LIC का तीसरी-तिमाही में मुनाफा 16% बढ़कर ₹11,009 करोड़:नेट प्रीमियम इनकम 9% घटी, इंश्योरेंस कंपनी का शेयर एक साल में 26% गिरा

देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार (YoY) पर 16% बढ़कर ₹11,009 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को ₹9,469 करोड़ का मुनाफा हुआ था। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) ने 7 फरवरी को तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी की नेट प्रीमियम इनकम सालाना आधार पर 9% घटी है। FY25 की तीसरी तिमाही में नेट प्रीमियम इनकम 1.07 लाख करोड़ रुपए रही। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की तीसरी तिमाही में नेट प्रीमियम इनकम 1.17 लाख करोड़ रुपए रही थी। LIC का शेयर एक साल में 26% गिरा LIC का शेयर शुक्रवार को 2.15% घटकर ₹811 पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी का शेयर 26.62% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 5.16 लाख करोड़ रुपए है। 1956 में 245 कंपनियों को मिलाकर बनाई गई LIC 1956 तक भारत में 154 भारतीय इंश्योरेंस कंपनियां, 16 विदेशी कंपनियां और 75 प्रोविडेंट कंपनियां काम करती थीं। 1 सितंबर 1956 को सरकार ने इन सभी 245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करके भारतीय जीवन बीमा निगम, यानी LIC की शुरुआत की। 1956 में LIC के 5 जोनल ऑफिस, 33 डिविजनल ऑफिस, 212 ब्रांच ऑफिस और एक कॉर्पोरेट ऑफिस था। कंपनी ने एक साल में ही 200 करोड़ का बिजनेस किया। इस भरोसे के पीछे एक बड़ी वजह सरकार की गारंटी थी। क्या होता है स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड? कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। यहां, LIC की 6 एसोसिएट कंपनीज हैं… वहीं दो सब्सिडियरी कंपनी LIC पेंशन फंड लिमिटेड और LIC कार्ड सर्विस लिमिटेड है। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कॉन्सोलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, LIC के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।

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