ओला इलेक्ट्रिक बाइक रोडस्टर X लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹74,999:टॉप वैरिएंट फुल चार्ज पर 501km चलेगा, रिवोल्ट RV400 से मुकाबला

ओला इलेक्ट्रिक ने आज (05 फरवरी) भारतीय बाजार में अपनी पहली इलेक्ट्रिक बाइक रोडस्टर X लॉन्च कर दी है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ने बाइक के दो मॉडल- रोडस्टर X और रोडस्टर X+ पेश किए हैं। ओला का दावा है कि रोडस्टर X+ के टॉप वैरिएंट में 501km की रेंज मिलेगी। इसके अलावा, इसमें जियो फेंसिंग, एंटी थेफ्ट अलार्म और ट्रेक्शन कंट्रोल जैसे फीचर्स मिलेंगे। रोडस्टर X को तीन और रोडस्टर X+ को दो अलग-अलग बैटरी पैक ऑप्शन के साथ उतारा गया है। यानी, दोनों मॉडल्स को अलग-अलग बैटरी पैक के साथ कुल 5 वैरिएंट में पेश किया गया है। रोडस्टर X के शुरुआती वैरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 89,999 लाख रुपए रखी गई है, लेकिन लॉन्च ऑफर के तहत इसे 74,999 में खरीदा जा सकता है। इसके टॉप वैरिएंट की कीमत 1.09 लाख रुपए तक जाती है। वहीं, रोडस्टर X+ के शुरुआती वैरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 1,19,999 लाख रुपए रखी गई है, लेकिन लॉन्च ऑफर के तहत इसे 1,04,999 में खरीदा जा सकता है। इसके टॉप वैरिएंट की कीमत 1.69 लाख रुपए है। कंपनी ने सभी बाइक्स की बुकिंग शुरू कर दी है और इनकी डिलीवरी मार्च 2025 से शुरू होगी। ओला रोडस्टर X रेंज ओबेन रोर EZ, रिवोल्ट RV1, रिवोल्ट RV400 BRZ और प्योर EV इकोड्रायफ्ट जैसी किफायती इलेक्ट्रिक बाइक्स को टक्कर देगी। वहीं, रोडस्टर X+ ओबेन रोर, रिवोल्ट RV400 और मैटर एरा जैसी ज्यादा प्रीमियम इलेक्ट्रिक बाइक्स को टक्कर देगी। ओला रोडस्टर X और X+ : वैरिएंट वाइस प्राइस

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ओपनAI के CEO से मिले IT मिनिस्टर वैष्णव:GPU, मॉडल और ऐप बनाने में भारत के साथ कोलैबोरेशन को तैयार

IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओपनएआई के CEO सैम अल्टमैन से मुलाकात की और AI स्टैक – GPU, मॉडल और ऐप्स बनाने की भारत की स्ट्रैटजी पर चर्चा की। वैष्णव ने आज यानी बुधवार (5 फरवरी) अपने X हैंडल पर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘ऑल्टमैन GPU, मॉडल और एप तीनों पर भारत के साथ कोलेबोरेशन करने के लिए इंटरेस्टेड हैं। ओपन AI के CEO ने टेक्नोलॉजी के डेमोक्रेटाइजेशन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की।’ वैष्णव ने चंद्रयान 3 मिशन के कम लागत और एक बार में सफल होने वाली स्टोरी भी बताई। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसा मॉडल क्यों नहीं बना सकते जिसकी लागत अन्य देशों की तुलना में काफी कम हो। इनोवेशन इस कॉस्ट को कम कर सकता है। ऑल्टमैन ऐसे समय भारत आएं हैं, जब ओपन AI के क्षेत्र में डोमिनेंस को चीन की चुनौती मिल रही है। डीपसीक अपने कम लागत वाले एआई मॉडल R1 के साथ सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। चीन ने इस AI मॉडल को 60 लाख डॉलर की लागत से बनाया है। चैटजीपीटी जैसे मॉडल्स की तुलना में इसकी कंप्यूटिंग पावर काफी कम है।डीपसीक, चैटजीपीटी को पीछे छोड़ते हुए ऐपल के ऐप स्टोर पर टॉप फ्री एप बन गया है। OpenAI पॉपुलर AI चैटबॉट ChatGPT की पेरेंट कंपनी OpenAI ने नवंबर 2022 में दुनिया के लिए ChatGPT अनवील किया था। इस AI टूल ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। म्यूजिक और पोएट्री लिखने से लेकर निबंध लिखने तक, ChatGPT बहुत सारे काम कर सकता है। यह एक कन्वर्सेशनल AI है। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो आपको इंसानों की तरह जवाब देता है।

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Stanford Study Highlights Environmental Benefits of Lithium-Ion Battery Recycling

Stanford Study Highlights Environmental Benefits of Lithium-Ion Battery Recycling

Introduction A groundbreaking study by researchers at Stanford University has revealed that recycling lithium-ion batteries (LIBs) significantly reduces environmental harm compared to mining virgin metals. The research, published in Nature Communications, emphasizes that large-scale recycling could enhance resource security while cutting greenhouse gas emissions, water usage, and energy consumption. Key Findings of the Study The…

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वित्त मंत्रालय ने AI के इस्तेमाल पर रोक लगाई:कर्मचारी ऑफिस डिवाइस में चैटजीपीटी और डीपसीक का उपयोग नहीं कर पाएंगे

वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों पर चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। कर्मचारी ऑफिस के डिवाइस यानी मंत्रालय की ओर से दिए गए कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट जैसे डिवाइस में इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। व्यय विभाग की ओर से 29 जनवरी को जारी आदेश से पता चलता है कि AI टूल्स के इस्तेमाल से गोपनीय सूचनाएं लीक होने के खतरे के चलते यह कदम उठाया गया है। ये आदेश मंत्रालय के सभी विभागों पर लागू होंगे। यह खबर ऐसे समय सामने आई है जब ओपन एआई के CEO सैम ऑल्टमैन भारत दौरे पर हैं। बुधवार सुबह ही उन्होंने कई सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी। चैटजीपीटी को ओपन एआई ने ही डेवलप किया है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देश भी ऐसा कर चुके हैं। चैटजीपीटी (चैट जनरेटिव प्री ट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर) एक आर्टिफिशियली इंटेलिजेंट चैटबॉट है। यह इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को पढ़कर जवाब देता है। सैकड़ों आर्टिकल्स पढ़कर चैटजीपीटी अपने जवाब तैयार करता है
उदाहरण के तौर पर अगर आपने एक आर्टिकल लिखकर किसी ब्लॉग पर पब्लिश किया तो यह जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध होगी। इसी तरह सैकड़ों आर्टिकल्स पढ़कर चैटजीपीटी अपने जवाब तैयार करता है। जिन सवालों के जवाब खोजने में वक्त लगता है उनके लिए इसे काम में लिया जा सकता है। ओपन एआई AI की वेबसाइट पर जाकर चैटजीपीटी पर क्लिक करके आप इसका यूज कर सकते हैं, लेकिन आपको सही सवाल पूछना आना चाहिए। साथ ही उस विषय की जानकारी भी होनी चाहिए। इससे आप तय कर पाएंगे कि जवाब सही है या गलत। अगर आपको रॉकेट साइंस सीखनी है तो चैटजीपीटी सही विकल्प नहीं है। बेशक यह आपको बता देगा कि कौन से एंगल पर रॉकेट चलेगा, लेकिन इससे पूरी प्रक्रिया जान पाना मुश्किल होगा। सिर्फ कॉपी-पेस्ट ना करें, जवाब को समझें इसके इस्तेमाल के लिए लर्निंग एक्सपीरियंस होना बहुत जरूरी है क्योंकि तब ही आप यह जान पाएंगे कि चैटजीपीटी का जवाब सही है या नहीं। जवाब सीधे कॉपी-पेस्ट न करें बल्कि उन्हें समझें। याद रखें यह गूगल का विकल्प नहीं है। किसी भी सब्जेक्ट पर विस्तार से जानकारी के लिए गूगल बेहतर है। लेकिन तुरंत नोट्स तैयार करने हैं तो इस स्थिति में चैटजीपीटी गूगल से बेहतर है। स्टूडेंट्स इसका उपयोग करने में सावधानी बरतें
देश में ज्यादातर इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फील्ड में इसका इस्तेमाल हो रहा है। कोडिंग में कोई दिक्कत होने पर इंजीनियर्स चैटजीपीटी से 2 मिनट में समाधान पा सकते हैं। इससे प्रोफेशनल्स की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है लेकिन स्टूडेंट्स को इसका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर क्वांटम फिजिक्स से जुड़ा कोई छोटा टॉपिक आपको समझना है तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन होमवर्क के लिए इसका उपयोग सही नहीं है क्योंकि इससे आप हमेशा एक सॉफ्टवेयर पर निर्भर हो जाएंगे।

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Are these autonomous transport pods the future of sky-high commuting?

Imagine gliding above city traffic in a sleek, autonomous pod, bypassing congested streets and reaching your destination in record time.  This is the promise of Whoosh, an innovative urban transit system set to debut in 2026.  Whoosh represents a paradigm shift in urban transportation, offering a solution that’s as efficient as it is futuristic. Whoosh…

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वीवो V50 5G स्मार्टफोन 17 फरवरी को लॉन्च होगा:लाइव कॉल ट्रांसलेशन और सर्किल टू सर्च जैसे AI फीचर्स, 50MP का प्राइमरी कैमरा

चाइनीज टेक कंपनी वीवो भारतीय बाजार में स्मार्टफोन की नई V सीरीज लॉन्च करने की तैयारी रही है। इसमें वीवो V50 5G स्मार्टफोन पेश किया जाएगा। स्मार्टफोन लाइव कॉल ट्रांसलेशन, ट्रांसक्रिप्ट असिस्ट, सर्किल टू सर्च और गूगल जेमिनी जैसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) फीचर्स मिलेंगे। कंपनी ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर इस फोन की प्रोडक्ट पेज लाइव कर दिया है। 91 मोबाइल्स के अनुसार, कंपनी फोन को 17 फरवरी को भारत में लॉन्च करेगी और 24 फरवरी से इसकी सेल शुरू की जाएगी। भारत में 6000mAh बैटरी वाला सबसे पतला फोन
वीवो V50 का डिजाइन मौजूदा मॉडल वीवो V40 की तरह ही है। इसमें एक पिल साइज का उभरा हुआ कैमरा मॉड्यूल दिया गया है। इस मॉड्यूल के टॉप पर दो कैमरा सेंसर दिए गए हैं। वीवो V50 5G स्मार्टफोन रोज रेड, स्टारी ब्लू और टाइटेनियम ग्रे कलर ऑप्शन के साथ आएगा। कंपनी का दावा है कि यह फोन भारत में 6000mAh बैटरी वाला सबसे पतला फोन है।

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