% घटा ओला इलेक्ट्रिक का शेयर आज 2.42% घटकर ₹70.10 पर बंद हुआ। 9 अगस्त को शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर 76 रुपए में लिस्ट हुआ था। कंपनी का मार्केट कैप 29 हजार करोड़ रुपए है। क्या होता है स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड? कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। 2017 में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की हुई थी स्थापना बेंगलुरु स्थित ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की स्थापना 2017 में हुई थी। कंपनी मुख्य रूप से ओला फ्यूचर फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी पैक, मोटर्स और व्हीकल फ्रेम बनाती है।
तीसरी-तिमाही में ओला का घाटा 50% बढ़ा:इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी का रेवेन्यू 19% घटा; शेयर आज 2.42% घटा
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